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Adultery बीवी के गुलाम आशिक़
#19
उसने अपने कपड़े खोले,उसे उस लाल रंग की अंतःवस्त्रों में देख कर मेरा मन मचल उठा,और लिंग ने पूरे उठकर सलामी दी जो मेरे शार्ट से बाहर निकलने को बेताब था ,उसे देखकर मोना के होठो में मुस्कान आ गई 
“हवसी कही के ..”
वो बाथरूम की ओर बढ़ रही थी लेकिन मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया मेरा लिंग उसके कूल्हों में जा धंसा ,
“आह सच में आपको काम में जाना चाहिए,नही तो मेरी ही सामत है ,जब देखो खड़ा करके रखते हो आह अब छोड़ भी दो फ्रेश होने दो “
“ऐसे कैसे मेरी जान एक राउंड तो हो जाए “
“नही ना प्लीज़ ..”
मैंने उसे उठाकर बिस्तर में पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गया,हमारे होठ मिले और करवा चल पड़ा ..
“सोचो अगर मैं राज होता तो “
“छि प्लीज् ना “
वो बेहद धीमे स्वर में बोली क्योकि वो बहुत ही उत्तेजित थी 
“बताओ ना ..”
“तो क्या “
मैं उसके पेंटी से उसकी योनि को सहलाने लगा सच में वो बहुत गीली हो चुकी थी ,मैं उसे हटा कर सीधे उसकी गीली योनि में अपने लिंग को प्रवेश करवाया ..
“आह राज ..”
उसके मुह से ऐसी आवाज सुनकर मुझे ऐसा लगा की मेरा वीर्य ही निकल जाएगा,उसकी सेक्सी आवाज में किसी दूसरे मर्द का नाम सुनने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस था लेकिन कसम से उसने मुझे बेहद ही उत्तेजित कर दिया .,मेरा पूरा लिंग आराम से उसके अंदर चला गया ,
वो भी आंखे खोल कर मुस्कुराई क्योकि उसे मेरी बड़ी हुई उत्तेजना का पता चल चुका था,
“राज करो ना मेरे पति किसी केस में बिजी है आज बहुत टाइम है “
मोना की बातो ने मेरा जोश आसमान में पहुचा दिया था ,मैं उसे बुरी तरह से ठोकने लगा ,वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और सच में बेहद ही उत्तेजित लग रही थी ,कमरा हमारे धक्के की आवाज से भर चुका था,साथ ही हमारे आहो से भी ,उत्तेजक आवाजे दोनो के मुह से ही निकल रही थी ,मोना अब राज को भूल कर बस जान जान कह रही थी ,पहला राउंड बहुत ही तेजी से खत्म हो गया मैं मोना की योनि को पूरी तरह से भिगो चुका था …
“मजा आया उसका नाम सुनकर “
“बहुत मजा आया “
“आप सच में पागल हो है ना “
मैं उसके होठो में हल्का किस किया 
“हो सकता हु लेकिन सच बताना पूरे राउंड के दौरान कभी उसका चहरा तेरे दिमाग में आया “
वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन फिर उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई,
“सच कहु तो हा,कोशिस तो किया की आपके जगह उसे याद करके देखु लेकिन थोड़ी ही देर में वो गायब हो गया और आप ही रह गए,पता नही कल उससे कैसे नजर मिला पाऊंगी ,आप मुझे क्या बनाने में तुले हुए हो ..”
वो फिर से हल्के गुस्से से मुझे देख रही थी
“कुछ भी नही बनाना है बस मैं चाहता हु की तू जीवन के पूरे मजे ले ..”
“आप साथ रहो तो जीवन में कभी दुख आएगा ही नही ,मेरे लिए तो आप ही सब कुछ हो ..”
हम दोनो के होठ फिर से मिल गए 
“मैं जानता हु मेरी जान लेकिन अगर कुछ करने का मन हुआ आगे बढ़ने का दिल किया तो उस जस्बात को दबाना मत बस बढ़ जाना ,”
वो बस मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी
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RE: बीवी के गुलाम आशिक़ - by Deadman2 - 26-07-2020, 05:06 PM



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