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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
उनका,…   कलआज और,… कल
 
जैक एंड जिल ,वेंट अप  हिल 
 
टू फेच  पेल आॅफ़ वाटर ,
 
.... 
 
हिकॉरी डिकारी डाक ,
 
माउस रैन अप  क्लॉक ,
 
 .... 
 
लिटिल मिस मफेट सैट आन  टफेट 
 
… 
 
कोई भी पड़ोस की आंटी ,रिश्ते की मौसी  जाएँ , और वो ,… 
 
 बस आंटी की ओर देखते रहेंगे तारीफ के इंतजार में , और इस की  भी की उनकी माम कैसे  तारीफ़ सुन के खुश होती हैं। 
 
कोई भी आएं , पड़ोसन ,रिश्ते की महिला बस वो चाभी भरे बबुए की तरह,
 
और जैसे ही आंटी ने बोला , उनके कायदे से काढ़े गए बालों को बिगाड़ा और कहा ,
 
"खूब सिखाया है मुन्ने को। "
 
उसके बाद उनके पायल की रुनझुन ,और कोई  कोई जरूर बोल उठती,  साथ में उनके गोरे गुलाबी गालों पे चिकोटी भी काटतीं  
 
"अरे इसे पायल पहना रखी है  "
 
और तुरंत उनकी माम , " और क्या कित्ती प्यारी लगती है ,मैं तो इसकी मांग भी सीधी काढती हूँ , अरे जब तक स्कूल नहीं जाता था , तब तक तो फ्राक भी पहनाती थी लेकिन अब कभी कभी घर में , "
 
सच में एकदम सुन्दर प्यारी गुड़िया जैसे है एकदम और कोई आंटी ,मौसी जरूर उन्हें चूम लेती। "
 
हाँ कोई कोई ये भी बोलती , सही है लड़की की भी साध इसी से पूरी कर रही हो। 
 
 
बात असल में यही थी , खुद मेरी सास ने मुझे बताया था। इनके बड़े भाई के होने बाद उनकी बड़ी साध एक गोरी गुलाबी मुनिया आये घर में। 
 
जबतक वो पेट में थे , छोटी प्यारी लड़कियों की फोटुए उन्होंने कमरे में लगा रखा था , हरदम प्यारी प्यारी सुन्दर लड़कियों के बारे में सोचा करती थीं ,
 
और उन्ही के शब्दों में 'लेकिन लटकन राम  गए'
 
लेकिन अपनी ओर से जो  कर सकती थीं वो उन्होंने किया , सीधी मांग काढ़ना ,पायल पहनाना ,फ्राक।
 
यहाँ तक की शुरू में जिस स्कूल में वो गए वहां लड़कियां ही ज्यादा थीं , और कई बार लड़कियों के प्रोग्राम में लड़कियों के ड्रेस में 
 
और अगर उन्होंने कुछ मुंह बनाया तो उनकी माम ,
 
अरे छोटे बच्चों के साथ सब चलता है फ्राक इतनी प्यारी तो लगती है तेरे ऊपर। "
 
और वो अपने माम को खुश करने के लिए कुछ भी कर लेते थे। 
 
पता नहीं जैसे मैंने उनकी चैट्स में घुसपैठ कर के देखा था ,  सीसीफिकेशन  का शौक शायद उन्हें पेट से ही लग गया ही या फिर बचपन  का असर हो पता नहीं ,
 
लेकिन बड़े उम्र की स्त्रियों का अप्रूवल , उनकी तारीफ ,  उनके लिए इतना मायने रखती थी की अक्सर वो पहले से एन्टीसिपेट करके , वही करना चाहते थे  एकप्रोविंग ग्लांस मिल जाए , तारीफ नहीं भी हो तो बसके तारीफ़ वाली निगाह भी मायने रखती थी। 
 
 
और ये  उन्होंने खुद बताया था बचपन में एक टीचर थीं , ३५ -३६ की उम्र रही होगी , उनके क्लास में वो हमेशा खूब तैयारी करके जाते थे  , सवाल के जवाब में सबसे पहले वो हाथ उठाते थे। 
 
उन के बचपन के बारे में सोचते  जाने कब मेरी आँख लग गयी। 
 
जब उठी तो तीझरिया हो रही थी , नेट पर मैंने कुछ देखा एक दो फोन घुमाया और फिर उन्हें नंबर लगाया.
कूकरी क्लास
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RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 04-03-2019, 02:43 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM



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