14-07-2020, 01:14 PM
रेनू अब भी अपनी आँखें बंद रखती है.
राजेश: अगर तुम मुझे पसंद नहीं करती? अगर ये मेरी ग़लत फहमी है और मैंने अब तक जो भी तुम्हारे साथ किया है ये सब एक तरह की ज़बरदस्ती है तो अपनी आँखें बंद रखो रेनू में बिना कुछ किए यहाँ से चला जाता हूँ.
राजेश इतना बोलकर रेनू के पास से उठ कर जाने लगता है कि रेनू राजेश का हाथ पकड़ लेती है..
राजेश पीछे मूड कर देखता है तो राजेश और रेनू की आँखें आपस मे टकराती है और दोनो एक दूसरे की आँखों मे खो जाते है..
धीरे-धीरे राजेश रेनू के नज़दीक जाता है और उसके गुलाबी लबो पर अपने होंठ रख देता है. इस बार रेनू भी राजेश का हल्के हल्के साथ देने लगती है और राजेश के होंठो को चूसने लगती है... दोनो एक दूसरे को हल्के हल्के चूम रहे थे. दोनो एक दूसरे को छोटे-छोटे चुंबन दे रहे थे. राजेश रेनू को चूमते ते हुए रेनू के हाथ उसकी चुचियों से हटा देता है.. रेनू को अब किसी बात पर ऑब्जेक्षन नहीं था. रेनू के हाथ राजेश के सर की ओर करके एक गहरा चुंबन लेता है और रेनू के होंटो को चूमने लगता है.. बीच बीच मे राजेश रेनू के होंठों को अपने दाँतों मे दबा कर चबाने लगता है. जिस से रेनू को हल्का हल्का दर्द होने लगता है. कि अचानक रेनू भी इस बार राजेश के होंटो को दाँतों मे पकड़ लेती है. रेनू के ऐसा करते ही राजेश चुंबन तोड़ते हुए उठने की कोशिश करता है कि उसके होंटो मे रेनू के दाँतों से कट लग जाता है.. जिस से राजेश की एक चीख निकल जाती है.. राजेश को चीखता देख रेनू भी अपनी किस तोड़ देती है..
राजेश: साली काटती है..
रेनू राजेश की ये बात सुन कर हँसने लगती है. रेनू के हँसने से रेनू की 34डी की चूंचिया उपर नीचे होकर मस्त हिलने लगती है. रेनू को हंसता देख कर राजेश के चेहरे पर भी स्माइल आ जाती है. इस वक़्त कोई भी उन दोनो को देख कर ये नहीं कह सकता था कि कोई आदमी किसी दुसरे की बीवी के साथ रंगरलियाँ मना रहा हो बल्कि उन दोनो को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे दो लवर रोमॅन्स कर रहे हों.
राजेश फिर से रेनू के होंटो को चूमता है तो राजेश के होंटो से निकला हल्का हल्का खून रेनू के लबों पर लगने लगता है. तभी राजेश रेनू से चुंबन तोड़ कर रेनू की गर्दन पर किस करने लगता है. रेनू अपनी गर्दन इधर उधर करने लगती है. तभी राजेश रेनू की गर्दन को चूमते हुए धीरे-धीरे रेनू की विशाल मगर खूबसूरत चूंचियो की ओर जाने लगता है. रेनू राजेश को रोकने के लिए अपने हाथ नीचे लाने की कोशिश करती है मगर उसके दोनो हाथ राजेश के हाथो की क़ैद मे थे. तभी राजेश रेनू को चूमते हुए रेनू की विशाल चुचियों के बीच मे चूमता है और रेनू अपनी पीठ हवा में उठा देती है और बिल्कुल धनुष की तरह हो जाती है.
राजेश रेनू को ऐसे देख कर उपर उठ कर रेनू की आँखों मे देखता है और मुस्कुराते हुए रेनू की चुचियों की ओर अपना मूह ले जाने लगता है. रेनू राजेश को इस तरह से स्लो मोशन मे अपनी चुचियों की तरफ बढ़ते देख शर्म से पानी पानी हो जाती है लेकिन उसके चेहरे पर एक मादक मुस्कान भी थी.. अब राजेश रेनू की छाती से धीरे धीरे ज़ुबान चलाते हुए रेनू के निपल के एक इंच की दूरी पर चारों और अपनी ज़ुबान फिराने लगता है. राजेश की इस हरकत से रेनू के पूरे बदन मे करेंट दौड़ने लगता है. रेनू के सरीर पर रोम जैसे दाने उभर आते है.. और उसका निपल जो पहले से और भी कड़क होने लगता है. अब राजेश उसी तरह रेनू के दूसरे निपल के साथ भी करता है. राजेश इसी तरह 2-3 मिनिट रेनू को परेशान करता है जिस से रेनू फ्रस्टरेट हो जाती है. और उसी फ्रस्ट्रेशन में रेनू के मूह से एक निकल जाता है और बोलती है..
