22-07-2020, 05:12 PM
राजेश कुछ देर रेनू पर पड़ा रहा और जैसे ही राजेश ने अपना लंड बाहर निकाला रेनू की चूत खुली की खुली रह गई यही कोई 1-1.5 इंच तक रेनू की चूत अपना मूह खोले अपनी गहराई दिखा रही थी. राजेश का सारा माल रेनू की चूत में समा गया. मुश्किल से 2-3 बूंदे रिसते हुए बाहर चूत की दीवारों पर लगी वो भी रेनू की चूत के पानी मे मिक्स होकर पतला हो गया था.
राजेश रेनू के उपर से उठ कर देखा तो रेनू गहरी गहरी साँस लेते हुए आधी बेहोशी की हालत में पड़ी थी. रेनू इतना ज़्यादा झड चुकी थी कि उसमे उठने की ताक़त भी नहीं थी. यहाँ तक कि रेनू वहाँ पड़ी–पड़ी नींद के आगोश में चली गयी..
राजेश ने अपना लंड रेनू की ब्रा से पोंछ लिया और वहाँ रखा एक ग्लास पानी का पी कर कपड़े पहन कर कमरे से निकला. बाहर मनीष अभी भी खड़ा उसका इंतज़ार कर रहा था.
राजेश: देखी अपनी बीवी की चुदाई.
मनीष: हाँ, मजा आ गया राजेश भाई. कमाल कर दिया आपने.
राजेश: चलो सिगरेट पिए.
राजेश उसे साथ आने का इशारा करता है और कमरे से थोड़ी जाकर एक सिगरेट सुलगा लेता है. मनीष भी उसका साथ देता है और अपनी सिगरेट सुलगा लेता है.
राजेश: देखो अभी तो रेनू मजे से चुदी क्योंकि नशा भी था और वासना भी लेकिन कल सुबह ये नशा उतर जायेगा और वासना भी गायब हो जाएगी और उसकी जगह होगी गिल्ट. अगर उसका गुस्सा बढ़ा तो वो तुमसे भी पूछ सकती है की तुमने ऐसा क्यों किया. तुम क्या बोलोगे.
मनीष: हाँ ये तो मैं भी सोच रहा था पर उसने भी तो मजे लिए है. अपनी मर्जी से चुदवाया है आपसे...
राजेश: ये मत बोल देना. एक तो मैंने उससे कह दिया है की तुमने मुझसे २ करोड़ रूपये लिए थे और वापस नहीं कर पा रहे और ब्याज भी नही दे रहे इसके बदले में तुम्हारी चूत ले रहा हूँ. तुम भी उसको यही कहानी सुना देना की मैंने तुम्हे बिज़नस के लिए पैसा दिया और गलत सलाह देकर वो पैसा डूबवा भी दिया.
मनीष: पर इससे क्या होगा...
राजेश: तुम उससे कहना की मैं तुम्हे पैसा वापस न करने पर जेल भिजवा देता अगर तुम रेनू को मुझसे शेयर नहीं करते. इससे तुम उसकी नजरो से नहीं गिरोगे और वो तुम्हारी मजबूरी समझेगी और तुम्हारी बीवी के नाते तुम्हारी मजबूरी उसकी भी मजबूरी है और इसी मजबूरी में वो पूरे होशो हवास में फिर से मुझसे चुदेगी. ये उसका गिल्ट भी केवल तब तक ही है फिर उसके बाद कुछ नहीं होगा. कुछ दिन बाद तुम कह देना की तुमने मुझे पैसे वापस कर दिए लेकिन मैं तब तक उसे रांड बना दूंगा.
मनीष: ठीक है. यही करूंगा. लेकिन अभी क्या करू. आपके रूम में जाऊं या...
राजेश: रेनू सो गयी है तो बस तुम भी जाकर रेनू के बगल में सो जाओ जैसे कुछ हुआ ही नहीं.
मनीष: ठीक है. सुबह मिलेंगे.
राजेश: उसके बगल में नंगे ही सोना और सुबह अपनी तरफ से उससे कुछ मत कहना. समझे.
