15-07-2020, 01:59 PM
रेनू राजेश के डाइरेक्ट वर्ड से बुरी तरह से शरमा रही थी और साथ ही साथ मन ही मन राजेश को गालियाँ दे रही थी. अभी रेनू शरमा ही रही थी कि राजेश एक बार फिर से रेनू की टाँगो को खोल कर अपना मूह रेनू की चूत पर लगा देता है.
रेनू एक बार फिर से अंदर तक हिल जाती है. राजेश अपनी ज़ुबान से रेनू की चूत के दाने को छेड़े जा रहा था और रेनू पीछे होने की कोशिश कर रही थी.
राजेश बार-बार रेनू को पीछे होते देख गुस्सा हो जाता है और रेनू की दोनो टाँगो को उठा कर अपने कंधो पर रख लेता है और अपने हाथ रेनू की पीठ से होते हुए रेनू के दोनो कंधो को पकड़ कर अपनी ओर खींच कर पकड़ लेता है. अब रेनू पीछे क्या दाएँ बाएँ भी नहीं हो सकती थी. इन सब के दौरान राजेश का मूह रेनू की चूत पर ही था. अब राजेश रेनू की चूत पागलों की तरह चूस रहा था. कुछ ही पल मे रेनू अपने दूसरे-तीसरे ऑर्गॅज़म की तरफ पहुँच जाती है. राजेश रेनू के अकड़ते हुए बदन को देख कर समझ जाता है कि रेनू झड़ने वाली है लेकिन राजेश अपना मूह रेनू की चूत से नहीं हटाता.
रेनू एक बार फिर से राजेश के मूह मे झड जाती है. इस बार रेनू का ऑर्गॅज़म 2 से 2.30 मिनिट मे ही हो गया था. रेनू हाँफने लगती है. अभी रेनू अपनी सांसो को संभाल ने की कोशिश कर ही रही थी कि उसे राजेश की स्लर्प्प्प्प स्लरप्प की आवाज़ सुनाई देती है और रेनू एक बार फिर से शरमा जाती है जब रेनू को एहसास होता है कि वो अभी राजेश के मूह पर झड गई थी और राजेश उसकी चूत से मूह लगा कर उसकी चूत के पानी का जायका ले रहा है.
रेनू शरमाती हुई हंसते हुए राजेश से बोलती है..
रेनू: उफ्फ ये क्या कर रहे हो हटो वहाँ से गंदा है ये सब..
राजेश रेनू की एक भी बात नहीं सुनता बस एक बार मूह उठा कर इतना सा जवाब देता है..
राजेश: तुझे दिखाई नहीं देता तेरी चूत चाट रहा हूँ...
राजेश के मूह से अपने लिए ऐसे वर्ड सुन कर रेनू फिर से शरमा जाती है. अब तो जैसे सवाल पूछना भी रेनू के लिए आफ़त बन चुका था.
अब राजेश रेनू के उपर लेट जाता है और रेनू के होंटो को अपने मूह मे ले लेता है. रेनू के मूह मे अपनी ही चूत का स्वाद आता है तो रेनू अपना मूह हटाने की कोशिश करती है लेकिन राजेश रेनू को ऐसा नहीं करने देता. राजेश अपनी ज़ुबान रेनू के मूह मे डालने की कोशिश करता है कि रेनू ज़ोर लगा कर अपना मूह बंद कर लेती है.
राजेश चालाकी दिखाते हुए अपना हाथ रेनू की चूत पर रख लेता है और अपने एक पैर से रेनू का एक पैर दबा कर रखता है. रेनू दूसरे पैर से अपनी चूत को बचाने की कोशिश करने लगती है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. तब तक राजेश अपनी बीच की एक उंगली रेनू की चूत में डाल देता है.. रेनू खूब पैर पटक ती है लेकिन कोई फ़ायदा नहीं था. राजेश 3-4 बार अपनी उंगली चूत में अंदर बाहर करने के बाद भी जब रेनू का मूह नहीं खुलते देखता है तो दोनो बीच वाली उंगली चूत में डाल देता है. दर्द से रेनू का मूह खुल जाता है और राजेश ने जहाँ एक तरफ रेनू की चूत मे अपनी दोनो बीच की उंगलियाँ डाल रखा था वही रेनू के मूह खुलते ही अपनी ज़ुबान रेनू के मूह मे डाल देता है..
