04-03-2019, 07:12 PM
मैं भाई के लण्ड से चुद गयी, पहले तो मेरी इच्छा नहीं थी, मुझे लग रहा था ये सारे गलत है पर बाद में मुझे लगा की नहीं अपनी वासना की भूख शांत कर लू। उस समय मेरे बूर में भी पानी आ गया था और मेरी धड़कन भी तेज हो गयी थी, और मैं अपने आप को रोक नहीं पाई सलवार का नाड़ा ढीला किया और रवि भैया का मोटा लण्ड अपने बूर में...............................................................
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.