कहकर राजेश अपने कमरे में चला जाता है और दरवाजा बंद कर लेता है. मनीष भी जल्दी से अपने रूम में घुस कर दरवाजा बंद कर लेता है. वो अपने कपडे उतार कर सोफे पर डाल देता है और रेनू के बगल में लेटकर सो जाता है.
सुबह रेनू की नींद खुलती है तो उसका सारा बदन टूट रहा होता है. वो उठती है तो अचानक तेज़ दर्द से वापस बैठ जाती है. किसी तरह वो वापस खड़ी होती है और बाथरूम जाती है. अंदर शीशे में वो देखती है की उसकी चुन्चियो पर काटने के कारण नीले नीले निशान हो गए हैं. शरीर पर जगह जगह वीर्य के धब्बे पड़े है. उसकी गांड में भी बहुत दर्द हो रहा था. फिर उसे रात की बाते याद आती है की कैसे रात भर राजेश ने उसे बेरहमी से चोदा है.
वो किसी तरह नहा धोकर बाहर आती है तो देखती है की बेड पर तो मनीष सो रहा है. उसको लगता है की क्या उसने कोई सपना देखा है या फिर सच में राजेश ने ही उसे चोदा है. अगर उसने सपना देखा होता तो उसके बदन का दर्द. नहीं नहीं ये कोई सपना नहीं था. रात भर एक गैर मर्द ने मुझे बेरहमी से कुचला है. ओह ये मैंने क्या किया. लेकिन ये मैंने नहीं किया. मुझे तो मनीष ने कमरे में भेजा था और फिर खुद आने की बजाय राजेश को भेज दिया था. उसे याद आता है की राजेश ने उसे कहा था की वो मनीष का राजेश को बर्थडे गिफ्ट है. वो कुछ पैसे की बात भी तो कर रहा था. वो परेशान हो कर मनीष को जगाने जाती है पर फिर न जाने क्यों रुक जाती है. वो सोचती है की वो मनीष से क्या कहेगी क्योंकि वो तो खुद ही राजेश के साथ मजे लेकर चुद रही थी. वो चाहती तो राजेश उसको हाथ भी नहीं लगा सकता था. वो इसी उधेड़बुन में लगी थी की वो मनीष से बात करे या न करे तब तक मनीष जाग जाता है.
मनीष: गुड मोर्निंग. अरे तुम तो तैयार भी हो गई.
रेनू: तुम कब आये थे?
मनीष: तुम्हे याद नहीं? क्या हुआ? मनीष चालाकी से बात टाल देता है.
रेनू: अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही. जल्दी से उठो और तुम भी तैयार हो. घर वापस चलना है या नही. मैं नीचे धुप में जा रही हूँ. जल्दी आ जाओ.
रेनू मनीष से बोलकर रूम से बाहर चली जाती है. मनीष खुश हो जाता है की रेनू ने उससे कुछ पूछा नहीं. वो फौरन राजेश को फोन मिलाता है.
मनीष: गुड मोर्निंग राजेश भाई. अभी आता हूँ आपके कमरे में.
राजेश: गुड मोर्निंग. यार मैं तो सुबह जल्दी वापस लौट आया. ऑफिस में एक मीटिंग थी. और रेनू कैसी है.
मनीष: मुझे तो एकदम ठीक लग रही है. मुझसे रात के बारे में कुछ नहीं पुछा...
राजेश: गुड. तुम भी कुछ मत कहना. वो जानती है की तुम जानते हो की कल मैंने उसकी ली है लेकिन वो इस बारे में तुमसे बात नहीं करना चाहती. तुम भी एकदम अंजान बन जाओ जैसे कुछ हुआ ही नहीं. अब आगे क्या करना है मैं तुम्हे बताऊँगा. तुम दोपहर को ऑफिस आ जाना. लंच भी कर लेंगे और आगे का प्लान भी.
मनीष: ओके. मैं २ बजे तक आ जाऊँगा.
