26-07-2020, 12:21 PM
(19-07-2020, 12:11 PM)Meerachatwani111 Wrote: आगे आगे दो सिपाही रमेश भैया और दामु को अपने घेरे में लेकर चल रहे थे और एक सिपाही हम तिनो के पिछे पिछे आ रहा थ।रमेश भैया और दामु दोनो के हाथ में एक एक बैग था जिसमें हमारे कपरे और पुजा का सामान था।दोनो आगे चलने वाला सिपाही तिखी आवाज मेंकभी दामु तो कभी रमेश भैया को कुछ कहकर धमका रहा था,एक बार तो दामु ने बैग खोलने को हाथ बढाया और कह रहा था देखिये न हवलदार साहेब पुजा का सामान है,हमलोग सच में पुजा करने ज रहे हैं।चुप मादंरचोद तोहार बहिनीया के बुर में लौरा,पुजाआआ कंरे जात रहे आउर तीन तीन कबुरचोदी रंडी लेके,पुजा में रंडी नचावे खतिरा,चल साहेब के बताव।