अब राजेश रेनू को चूमते हुए अपनी उंगलियाँ रेनू की चूत के अंदर बाहर करने लगता है. रेनू अभी 2-3 मिनिट पहले ही अपने ऑर्गॅज़म को प्राप्त कर चुकी थी लेकिन दवाई के असर ने उसे एक बार फिर से गरम कर दिया. रेनू की चूत से धीरे-धीरे पानी निकालने लगता है. रेनू किसी तरह खुद को संभालने की कोशिश कर रही थी. लेकिन राजेश उसे अब कोई मौका नहीं देना चाहता था. राजेश तेज़ी से अपनी उंगलियाँ रेनू की चूत के अंदर बाहर करने लग गया. रेनू जहाँ राजेश का हाथ पकड़ रखी थी उसका हाथ रोकने के लिए लेकिन राजेश के ज़ोर के आगे रेनू की कैसे चल सकती थी. कुछ 40-45 सेकेंड मे ही रेनू एक बार फिर से ऑर्गॅज़म को प्राप्त हो गई. उसकी चूत ने ढेर सारा पानी निकाला था. उसके बिस्तर पर आधे हाथ जितना बड़ा गीला धब्बा बन गया था और राजेश की हथेली पूरी तरह से रेनू की चूत के रस से सन गई थी..
राजेश अपनी किस तोड़ कर रेनू को देखता है. रेनू आँखें बंद किए हाँफ रही थी लेकिन राजेश एक बार फिरसे अपनी उंगलियो को तेज़ी से रेनू की चूत में तेज़ी से चलाने लगता है रेनू का मूह इस बार किसी बंधन मे नहीं था. रेनू सिसकारिया लेती हुई एक बार फिर से अपने ऑर्गॅज़म की ओर बढ़ गयी. रेनू अब और ज़्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकी और रेनू ने अपनी कमर उपर की ओर उठा दी. रेनू की चूत से एक लंबी सी धार बह कर बिस्तर पर गिर गई. लगभग 10-10 सेकेंड रुककर रेनू की चूत पानी छोड़ने लगी और आधे हाथ का धब्बा अब पूरे एक हाथ का बन गया था.
रेनू का शरीर इस अद्भुत बॅक टू बॅक ऑर्गॅज़म के कारण काँप रहा था. उसकी कमर बार बार हवा मे उठ रही थी. राजेश दूर से रेनू को काँपते देख रहा था. रेनू का सर भारी हो चुका था और उसका शरीर बिल्कुल हल्का हो गया था. रेनू को ज़ोर दार प्यास लगी थी. रेनू पानी के ग्लास की ओर हाथ बढ़ाती है पर राजेश पानी का ग्लास पकड़ कर दूर रख देता है..
रेनू बिस्तर पर पड़ी राजेश की ओर देखती है. राजेश रेनू का हाथ पकड़ कर रेनू को बिस्तर के नीचे उतार कर खड़ा कर देता है. रेनू के पैर काँप रहे थे, उसे खड़े होने मे दिक्कत आ रही थी. राजेश एक बार फिर से रेनू के पीछे चला जाता है. रेनू इस वक़्त राजेश को रोकने की हालत मे नहीं थी. राजेश रेनू के पीछे जाकर अपना लंड बड़ी सावधानी से रेनू की चूत के उपर रख देता है..
रेनू एक बार फिर से अंदर तक हिल जाती है. राजेश अपनी ज़ुबान से रेनू की चूत के दाने को छेड़े जा रहा था और रेनू पीछे होने की कोशिश कर रही थी.
राजेश बार-बार रेनू को पीछे होते देख गुस्सा हो जाता है और रेनू की दोनो टाँगो को उठा कर अपने कंधो पर रख लेता है और अपने हाथ रेनू की पीठ से होते हुए रेनू के दोनो कंधो को पकड़ कर अपनी ओर खींच कर पकड़ लेता है. अब रेनू पीछे क्या दाएँ बाएँ भी नहीं हो सकती थी. इन सब के दौरान राजेश का मूह रेनू की चूत पर ही था. अब राजेश रेनू की चूत पागलों की तरह चूस रहा था. कुछ ही पल मे रेनू अपने दूसरे-तीसरे ऑर्गॅज़म की तरफ पहुँच जाती है. राजेश रेनू के अकड़ते हुए बदन को देख कर समझ जाता है कि रेनू झड़ने वाली है लेकिन राजेश अपना मूह रेनू की चूत से नहीं हटाता.
रेनू एक बार फिर से राजेश के मूह मे झड जाती है. इस बार रेनू का ऑर्गॅज़म 2 से 2.30 मिनिट मे ही हो गया था. रेनू हाँफने लगती है. अभी रेनू अपनी सांसो को संभाल ने की कोशिश कर ही रही थी कि उसे राजेश की स्लर्प्प्प्प स्लरप्प की आवाज़ सुनाई देती है और रेनू एक बार फिर से शरमा जाती है जब रेनू को एहसास होता है कि वो अभी राजेश के मूह पर झड गई थी और राजेश उसकी चूत से मूह लगा कर उसकी चूत के पानी का जायका ले रहा है.
रेनू शरमाती हुई हंसते हुए राजेश से बोलती है..
रेनू: उफ्फ ये क्या कर रहे हो हटो वहाँ से गंदा है ये सब..
राजेश रेनू की एक भी बात नहीं सुनता बस एक बार मूह उठा कर इतना सा जवाब देता है..
राजेश: तुझे दिखाई नहीं देता तेरी चूत चाट रहा हूँ...
