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Adultery Indian Housewife's Adventures by jpink2010
#9
[b]सुबह जब चाचाजी की आँख खुली तो खुली ही रह गयी. उनकी आँखों के सामने सुरभि विजय से लिपटी हुई पड़ी थी उसने रात की तरह ही अपनी एक टांग विजय के ऊपर राखी हुई थी पर फर्क ये था की उसकी nighty उसकी कमर के ऊपर फंसी हुई थी और उसकी प्यारी मस्त गांड खुली नंगी उनकी आँखों के सामने थी. दिन का हल्का उजाला कमरे में फैला हुआ था और सुबह सुबह ऐसा मस्त नजारा देख कर चाचाजी का लंड फिर से हरकत में आने लगा. लेकिन तभी चाचाजी ने देखा की विजय भी हिलने डुलने लगा है तो उन्होंने आँखें बंद कर ली और सोने का नाटक करने लगे. विजय अंगडाई लेते हुए उठा और सुरभि को बेसुध देख उसे उस पर प्यार आया और उसने उसे किस कर दिया. पर तभी उसे ध्यान आया की बगल में चाचाजी भी सोये हुए है वो एक दम से हडबडाया और सुरभि की कंडीशन चेक करने लगा. यूँ तो सुरभि उससे रोज़ पूर्ण नंगी अवस्था में सोती हुई मिलती थी पर उस दिन की बात अलग थी. उसने जब देखा की सुरभि अपनी पूरी गांड चाचाजी की ओर उघाड़े मस्त अंदाज में सो रही है, उसकी साँसे अटक गयी पर उसने रहत की सांस ली की चाचाजी सोये हुए है वरना वो बेचारे क्या सोचते और उनका क्या हाल होता. उसने जल्दी से उसके गांड ढकी और आगे से भी उसे अच्छी तरह ढक दिया. पर जब वो उसकी ड्रेस ठीक कर रहा था तब चिपचिपा सा स्पर्म उसके हाथ में लगा. उसने सुंघा तो उसे पता चल गया वो स्पर्म ही था. विजय सोचने लगा
‘मैं भी न.. नींद में एक बार और सुरभि के ऊपर पानी छोड़ दिया. अगर सुरभि को पता चला होगा तो उठ कर बहुत लड़ेगी मुझसे’.
सुरभि को ठीक से ढक कर वो चाचाजी की ओर देखते हुए टॉयलेट में चला गया. उसके जाते ही चाचाजी ने आँखें खोली पर वो अद्भुत नजारा जो कुछ देर पहले उनके सामने था अब वो गायब हो चुका था. गहरी सांस ले कर चाचाजी ने फिर से आँखें बंद कर ली.
कुछ घंटो बाद तीनो लोग नाश्ते की टेबल पर बैठे थे सभी नहा धो कर फ्रेश हो चुके थे और विजय तो ऑफिस जाने के लिए रेडी था. चाचाजी ने अपनी वो ही बनियान और धोती पहनी हुई थी सुरभि ने स्लीवेलेस टॉप और कैप्री पहनी हुई थी उसने ब्रा और पेंटी पहनने की जेहमत नहीं उठाई थी. चाचाजी बोले,
“विजय मेरी शाम की बस की टिकेट करा देना मुझे जाना जरूरी है.”
“अरे चाचाजी कुछ दिन और रुक जाते बहुत अच्छा लग रहा था.” विजय भी अचरज में पड़ गया क्योंकि ये शब्द सुरभि के मुह से निकले थे. उसे दिल ही दिल में बहुत ख़ुशी हुई और वो अपनी ख़ूबसूरत बीवी पर गर्व करने लगा.
“हाँ चाचाजी सुरभि ठीक कह रही है.”
“बेटी अच्छा तो मुझे भी बहुत लग रहा है पर क्या करूँ मजबूरी है कोर्ट की तारीख को टाल नहीं सकता.”
“हाँ चाचाजी वो तो है, ठीक है आप शाम को रेडी रहना में टिकट करा दूंगा और आकर आपको छोड़ भी दूंगा.”
“ठीक है बेटा.” विजय घर से निकल गया.
