16-07-2020, 02:04 PM
रेनू: नहीं नहीं.. प्लीज़ राजेश जी जो आपने कहा सब मैंने किया.. प्लीज़ ये मत करो.. मैं आपका हाथ से कर देती हूँ.
राजेश: हाथ से क्या कर देगी तू..?
रेनू: प्लीज़ मैंने आपकी सारी बात मानी आप मेरी एक बात मान लीजिए..
राजेश: क्यूँ मान लूँ? तूमने मेरी क्या बात मानी?
रेनू: आपकी सारी बात तो कब से मान रही हूँ.
राजेश: तुम मेरी केवल एक बात मान लो और मैं कुछ नहीं चाहता
रेनू: बोलिए मैं आपकी सारी बातें मानूंगी
राजेश: तो वादा करो की तुम मुझसे रोज चुदवाओगी. हो तैयार
रेनू: नहीं नहीं राजेश जी. मैं ये नहीं कर पाऊंगी. मैं एक शादीशुदा औरत हूँ. मैं मनीष को क्या बोलूंगी
राजेश: तो तुम्हे क्या लगता है. मनीष को पता नहीं है. मेरी जान देखो सब लोग मेरे जन्मदिन का तोहफा लेकर आये थे और मनीष क्या लाया? तुम्हे? तुम मेरा बर्थडे गिफ्ट हो. समझी.
रेनू को राजेश की बात पर विश्वास नहीं होता. उसे लगता है की राजेश झूठ बोल रहा है. इधर राजेश बातों मे उलझा कर अपना लंड रेनू की चूत पर सेट कर चुका था. रेनू इन सब से बेख़बर थी. तभी राजेश रेनू की ओर देख कर बोलता है.
राजेश: रेनू मेरी जान
रेनू कुछ पूछना चाहती थी लेकिन बोलते-बोलते रुक जाती है और राजेश की ओर देखने लगती है..
राजेश: आइ लव यू जान..
ऐसा बोल कर राजेश रेनू की ओर देख कर मुस्कुरा देता है. रेनू अभी राजेश की मुस्कुराहट को ठीक से समझ भी नहीं पाई थी कि राजेश अपने लंड के सुपाडे को ज़ोर लगा कर रेनू की चूत पर दबाने लगता है लेकिन राजेश का सुपाडा बहुत मोटा था, रेनू की चूत में इतनी आसानी से कैसे घुसता. उपर से रेनू और राजेश दोनो नशे में थे. फिर भी राजेश को कुछ याद आता है और वो शराब का ग्लास लेने के लिए एक बार रेनू की टाँगो के बीच से निकल जाता है..
रेनू इस का फ़ायदा उठा कर अपनी दोनो टाँगो को समेट लेती है लेकिन रेनू कुछ और कर पाती इस से पहले राजेश एक बार फिर से रेनू के पास पहुँच जाता है. राजेश रेनू को घूर कर देखता है..
राजेश: मादरचोद. फिर से नाटक?
राजेश अपनी थप्पड़ वाला हाथ उठाता है कि रेनू अपना रोने वाला मूह बना कर राजेश की ओर देखने लगती है..
राजेश: टांगे खोल दे..चुप चाप वरना फिर से झापड़ पड़ेगा ना तो मुझसे मत कहना.
रेनू: प्लीज़ मत मारो मुझे
राजेश: मैं भी कहाँ तुम्हे मारना चाहता हूँ. मुझे ये सब पसंद नहीं है लेकिन मैं तुम्हारी मारना चाहता हूँ और वो मुझे बहुत पसंद है अब तूम मुझे चुपचाप मार लेने दो.
रेनू राजेश की ओर देखती है. रेनू की आँखों से आँसू बहने लगते है लेकिन राजेश पर कोई फर्क नहीं पड़ता. जब सब कुछ आजमा कर रेनू हार जाती है तो अपनी टांगे आख़िर में खोल देती है लेकिन वो राजेश के मोटे लंड से डर भी रही है इसीलिए राजेश पर इमोशनल वार करते हुए बोलती है
रेनू: लो जो चाहते हो वो कर दिया. अब जो करना है कर लो. बस अब ये मत कहना की मुझे प्यार करते हो. तुम्हे मुझसे सिर्फ़ यही चाहिए ना.
राजेश बड़ी बेपरवाही से रेनू की ओर देखता है और बेशर्मो की तरह बोलता है..
राजेश: हां यही चाहिए.. (कंधे उचकाते हुए)
रेनू: राजेश की ओर बड़ी बड़ी आँखें निकाल कर देखने लगती है और मन ही मन सोचती है कैसा आदमी है एमोशनल भी नहीं हुआ…
तभी राजेश जो शराब का ग्लास लाया था उसे रेनू की चूत पर गिरा देता है और रेनू की चूत चाटने लगता है.. कुछ 2-3 मिनिट मे फिर से रेनू गरम हो जाती है और उसकी चूत अंदर तक गीली हो जाती है. इस दौरान रेनू खूब कोशिश करती है कि वो राजेश का मूह अपनी चूत पर से हटा दे. लेकिन रेनू के हाथ आज सिर्फ़ नाकामी ही लगनी थी.
