20-07-2020, 01:21 PM
राजेश: (अपनी साँस दुरुस्त करते हुए) देखा.. देखा (रेनू का जबड़ा अपने हाथ से पकड़ते हुए) इसे कहते है जबरदस्ती. मज़ा आया मेरी जान..
रेनू आँख बंद कर के अपने ऑर्गॅज़म के नशे मे गुम थी. जब राजेश रेनू से पूछता है कि उसे चुदाई मे मज़ा आया कि नही तो रेनू के मूह से निकलता है..
रेनू: ह्मम्मम्म बहुत..
रेनू ये भूल जाती है कि वो किसे क्या जवाब दे रही है तभी रेनू को एहसास होता है कि उसने क्या बोला और वो आँखे बंद किए ही शरमा जाती है. आख़िर जो भी हो उसने बोला तो सच ही था. रेनू को मज़ा तो बहुत आया.
राजेश: देख रंडी मैं कोई रेपिस्ट नहीं हूँ समझी इसलिए मुझे कोई ऐसा रिश्ता बता जिसमे मैं तुम्हारे साथ चुदाई कर सकूँ जब मेरी मर्ज़ी हो.
रेनू राजेश की ओर बिना देखे बंद आँखे किए राजेश के बारे मे सोचने लगती है. काश ये मेरा पति होता. लेकिन मेरे पति तो मनीष है. इसे में बाय्फ्रेंड भी नहीं बना सकती. ये तो बहुत यंग भी नहीं है. दोस्त बनकर इसे रहना नही है और मैं कोई रंडी नहीं हूँ इसे क्या बोलूं अब..
राजेश: जल्दी बोलो ना मुझे तुमको और चोदना है..
रेनू झुंझला कर राजेश से बोलती है..
रेनू: सोचने तो दीजिये न.
राजेश: अब इसमे क्या सोचना. तूमने मेरे साथ चुदाई क्या सोच कर की.
रेनू: यही कि आप मुझे पसंद करते हो.
राजेश: वो तो आधा मोहल्ला करता है. क्या सबसे चुदवाओगी. बोलो की तूम मुझे पसंद करती हो. क्यों करती हो न?
रेनू शरमाते हुए दूसरी तरफ देखने लग जाती है और बोलती है.
रेनू: अगर नहीं करती तो ये सब नहीं करती.
राजेश रेनू की बात सुनकर उसका चेहरा अपनी ओर घुमाता है और पूछता है..
राजेश: क्या तूम मुझसे प्यार करती हो?
रेनू कोई जवाब नहीं देती बिल्कुल खामोश रहती है.
राजेश: बोल ना रांड़ क्या तू मुझसे प्यार करती है.
रेनू को राजेश का ये सवाल बचकाना लगता है तो वो झुंझला कर बोलती है
रेनू: और नहीं तो क्या.. तभी तो आपके साथ ऐसे हूँ..
राजेश मुस्कुराता हुआ अपना चेहरा उपर की ओर उठा लेता है
रेनू: अब मुस्कुरा क्यूँ रहे हो..
राजेश: जब तूम मुझसे प्यार करती हो और में भी तुमसे प्यार करता हू तो हम दोनो बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड हुए ना..
रेनू राजेश की बात सुन कर फिर से शरमा जाती है और वो दूसरी तरफ ईीइसस्स्शह बोलते हुए मूह कर लेती है.
राजेश: लेकिन मुझे सिर्फ़ तुम्हारा बाय्फ्रेंड नहीं बनना.
रेनू: क्या मतलब?
राजेश: मुझे सिर्फ़ तुम्हारा बॉय फ्रेंड नहीं बनना. मुझे तुम्हारा मालिक बनना है. मुझे तुम पर पूरा अधिकार चाहिए. जितना तुमने अपने पति को दिया है उससे भी ज़्यादा..
रेनू राजेश के मूह से ये बात सुनकर फिर से चोंक जाती है. वो राजेश का मतलब समझ भी नहीं पाती कि राजेश क्या बोलना चाहता है.
