14-07-2020, 01:37 PM
(This post was last modified: 15-07-2020, 01:39 PM by Rishu. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रेनू की आँखों में हल्के से मोती जैसे आँसू तैर रहे थे. रेनू राजेश की ओर देखती है जैसे कह रही हो देखो तुमने क्या किया है जानवर कहीं के.
राजेश रेनू की आँखों में देखते हुए वापस रेनू के करीब जाकर उसकी दोनो आँखों को चूम लेता है.
इन हालातों में रेनू और राजेश दोनो की आँखों मे लाल डोरे तैर रहे थे. दोनो हवस के नशे मे चूर थे. जहाँ तक राजेश की बात है राजेश ने जब पहली बार रेनू को देखा था तभी कसम खा ली थी की इसकी तो मैं ले कर रहूँगा और उसने धीरे धीरे मनीष को फासना भी शुरू कर दिया था. २ साल की मेहनत के बाद आज वो कामयाब था लेकिन रेनू को देख कर नही लग रहा था की उसे भी कोई दिक्कत है और वो पूरी नंगी होकर राजेश से चुदने के लिए पूरी तैयार थी. लगता था की अब रेनू खुद को इस लम्हे के लिए तैयार कर चुकी थी.
राजेश धीरे-धीरे अपनी रोमॅंटिक हरकतों से रेनू को गरम कर रहा था साथ ही साथ रेनू को ऐसा एहसास दे रहा था जैसे रेनू का सब कुछ अब वो ही हो. उसे दर्द भी दे रहा था तो खुशी भी दे रहा था, राजेश एक तरफ जहाँ रेनू को रुला रहा था तो एक तरफ उसे अपनी बचकानी हरकतों से हंसा भी रहा था. अभी कुछ ही देर बीती थी कि राजेश एक बार फिर से रेनू के उपर सवार हो जाता है. राजेश रेनू की आँखों मे देखते हुए
राजेश: डार्लिंग अब अगर तुम्हारी इजाज़त हो तो आगे बढ़ा जाए.
रेनू राजेश के मूह से डार्लिंग शब्द सुन कर चोंक जाती है लेकिन चौंकने से ज़्यादा उसे शर्म आ रही थी. रेनू उसी शर्मीले चेहरे को साइड मे करके हौले से बोलती है
रेनू: मैं कोई तुम्हारी डार्लिंग नहीं हूँ.
राजेश: मुस्कुराता हुआ अच्छा तो ज़रा मेरी आँखों मे झाँक कर बोलो.
रेनू राजेश की आँखों मे देखती है और वो बोलने ही जा रही थी कि वो राजेश की डार्लिंग नहीं है पर अचानक रेनू को राजेश का चेहरा देख कर हँसी आ जाती है. राजेश भी रेनू के ऐसे हँसने पर मुस्कुरा देता है
राजेश फिर से धीरे-धीरे रेनू के चेहरे को किस करता है फिर उसके गालो को चूमते हुए उसके होंटो पर अपनी ज़ुबान फिराते हुए उसके गले तक आ जाता है और धीरे धीरे रेनू की विशाल चुचियों को चूमते हुए राजेश रेनू की नाभि ने ज़ुबान डाल देता है
राजेश के ऐसा करते ही एक बार फिर से रेनू धनुष बन जाती है फिर राजेश धीरे धीरे बेड से नीचे उतरते हुए रेनू की टाँगों मे बीच मे आ जाता है. राजेश बहुत ही रोमॅंटिक तरीके से रेनू की जांघों को चूमने लगता है. रेनू राजेश के मूह को अपनी चूत की आस पास फील करके बुरी तरह से थर थरा रही थी.
राजेश अचानक से अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर रेनू की जांघ को चाटते हुए रेनू की चूत की ओर बढ़ने लगता है. रेनू राजेश को अपनी चूत की और बढ़ता देख आँखें बंद कर लेती है और धीरे धीरे हवस की आग मे जलते हुए वो इतनी बेक़रार हो गई कि उसकी चूत का मूह हल्का सा खुलते और बंद होते देखा जा सकता था.
