16-07-2020, 02:19 PM
लंड घुसते ही रेनू का मुह बुरी तरह से खुल गया. रेनू की आँखें बाहर आने को हो गयी. रेनू को ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसकी चूत को ज़बरदस्ती खींच कर फाड़ रहा हो. रेनू की चूत की दीवारे बुरी तरह से खींची हुई महसूस हो रही थी.
रेनू चीखना चाहती थी लेकिन राजेश ने अपना हाथ रेनू के मूह पर रख कर रेनू की चीख को वही रोक दिया. रेनू के मूह से सिर्फ़ ह्म ह्म की आवाज़ आ रही थी. राजेश एक पल भी गवाए बिना एक और जोरदार धक्का जड़ देता है और राजेश का 2.5-3 इंच लंड रेनू की चूत में घुस जाता है..
रेनू बुरी तरह से तड़पने लगती है. रेनू ऐसे तड़प रही थी जैसे जल बिन मछली. रेनू की चूत से खून निकल रहा था. रेनू की दोनो आँखें आँसुओं की बाढ़ ला रही थी. राजेश को ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसके लंड को अपनी मुट्ठी में बहुत टाइट पकड़ रखा हो. राजेश को भी अपने लंड मे दर्द महसूस हो रहा था.
राजेश अभी उसी हालत में रुक जाता है है और रेनू को पूरी तरह से शांत होने का मौका देता है..
रेनू रोते हुए ह्म ह्म की आवाज़ निकाल रही थी. रेनू अपने नाखुनो से राजेश की बाजू को स्क्रॅच कर रही थी. यहाँ तक कि राजेश के कंधो से उसकी कोहनी तक रेनू ने 3-4 ऐसे स्क्रॅच मार दिए थे कि राजेश की बाजू से खून निकलने लगा था.
राजेश थोड़ा सा रेनू के उपर झुक कर रेनू की आँखों मे देखते हुए..
राजेश: बस जान तुम्हे जो दर्द होना था वो हो गया अब कभी नहीं होगा. देखो आज तुम सही मायनो मे औरत बनी हो.
राजेश रेनू की चूत पर हाथ लगा कर रेनू के सामने लाता है और रेनू को दिखाता है. रेनू राजेश के हाथों मे खून देखती है. रेनू खून देख कर डर जाती है
राजेश: डरो मत जान. ये तो मेने आज तुम्हारी सील तोड़ी है. उसका सबूत है. आज तुम सही मायने मे कली से फूल बनी हो.
राजेश इतना बोलकर एक बार फिर से अपनी बत्तीसी दिखा देता है. रेनू को बेहद दर्द हो रहा था लेकिन राजेश की बातों को सुन कर रेनू बुरी तरह से शरमा जाती है.
राजेश रेनू को शरमाते देख रेनू के होंठों की ओर बढ़ने लगता है और बड़े प्यार से रेनू के होंठों को अपने होंठों में क़ैद कर लेता है. रेनू को इस वक़्त राजेश का इतना रोमॅंटिक होना बहुत अच्छा लग रहा था क्यूँ कि इस वक़्त रेनू दर्द मे थी और राजेश का ये किस उसे दर्द से उभरने मे मदद कर रहा था. अभी रेनू दर्द से पूरी तरह से उभर भी नहीं पाई थी कि राजेश अपना लंड हल्के से बाहर खींचने लगता है..
राजेश के ऐसा करते ही रेनू को दर्द होता है. रेनू राजेश को रोकने के लिए किस तोड़ने की कोशिश करती है लेकिन राजेश रेनू के होंठो को नही छोड़ता . ऐसे मे रेनू राजेश को रोकने के लिए अपने दोनो पैरों को उठा कर राजेश की कमर के दोनो तरफ से जकड कर अंदर की ओर खींचने लगती है ताकि राजेश उपर उठ कर लंड बाहर ना निकाले और उसे दर्द ना हो लेकिन राजेश ज़ोर लगा कर अपनी कमर को पीछे की ओर खींचता है जिससे राजेश का लंड सुपाडे तक बाहर आ जाता है और फिर राजेश अपनी कमर एक दम से ढीली छोड़ देता है जिससे रेनू राजेश की कमर को अपनी ओर खींच रही थी तो राजेश का लंड एक बार फिर से अंदर चला जाता है. राजेश फिर से अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकाल देता है और रेनू उसे रोकने के चक्कर मे फिर से राजेश का लंड चूत मे ले लेती है.. जैसे जैसे राजेश का लंड अंदर बाहर होता है वैसे वैसे रेनू की सिसकारिया निकलना शुरू हो जाती है.
रेनू को बेतहाशा दर्द हो रहा था, रेनू बुरी तरह से फडफडा रही थी कि राजेश ने रेनू का किस तोड़ दिया. किस तोड़ते ही रेनू फफक के रो पड़ती है. रेनू की आँखों से आँसू बह रहे थे. रेनू राजेश से रिक्वेस्ट करते हुए बोलती है..
रेनू: प्लीज़ रुक जाओ. बहुत दर…द हो रहा है.. प्ल.. प्लीज़..