रेनू: अया एम्म्म करो ना…?
राजेश रेनू की आवाज़ सुन कर मुस्कुराते हुए रेनू से बोलता है..
राजेश: क्या करूँ..?
रेनू: कुछ बोलती नहीं बस मुस्कुराते हुए राजेश की ओर देखती है..
राजेश ये तो जान चुका था कि रेनू बहुत ही सिंपल सी हाउसवाइफ है वो कोई रांड़ नहीं जो खुले आम बोले की मुझे चोदो लेकिन वो रेनू को ले वही जाना चाहता है इसलिए वो खुद ही शुरुआत करता है..
राजेश: क्या करूँ.. तुम्हारे लबों को चुमू…?
रेनू राजेश के ऐसे पूछने पर शर्मा जाती है और साथ ही मुस्कुरा जाती है..
रेनू: ना मे गर्दन हिलाते हुए.. नहीं… पहले किस करने से पहले पर्मिशन ली थी क्या..
राजेश: नहीं…. वो क्या है ना उस वक़्त तो मुझे किस करनी थी ना..
रेनू राजेश के बचकाने से जवाब से मुस्कुरा देती है
राजेश: ओह तो क्या तुम्हारे ये मस्त आम चुसू..
रेनू: इसस्शह कुछ भी बोलते हो..
राजेश: नहीं .. तो फिर क्या करूँ..
राजेश ऐसा बोल कर फिर से रेनू के निपल के चारों और अपनी जीभ फिराने लगता है लेकिन निपल को टच भी नहीं करता.
रेनू: मुस्कुराते हुए धीरे से बोलती है
रेनू: वही..
राजेश: वापस रेनू की तरफ देखते हुए.. क्या..?
रेनू: वही जो आपने कहा..
राजेश: तुम्हारी मस्त मोटी – मोटी चूंचिया चुसू..
रेनू: अपनी आँख बंद करके बहुत ही मादक स्वर में ह्म्म्म्मम करती है..
राजेश रेनू के इस तरह से बेक़रार होने पर मुस्कुराता हुआ सीधा रेनू का निपल मूह मे लेकर चूसने लगता है.. और रेनू राजेश के इस सीधे हमले से एक दम बैचैन हो जाती है और वो अपने सर के पीछे चादर को अपनी मुट्ठी में कस लेती है और अपने होंटो को आपस मे दबा लेती है फिर भी रेनू के मूह से एक सिसकारी निकल ही जाती है..
रेनू: आअहह ह्म म्म्म्म म
राजेश दूसरी ओर पुचह पुक्क पुच की आवाज़े करते हुए रेनू की चुचियों को चूस्ता रहता है.
2-3 मिनिट रेनू की बाई चुचि चूसने के बाद राजेश रेनू की दाहिनी चूंची को भी ठीक उसी तरह से चूसने लगता है. 2-3 मिनिट की चुसाई के बाद राजेश रेनू के हाथ छोड़ कर रेनू की दोनो चुचियों को अपने हाथो मे पकड़ कर दबा देता है..
रेनू: अयाया धीरे… दर्द होता है..
राजेश रेनू की कोई भी बात जैसे सुन ही नहीं रहा हो. अब राजेश बिल्कुल कण्ट्रोल नही कर पा रहा है. राजेश कभी रेनू की बाई तो कभी दाहिनी चूंची को चूस रहा था तो कभी काट रहा था. लगभग 10 मिनिट तक राजेश और रेनू इसी तरह से अपनी आहों और चीखों से कमरे को गूंजाते रहते है. अब दर्द रेनू के बर्दाश्त के बाहर था तो रेनू राजेश को धक्का देकर अपनी चूंची राजेश के मूह से निकाल कर देखने लगती है.
रेनू की चूंचिया उसकी छाती से लेकर निपल के चारों ओर तक काटने और चूसने के निशान से लाल नीली पड़ी थी. और राजेश के थूक से गीली हो कर चमक रही थी.