राजेश जैसे ही उसकी चूत से 6-7 इंच की दूरी पर पहुँचा रेनू ने अपनी दोनो टाँगो को पास मे कर लिया जिस से राजेश का चेहरा रेनू की जांघों के बीच मे फँस गया और वो रेनू की चूत तक नहीं पहुँच पाया.
तभी राजेश हौले से रेनू के घुटनो को पकड़ कर मोड़ देता है और उन्हीं घुटनो को पकड़ कर रेनू के पैर धीरे धीरे खोलता है. इस बार राजेश ज़ोर नहीं लगा रहा था. और रेनू भी कभी अपने पैरों को टाइट कर लेती तो कभी हल्का हल्का ढीला छोड़ देती.. थोड़ी सी कोशिश से राजेश रेनू के पैरों को मोड़ कर खोलने मे कामयाब हो गया.
रेनू की खुली टाँगों के बीच रेनू की खुलती बंद होती एक दम चिकनी चूत देख कर राजेश पागल सा हो गया. फिर भी खुद को काबू मे करते हुए राजेश ने बहुत ही संयम रखते हुए रेनू की चूत को ना छूते हुए रेनू की चूत के चारों ओर अपनी ज़ुबान से चाटने लगा.
लगभग यही कोई 2.5 या 3 इंच की दूरी बरक़रार रखते हुए राजेश रेनू की चूत के होंटो के आस पास चाटने लगा और ज़ुबान से रेनू की चूत के चारो ओर हल्की हल्की गुदगुदि करने लगा. राजेश की इस हरकत से रेनू अंदर तक हिल गयी.. अभी कुछ 30 सेकेंड भी नहीं हुए थे की रेनू की चूत ने पानी छोड़ दिया.
रेनू की चूत का पानी सीधा राजेश के माथे से होते हुए उसकी नाक और होंटो से होते हुए उसकी ठुड्डी से नीचे बहने लगा. रेनू अभी अभी अपने ऑर्गॅज़म से काँप रही थी. ये पहला ऑर्गॅज़म था रेनू का राजेश के साथ. रेनू आँख बंद करके अपने ऑर्गॅज़म के (चर्म सुख) का आनंद उठा ही रही थी कि राजेश अपनी ज़ुबान पर रेनू की चूत के पानी का जायका ले रहा था.
अब जब शेर के मूह खून लग ही चुका था तो राजेश क्यूँ शिकार करने से पीछे रहता. राजेश ने बिना देर किए रेनू की चूत को अपने होंटो मे क़ैद कर लिया.
रेनू राजेश के इस अचानक किए हमले से फिर से काँप उठी तो वो राजेश के चेहरे को उठा कर दूर करने की कोशिश करने लगी लेकिन राजेश अब रेनू के लिए पागल हो चुका था.
रेनू: अयाया हँहममम क्या कर रहे हो राजेश जी… हहूऊ ओह्ह्ह आह हटो ये गंदा है…
मगर राजेश तो अपनी ही धुन मे खोया हुआ था. अब राजेश पागलों की तरह रेनू की चूत चाट रहा था और रेनू राजेश को रोकना बंद करके आँखें बंद करके अपने अगले ऑर्गॅज़म के करीब पहुँच रही थी. अब रेनू खुद अपने पैरों को खोल कर अपने हाथों मे थाम कर राजेश को अपना काम करने दे रही थी. रेनू के मन मे उलझने थी लेकिन हवस की आग मे जलते रहना अब उसके बस की बात नहीं थी.
थोड़ी ही देर मे रेनू एक बार फिर से अपनी कमर हवा मे उठा देती है और एक बार फिर से झड जाती है.. और राजेश बेसबरों की तरह रेनू के पानी का जायका ले रहा था.. रेनू एकदम बदहवास मे पड़ी थी और राजेश अभी भी उसकी चूत से चिपका पड़ा था..