राजेश पर जैसे रेनू की चीख चीत्कार का कोई असर ही नहीं हो रहा था. राजेश एक पल को अपने लंड को बहुत ज़्यादा कसा-कसा महसूस करके थोड़ा सा धीरे होता है लेकिन अगले ही पल राजेश को कुछ याद आ जाता है और वो पूरा दम लगा कर अचानक से धक्का मार देता है..
रेनू राजेश को रोकने की खूब कोशिश कर रही थी लेकिन राजेश रेनू की कोई बात नहीं सुन रहा था. करीब 5-7 मिनट की दर्द भरी चुदाई के बाद रेनू की चूत राजेश के लंड को स्वीकारने लगती है लेकिन दर्द तो रेनू को अब भी हो रहा था. रेनू का गला जैसे बैठ गया हो ऐसे उसके मूह से सिसकारियाँ और दर्द भरी आह निकल रही थी. रेनू का सारा शराब का नशा इस दर्द भरी चुदाई से काफूर हो चुका था. दवा का असर भी अब काफ़ी हद तक कम हो चुका था. दरअसल रेनू के दर्द के सामने नशे की मात्रा कम पड़ गयी.
रेनू: प्लीज़ धीरे करो. मुझे सच्ची बहुत दर्द हो रहा है..
राजेश: क्या खाक धीरे-धीरे करूँ. तुम्हारे उस नामर्द पति से सील भी ढंग से नहीं तोड़ी गयी. तुम्हारी शादी के ७ साल हो गए लेकिन सारी मेहनत तो मुझे करनी पड़ रही है. मुझे भी दर्द हो रहा है और तुमने ये क्या धीरे-धीरे करो की रट लगा रखी है
रेनू राजेश की ओर देखती है.
रेनू: आप मेरे पति के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे आप.. आआअहह
रेनू बोल ही रही थी कि राजेश ज़ोर से धक्का मार देता है और रेनू की फिर से चीख निकल जाती है.
राजेश: तुमको ना ज़्यादा दिमाग़ नहीं लगाना चाहिए. क्या मेरा पति मेरा पति. वो इतना ही अच्छा है तो तुमको मेरे पास क्यों भेजा. मुझसे २ करोड़ लेकर बैठा है. पैसे तो वापस नहीं किये और ३ महीने से ब्याज भी नहीं दे रहा. जब मैंने ब्याज माँगा तो बोला की ब्याज के बदले मेरी बीवी चोद लो. समझी. अब बता की तुझे मैं प्यार करता हूँ की नहीं जो दो लाख महीने के बदले तेरी ले रहा हूँ. अरे दो लाख में तो तेरे जैसी १० रंडिया आ जाएँगी...
रेनू चीखना चाहती थी लेकिन राजेश ने अपना हाथ रेनू के मूह पर रख कर रेनू की चीख को वही रोक दिया. रेनू के मूह से सिर्फ़ ह्म ह्म की आवाज़ आ रही थी. राजेश एक पल भी गवाए बिना एक और जोरदार धक्का जड़ देता है और राजेश का 2.5-3 इंच लंड रेनू की चूत में घुस जाता है..
रेनू बुरी तरह से तड़पने लगती है. रेनू ऐसे तड़प रही थी जैसे जल बिन मछली. रेनू की चूत से खून निकल रहा था. रेनू की दोनो आँखें आँसुओं की बाढ़ ला रही थी. राजेश को ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसके लंड को अपनी मुट्ठी में बहुत टाइट पकड़ रखा हो. राजेश को भी अपने लंड मे दर्द महसूस हो रहा था.
राजेश अभी उसी हालत में रुक जाता है है और रेनू को पूरी तरह से शांत होने का मौका देता है..
रेनू रोते हुए ह्म ह्म की आवाज़ निकाल रही थी. रेनू अपने नाखुनो से राजेश की बाजू को स्क्रॅच कर रही थी. यहाँ तक कि राजेश के कंधो से उसकी कोहनी तक रेनू ने 3-4 ऐसे स्क्रॅच मार दिए थे कि राजेश की बाजू से खून निकलने लगा था.
राजेश थोड़ा सा रेनू के उपर झुक कर रेनू की आँखों मे देखते हुए..
राजेश: बस जान तुम्हे जो दर्द होना था वो हो गया अब कभी नहीं होगा. देखो आज तुम सही मायनो मे औरत बनी हो.
राजेश रेनू की चूत पर हाथ लगा कर रेनू के सामने लाता है और रेनू को दिखाता है. रेनू राजेश के हाथों मे खून देखती है. रेनू खून देख कर डर जाती है
राजेश: डरो मत जान. ये तो मेने आज तुम्हारी सील तोड़ी है. उसका सबूत है. आज तुम सही मायने मे कली से फूल बनी हो.
राजेश इतना बोलकर एक बार फिर से अपनी बत्तीसी दिखा देता है. रेनू को बेहद दर्द हो रहा था लेकिन राजेश की बातों को सुन कर रेनू बुरी तरह से शरमा जाती है.