विजय के घर से निकलते ही चाचाजी ललचाई नज़रों से सुरभि को देखने लगे. सुरभि उनकी नजरो को देखते ही समझ गयी की उनके मन में क्या चल रहा है.
“अभी नहीं चाचाजी अभी मुझे घर के काम निपटाने हैं और आपकी शाम की तेयारी भी करनी है.”
चाचाजी जानते थे सुरभि सही कह रही है वो भी वैसे थोड़ी देर आपने लंड को आराम देना चाहते थे ताकि सुरभि की लास्ट चुदाई अपने पुरे दम ख़म से कर सके. वो बोले
“ठीक है बेटी मैं जरा नीचे गार्डन में टहल कर आता हूँ.”
“ठीक है.”
सुरभि अपने काम में लग गयी और चाचाजी नीचे चले गए. अभी आधा घंटा ही हुआ था की डोर बेल की आवाज आई. सुरभि बडबढाती हुई दरवाजे की ओर बड़ी,
“ये चाचाजी को भी चैन नहीं है बोला था काम निपटाने दो और इतने जल्दी वापस आ गए.” कहता हुए उसने दरवाजा खोला और चौंक पड़ी ये देखकर की दरवाजे पर वो नर्स ज्योति खड़ी है. पर उसके अचरज का ठिकाना न रहा जब उसके साथ वो मेडिकल स्टोर वाला लड़का भी था जिससे सुरभि उस रात कंडोम ले कर आई थी.
सुरभि ने उसकी ओर ध्यान न देकर ज्योति से पुछा
“ तुम..... तुम यहाँ क्या कर रही हो.”
“अरे भाभीजी मैं बड़ी मुसीबत में फंस गयी हूँ.. ये रोहित मुझे ब्लैकमेल कर रहा है.”
“ब्लैकमेल.....” सुरभि पहले जोर से बोली फिर उसे ध्यान आया की वो दरवाजे पर खड़ी है उसने धीरे से दोनों को अन्दर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया.” रोहित ने मुस्कुराते हुए उसे आँख मारी और बेशर्मी से चलता हुआ ज्योति की बगल में सोफे पर बैठ गया.
“अरे मैडम मैं बताता हूँ... उस दिन जबसे आप मेरी मेडिकल स्टोर में कंडोम लेने आई थी तब से मेरा दिमाग खराब हो गया है. उस दिन मैं आपको पकड़ नहीं पाया पर हॉस्पिटल का एक सफाई कर्मचारी मेरा दोस्त है उसने मुझे बताया की उस रूम में उसे कंडोम का पैकेट मिला था और उसमे से एक कंडोम गायब था और फिर उसे डस्ट बिन में एक used कंडोम भी मिला था. और उसके बाद मैडम मैंने पता लगाया उस रात कौन सी नर्स ड्यूटी पर थी बस. हे हे हे .”
“मैडम अगर इसने ये बात एडमिनिस्ट्रेशन को बता दी की मैंने उस रात वहां सेक्स किया था तो मेरी नौकरी चली जाएगी.”
“लेकिन ये बात इसको कैसे मालूम.”
“वो मैडम इसने कंडोम वाली बात बताई तो तो .”
“तो क्या बेवकूफ उससे क्या साबित होता है. स्टुपिड.”
वो मैडम इसने मुझे डरा दिया था इसलिए .”
“तो क्या हुआ तुम अभी भी मन कर सकती हो.”
“वो मैडम इसने मेरी रिकॉर्डिंग कर ली.”
“हे हे हे मैडम और इस रिकॉर्डिंग में इसने आपका नाम भी लिया है की कैसे आपने अपने पेशेंट के साथ वहां मजे लिए और कैसे आप रात के १२ बजे कंडोम ले कर आई और वैसे मैं भी इस बात का गवाह हूँ और आप तो जानते है मेरे यहाँ कैमरा भी लगा रहता है तो..”
“ठीक है ठीक है अपनी बकवास बंद करो और पॉइंट पर आओ.”
“ह्म्म्म मैडम मैं तो ख़ुद चाहता हूँ की सीधे पॉइंट पर आऊँ तो पॉइंट ये है मैडम मैं आपको चोदना चाहता हूँ.”
शटअप क्या बकवास करते हो. कुछ पैसे वैसे चाहिए तो लो और दफा हो जाओ.”