राजेश: रेनू आज मैं तुझे वो मज़ा दूँगा कि मेरे अलावा दुनिया का कोई भी शक्स तेरे बदन की आग नहीं बुझा पाएगा. आज के बाद तू दौड़ दौड़ कर मेरे पास चुदने को आयेगी.
राजेश रेनू की आँखों में देखते हुए वापस रेनू के करीब जाकर उसकी दोनो आँखों को चूम लेता है.
इन हालातों में रेनू और राजेश दोनो की आँखों मे लाल डोरे तैर रहे थे. दोनो हवस के नशे मे चूर थे. जहाँ तक राजेश की बात है राजेश ने जब पहली बार रेनू को देखा था तभी कसम खा ली थी की इसकी तो मैं ले कर रहूँगा और उसने धीरे धीरे मनीष को फासना भी शुरू कर दिया था. २ साल की मेहनत के बाद आज वो कामयाब था लेकिन रेनू को देख कर नही लग रहा था की उसे भी कोई दिक्कत है और वो पूरी नंगी होकर राजेश से चुदने के लिए पूरी तैयार थी. लगता था की अब रेनू खुद को इस लम्हे के लिए तैयार कर चुकी थी.
राजेश धीरे-धीरे अपनी रोमॅंटिक हरकतों से रेनू को गरम कर रहा था साथ ही साथ रेनू को ऐसा एहसास दे रहा था जैसे रेनू का सब कुछ अब वो ही हो. उसे दर्द भी दे रहा था तो खुशी भी दे रहा था, राजेश एक तरफ जहाँ रेनू को रुला रहा था तो एक तरफ उसे अपनी बचकानी हरकतों से हंसा भी रहा था. अभी कुछ ही देर बीती थी कि राजेश एक बार फिर से रेनू के उपर सवार हो जाता है. राजेश रेनू की आँखों मे देखते हुए
राजेश: डार्लिंग अब अगर तुम्हारी इजाज़त हो तो आगे बढ़ा जाए.
रेनू राजेश के मूह से डार्लिंग शब्द सुन कर चोंक जाती है लेकिन चौंकने से ज़्यादा उसे शर्म आ रही थी. रेनू उसी शर्मीले चेहरे को साइड मे करके हौले से बोलती है
रेनू: मैं कोई तुम्हारी डार्लिंग नहीं हूँ.
राजेश: मुस्कुराता हुआ अच्छा तो ज़रा मेरी आँखों मे झाँक कर बोलो.
रेनू राजेश की आँखों मे देखती है और वो बोलने ही जा रही थी कि वो राजेश की डार्लिंग नहीं है पर अचानक रेनू को राजेश का चेहरा देख कर हँसी आ जाती है. राजेश भी रेनू के ऐसे हँसने पर मुस्कुरा देता है
राजेश फिर से धीरे-धीरे रेनू के चेहरे को किस करता है फिर उसके गालो को चूमते हुए उसके होंटो पर अपनी ज़ुबान फिराते हुए उसके गले तक आ जाता है और धीरे धीरे रेनू की विशाल चुचियों को चूमते हुए राजेश रेनू की नाभि ने ज़ुबान डाल देता है
राजेश के ऐसा करते ही एक बार फिर से रेनू धनुष बन जाती है फिर राजेश धीरे धीरे बेड से नीचे उतरते हुए रेनू की टाँगों मे बीच मे आ जाता है. राजेश बहुत ही रोमॅंटिक तरीके से रेनू की जांघों को चूमने लगता है. रेनू राजेश के मूह को अपनी चूत की आस पास फील करके बुरी तरह से थर थरा रही थी.
राजेश अचानक से अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर रेनू की जांघ को चाटते हुए रेनू की चूत की ओर बढ़ने लगता है. रेनू राजेश को अपनी चूत की और बढ़ता देख आँखें बंद कर लेती है और धीरे धीरे हवस की आग मे जलते हुए वो इतनी बेक़रार हो गई कि उसकी चूत का मूह हल्का सा खुलते और बंद होते देखा जा सकता था.