रेनू: साफ साफ बोलो ना आख़िर चाहते क्या हो.
राजेश: मैं सिर्फ़ इतना चाहता हूँ कि तूम सिर्फ़ मेरी बन कर रहो. जैसा मैं कहूँ तूम सिर्फ़ वैसा करो. जैसे मैं चाहू तूम वैसे रहो. मेरी सारी ज़रूरते तूम पूरी करो. तुम्हे कोई तकलीफ़ हो तो तूम सबसे पहले मुझको बताओ. मेरे अलावा तूम किसी और को अपने बदन पर हाथ तक नहीं लगाने दो. तूम पूरी तरह से मेरी हो जाओ. मैं मालिक और तूम मेरी गुलाम.
रेनू हंसते हुए राजेश के एक गाल पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोलती है..
रेनू: अच्छा मेरे मालिक लेकिन ये तो इंपॉसिबल है. तुम तो मेरे सिर्फ़ बाय्फ्रेंड बने हो वो भी आज ही लेकिन जो मेरे पति है जिनसे मेरी शादी हुई है उन्हे मैं कैसे रोक सकती हूँ और तुम्हारी बीवी को भी तो एतराज होगा.
राजेश: दिव्या को कोई दिक्कत नहीं होगी और रही बात तुम्हारे पति की उसका उपाय भी मैं कर दूँगा लेकिन तूम तैयार हो ना मेरी गुलाम बनने के लिए..
रेनू सोचती है कि राजेश बस ऐसे ही बडबड़ा रहा है. ऐसा वैसा कुछ होना नहीं है. अगर मनीष ने मजबूरी में उसे राजेश के साथ शेयर किया है तो भी वो ऐसा कुछ नहीं होने देगा तो वो बेफ़िक़र होकर बोल देती है..
रेनू: हां में तैयार हूँ: आज के बाद आप मेरे मालिक और मैं आपकी गुलाम.
राजेश: सोच लो मैं बाद में तुम्हे अपनी बात बदलने नहीं दूँगा.
रेनू: पक्का.. नहीं बदलूँगी.
रेनू आँख बंद कर के अपने ऑर्गॅज़म के नशे मे गुम थी. जब राजेश रेनू से पूछता है कि उसे चुदाई मे मज़ा आया कि नही तो रेनू के मूह से निकलता है..
रेनू: ह्मम्मम्म बहुत..
रेनू ये भूल जाती है कि वो किसे क्या जवाब दे रही है तभी रेनू को एहसास होता है कि उसने क्या बोला और वो आँखे बंद किए ही शरमा जाती है. आख़िर जो भी हो उसने बोला तो सच ही था. रेनू को मज़ा तो बहुत आया.
राजेश: देख रंडी मैं कोई रेपिस्ट नहीं हूँ समझी इसलिए मुझे कोई ऐसा रिश्ता बता जिसमे मैं तुम्हारे साथ चुदाई कर सकूँ जब मेरी मर्ज़ी हो.
रेनू राजेश की ओर बिना देखे बंद आँखे किए राजेश के बारे मे सोचने लगती है. काश ये मेरा पति होता. लेकिन मेरे पति तो मनीष है. इसे में बाय्फ्रेंड भी नहीं बना सकती. ये तो बहुत यंग भी नहीं है. दोस्त बनकर इसे रहना नही है और मैं कोई रंडी नहीं हूँ इसे क्या बोलूं अब..
राजेश: जल्दी बोलो ना मुझे तुमको और चोदना है..
रेनू झुंझला कर राजेश से बोलती है..
रेनू: सोचने तो दीजिये न.
राजेश: अब इसमे क्या सोचना. तूमने मेरे साथ चुदाई क्या सोच कर की.
रेनू: यही कि आप मुझे पसंद करते हो.
राजेश: वो तो आधा मोहल्ला करता है. क्या सबसे चुदवाओगी. बोलो की तूम मुझे पसंद करती हो. क्यों करती हो न?