मनीष भी फटाफट तैयार होता है और रेनू को लेकर घर आ जाता है. रस्ते में भी रेनू कुछ नहीं कहती. दोनों घर आकर चुपचाप नाश्ता करते है और मनीष दफ्तर के लिए निकल जाता है. मनीष के जाने के बाद रेनू पेन किलर खाकर सो जाती है.
राजेश रेनू के उपर से उठ कर देखा तो रेनू गहरी गहरी साँस लेते हुए आधी बेहोशी की हालत में पड़ी थी. रेनू इतना ज़्यादा झड चुकी थी कि उसमे उठने की ताक़त भी नहीं थी. यहाँ तक कि रेनू वहाँ पड़ी–पड़ी नींद के आगोश में चली गयी..
राजेश ने अपना लंड रेनू की ब्रा से पोंछ लिया और वहाँ रखा एक ग्लास पानी का पी कर कपड़े पहन कर कमरे से निकला. बाहर मनीष अभी भी खड़ा उसका इंतज़ार कर रहा था.
राजेश: देखी अपनी बीवी की चुदाई.
मनीष: हाँ, मजा आ गया राजेश भाई. कमाल कर दिया आपने.
राजेश: चलो सिगरेट पिए.
राजेश उसे साथ आने का इशारा करता है और कमरे से थोड़ी जाकर एक सिगरेट सुलगा लेता है. मनीष भी उसका साथ देता है और अपनी सिगरेट सुलगा लेता है.
राजेश: देखो अभी तो रेनू मजे से चुदी क्योंकि नशा भी था और वासना भी लेकिन कल सुबह ये नशा उतर जायेगा और वासना भी गायब हो जाएगी और उसकी जगह होगी गिल्ट. अगर उसका गुस्सा बढ़ा तो वो तुमसे भी पूछ सकती है की तुमने ऐसा क्यों किया. तुम क्या बोलोगे.
मनीष: हाँ ये तो मैं भी सोच रहा था पर उसने भी तो मजे लिए है. अपनी मर्जी से चुदवाया है आपसे...
राजेश: ये मत बोल देना. एक तो मैंने उससे कह दिया है की तुमने मुझसे २ करोड़ रूपये लिए थे और वापस नहीं कर पा रहे और ब्याज भी नही दे रहे इसके बदले में तुम्हारी चूत ले रहा हूँ. तुम भी उसको यही कहानी सुना देना की मैंने तुम्हे बिज़नस के लिए पैसा दिया और गलत सलाह देकर वो पैसा डूबवा भी दिया.
मनीष: पर इससे क्या होगा...
राजेश: तुम उससे कहना की मैं तुम्हे पैसा वापस न करने पर जेल भिजवा देता अगर तुम रेनू को मुझसे शेयर नहीं करते. इससे तुम उसकी नजरो से नहीं गिरोगे और वो तुम्हारी मजबूरी समझेगी और तुम्हारी बीवी के नाते तुम्हारी मजबूरी उसकी भी मजबूरी है और इसी मजबूरी में वो पूरे होशो हवास में फिर से मुझसे चुदेगी. ये उसका गिल्ट भी केवल तब तक ही है फिर उसके बाद कुछ नहीं होगा. कुछ दिन बाद तुम कह देना की तुमने मुझे पैसे वापस कर दिए लेकिन मैं तब तक उसे रांड बना दूंगा.
मनीष: ठीक है. यही करूंगा. लेकिन अभी क्या करू. आपके रूम में जाऊं या...
राजेश: रेनू सो गयी है तो बस तुम भी जाकर रेनू के बगल में सो जाओ जैसे कुछ हुआ ही नहीं.
मनीष: ठीक है. सुबह मिलेंगे.
राजेश: उसके बगल में नंगे ही सोना और सुबह अपनी तरफ से उससे कुछ मत कहना. समझे.
कहकर राजेश अपने कमरे में चला जाता है और दरवाजा बंद कर लेता है. मनीष भी जल्दी से अपने रूम में घुस कर दरवाजा बंद कर लेता है. वो अपने कपडे उतार कर सोफे पर डाल देता है और रेनू के बगल में लेटकर सो जाता है.
