28-07-2020, 03:38 PM
मनीष दोपहर तक अपना काम निपटा कर राजेश के ऑफिस पहुच जाता है. राजेश उसी का इंतज़ार कर रहा था.
राजेश (हाथ बढ़ाते हुए) : आओ भाई बड़ी देर लगा दी. तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था.
मनीष: अब हाथ वाथ नहीं मिलाइए, गले मिलिए. आपने मेरी एक तमन्ना तो पूरी कर दी. पर अब आगे कैसे करेंगे. कैसे उसे आगे के लिए राजी करेंगे.
राजेश हँसते हुए मनीष से गले मिलता है और कहता है
राजेश: यार सब हो जायेगा. तुम्हारी बीवी की लाइव चुदाई भी दिखा दी तुमको कल. अब तो मुझ पर भरोसा करो. अभी दो चार दिन कुछ नहीं करेंगे. तुम भी रेनू को मत चोदना. उसको नोर्मल होने दो. उसके बाद उससे कहना की तुमने मुझे ड्रिंक पर इनवाईट किया है. अगर वो मना नहीं करती तो आधा काम तो वही हो गया बाकी का मैं रात को कर दूंगा.
मनीष: लेकिन अगर उसने मना किया तो...
राजेश: तुम एक काम करना ४-५ दिन बाद जब तुम उसके साथ बैठे हो तब मुझे मिस काल कर देना. मैं तुम्हे काल करके खुद को ही इनवाईट कर लूँगा.
मनीष: समझ गया राजेश भाई.
राजेश: अच्छा एक बात बताओ. तुम्हारी शादी को ५ साल हो गए हैं लेकिन तुमने अभी तक बच्चे नहीं किये. कोई प्रोब्लम है क्या?
मनीष: नहीं बस ये थोडा बिज़नस जमने का वेट कर रहा था. अब इसी साल प्लान कर रहे थे. क्यों?
राजेश: यार तुम्हारे कहने से तुम्हारी बीवी चोदी और बिना तुम्हारे कहे अपनी बीवी भी तुम्हारे हवाले कर दी. अब तुम्हारी फंतासी पूरी करने के लिए आगे भी रिस्क ले रहा हूँ बदले में मुझे भी एक चीज चाहिए.
मनीष: जो आप कहें.
राजेश: यार बहुत लड़कियां चोदी लेकिन किसी में रेनू वाली बात नहीं है. मैं चाहता हूँ की मैं तुम्हारी बीवी से एक बच्चा पैदा करूँ. मेरी बड़ी तमन्ना थी की मेरे दो बच्चे होते लेकिन दिव्या दुसरे के लिए नहीं मानी. अब मेरी तमन्ना तुम पूरी करो.
मनीष ये सुनकर बहुत उत्तेजित हो गया लेकिन फिर सम्भलते हुए बोला
मनीष: मुझे कोई एतराज नहीं अगर रेनू तैयार है तो.
राजेश को उम्मीद नहीं थी की मनीष इतनी जल्दी मान जायेगा लेकिन जब मनीष ने हाँ कहा तो वो बहुत खुश हो गया. थोड़ी देर तक दोनों आगे की प्लानिंग करते रहे फिर मनीष घर आ गया.
रेनू पूरे दिन सोती रही थी. मनीष ने ही उसको जगाया. अब उसका दर्द लगभग ख़तम हो गया था लेकिन रह रह कर उसके दिमाग में यही घूम रहा था की कैसे कल रात भर एक गैर मर्द ने उसे बुरी तरह चोदा. वो तय नही कर पा रही थी की मनीष को कुछ बोले या नहीं. खासतौर पर जब मनीष ऐसे दिखा रहा है की कुछ हुआ ही नहीं.
चार पांच दिन ऐसे ही निकल गये और रेनू भी अब काफी नोर्मल हो गयी थी. अब उस रात की याद करके उसे गिल्ट फील नहीं हो रहा था बल्कि वो उत्तेजित हो जाती थी. ऐसे में एक दिन शाम को वो मनीष के साथ बैठकर चाय पी रही थी की अचानक मनीष के फोन बजा. रेनू ने फोन के स्क्रीन पर राजेश का नाम देखा तो उसके बदन में एक झुरझुरी दौड़ गयी.
मनीष ने फोन स्पीकर पर लगा दिया.
मनीष: हेल्लो राजेश जी.
राजेश: हेलो मनीष. क्या हाल है. भाई तुम तो उस दिन के बाद गायब ही हो गए. न कोई फोन, न कोई बात.
मनीष: नहीं नहीं राजेश जी. ऐसी कोई बात नहीं. बस थोडा काम में बिजी था.
राजेश: अरे यार ऐसा भी क्या काम. और रेनू के क्या हालचाल हैं. मुझसे नाराज है क्या? कल सामने से निकल गयी न हाय न हेल्लो.
मनीष: नहीं नहीं नाराज़गी की क्या बात है. देखा नहीं होगा...
राजेश: अभी क्या हो रहा है.