राजेश: जान अब चुदाइ शुरू करें..?
रेनू राजेश की और नहीं देख कर दूसरी और मूह कर लेती है..लेकिन राजेश को इस बात से कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता.
राजेश एक बार फिर से खड़ा होकर रेनू की चूत के मूह पर अपने लंड का सुपाडा लगाता है फिर अपने मूह में ढेर सारा थूक इकट्ठा करके रेनू की चूत पर गिरा कर अपने लंड को उसकी चूत के उपर घिसने लगता है. जब राजेश को लगता है कि उसका लंड पूरी तरह से थूक मे चिकना हो गया और रेनू की चूत भी गीली लगने लगती है तो राजेश अपने लंड के सुपाडे को रेनू की चूत के मूह पर रख कर धीरे-धीरे दबाव डालने लगता है और रेनू खुद को आने वाले दर्द के लिए तैयार करने मे लग जाती है. लेकिन रेनू दर्द से अपनी कमर इधर उधर करने लगती है जिससे राजेश का लंड बार बार फिसल कर रेनू की चूत मे जाने की बजाय रेनू की चूत के उपर चला जाता. इस सब मे रेनू को भी ठरक चढ़ने लगती है. क्यूँकि एक तो रेनू पर दावा का असर था उपर से जब राजेश का लंड फिसलता तो वो रेनू की चूत के दाने को छेड़ता रगड़ता हुआ उपर जाता. रेनू मज़े से पागल होती हुई अपनी टांगे थोड़ी सी और खोल देती है.
बस राजेश को यही चाहिए था. रेनू की चूत का जो थोड़ा सा मूह मनीष ने अपने नॉर्मल लंड से खोला था राजेश अपने लंड के सुपाडे को उस छेद के थोड़ा नीचे की ओर अपना लंड रख कर धक्का मारता है. रेनू इस बार भी हर बार की तरह अपनी कमर उपर कर देती है लेकिन इस बार राजेश ने धक्का नहीं मारा और रेनू ने राजेश के धक्के से पहले ही अपनी कमर उपर उठा दी बस राजेश इसी मौके के इंतजार मे था. राजेश ने बिना वक़्त गवाए अपनी कमर को एक ज़ोरदार धक्का मारा और राजेश का सुपाडा रेनू की चूत को खोलते हुए रेनू की चूत मे घुस गया.
राजेश: हाथ से क्या कर देगी तू..?
रेनू: प्लीज़ मैंने आपकी सारी बात मानी आप मेरी एक बात मान लीजिए..
राजेश: क्यूँ मान लूँ? तूमने मेरी क्या बात मानी?
रेनू: आपकी सारी बात तो कब से मान रही हूँ.
राजेश: तुम मेरी केवल एक बात मान लो और मैं कुछ नहीं चाहता
रेनू: बोलिए मैं आपकी सारी बातें मानूंगी
राजेश: तो वादा करो की तुम मुझसे रोज चुदवाओगी. हो तैयार
रेनू: नहीं नहीं राजेश जी. मैं ये नहीं कर पाऊंगी. मैं एक शादीशुदा औरत हूँ. मैं मनीष को क्या बोलूंगी
राजेश: तो तुम्हे क्या लगता है. मनीष को पता नहीं है. मेरी जान देखो सब लोग मेरे जन्मदिन का तोहफा लेकर आये थे और मनीष क्या लाया? तुम्हे? तुम मेरा बर्थडे गिफ्ट हो. समझी.
रेनू को राजेश की बात पर विश्वास नहीं होता. उसे लगता है की राजेश झूठ बोल रहा है. इधर राजेश बातों मे उलझा कर अपना लंड रेनू की चूत पर सेट कर चुका था. रेनू इन सब से बेख़बर थी. तभी राजेश रेनू की ओर देख कर बोलता है.
राजेश: रेनू मेरी जान
रेनू कुछ पूछना चाहती थी लेकिन बोलते-बोलते रुक जाती है और राजेश की ओर देखने लगती है..
राजेश: आइ लव यू जान..
ऐसा बोल कर राजेश रेनू की ओर देख कर मुस्कुरा देता है. रेनू अभी राजेश की मुस्कुराहट को ठीक से समझ भी नहीं पाई थी कि राजेश अपने लंड के सुपाडे को ज़ोर लगा कर रेनू की चूत पर दबाने लगता है लेकिन राजेश का सुपाडा बहुत मोटा था, रेनू की चूत में इतनी आसानी से कैसे घुसता. उपर से रेनू और राजेश दोनो नशे में थे. फिर भी राजेश को कुछ याद आता है और वो शराब का ग्लास लेने के लिए एक बार रेनू की टाँगो के बीच से निकल जाता है..