सुबह रेनू की नींद खुलती है तो उसका सारा बदन टूट रहा होता है. वो उठती है तो अचानक तेज़ दर्द से वापस बैठ जाती है. किसी तरह वो वापस खड़ी होती है और बाथरूम जाती है. अंदर शीशे में वो देखती है की उसकी चुन्चियो पर काटने के कारण नीले नीले निशान हो गए हैं. शरीर पर जगह जगह वीर्य के धब्बे पड़े है. उसकी गांड में भी बहुत दर्द हो रहा था. फिर उसे रात की बाते याद आती है की कैसे रात भर राजेश ने उसे बेरहमी से चोदा है.
वो किसी तरह नहा धोकर बाहर आती है तो देखती है की बेड पर तो मनीष सो रहा है. उसको लगता है की क्या उसने कोई सपना देखा है या फिर सच में राजेश ने ही उसे चोदा है. अगर उसने सपना देखा होता तो उसके बदन का दर्द. नहीं नहीं ये कोई सपना नहीं था. रात भर एक गैर मर्द ने मुझे बेरहमी से कुचला है. ओह ये मैंने क्या किया. लेकिन ये मैंने नहीं किया. मुझे तो मनीष ने कमरे में भेजा था और फिर खुद आने की बजाय राजेश को भेज दिया था. उसे याद आता है की राजेश ने उसे कहा था की वो मनीष का राजेश को बर्थडे गिफ्ट है. वो कुछ पैसे की बात भी तो कर रहा था. वो परेशान हो कर मनीष को जगाने जाती है पर फिर न जाने क्यों रुक जाती है. वो सोचती है की वो मनीष से क्या कहेगी क्योंकि वो तो खुद ही राजेश के साथ मजे लेकर चुद रही थी. वो चाहती तो राजेश उसको हाथ भी नहीं लगा सकता था. वो इसी उधेड़बुन में लगी थी की वो मनीष से बात करे या न करे तब तक मनीष जाग जाता है.
मनीष: गुड मोर्निंग. अरे तुम तो तैयार भी हो गई.
रेनू: तुम कब आये थे?
मनीष: तुम्हे याद नहीं? क्या हुआ? मनीष चालाकी से बात टाल देता है.
रेनू: अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही. जल्दी से उठो और तुम भी तैयार हो. घर वापस चलना है या नही. मैं नीचे धुप में जा रही हूँ. जल्दी आ जाओ.
रेनू मनीष से बोलकर रूम से बाहर चली जाती है. मनीष खुश हो जाता है की रेनू ने उससे कुछ पूछा नहीं. वो फौरन राजेश को फोन मिलाता है.
मनीष: गुड मोर्निंग राजेश भाई. अभी आता हूँ आपके कमरे में.
राजेश: गुड मोर्निंग. यार मैं तो सुबह जल्दी वापस लौट आया. ऑफिस में एक मीटिंग थी. और रेनू कैसी है.
मनीष: मुझे तो एकदम ठीक लग रही है. मुझसे रात के बारे में कुछ नहीं पुछा...
राजेश: गुड. तुम भी कुछ मत कहना. वो जानती है की तुम जानते हो की कल मैंने उसकी ली है लेकिन वो इस बारे में तुमसे बात नहीं करना चाहती. तुम भी एकदम अंजान बन जाओ जैसे कुछ हुआ ही नहीं. अब आगे क्या करना है मैं तुम्हे बताऊँगा. तुम दोपहर को ऑफिस आ जाना. लंच भी कर लेंगे और आगे का प्लान भी.
मनीष: ओके. मैं २ बजे तक आ जाऊँगा.
मनीष भी फटाफट तैयार होता है और रेनू को लेकर घर आ जाता है. रस्ते में भी रेनू कुछ नहीं कहती. दोनों घर आकर चुपचाप नाश्ता करते है और मनीष दफ्तर के लिए निकल जाता है. मनीष के जाने के बाद रेनू पेन किलर खाकर सो जाती है.