रेनू शरमाते हुए दूसरी तरफ देखने लग जाती है और बोलती है.
रेनू: अगर नहीं करती तो ये सब नहीं करती.
राजेश रेनू की बात सुनकर उसका चेहरा अपनी ओर घुमाता है और पूछता है..
राजेश: क्या तूम मुझसे प्यार करती हो?
रेनू कोई जवाब नहीं देती बिल्कुल खामोश रहती है.
राजेश: बोल ना रांड़ क्या तू मुझसे प्यार करती है.
रेनू को राजेश का ये सवाल बचकाना लगता है तो वो झुंझला कर बोलती है
रेनू: और नहीं तो क्या.. तभी तो आपके साथ ऐसे हूँ..
राजेश मुस्कुराता हुआ अपना चेहरा उपर की ओर उठा लेता है
रेनू: अब मुस्कुरा क्यूँ रहे हो..
राजेश: जब तूम मुझसे प्यार करती हो और में भी तुमसे प्यार करता हू तो हम दोनो बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड हुए ना..
रेनू राजेश की बात सुन कर फिर से शरमा जाती है और वो दूसरी तरफ ईीइसस्स्शह बोलते हुए मूह कर लेती है.
राजेश: लेकिन मुझे सिर्फ़ तुम्हारा बाय्फ्रेंड नहीं बनना.
रेनू: क्या मतलब?
राजेश: मुझे सिर्फ़ तुम्हारा बॉय फ्रेंड नहीं बनना. मुझे तुम्हारा मालिक बनना है. मुझे तुम पर पूरा अधिकार चाहिए. जितना तुमने अपने पति को दिया है उससे भी ज़्यादा..
रेनू राजेश के मूह से ये बात सुनकर फिर से चोंक जाती है. वो राजेश का मतलब समझ भी नहीं पाती कि राजेश क्या बोलना चाहता है.
रेनू: साफ साफ बोलो ना आख़िर चाहते क्या हो.
राजेश: मैं सिर्फ़ इतना चाहता हूँ कि तूम सिर्फ़ मेरी बन कर रहो. जैसा मैं कहूँ तूम सिर्फ़ वैसा करो. जैसे मैं चाहू तूम वैसे रहो. मेरी सारी ज़रूरते तूम पूरी करो. तुम्हे कोई तकलीफ़ हो तो तूम सबसे पहले मुझको बताओ. मेरे अलावा तूम किसी और को अपने बदन पर हाथ तक नहीं लगाने दो. तूम पूरी तरह से मेरी हो जाओ. मैं मालिक और तूम मेरी गुलाम.
रेनू हंसते हुए राजेश के एक गाल पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोलती है..
रेनू: अच्छा मेरे मालिक लेकिन ये तो इंपॉसिबल है. तुम तो मेरे सिर्फ़ बाय्फ्रेंड बने हो वो भी आज ही लेकिन जो मेरे पति है जिनसे मेरी शादी हुई है उन्हे मैं कैसे रोक सकती हूँ और तुम्हारी बीवी को भी तो एतराज होगा.
राजेश: दिव्या को कोई दिक्कत नहीं होगी और रही बात तुम्हारे पति की उसका उपाय भी मैं कर दूँगा लेकिन तूम तैयार हो ना मेरी गुलाम बनने के लिए..
रेनू सोचती है कि राजेश बस ऐसे ही बडबड़ा रहा है. ऐसा वैसा कुछ होना नहीं है. अगर मनीष ने मजबूरी में उसे राजेश के साथ शेयर किया है तो भी वो ऐसा कुछ नहीं होने देगा तो वो बेफ़िक़र होकर बोल देती है..
रेनू: हां में तैयार हूँ: आज के बाद आप मेरे मालिक और मैं आपकी गुलाम.
राजेश: सोच लो मैं बाद में तुम्हे अपनी बात बदलने नहीं दूँगा.
रेनू: पक्का.. नहीं बदलूँगी.