रेनू इस का फ़ायदा उठा कर अपनी दोनो टाँगो को समेट लेती है लेकिन रेनू कुछ और कर पाती इस से पहले राजेश एक बार फिर से रेनू के पास पहुँच जाता है. राजेश रेनू को घूर कर देखता है..
राजेश: मादरचोद. फिर से नाटक?
राजेश अपनी थप्पड़ वाला हाथ उठाता है कि रेनू अपना रोने वाला मूह बना कर राजेश की ओर देखने लगती है..
राजेश: टांगे खोल दे..चुप चाप वरना फिर से झापड़ पड़ेगा ना तो मुझसे मत कहना.
रेनू: प्लीज़ मत मारो मुझे
राजेश: मैं भी कहाँ तुम्हे मारना चाहता हूँ. मुझे ये सब पसंद नहीं है लेकिन मैं तुम्हारी मारना चाहता हूँ और वो मुझे बहुत पसंद है अब तूम मुझे चुपचाप मार लेने दो.
रेनू राजेश की ओर देखती है. रेनू की आँखों से आँसू बहने लगते है लेकिन राजेश पर कोई फर्क नहीं पड़ता. जब सब कुछ आजमा कर रेनू हार जाती है तो अपनी टांगे आख़िर में खोल देती है लेकिन वो राजेश के मोटे लंड से डर भी रही है इसीलिए राजेश पर इमोशनल वार करते हुए बोलती है
रेनू: लो जो चाहते हो वो कर दिया. अब जो करना है कर लो. बस अब ये मत कहना की मुझे प्यार करते हो. तुम्हे मुझसे सिर्फ़ यही चाहिए ना.
राजेश बड़ी बेपरवाही से रेनू की ओर देखता है और बेशर्मो की तरह बोलता है..
राजेश: हां यही चाहिए.. (कंधे उचकाते हुए)
रेनू: राजेश की ओर बड़ी बड़ी आँखें निकाल कर देखने लगती है और मन ही मन सोचती है कैसा आदमी है एमोशनल भी नहीं हुआ…
तभी राजेश जो शराब का ग्लास लाया था उसे रेनू की चूत पर गिरा देता है और रेनू की चूत चाटने लगता है.. कुछ 2-3 मिनिट मे फिर से रेनू गरम हो जाती है और उसकी चूत अंदर तक गीली हो जाती है. इस दौरान रेनू खूब कोशिश करती है कि वो राजेश का मूह अपनी चूत पर से हटा दे. लेकिन रेनू के हाथ आज सिर्फ़ नाकामी ही लगनी थी.
राजेश: जान अब चुदाइ शुरू करें..?
रेनू राजेश की और नहीं देख कर दूसरी और मूह कर लेती है..लेकिन राजेश को इस बात से कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता.
राजेश एक बार फिर से खड़ा होकर रेनू की चूत के मूह पर अपने लंड का सुपाडा लगाता है फिर अपने मूह में ढेर सारा थूक इकट्ठा करके रेनू की चूत पर गिरा कर अपने लंड को उसकी चूत के उपर घिसने लगता है. जब राजेश को लगता है कि उसका लंड पूरी तरह से थूक मे चिकना हो गया और रेनू की चूत भी गीली लगने लगती है तो राजेश अपने लंड के सुपाडे को रेनू की चूत के मूह पर रख कर धीरे-धीरे दबाव डालने लगता है और रेनू खुद को आने वाले दर्द के लिए तैयार करने मे लग जाती है. लेकिन रेनू दर्द से अपनी कमर इधर उधर करने लगती है जिससे राजेश का लंड बार बार फिसल कर रेनू की चूत मे जाने की बजाय रेनू की चूत के उपर चला जाता. इस सब मे रेनू को भी ठरक चढ़ने लगती है. क्यूँकि एक तो रेनू पर दावा का असर था उपर से जब राजेश का लंड फिसलता तो वो रेनू की चूत के दाने को छेड़ता रगड़ता हुआ उपर जाता. रेनू मज़े से पागल होती हुई अपनी टांगे थोड़ी सी और खोल देती है.
बस राजेश को यही चाहिए था. रेनू की चूत का जो थोड़ा सा मूह मनीष ने अपने नॉर्मल लंड से खोला था राजेश अपने लंड के सुपाडे को उस छेद के थोड़ा नीचे की ओर अपना लंड रख कर धक्का मारता है. रेनू इस बार भी हर बार की तरह अपनी कमर उपर कर देती है लेकिन इस बार राजेश ने धक्का नहीं मारा और रेनू ने राजेश के धक्के से पहले ही अपनी कमर उपर उठा दी बस राजेश इसी मौके के इंतजार मे था. राजेश ने बिना वक़्त गवाए अपनी कमर को एक ज़ोरदार धक्का मारा और राजेश का सुपाडा रेनू की चूत को खोलते हुए रेनू की चूत मे घुस गया.