04-03-2019, 07:29 PM
फिर 30 तारीख शाम को मैं जीजू के घर पहुंच गया। दूसरे दिन यानी कि 31 तारीख को हम दिन भर घूमे पिक्चर देखा शाम को खाना खाकर सो गए। फिर 1 तारीख को प्लान के मुताबिक अदला-बदली करनी थी। जीजू ने मुझे दीदी के तौर-तरीके भी बता दिए और मुझसे भी पूछा और मैंने भी उन्हें सब कुछ बता दिया कि कैसे मेरी बीवी चुदवाती है। बस एक ही प्रॉब्लम थी, अगर वह बातचीत करना चाहेगी तो क्या करेंगे, तो जीजू ने कहा उनके मुंह पर उंगली रख देना। वह समझ जाएगी मैंने कहा ठीक है। अब प्लान को प्रूफ करना था। हम लोग शाम को पार्टी के लिए निकले और पार्टी में शराब पी और खाना खाकर करीब 11:00 बजे हम लोग घर आए, प्लान के मुताबिक गेट का दरवाजा जीजू ने खोला उन दोनों के कमरे का दरवाजा खुला था और लाइट बंद थी। मैंने मोबाइल के टार्च से देखा दीदी पूरी तरह से नंगी सोई हुई थी, मैंने झट से सारे कपड़े उतारे और खूंटी पर टांग दिया और बेड पर दीदी के ऊपर लेट गया। मेरा लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा तो वो बोलने को हुई तभी मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया फिर भी इतना तो बोली कि आज तो लगता है बहुत मूड में हो और मैं गांड मे लंड डालने लगा, वह बोली आज पहले गांड मारना है क्या? मैंने फिर उसे चुप कराया फिर मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसके बुर को चाटने लगा उसके बुर के नमकीन पानी से मदहोश हो रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