राजेश जैसे ही उसकी चूत से 6-7 इंच की दूरी पर पहुँचा रेनू ने अपनी दोनो टाँगो को पास मे कर लिया जिस से राजेश का चेहरा रेनू की जांघों के बीच मे फँस गया और वो रेनू की चूत तक नहीं पहुँच पाया.
तभी राजेश हौले से रेनू के घुटनो को पकड़ कर मोड़ देता है और उन्हीं घुटनो को पकड़ कर रेनू के पैर धीरे धीरे खोलता है. इस बार राजेश ज़ोर नहीं लगा रहा था. और रेनू भी कभी अपने पैरों को टाइट कर लेती तो कभी हल्का हल्का ढीला छोड़ देती.. थोड़ी सी कोशिश से राजेश रेनू के पैरों को मोड़ कर खोलने मे कामयाब हो गया.
रेनू की खुली टाँगों के बीच रेनू की खुलती बंद होती एक दम चिकनी चूत देख कर राजेश पागल सा हो गया. फिर भी खुद को काबू मे करते हुए राजेश ने बहुत ही संयम रखते हुए रेनू की चूत को ना छूते हुए रेनू की चूत के चारों ओर अपनी ज़ुबान से चाटने लगा.
लगभग यही कोई 2.5 या 3 इंच की दूरी बरक़रार रखते हुए राजेश रेनू की चूत के होंटो के आस पास चाटने लगा और ज़ुबान से रेनू की चूत के चारो ओर हल्की हल्की गुदगुदि करने लगा. राजेश की इस हरकत से रेनू अंदर तक हिल गयी.. अभी कुछ 30 सेकेंड भी नहीं हुए थे की रेनू की चूत ने पानी छोड़ दिया.
रेनू की चूत का पानी सीधा राजेश के माथे से होते हुए उसकी नाक और होंटो से होते हुए उसकी ठुड्डी से नीचे बहने लगा. रेनू अभी अभी अपने ऑर्गॅज़म से काँप रही थी. ये पहला ऑर्गॅज़म था रेनू का राजेश के साथ. रेनू आँख बंद करके अपने ऑर्गॅज़म के (चर्म सुख) का आनंद उठा ही रही थी कि राजेश अपनी ज़ुबान पर रेनू की चूत के पानी का जायका ले रहा था.
अब जब शेर के मूह खून लग ही चुका था तो राजेश क्यूँ शिकार करने से पीछे रहता. राजेश ने बिना देर किए रेनू की चूत को अपने होंटो मे क़ैद कर लिया.
रेनू राजेश के इस अचानक किए हमले से फिर से काँप उठी तो वो राजेश के चेहरे को उठा कर दूर करने की कोशिश करने लगी लेकिन राजेश अब रेनू के लिए पागल हो चुका था.
रेनू: अयाया हँहममम क्या कर रहे हो राजेश जी… हहूऊ ओह्ह्ह आह हटो ये गंदा है…
मगर राजेश तो अपनी ही धुन मे खोया हुआ था. अब राजेश पागलों की तरह रेनू की चूत चाट रहा था और रेनू राजेश को रोकना बंद करके आँखें बंद करके अपने अगले ऑर्गॅज़म के करीब पहुँच रही थी. अब रेनू खुद अपने पैरों को खोल कर अपने हाथों मे थाम कर राजेश को अपना काम करने दे रही थी. रेनू के मन मे उलझने थी लेकिन हवस की आग मे जलते रहना अब उसके बस की बात नहीं थी.
थोड़ी ही देर मे रेनू एक बार फिर से अपनी कमर हवा मे उठा देती है और एक बार फिर से झड जाती है.. और राजेश बेसबरों की तरह रेनू के पानी का जायका ले रहा था.. रेनू एकदम बदहवास मे पड़ी थी और राजेश अभी भी उसकी चूत से चिपका पड़ा था..
राजेश: रेनू आज मैं तुझे वो मज़ा दूँगा कि मेरे अलावा दुनिया का कोई भी शक्स तेरे बदन की आग नहीं बुझा पाएगा. आज के बाद तू दौड़ दौड़ कर मेरे पास चुदने को आयेगी.