राजेश: अगर तुम मुझे पसंद नहीं करती? अगर ये मेरी ग़लत फहमी है और मैंने अब तक जो भी तुम्हारे साथ किया है ये सब एक तरह की ज़बरदस्ती है तो अपनी आँखें बंद रखो रेनू में बिना कुछ किए यहाँ से चला जाता हूँ.
राजेश इतना बोलकर रेनू के पास से उठ कर जाने लगता है कि रेनू राजेश का हाथ पकड़ लेती है..
राजेश पीछे मूड कर देखता है तो राजेश और रेनू की आँखें आपस मे टकराती है और दोनो एक दूसरे की आँखों मे खो जाते है..
धीरे-धीरे राजेश रेनू के नज़दीक जाता है और उसके गुलाबी लबो पर अपने होंठ रख देता है. इस बार रेनू भी राजेश का हल्के हल्के साथ देने लगती है और राजेश के होंठो को चूसने लगती है... दोनो एक दूसरे को हल्के हल्के चूम रहे थे. दोनो एक दूसरे को छोटे-छोटे चुंबन दे रहे थे. राजेश रेनू को चूमते ते हुए रेनू के हाथ उसकी चुचियों से हटा देता है.. रेनू को अब किसी बात पर ऑब्जेक्षन नहीं था. रेनू के हाथ राजेश के सर की ओर करके एक गहरा चुंबन लेता है और रेनू के होंटो को चूमने लगता है.. बीच बीच मे राजेश रेनू के होंठों को अपने दाँतों मे दबा कर चबाने लगता है. जिस से रेनू को हल्का हल्का दर्द होने लगता है. कि अचानक रेनू भी इस बार राजेश के होंटो को दाँतों मे पकड़ लेती है. रेनू के ऐसा करते ही राजेश चुंबन तोड़ते हुए उठने की कोशिश करता है कि उसके होंटो मे रेनू के दाँतों से कट लग जाता है.. जिस से राजेश की एक चीख निकल जाती है.. राजेश को चीखता देख रेनू भी अपनी किस तोड़ देती है..
राजेश: साली काटती है..
रेनू राजेश की ये बात सुन कर हँसने लगती है. रेनू के हँसने से रेनू की 34डी की चूंचिया उपर नीचे होकर मस्त हिलने लगती है. रेनू को हंसता देख कर राजेश के चेहरे पर भी स्माइल आ जाती है. इस वक़्त कोई भी उन दोनो को देख कर ये नहीं कह सकता था कि कोई आदमी किसी दुसरे की बीवी के साथ रंगरलियाँ मना रहा हो बल्कि उन दोनो को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे दो लवर रोमॅन्स कर रहे हों.
राजेश फिर से रेनू के होंटो को चूमता है तो राजेश के होंटो से निकला हल्का हल्का खून रेनू के लबों पर लगने लगता है. तभी राजेश रेनू से चुंबन तोड़ कर रेनू की गर्दन पर किस करने लगता है. रेनू अपनी गर्दन इधर उधर करने लगती है. तभी राजेश रेनू की गर्दन को चूमते हुए धीरे-धीरे रेनू की विशाल मगर खूबसूरत चूंचियो की ओर जाने लगता है. रेनू राजेश को रोकने के लिए अपने हाथ नीचे लाने की कोशिश करती है मगर उसके दोनो हाथ राजेश के हाथो की क़ैद मे थे. तभी राजेश रेनू को चूमते हुए रेनू की विशाल चुचियों के बीच मे चूमता है और रेनू अपनी पीठ हवा में उठा देती है और बिल्कुल धनुष की तरह हो जाती है.
राजेश रेनू को ऐसे देख कर उपर उठ कर रेनू की आँखों मे देखता है और मुस्कुराते हुए रेनू की चुचियों की ओर अपना मूह ले जाने लगता है. रेनू राजेश को इस तरह से स्लो मोशन मे अपनी चुचियों की तरफ बढ़ते देख शर्म से पानी पानी हो जाती है लेकिन उसके चेहरे पर एक मादक मुस्कान भी थी.. अब राजेश रेनू की छाती से धीरे धीरे ज़ुबान चलाते हुए रेनू के निपल के एक इंच की दूरी पर चारों और अपनी ज़ुबान फिराने लगता है. राजेश की इस हरकत से रेनू के पूरे बदन मे करेंट दौड़ने लगता है. रेनू के सरीर पर रोम जैसे दाने उभर आते है.. और उसका निपल जो पहले से और भी कड़क होने लगता है. अब राजेश उसी तरह रेनू के दूसरे निपल के साथ भी करता है. राजेश इसी तरह 2-3 मिनिट रेनू को परेशान करता है जिस से रेनू फ्रस्टरेट हो जाती है. और उसी फ्रस्ट्रेशन में रेनू के मूह से एक निकल जाता है और बोलती है..