राजेश के मूह से अपने लिए ऐसे वर्ड सुन कर रेनू फिर से शरमा जाती है. अब तो जैसे सवाल पूछना भी रेनू के लिए आफ़त बन चुका था.
अब राजेश रेनू के उपर लेट जाता है और रेनू के होंटो को अपने मूह मे ले लेता है. रेनू के मूह मे अपनी ही चूत का स्वाद आता है तो रेनू अपना मूह हटाने की कोशिश करती है लेकिन राजेश रेनू को ऐसा नहीं करने देता. राजेश अपनी ज़ुबान रेनू के मूह मे डालने की कोशिश करता है कि रेनू ज़ोर लगा कर अपना मूह बंद कर लेती है.
राजेश चालाकी दिखाते हुए अपना हाथ रेनू की चूत पर रख लेता है और अपने एक पैर से रेनू का एक पैर दबा कर रखता है. रेनू दूसरे पैर से अपनी चूत को बचाने की कोशिश करने लगती है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. तब तक राजेश अपनी बीच की एक उंगली रेनू की चूत में डाल देता है.. रेनू खूब पैर पटक ती है लेकिन कोई फ़ायदा नहीं था. राजेश 3-4 बार अपनी उंगली चूत में अंदर बाहर करने के बाद भी जब रेनू का मूह नहीं खुलते देखता है तो दोनो बीच वाली उंगली चूत में डाल देता है. दर्द से रेनू का मूह खुल जाता है और राजेश ने जहाँ एक तरफ रेनू की चूत मे अपनी दोनो बीच की उंगलियाँ डाल रखा था वही रेनू के मूह खुलते ही अपनी ज़ुबान रेनू के मूह मे डाल देता है..
अब राजेश रेनू को चूमते हुए अपनी उंगलियाँ रेनू की चूत के अंदर बाहर करने लगता है. रेनू अभी 2-3 मिनिट पहले ही अपने ऑर्गॅज़म को प्राप्त कर चुकी थी लेकिन दवाई के असर ने उसे एक बार फिर से गरम कर दिया. रेनू की चूत से धीरे-धीरे पानी निकालने लगता है. रेनू किसी तरह खुद को संभालने की कोशिश कर रही थी. लेकिन राजेश उसे अब कोई मौका नहीं देना चाहता था. राजेश तेज़ी से अपनी उंगलियाँ रेनू की चूत के अंदर बाहर करने लग गया. रेनू जहाँ राजेश का हाथ पकड़ रखी थी उसका हाथ रोकने के लिए लेकिन राजेश के ज़ोर के आगे रेनू की कैसे चल सकती थी. कुछ 40-45 सेकेंड मे ही रेनू एक बार फिर से ऑर्गॅज़म को प्राप्त हो गई. उसकी चूत ने ढेर सारा पानी निकाला था. उसके बिस्तर पर आधे हाथ जितना बड़ा गीला धब्बा बन गया था और राजेश की हथेली पूरी तरह से रेनू की चूत के रस से सन गई थी..
राजेश अपनी किस तोड़ कर रेनू को देखता है. रेनू आँखें बंद किए हाँफ रही थी लेकिन राजेश एक बार फिरसे अपनी उंगलियो को तेज़ी से रेनू की चूत में तेज़ी से चलाने लगता है रेनू का मूह इस बार किसी बंधन मे नहीं था. रेनू सिसकारिया लेती हुई एक बार फिर से अपने ऑर्गॅज़म की ओर बढ़ गयी. रेनू अब और ज़्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकी और रेनू ने अपनी कमर उपर की ओर उठा दी. रेनू की चूत से एक लंबी सी धार बह कर बिस्तर पर गिर गई. लगभग 10-10 सेकेंड रुककर रेनू की चूत पानी छोड़ने लगी और आधे हाथ का धब्बा अब पूरे एक हाथ का बन गया था.
रेनू का शरीर इस अद्भुत बॅक टू बॅक ऑर्गॅज़म के कारण काँप रहा था. उसकी कमर बार बार हवा मे उठ रही थी. राजेश दूर से रेनू को काँपते देख रहा था. रेनू का सर भारी हो चुका था और उसका शरीर बिल्कुल हल्का हो गया था. रेनू को ज़ोर दार प्यास लगी थी. रेनू पानी के ग्लास की ओर हाथ बढ़ाती है पर राजेश पानी का ग्लास पकड़ कर दूर रख देता है..
रेनू बिस्तर पर पड़ी राजेश की ओर देखती है. राजेश रेनू का हाथ पकड़ कर रेनू को बिस्तर के नीचे उतार कर खड़ा कर देता है. रेनू के पैर काँप रहे थे, उसे खड़े होने मे दिक्कत आ रही थी. राजेश एक बार फिर से रेनू के पीछे चला जाता है. रेनू इस वक़्त राजेश को रोकने की हालत मे नहीं थी. राजेश रेनू के पीछे जाकर अपना लंड बड़ी सावधानी से रेनू की चूत के उपर रख देता है..