03-03-2019, 11:01 AM
(This post was last modified: 24-02-2021, 01:20 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कजरी और झूला
![[Image: sixteen-baarish1.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/sixteen-baarish1.md.jpg)
झूले पे इस तरह झूलते, बारिश में भीगते, चुदाई का मजा लेते, हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे, दबा रहे थे।
झूला हो और कजरी ना हो, दिनेश ने मुझसे कहा और मैं मस्ती में गाने लगी-
हमरे आंगन में, नीम पे झूला डलवाय दो, हमका झुलाय दो ना,
अरे अपनी गोदिया में हमका बैठाय के, सजन झुलाय दो ना,
हमार दोनों जोबना पकड़, धक्का कस के लगावा, हमका झुलाय दो ना,
लण्ड कस के घुसावा, बुर हमरी चुदावा, चुदवाय दो ना, सजन सावन में हमका झुलाय दो ना,
बारिश अब और तेज हो गयी थी।
![[Image: sixteen-beautiful-rain-pictures-45-photos-041.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/sixteen-beautiful-rain-pictures-45-photos-041.md.jpg)
आंगन में पानी के बुलबुले फूट रहे थे। भाभी के मायके का आधा आंगन कच्चा था, जिसके बगल में फूलों की क्यारियां बनी थी। वहां मिट्टी गीली हो रही थी।
दिनेश ने मुझसे पूछा- “तुमने कभी बिना झूले के झूला, झूला है…”
मैंने कहा- “नहीं, बिना झूले के कैसे…”
वह बात काटकर बोला- “झूलना है, तुम्हें…”
उसके होंठ चूमते हुये, मैं बोली- “हां… जरूर…”
![[Image: rain-sex-5-bissydragondgwfhbf6beb.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/rain-sex-5-bissydragondgwfhbf6beb.md.jpg)
अब वह मुझे लिये झूले पर से उतरा, आधे से अधिक लण्ड मेरी चूत में घुसा था।
वह मुझे वैसे ही लिये वहां आया जहां आंगन कच्चा था और मुझे लिटा दिया। मेरी दोनों टांगों अभी भी उसी तरह उसके दोनों ओर फैली थीं। उसने अपनी दोनों टांगें मेरे चूतड़ के नीचे की और फिर अचानक मेरी कमर के नीचे हाथ डालकर मुझे उठा लिया।
मैं जैसे ऊपर आती, वह पीछे मुड़ जाता और जब वह आगे आता तो… मुझे लगभग अपने हाथों के सहारे जमीन पे लिटा देता, जैसे बच्चे सी-सा खेलते हैं उसी तरह। और इसी के साथ-साथ उसका लण्ड भी खूब कस-कस के रगड़ता हुआ मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था
। आंगन का पानी भी बहकर मिट्टी वाले हिस्से की ओर से आ रहा था और वहां पूरा कीचड़ हो रहा था। मेरे चूतड़ में भी कीचड़ थोड़ा लगा गया।
थोड़ी देर तक इस तरह झूला झूलाने के बाद उसने मुझे खींच के अपनी जांघ पे बिठा लिया और मेरे होंठों को कस के चूमते, पूछा- “क्यों कैसा लगा, झूला…”
उसके चुम्बन का जवाब मैंने भी खूब कस के उसे चूमते हुए दिया और बोली- “बहुत मजा गया…”
“तो लो इस तरह से भी झूलने का मजा लो…” अ
ब वह मुझे अपनी जांघ पर बिठाकर चोदते हुये ही झूलने का मजा दे रहा था। इसमें और भी मजा आ रहा था, कभी वह मेरी कमर पकड़ के झुलाता, कभी दोनों चूंचिया पकड़ के। थोड़ी देर इस तरह से झुलाने के बाद उसने मुझे मिट्टी पर लिटा दिया।
मेरी जांघें पूरी तरह फैली हुई थीं, और उसके बीच में वह।
![[Image: Fucking-G-CU-17378912.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/Fucking-G-CU-17378912.gif)
उसका आधे से भी ज्यादा, विशालकाय मोटा लण्ड मेरी चूत को फाड़ते हुये, उसके अंदर घुसा हुआ था।
पानी की धार चारों ओर उसके शरीर से होते हुये मेरी कंचन काया पर गिर रही थी। मेरी दोनों चूचियों को पकड़ वह मेरी आँखों में प्यार से झांक रहा था। जैसे उसकी आँखें पूछ रही हों- “क्यों… डाल दूं पूरा… दर्द तो तुम्हें होगा थोड़ा… पर मेरा मन भी…”
