04-03-2019, 07:13 PM
मैंने तो फरफरा गई, दर्द होने लगा पर छत पे थी मैं कोई आवाज भी नहीं निकाल सकती, करती क्या चुप रहना ही बेहतर समझा,। फिर क्या था वो मेरी टांगो को ऊपर उठा दिया और अपने कंडे पर रख लिया , मेरे चूची को दोनों हाथ से पकड़ लिया और ले दना दन, वो हचा हच कर के चोद रहा था मेरी चूत गीली हो चुकी थी।
दर्द का एहसास भी हरेक झटके के साथ खत्म हो रहा था, मुझे भी मजा आने लगा मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी मेरी चौड़ी गांड भाई का पूरा बजन उठाये हुए था, बूर से फच फच की आवाज आ रही थी, मैं मदहोश होने लगी ये मेरी पहली चुदाई थी वो भी अपने भी भाई के द्वारा, भाई गाली दे रहा था, हरेक झटके पे एक गाली और मैं पूरी हिल रही थी उसके झटके से, फिर थोड़े देर बाद वो शांत हो गया मैं भी इसके पहले दो बार झड़ चुकी थी पर भाई मुझे लगातार चोदे जा रहा था और फिर एक लम्बी आह लेते हुए अपना सारा मलाई मेरे चूत के अंदर ही डाल दिया, और वो शिथिल हो कर निचे लेट गया। मैं तुरंत ही पेट के बल लेट गयी क्यों की दर था की कही गर्भ ना रह जाये मैं भाई के वीर्य को चूत से बाहर निकलने के लिए लेट गई।
फिर मैं धीरे से उसका हाथ हटाई जो की मेरी चूची पे था और नाईटी पहनी और निचे आ गयी, रात के करीब 1 हो गए थे, भाभी और माँ एक साथ ही सोई थी, मैंने भाभी को जगाया, वो बोली तेरे रवि भैया आ गए, मैंने कहा हां वो छत पे है, भाभी उठी और छत पे चली गई। सुबह पहले तो मुझे 2 घंटे तक नींद नहीं आई फिर सो गई, सुबह उठी तो सब कुछ नार्मल था, रवि भैया ड्यूटी जाने के लिए तैयार हो रहे थे भाभी नाश्ता तैयार कर रही थी माँ पूजा कर रही थी, यानी रात को रवि भैया को भी नहीं पता चला को रात में भाई ने अपनी प्यारी बहन की कुंवारी चूत को चोदा था।
दर्द का एहसास भी हरेक झटके के साथ खत्म हो रहा था, मुझे भी मजा आने लगा मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी मेरी चौड़ी गांड भाई का पूरा बजन उठाये हुए था, बूर से फच फच की आवाज आ रही थी, मैं मदहोश होने लगी ये मेरी पहली चुदाई थी वो भी अपने भी भाई के द्वारा, भाई गाली दे रहा था, हरेक झटके पे एक गाली और मैं पूरी हिल रही थी उसके झटके से, फिर थोड़े देर बाद वो शांत हो गया मैं भी इसके पहले दो बार झड़ चुकी थी पर भाई मुझे लगातार चोदे जा रहा था और फिर एक लम्बी आह लेते हुए अपना सारा मलाई मेरे चूत के अंदर ही डाल दिया, और वो शिथिल हो कर निचे लेट गया। मैं तुरंत ही पेट के बल लेट गयी क्यों की दर था की कही गर्भ ना रह जाये मैं भाई के वीर्य को चूत से बाहर निकलने के लिए लेट गई।
फिर मैं धीरे से उसका हाथ हटाई जो की मेरी चूची पे था और नाईटी पहनी और निचे आ गयी, रात के करीब 1 हो गए थे, भाभी और माँ एक साथ ही सोई थी, मैंने भाभी को जगाया, वो बोली तेरे रवि भैया आ गए, मैंने कहा हां वो छत पे है, भाभी उठी और छत पे चली गई। सुबह पहले तो मुझे 2 घंटे तक नींद नहीं आई फिर सो गई, सुबह उठी तो सब कुछ नार्मल था, रवि भैया ड्यूटी जाने के लिए तैयार हो रहे थे भाभी नाश्ता तैयार कर रही थी माँ पूजा कर रही थी, यानी रात को रवि भैया को भी नहीं पता चला को रात में भाई ने अपनी प्यारी बहन की कुंवारी चूत को चोदा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