मनीष: कुछ ख़ास नहीं. बस हम दोनों चाय पी रहे थे.
राजेश: अरे यार. ये कोई चाय पीने का टाइम है. ये तो कुछ और पीने का टाइम है. मेरे एक दोस्त ने एक ख़ास बोतल भिजवाई है बाहर से. एक काम करता हूँ मैं लेकर तुम्हारे घर आता हूँ. साथ में ख़तम करते है. आता हूँ आधे घंटे में.
इतना कह कर राजेश ने फोन काट दिया.
रेनू: अरे मना नहीं कर सकते थे. अकेले आएंगे या दिव्या भी होंगी.
मनीष: यार देखा तो तुमने कोई मौका कहां दिया उन्होंने. और ये तो बोला नहीं की अकेले होंगे या दिव्या भी साथ होंगी.
रेनू: अब इस वक़्त आ रहे हैं तो खाने वाने का इन्तेजाम देखना होगा न.
मनीष को लग रहा था की कहीं रेनू ज्यादा नाराज न हो जाए लेकिन जब उसने देखा की वो तो खाने की चिंता कर रही है तो वो बहुत खुश हुआ.
मनीष: अरे वो सब तुम छोड़ो. मैं फोन करके सब मंगा लूँगा. तुम रिलैक्स करो.
रेनू चाय के बर्तन लेकर अंदर चली गयी और मनीष ने फोन करके स्नेक्स और खाना आर्डर कर दिया. आधे घंटे से पहले ही राजेश आ गया. मनीष ने उसे ड्राइंग रूम में बिठाया. राजेश ने मनीष को बोतल पकड़ाते हुए पुछा.
राजेश: रेनू कहाँ है.
मनीष: रेनू. देखो राजेश जी आ गए है. गिलास वगेरह दे दो.
मनीष के बुलाने पर रेनू गिलास, बर्फ और स्नेक्स लेकर बाहर आई. मनीष ने देखा की रेनू ने कपडे बदल लिए थे. सलवार सूट उतार कर उसने साडी पहन ली थ और हल्का सा मेकअप भी कर लिया है. मनीष के लंड ने ये सोचकर एक झटका लिया की उसकी बीवी राजेश के लिए रेडी हुई है.
रेनू ने गिलास रखते हुए पुछा: दिव्या जी नही आई?
राजेश: मेरा एक दोस्त है. उसने शादी वादी नही की. अकेला रहता है. आज उसे दिव्या की जरूरत महसूस हुई तो उसे ले गया. कल वापस आ जाएगी. मैंने भी नहीं रोका सोचा आज तुम लोगों के साथ थोडा टाइम बिताया जायेगा.
राजेश (हाथ बढ़ाते हुए) : आओ भाई बड़ी देर लगा दी. तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था.
मनीष: अब हाथ वाथ नहीं मिलाइए, गले मिलिए. आपने मेरी एक तमन्ना तो पूरी कर दी. पर अब आगे कैसे करेंगे. कैसे उसे आगे के लिए राजी करेंगे.
राजेश हँसते हुए मनीष से गले मिलता है और कहता है
राजेश: यार सब हो जायेगा. तुम्हारी बीवी की लाइव चुदाई भी दिखा दी तुमको कल. अब तो मुझ पर भरोसा करो. अभी दो चार दिन कुछ नहीं करेंगे. तुम भी रेनू को मत चोदना. उसको नोर्मल होने दो. उसके बाद उससे कहना की तुमने मुझे ड्रिंक पर इनवाईट किया है. अगर वो मना नहीं करती तो आधा काम तो वही हो गया बाकी का मैं रात को कर दूंगा.
मनीष: लेकिन अगर उसने मना किया तो...
राजेश: तुम एक काम करना ४-५ दिन बाद जब तुम उसके साथ बैठे हो तब मुझे मिस काल कर देना. मैं तुम्हे काल करके खुद को ही इनवाईट कर लूँगा.
मनीष: समझ गया राजेश भाई.
राजेश: अच्छा एक बात बताओ. तुम्हारी शादी को ५ साल हो गए हैं लेकिन तुमने अभी तक बच्चे नहीं किये. कोई प्रोब्लम है क्या?
मनीष: नहीं बस ये थोडा बिज़नस जमने का वेट कर रहा था. अब इसी साल प्लान कर रहे थे. क्यों?
राजेश: यार तुम्हारे कहने से तुम्हारी बीवी चोदी और बिना तुम्हारे कहे अपनी बीवी भी तुम्हारे हवाले कर दी. अब तुम्हारी फंतासी पूरी करने के लिए आगे भी रिस्क ले रहा हूँ बदले में मुझे भी एक चीज चाहिए.
मनीष: जो आप कहें.
राजेश: यार बहुत लड़कियां चोदी लेकिन किसी में रेनू वाली बात नहीं है. मैं चाहता हूँ की मैं तुम्हारी बीवी से एक बच्चा पैदा करूँ. मेरी बड़ी तमन्ना थी की मेरे दो बच्चे होते लेकिन दिव्या दुसरे के लिए नहीं मानी. अब मेरी तमन्ना तुम पूरी करो.
