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Adultery बीवी के गुलाम आशिक़
#16
मेरी बात बस खत्म हुई थी की अब्दुल भी वँहा आ गया,
‘बधाई हो साहब ,मंत्री को इतना धमकाने और इतना बड़ा नाटक रचने के लिए बस एक महीना का सस्पेंसन ..”
सभी हँसने लगे ,
“ऐसे मुर्दे का रोल सही किया था तूने,मुझे तो डर था की कही बीच में ही हँस ना पड़े जैसा रिहल्सल के समय में हंसा था …”
वो फिर से दांत निकाल कर हँसने लगा ..
“अरे साहब अपने तो माहौल ही ऐसा बना दिया था की कोई कैसे हंसे,लास्ट टाइम में भाभी जी को इसका हिस्सा बना दिया,पहले तो मेरी फट ही गई थी लेकिन आपकी और भाभी जी की एक्टिंग का तो मैं दीवाना हो गया ,मुझे तो लग ही नही था था की आप एक्टिंग कर रहे हो ,हम दोनो तो कम से कम चुप ही थे लेकिन आपका गुस्सा तो बिल्कुल ही रियल लग रहा था ,..”
उसकी बात सुनकर मेरे और मोना के होठो में हल्की सी मुस्कान आ गई ..
“जब तुम्हारी बीवी किसी के बांहो में हो तो गुस्सा नकली नही होता ..”
मैंने जिस तरह से ये बात कही अब्दुल थोड़ा सहम गया ,..
लेकिन मोना ने मेरे बालो को सहलाया और हल्के से एक किस मेरे गालो में दे दिया ,जिसे देखकर बाकी दोनो भी मुस्कुराने लगे ..
“ऐसे साहब ये वो मेमोरी कार्ड ,किसी को पता नही चला की वो सब रिकार्ड हो रहा था,पुलिस ने उस दिन से ही कमरा सील कर दिया था,आज खुला तो बड़ी मुश्किल से जुगाड़ करके ये लाया हु,इसमें सारे क्लिप है उस दिन के,”
मैंने उसे जेब में डाला और साथ देने के लिए अब्दुल का धन्यवाद दिया,..
मुझे पता था की जो अभी मेरे इशारे मे काम कर रहा है वो अब इस शहर का राजा बनने वाला है,और शायद मेरा दुश्मन भी ,लेकिन दुश्मन से भी दोस्ती रहे यही तो खुफिया विभाग वालो का काम होता है…

**************
“थैंक्स जान तुमने मेरे ऊपर भरोषा किया और मेरा साथ दिया “
मोना मेरी बांहो में थी ,मैं लेपटॉप में वो चिप लगा कर उस दिन के वीडियो देखने वाला था ,
वो मेरे सीने से लग गई 
“मैं तो आपके हर बात में साथ देने को तैयार हु,लेकिन अब की बार पहले से बताना 2 घंटे पहले नही ..”उसने एक हल्का मुक्का मेरे सीने में मार दिया ..
“क्या करू जान मैं खुद ही बेहद कंफ्यूज था की आगे क्या करना सही रहेगा,मंत्री ने पार्टी में बुलाया था और मैं जानता था की वो मुझे अपने साथ मिलने का ऑफर करेगा ,मेरे हाथो में तब भी कोई ठोस सबूत नही था की मैं उसके खिलाफ कोई केस भी दायर कर पाऊ ,मुझे तो उससे पुछताज का भी वारेंट नही मिलता,अब्दुल ने मुझे बताया था की उसके सारे किस्से चिट्ठे की जमा पूंजी उसके लाकर में है जो सिर्फ उसके फिंगरप्रिंट,आंखों की पुतलियों के स्कैन और दिल की धड़कनों के मिलने से ही खुलेगा,वो फाइल कोई आम फाइल नही है,कई लोगो की जान गई तब जाकर वो सब जानकारी इकठ्ठी हुई थी ,एक पत्रकार ने अपनी और अपने परिवार की जान पर खेल कर उसे इकठ्ठा किया था,आखिर उसे मंत्री ने मरवा ही दिया लेकिन उसे उन कागजातों में कुछ ऐसी चीजे भी मिली जो भविष्य में उसके काम आने वाला था,उसके अभी के कुछ दोस्तो के खिलाफ सबूत जिसके सहारे वो सबको डरा कर रखे हुए था,पत्रकार मेरा अच्छा दोस्त था और उसने मुझे इसके बारे में पहले ही बतलाया था,वो इस केस में मुझसे पहले से लगा हुआ था,वो मुझे सारे सबूत देता उससे पहले ही उसे मार दिया गया,मैं जानता था की मंत्री उस फाइल को और बाकी के दस्तावेजों को नष्ट नही करेगा,वो उसे कही ना कही सुरिक्षत रखा होगा,अब्दुल से मुझे उसका ठिकाना मिल गया,लेकिन मैं जानता था की वो कितना चालाक है,मंत्री को भी पता था की मैं सिर्फ एक केस के लिए उससे पंगा नही ले सकता,अगर मैं सीधे ही उसे गन पॉइंट पर लेता तो वो कभी यकीन ही नही करता की मैं उसे मार दूंगा,क्योकि उसे भी पता है की मैं इतना बड़ा चुतिया नही हु की जीवन भर के लिए बर्बाद हो जाऊ,वो भी तब जब मुझे मंत्री के जिंदा रहते ही सबूत मिल सकते थे…
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RE: बीवी के गुलाम आशिक़ - by Deadman2 - 26-07-2020, 05:03 PM



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