![[Image: sixteen-kacchetik5-1.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/sixteen-kacchetik5-1.md.jpg)
![[Image: sixteen-baarish1.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/sixteen-baarish1.md.jpg)
झूले पे इस तरह झूलते, बारिश में भीगते, चुदाई का मजा लेते, हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे, दबा रहे थे।
झूला हो और कजरी ना हो, दिनेश ने मुझसे कहा और मैं मस्ती में गाने लगी-
हमरे आंगन में, नीम पे झूला डलवाय दो, हमका झुलाय दो ना,
अरे अपनी गोदिया में हमका बैठाय के, सजन झुलाय दो ना,
हमार दोनों जोबना पकड़, धक्का कस के लगावा, हमका झुलाय दो ना,
लण्ड कस के घुसावा, बुर हमरी चुदावा, चुदवाय दो ना, सजन सावन में हमका झुलाय दो ना,
बारिश अब और तेज हो गयी थी।
![[Image: sixteen-beautiful-rain-pictures-45-photos-041.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/sixteen-beautiful-rain-pictures-45-photos-041.md.jpg)
आंगन में पानी के बुलबुले फूट रहे थे। भाभी के मायके का आधा आंगन कच्चा था, जिसके बगल में फूलों की क्यारियां बनी थी। वहां मिट्टी गीली हो रही थी।
दिनेश ने मुझसे पूछा- “तुमने कभी बिना झूले के झूला, झूला है…”
मैंने कहा- “नहीं, बिना झूले के कैसे…”
वह बात काटकर बोला- “झूलना है, तुम्हें…”
उसके होंठ चूमते हुये, मैं बोली- “हां… जरूर…”
![[Image: rain-sex-5-bissydragondgwfhbf6beb.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/rain-sex-5-bissydragondgwfhbf6beb.md.jpg)
अब वह मुझे लिये झूले पर से उतरा, आधे से अधिक लण्ड मेरी चूत में घुसा था।
वह मुझे वैसे ही लिये वहां आया जहां आंगन कच्चा था और मुझे लिटा दिया। मेरी दोनों टांगों अभी भी उसी तरह उसके दोनों ओर फैली थीं। उसने अपनी दोनों टांगें मेरे चूतड़ के नीचे की और फिर अचानक मेरी कमर के नीचे हाथ डालकर मुझे उठा लिया।
मैं जैसे ऊपर आती, वह पीछे मुड़ जाता और जब वह आगे आता तो… मुझे लगभग अपने हाथों के सहारे जमीन पे लिटा देता, जैसे बच्चे सी-सा खेलते हैं उसी तरह। और इसी के साथ-साथ उसका लण्ड भी खूब कस-कस के रगड़ता हुआ मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था
। आंगन का पानी भी बहकर मिट्टी वाले हिस्से की ओर से आ रहा था और वहां पूरा कीचड़ हो रहा था। मेरे चूतड़ में भी कीचड़ थोड़ा लगा गया।
थोड़ी देर तक इस तरह झूला झूलाने के बाद उसने मुझे खींच के अपनी जांघ पे बिठा लिया और मेरे होंठों को कस के चूमते, पूछा- “क्यों कैसा लगा, झूला…”
उसके चुम्बन का जवाब मैंने भी खूब कस के उसे चूमते हुए दिया और बोली- “बहुत मजा गया…”
“तो लो इस तरह से भी झूलने का मजा लो…” अ
ब वह मुझे अपनी जांघ पर बिठाकर चोदते हुये ही झूलने का मजा दे रहा था। इसमें और भी मजा आ रहा था, कभी वह मेरी कमर पकड़ के झुलाता, कभी दोनों चूंचिया पकड़ के। थोड़ी देर इस तरह से झुलाने के बाद उसने मुझे मिट्टी पर लिटा दिया।
मेरी जांघें पूरी तरह फैली हुई थीं, और उसके बीच में वह।
![[Image: Fucking-G-CU-17378912.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/Fucking-G-CU-17378912.gif)
उसका आधे से भी ज्यादा, विशालकाय मोटा लण्ड मेरी चूत को फाड़ते हुये, उसके अंदर घुसा हुआ था।
पानी की धार चारों ओर उसके शरीर से होते हुये मेरी कंचन काया पर गिर रही थी। मेरी दोनों चूचियों को पकड़ वह मेरी आँखों में प्यार से झांक रहा था। जैसे उसकी आँखें पूछ रही हों- “क्यों… डाल दूं पूरा… दर्द तो तुम्हें होगा थोड़ा… पर मेरा मन भी…”
![[Image: sixteen-kacchetik5-1.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/30/sixteen-kacchetik5-1.md.jpg)