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Adultery बीवी के गुलाम आशिक़
#13
“साहब क्या करना है उसका ..”
“उसकी चिंता मत कर ,जब तक वो फाइल मेरे पास है हमे कोई चिंता नही है ,वो कुछ भी नही कर सकता,लेकिन मैंने तुझे दूसरे काम से बुलाया है ..”
“क्या ..”
वो दोनो ज्यादा दूर नही गए थे,थोड़े अकेले वाले जगह में पेड़ो के पास ही खड़े थे,मैं दोनो की बातो को पेड़ की ओढ़ लेकर सुन रहा था ..
“वो साली उसकी बीवी कमाल की है ,और तुझे देखकर वो अजीब सा एक्सप्रेशन क्यो दे रही थी “
अब्दुल हंसा 
“बस साहब है कुछ पुराना “
“वाह साले तू तो खिलाड़ी निकला बे,हमारा कुछ जुगाड़ कर “
दोनो ही हंसे और मेरी अंदर तक जल गई 
“आप पहुँचो वही कमरा नंबर 144 में मैं कुछ जुगाड़ चलाता हु “
“ये हुई ना बात “
दोनो ही फिर से चले गए ,कमरा नंबर 144 मैंने कई लोगो से इसके बारे में सुन रखा था ,मैं जल्दी से भागा और अपने कार तक पहुचा तुरंत ही फाइल निकाली और उसे अपने कोट में डाल कर वापस आया ,लेकिन ये क्या मोना कही भी दिखाई नही दे रही थी …………..

मेरी धड़कने तेज थी और माथे में पसीना था,अभी 15 मिनट ही हुए थे और ऐसा लगा जैसे कई युग बीत चुके हो ,
मैं बहुत तेजी से कमरा नंबर 144 में पहुचना चाहता था लेकिन फिर भी मैं आराम से जा रहा था ताकि किसी को भी कोई शक ना हो ,5th माले पर वो एक ही कमरा था,जब मैं लिफ्ट में घुसा तो एक वेटर पहले से एक ट्राली में एक शेमपीएन की बोतल और कुछ स्ट्राबेरी के साथ मौजूद था,मेरे बटन दबाने से पहले ही उसने 5th फ्लोर का बटन दबा दिया ,मैं जानबूझकर 4th का बटन दबाया और उतरकर तेजी से सीढ़ियों से दौड़ता हुआ ऊपर पहुचा ,वेटर के अंदर जाने तक मैंने इंतजार किया और उसके जाते ही मैं कमरे के दरवाजे के पास पहुचा,वँहा से कुछ आवाजे तो आ रही थी लेकिन मैंने अपना काम किया,अभी दरवाजा खुला हल्का खुला हुआ था.मैंने एक रबर का टुकड़ा दरवाजे में लगा दिया ताकि जब वेटर जाए तो दरवाजा पूरा बंद ना होने पाए ,थोड़ी ही देर में वेटर वहां से चला गया और मैं फिर से दरवाजे के पास आया और रबर के टुकड़े के कारण दरवाजा लॉक नही था,मैं अंदर की आवाजे सुनने लगा …
“क्या कर रहे हो थोड़ा तो सब्र करो “
ये एक आवाज मेरी धड़कने रोकने को काफी थी,ये मोना की आवाज थी,साथ ही एक जोरो से हँसने की आवाज सुनाई दी ,दो लोग वँहा मौजूद थे ,
“अरे रानी जब से तुम्हे देखा है मैं तो पागल ही हो गया हु,मुझे तो अब भी अपने किस्मत पर यकीन नही आ रहा की तुम मेरे पास हो ,मान गए तुमको अब्दुल तुम तो यार कमाल ही निकले ..”मंत्री फिर से हंसा साथ ही मोना और अब्दुल भी ..
“अरे मंत्री जी अब तो हमारा नजराना दे दो “
“कमाल करते हो अभी काम पूरा कहा हुआ है अभी तो वो अभिषेक जिंदा है “
“क्या वो मेरे पति है “
मोना की आवाज में चिंता थी ..
“अरे मोना रानी अब छोड़ भी दो ,मंत्री जी के साथ रहो जीवन भर ऐश करो उस कंगाल में क्या रखा है …”
थोड़ी देर तक कमरे में कोई आवाज नही आयी ..
“लेकिन वो मेरा पति है कम से कम मेरे सामने तो ऐसा मत बोला करो “मोना ने बड़ी मासूमियत से कहा और मंत्री और अब्दुल दोनो ही हँस पड़े 
“अच्छा बाबा तुम्हारे सामने नही करेंगे इसकी बात,अब्दुल तुम्हे क्या करना है तुम समझ जाओ और मेरी रानी के साथ मुझे थोड़ा समय बिताने दो “
“जी साहब ,मुझे पता था तुम यही फैसला करोगी “
अब्दुल जाने को मुड़ा ही था की ..
“आउच “मोना की आवाज आयी 
“क्या हुआ “अब्दुल फिर से मुड़ा 
“क्या मंत्री जी अभी से शुरू हो गए थोड़ा तो रुको मुझे जाने दो “दोनो हँसने लगे
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RE: बीवी के गुलाम आशिक़ - by Deadman2 - 26-07-2020, 04:59 PM



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