मनीष ये सुनकर बहुत उत्तेजित हो गया लेकिन फिर सम्भलते हुए बोला
मनीष: मुझे कोई एतराज नहीं अगर रेनू तैयार है तो.
राजेश को उम्मीद नहीं थी की मनीष इतनी जल्दी मान जायेगा लेकिन जब मनीष ने हाँ कहा तो वो बहुत खुश हो गया. थोड़ी देर तक दोनों आगे की प्लानिंग करते रहे फिर मनीष घर आ गया.
रेनू पूरे दिन सोती रही थी. मनीष ने ही उसको जगाया. अब उसका दर्द लगभग ख़तम हो गया था लेकिन रह रह कर उसके दिमाग में यही घूम रहा था की कैसे कल रात भर एक गैर मर्द ने उसे बुरी तरह चोदा. वो तय नही कर पा रही थी की मनीष को कुछ बोले या नहीं. खासतौर पर जब मनीष ऐसे दिखा रहा है की कुछ हुआ ही नहीं.
चार पांच दिन ऐसे ही निकल गये और रेनू भी अब काफी नोर्मल हो गयी थी. अब उस रात की याद करके उसे गिल्ट फील नहीं हो रहा था बल्कि वो उत्तेजित हो जाती थी. ऐसे में एक दिन शाम को वो मनीष के साथ बैठकर चाय पी रही थी की अचानक मनीष के फोन बजा. रेनू ने फोन के स्क्रीन पर राजेश का नाम देखा तो उसके बदन में एक झुरझुरी दौड़ गयी.
मनीष ने फोन स्पीकर पर लगा दिया.
मनीष: हेल्लो राजेश जी.
राजेश: हेलो मनीष. क्या हाल है. भाई तुम तो उस दिन के बाद गायब ही हो गए. न कोई फोन, न कोई बात.
मनीष: नहीं नहीं राजेश जी. ऐसी कोई बात नहीं. बस थोडा काम में बिजी था.
राजेश: अरे यार ऐसा भी क्या काम. और रेनू के क्या हालचाल हैं. मुझसे नाराज है क्या? कल सामने से निकल गयी न हाय न हेल्लो.
मनीष: नहीं नहीं नाराज़गी की क्या बात है. देखा नहीं होगा...
राजेश: अभी क्या हो रहा है.
मनीष: कुछ ख़ास नहीं. बस हम दोनों चाय पी रहे थे.
राजेश: अरे यार. ये कोई चाय पीने का टाइम है. ये तो कुछ और पीने का टाइम है. मेरे एक दोस्त ने एक ख़ास बोतल भिजवाई है बाहर से. एक काम करता हूँ मैं लेकर तुम्हारे घर आता हूँ. साथ में ख़तम करते है. आता हूँ आधे घंटे में.
इतना कह कर राजेश ने फोन काट दिया.
रेनू: अरे मना नहीं कर सकते थे. अकेले आएंगे या दिव्या भी होंगी.
मनीष: यार देखा तो तुमने कोई मौका कहां दिया उन्होंने. और ये तो बोला नहीं की अकेले होंगे या दिव्या भी साथ होंगी.
रेनू: अब इस वक़्त आ रहे हैं तो खाने वाने का इन्तेजाम देखना होगा न.
मनीष को लग रहा था की कहीं रेनू ज्यादा नाराज न हो जाए लेकिन जब उसने देखा की वो तो खाने की चिंता कर रही है तो वो बहुत खुश हुआ.
मनीष: अरे वो सब तुम छोड़ो. मैं फोन करके सब मंगा लूँगा. तुम रिलैक्स करो.
रेनू चाय के बर्तन लेकर अंदर चली गयी और मनीष ने फोन करके स्नेक्स और खाना आर्डर कर दिया. आधे घंटे से पहले ही राजेश आ गया. मनीष ने उसे ड्राइंग रूम में बिठाया. राजेश ने मनीष को बोतल पकड़ाते हुए पुछा.
राजेश: रेनू कहाँ है.
मनीष: रेनू. देखो राजेश जी आ गए है. गिलास वगेरह दे दो.
मनीष के बुलाने पर रेनू गिलास, बर्फ और स्नेक्स लेकर बाहर आई. मनीष ने देखा की रेनू ने कपडे बदल लिए थे. सलवार सूट उतार कर उसने साडी पहन ली थ और हल्का सा मेकअप भी कर लिया है. मनीष के लंड ने ये सोचकर एक झटका लिया की उसकी बीवी राजेश के लिए रेडी हुई है.
रेनू ने गिलास रखते हुए पुछा: दिव्या जी नही आई?
राजेश: मेरा एक दोस्त है. उसने शादी वादी नही की. अकेला रहता है. आज उसे दिव्या की जरूरत महसूस हुई तो उसे ले गया. कल वापस आ जाएगी. मैंने भी नहीं रोका सोचा आज तुम लोगों के साथ थोडा टाइम बिताया जायेगा.