राजेश रेनू को शरमाते देख रेनू के होंठों की ओर बढ़ने लगता है और बड़े प्यार से रेनू के होंठों को अपने होंठों में क़ैद कर लेता है. रेनू को इस वक़्त राजेश का इतना रोमॅंटिक होना बहुत अच्छा लग रहा था क्यूँ कि इस वक़्त रेनू दर्द मे थी और राजेश का ये किस उसे दर्द से उभरने मे मदद कर रहा था. अभी रेनू दर्द से पूरी तरह से उभर भी नहीं पाई थी कि राजेश अपना लंड हल्के से बाहर खींचने लगता है..
राजेश के ऐसा करते ही रेनू को दर्द होता है. रेनू राजेश को रोकने के लिए किस तोड़ने की कोशिश करती है लेकिन राजेश रेनू के होंठो को नही छोड़ता . ऐसे मे रेनू राजेश को रोकने के लिए अपने दोनो पैरों को उठा कर राजेश की कमर के दोनो तरफ से जकड कर अंदर की ओर खींचने लगती है ताकि राजेश उपर उठ कर लंड बाहर ना निकाले और उसे दर्द ना हो लेकिन राजेश ज़ोर लगा कर अपनी कमर को पीछे की ओर खींचता है जिससे राजेश का लंड सुपाडे तक बाहर आ जाता है और फिर राजेश अपनी कमर एक दम से ढीली छोड़ देता है जिससे रेनू राजेश की कमर को अपनी ओर खींच रही थी तो राजेश का लंड एक बार फिर से अंदर चला जाता है. राजेश फिर से अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकाल देता है और रेनू उसे रोकने के चक्कर मे फिर से राजेश का लंड चूत मे ले लेती है.. जैसे जैसे राजेश का लंड अंदर बाहर होता है वैसे वैसे रेनू की सिसकारिया निकलना शुरू हो जाती है.
रेनू को बेतहाशा दर्द हो रहा था, रेनू बुरी तरह से फडफडा रही थी कि राजेश ने रेनू का किस तोड़ दिया. किस तोड़ते ही रेनू फफक के रो पड़ती है. रेनू की आँखों से आँसू बह रहे थे. रेनू राजेश से रिक्वेस्ट करते हुए बोलती है..
रेनू: प्लीज़ रुक जाओ. बहुत दर…द हो रहा है.. प्ल.. प्लीज़..
राजेश पर जैसे रेनू की चीख चीत्कार का कोई असर ही नहीं हो रहा था. राजेश एक पल को अपने लंड को बहुत ज़्यादा कसा-कसा महसूस करके थोड़ा सा धीरे होता है लेकिन अगले ही पल राजेश को कुछ याद आ जाता है और वो पूरा दम लगा कर अचानक से धक्का मार देता है..
रेनू राजेश को रोकने की खूब कोशिश कर रही थी लेकिन राजेश रेनू की कोई बात नहीं सुन रहा था. करीब 5-7 मिनट की दर्द भरी चुदाई के बाद रेनू की चूत राजेश के लंड को स्वीकारने लगती है लेकिन दर्द तो रेनू को अब भी हो रहा था. रेनू का गला जैसे बैठ गया हो ऐसे उसके मूह से सिसकारियाँ और दर्द भरी आह निकल रही थी. रेनू का सारा शराब का नशा इस दर्द भरी चुदाई से काफूर हो चुका था. दवा का असर भी अब काफ़ी हद तक कम हो चुका था. दरअसल रेनू के दर्द के सामने नशे की मात्रा कम पड़ गयी.
रेनू: प्लीज़ धीरे करो. मुझे सच्ची बहुत दर्द हो रहा है..
राजेश: क्या खाक धीरे-धीरे करूँ. तुम्हारे उस नामर्द पति से सील भी ढंग से नहीं तोड़ी गयी. तुम्हारी शादी के ७ साल हो गए लेकिन सारी मेहनत तो मुझे करनी पड़ रही है. मुझे भी दर्द हो रहा है और तुमने ये क्या धीरे-धीरे करो की रट लगा रखी है
रेनू राजेश की ओर देखती है.
रेनू: आप मेरे पति के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे आप.. आआअहह
रेनू बोल ही रही थी कि राजेश ज़ोर से धक्का मार देता है और रेनू की फिर से चीख निकल जाती है.
राजेश: तुमको ना ज़्यादा दिमाग़ नहीं लगाना चाहिए. क्या मेरा पति मेरा पति. वो इतना ही अच्छा है तो तुमको मेरे पास क्यों भेजा. मुझसे २ करोड़ लेकर बैठा है. पैसे तो वापस नहीं किये और ३ महीने से ब्याज भी नहीं दे रहा. जब मैंने ब्याज माँगा तो बोला की ब्याज के बदले मेरी बीवी चोद लो. समझी. अब बता की तुझे मैं प्यार करता हूँ की नहीं जो दो लाख महीने के बदले तेरी ले रहा हूँ. अरे दो लाख में तो तेरे जैसी १० रंडिया आ जाएँगी...