रेनू: अया एम्म्म करो ना…?
राजेश रेनू की आवाज़ सुन कर मुस्कुराते हुए रेनू से बोलता है..
राजेश: क्या करूँ..?
रेनू: कुछ बोलती नहीं बस मुस्कुराते हुए राजेश की ओर देखती है..
राजेश ये तो जान चुका था कि रेनू बहुत ही सिंपल सी हाउसवाइफ है वो कोई रांड़ नहीं जो खुले आम बोले की मुझे चोदो लेकिन वो रेनू को ले वही जाना चाहता है इसलिए वो खुद ही शुरुआत करता है..
राजेश: क्या करूँ.. तुम्हारे लबों को चुमू…?
रेनू राजेश के ऐसे पूछने पर शर्मा जाती है और साथ ही मुस्कुरा जाती है..
रेनू: ना मे गर्दन हिलाते हुए.. नहीं… पहले किस करने से पहले पर्मिशन ली थी क्या..
राजेश: नहीं…. वो क्या है ना उस वक़्त तो मुझे किस करनी थी ना..
रेनू राजेश के बचकाने से जवाब से मुस्कुरा देती है
राजेश: ओह तो क्या तुम्हारे ये मस्त आम चुसू..
रेनू: इसस्शह कुछ भी बोलते हो..
राजेश: नहीं .. तो फिर क्या करूँ..
राजेश ऐसा बोल कर फिर से रेनू के निपल के चारों और अपनी जीभ फिराने लगता है लेकिन निपल को टच भी नहीं करता.
रेनू: मुस्कुराते हुए धीरे से बोलती है
रेनू: वही..
राजेश: वापस रेनू की तरफ देखते हुए.. क्या..?
रेनू: वही जो आपने कहा..
राजेश: तुम्हारी मस्त मोटी – मोटी चूंचिया चुसू..
रेनू: अपनी आँख बंद करके बहुत ही मादक स्वर में ह्म्म्म्मम करती है..
राजेश रेनू के इस तरह से बेक़रार होने पर मुस्कुराता हुआ सीधा रेनू का निपल मूह मे लेकर चूसने लगता है.. और रेनू राजेश के इस सीधे हमले से एक दम बैचैन हो जाती है और वो अपने सर के पीछे चादर को अपनी मुट्ठी में कस लेती है और अपने होंटो को आपस मे दबा लेती है फिर भी रेनू के मूह से एक सिसकारी निकल ही जाती है..
रेनू: आअहह ह्म म्म्म्म म
राजेश दूसरी ओर पुचह पुक्क पुच की आवाज़े करते हुए रेनू की चुचियों को चूस्ता रहता है.
2-3 मिनिट रेनू की बाई चुचि चूसने के बाद राजेश रेनू की दाहिनी चूंची को भी ठीक उसी तरह से चूसने लगता है. 2-3 मिनिट की चुसाई के बाद राजेश रेनू के हाथ छोड़ कर रेनू की दोनो चुचियों को अपने हाथो मे पकड़ कर दबा देता है..
रेनू: अयाया धीरे… दर्द होता है..
राजेश रेनू की कोई भी बात जैसे सुन ही नहीं रहा हो. अब राजेश बिल्कुल कण्ट्रोल नही कर पा रहा है. राजेश कभी रेनू की बाई तो कभी दाहिनी चूंची को चूस रहा था तो कभी काट रहा था. लगभग 10 मिनिट तक राजेश और रेनू इसी तरह से अपनी आहों और चीखों से कमरे को गूंजाते रहते है. अब दर्द रेनू के बर्दाश्त के बाहर था तो रेनू राजेश को धक्का देकर अपनी चूंची राजेश के मूह से निकाल कर देखने लगती है.
रेनू की चूंचिया उसकी छाती से लेकर निपल के चारों ओर तक काटने और चूसने के निशान से लाल नीली पड़ी थी. और राजेश के थूक से गीली हो कर चमक रही थी.