“पैसे बहुत है मैडम पर आपके जैसी सेक्सी औरत को चोदना ही मेरा मकसद है.”
“क्यों ज्योति से काम नहीं चल रहा तुम्हारा.”
“इसे तो मैं पहले ही कई बार ठोक चुका हूँ.” वो बेशर्मी से हँसता हुआ बोला इसका बॉयफ्रेंड तो मेरे साथ मेडिकल स्टोर में काम करता है. हम दोनों ने मिलकर इसका कई बार सैंडविच बनाया है.” सुरभि को उस पर गुस्सा आ रहा था पर फिर भी वो पूछ बैठी.
“सैंडविच मतलब.”
“अरे क्या मैडम आप भी बच्चो जैसी बात करती है. मतलब इसका बॉय फ्रेंड इसकी चूत में पेल रहा था और मैं इसकी गांड मार रहा था. हा हा हा. .” उसकी इतनी गंदी व्याख्या सुन कर सुरभि का चेहरा लाल हो गया. ज्योति भी शर्मा रही थी.
“मैडम वैसे इस ज्योति ने बता दिया है की आप भी कम चालू नहीं है. अपने सुसर से टॉयलेट में मस्त चुदवाया है आपने. एक पेशेंट से उसी के रिश्तेदार द्वारा चुदवाने की बात अगर किसी को पता चले तो कितना मजेदार होगी.”
“ऐसा कुछ नहीं हुआ था वहां . ये लड़की अपने को बचने के लिए झूठ बोल रही है.”
“कोई बात नहीं फिर ये बातें आपके पति को बताते है फिर वो सच समझे या झूट हमें नहीं पता.”
“देखो तुम लोग ऐसा कुछ नहीं करोगे तुम पैसे बोलो कितने चाहिए .”
“मैडम बोला न मुझे तो बस आपकी चूत चाहिए वो भी बस एक बार उसके बाद में आपको डिस्टर्ब नहीं करूँगा.”
“ये नहीं हो सकता.”
“ठीक है मैडम फिर मैं आपके पति के ऑफिस जाता हूँ टोंक रोड पर है न उनका ऑफिस.”
“रुको देखो मेरे रिश्तेदार आज यहीं है वो शाम को चले जाएंगे तुम कल आना हम कल बात करेंगे.”
“मुझे कोई और बात नहीं करनी बस आपकी चुदाई करनी है बोलिए रेडी है तो मैं कल आता हूँ या फिर आपके हस्बैंड के ऑफिस जाता हूँ अभी.”
“ठीक है कल आ जाना पर बस एक बार .... और कंडोम तुम ही लेकर आना.” सुरभि गहरी सांस लेते हुए बोली. रोहित के चेहरे पर स्माइल आ गयी ‘तीर सही लग गया’, उसने सोचा. वो दोनों वापस निकल गए. सुरभि सोच रही थी की ‘ पिछले एक हफ्ते में वो कैसे एक शरीफ हाउसवाइफ के बदले एक बदचलन औरत बन गयी है. अभी तक तो एक चाचाजी से ही उसने चुदाई करवाई थी पर लगता है कल एक अनजान उससे कम उम्र का लड़का भी उसका मजा लेगा.. और वो ख़ुद .. क्या वो मजा नहीं लेगी.’
उसके शरीर पर फिर से चीटियाँ रेंगने लगी.
[/b]
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RE: Indian Housewife's Adventures - by sherlokholmes - 18-07-2020, 10:11 PM
RE: Indian Housewife's Adventures - by sksandiip1 - 19-07-2020, 10:20 PM
RE: Indian Housewife's Adventures - by RAHUL 23 - 22-07-2020, 12:49 PM
RE: Indian Housewife's Adventures - by RAHUL 23 - 26-07-2020, 01:19 PM
RE: Indian Housewife's Adventures - by Leo2524 - 28-07-2020, 01:51 PM
RE: Indian Housewife's Adventures - by sarit11 - 28-07-2020, 11:55 PM
RE: Indian Housewife's Adventures - by RAHUL 23 - 25-07-2020, 11:11 AM
RE: Indian Housewife's Adventures - by pujaa69 - 28-07-2020, 02:51 PM



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