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Adultery बीवी के गुलाम आशिक़
#1
“ओह जान तुम तो किसी भी मर्द को अपना गुलाम ही बना दोगी..”
मेरे मुह से यही निकला जब मैंने मोना के योनि में अपना वीर्य उड़ेल दिया …
मैं थका हुआ उसके ऊपर पड़ा हुआ था वही वो मेरे सर को सहलाती हुई शांत पड़ी थी,जब मैंने उसकी आंखों में देखा तो वो उसकी आंखों में एक अजीब सी हलचल थी और होठो पर एक कातिल मुस्कान…
“सच में मैं किसी भी मर्द को अपना गुलाम बना सकती हु..”
मोना की बात से मेरे भी होठो पर एक मुस्कान खिल गई ..
“मुझे तो बना ही चुकी हो …”
वो हल्के से हँसी ..
“अच्छा,लेकिन मुझे तो लगता है की मैं आपकी गुलाम बन चुकी हु ,आपके प्यार के आगे मेरी हुस्न की क्या मजाल है,जब से हमारी शादी हुई है आपके प्यार की कसीस ने मुझे अपना गुलाम ही बना दिया है…”
उसकी आंखों से छलकती हुई सच्चाई की बूंदों को मैंने अपने होठो में भर लिया …
“तुम्हारे हुस्न और सच्चाई ,तुम्हारी ये प्यारी सी आंखे और भरे हुए होठो से छलकते हुए रस के प्याले ,किसी भी मर्द को पागल बना देंगे….तुम जब हंसती हो तो लगता है की चांद खिल गया है,तुम्हारा रूठा हुआ चहरा भी इतना प्यारा है की दिल करता है अपना सब कुछ तुम्हारे कदमो में रख दु …”
मेरी आवाज में मोना के लिए बस प्यार ही प्यार था..
और उसके आंखों में आंसू ,जिसे मैं अपने होठो से हल्के हल्के से चूम रहा था,
“इतना ही प्यार करते हो तो मना क्यो नही करते….”
उसकी बात से मैं सकपका गया था,ना जाने क्यो लेकिन उसकी हर बात मुझे अच्छी लगती थी,ये भी की जब वो अपने आशिकों से बात किया करती थी,हा मेरी बीवी के आशिक थे एक दो नही कई जो उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थे,लेकिन मेरी बीवी थी की उसे मेरे सिवा किसी और की फिक्र ही नही थी …
मेरे होठो में हल्की मुस्कान तैरने लगी …
“जलन तो होती है लेकिन फिर भी अच्छा लगता है जब देखता हु की तुम्हारा प्यार बस मेरे लिए है,और उन बेचारों के चहरे में मायूसी देखता हु...मेरे जीवन में सिर्फ तुम ही एक लड़की हो ,मैंने तो कभी कोई लड़की पटाई भी नही लेकिन तुम जिससे बात कर दो वो तुम्हारा दीवाना हो जाता है ,ऐसी बीवी है मेरी तो थोड़ा शो ऑफ तो बनता है..”
उसने झूठे गुस्से से मुझे मारा ..
“आप भी ना ……..”
लेकिन वो तुरंत ही गंभीर हो गई 
“लेकिन अगर किसी से मुझे भी प्यार हो गया तो …”
उसकी बात सुनकर मैं भी गंभीर हो चुका था..
“तो मैं समझूंगा की मेरा प्यार कमजोर था..”
वो थोड़ी देर मुझे देखने लगी ..
“और अगर मैं बहक गई तो ….”
उसकी बातो का इशारा मैं समझ सकता था,
मैं भी गहरे सोच में डूब चुका था..
“मुझे नही पता ….”
मैं बस इतना ही बोल पाया …
उसने प्यार से निहारते हुए मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया ..
“ये साली मोना तो साड़ी में और भी कमाल लगती है ..पिछवाड़ा तो देख इसका ”
एक अजनबी आवाज को सुनकर मैं अचानक ही रुक गया,ये मोना की ऑफिस पार्टी थी और मैं उसके लिए ड्रिंक लेने गया हुआ था,
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बीवी के गुलाम आशिक़ - by Deadman2 - 22-07-2020, 12:44 AM



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