14-07-2020, 01:26 AM
राजेश रेनू को वापस अपनी चूंचिया छिपाते देख कर मुस्कुरा पड़ता है और फिर से रेनू से पूछता है..
राजेश: रेनू… तुम मुझसे पसंद करती हो ना?
रेनू: जानती थी कि मेरा जवाब ना देना राजेश को तडपाएगा. इसलिए रेनू राजेश को ना में सर हिला कर पहली दफ़ा बोलती ही है..
रेनू: नहीं…
राजेश: मुस्कुराते हुए क्यूँ ? क्यूँ नहीं करती तुम मुझसे पसंद? क्या कमी है मुझमे?
रेनू मुस्कुराते हुए राजेश की ओर देखती है "मैं तो आपको ठीक से जानती ही नहीं तो पसंद नापसंद की बात ही नहीं उठती".
राजेश रेनू से जवाब सुनकर गुस्सा हो जाता है और रेनू के बाल अपने हाथ मे पकड़ कर पीछे की ओर खींच देता है रेनू की दर्द से चीख निकल पड़ती है.. और आँखों में आँसू भी तैर आते है..
रेनू: आआहह
राजेश: रेनू की आँखों में आँसू देख कर सोचता है कुछ ज़्यादा तो नहीं कर दिया.. राजेश बिना सोचे समझे रेनू के होंठो को फिर से चूमने लगता है..
रेनू राजेश की किस का जवाब नहीं देती उसे इस वक़्त राजेश पर गुस्सा आ रहा था.. लेकिन तभी राजेश रेनू के बालों को छोड़ कर उसके होंटो को चूसने लगता है. रेनू की एक आँख से आँसू दर्द की वजह से बह निकलते है. तभी राजेश रेनू के नीचे के होंठ को अपने दाँतों मे भींच लेता है और फिर चूसने लगता है. रेनू को फिर से अपने होंटो में दर्द होने लगता है लेकिन जल्द ही उसे राजेश की होंठ चुसाई पसंद आने लगती है.. वो अब उस दर्द को एंजाय कर रही थी कि तभी राजेश रेनू की क़मर में हाथ डाल कर उपर पीठ की ओर धीरे धीरे अपने हाथ ले जाने लगता है.. रेनू राजेश के इस तरह छूने से बहक ने लगती है.
तभी राजेश रेनू को फिर से दीवार की ओर कर देता है.. रेनू अपने दोनो हाथ दीवार पर लगा कर दीवार पर छिपकली की तरह चिपकी हुई थी और राजेश रेनू की क़मर को ठीक वहाँ से किस करना स्टार्ट करता है जहाँ पर रेनू का पेटिकोट बँधा हुआ था. राजेश के किस करने से रेनू एक बार फिर से बुरी तरह से मचलने लगती है. धीरे धीरे राजेश किस करते हुए रेनू की पीठ के बीच मे आजाता है. रेनू बार बार अपनी पीठ पीछे की ओर सिकोडती है लेकिन राजेश जैसे उसकी पीठ को चूमने के साथ चूस रहा हो ऐसे मूह खोल कर किस कर रहा था. रेनू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी.. तभी राजेश रेनू की ब्रा के स्ट्रॅप्स को अपने मूह मे ले कर चबाने लगता है..और हल्के से रेनू की पीठ पर किस करता है…
रेनू राजेश द्वारा अपनी ब्रा के पीछे की हुक को खुलते हुए महसूस कर सकती थी इस लिए उसने अपनी पीठ पीछे की ओर सिकोड ली जिस से उसकी ब्रा सामने चुचियों पर और कस गयी लेकिन उसकी पीठ की ओर से ढीली पड़ गई. रेनू ने ऐसा इसलिए किया ताकि राजेश का मुँह उसकी पीठ से दूर रहे और उसे इस अजीब सी झुरजुरी का एहसास ना हो..
लेकिन शायद यही रेनू की सबसे बड़ी ग़लती हो गयी थी. अब राजेश बिना रेनू को पता चले ब्रा के स्ट्रॅप्स को चबा कर छोड़ दिया.. रेनू रिलॅक्स होती है. अब राजेश रेनू को अपनी ओर घुमाता है. जब रेनू राजेश की ओर देखती है तो राजेश रेनू की आँखें देख कर डर जाता है.. इस वक़्त रेनू की आँखें इस तरह से लाल हुई पड़ी थी जैसे कि वो कई रातों की जागी हो..
मगर अब राजेश को रेनू को गरम करने मे मज़ा आ रहा था.. राजेश फिर से रेनू की क़मर पर हाथ ले जाता है. राजेश रेनू की आँखों में देखते हुए रेनू के पेटिकोट की डोर को अपने दाहिने हाथ में पकड़ कर रेनू की ओर मुस्कुराता है. रेनू इस बार राजेश को मुस्कुराता देख कर समझ जाती है कि राजेश ज़रूर कुछ ना कुछ उल्टा सीधा कर रहा होगा,.. तभी उसे एहसास होता है की उसका एक हाथ उसकी क़मर पर है लेकिन दूसरा हाथ नहीं तभी रेनू अपनी मोटी मोटी आँखें निकाल कर राजेश के दोनो हाथों को झटका देती है.. जिसका नतीजा ये निकलता है कि राजेश रेनू के पेटिकोट की डोर पकड़े खड़ा था और रेनू के झटके देने से राजेश पीछे हुआ और उसी झटके से रेनू के पेटिकोट की गाँठ खुल जाती है लेकिन अभी भी रेनू का पेटिकोट रेनू की क़मर पर टिका हुआ था. रेनू भी पीछे होती है.. लेकिन जब रेनू अपने पेटिकोट को अपनी क़मर पर फील करती है तो वो फिर मुस्कुरा पड़ती है. उसे फिर से इस बात पर गर्व होता है कि राजेश उसका पेटिकोट उतारने में एक बार नहीं 2 बार असफल रहा…
राजेश: रेनू… तुम मुझसे पसंद करती हो ना?
रेनू: जानती थी कि मेरा जवाब ना देना राजेश को तडपाएगा. इसलिए रेनू राजेश को ना में सर हिला कर पहली दफ़ा बोलती ही है..
रेनू: नहीं…
राजेश: मुस्कुराते हुए क्यूँ ? क्यूँ नहीं करती तुम मुझसे पसंद? क्या कमी है मुझमे?
रेनू मुस्कुराते हुए राजेश की ओर देखती है "मैं तो आपको ठीक से जानती ही नहीं तो पसंद नापसंद की बात ही नहीं उठती".
राजेश रेनू से जवाब सुनकर गुस्सा हो जाता है और रेनू के बाल अपने हाथ मे पकड़ कर पीछे की ओर खींच देता है रेनू की दर्द से चीख निकल पड़ती है.. और आँखों में आँसू भी तैर आते है..
रेनू: आआहह
राजेश: रेनू की आँखों में आँसू देख कर सोचता है कुछ ज़्यादा तो नहीं कर दिया.. राजेश बिना सोचे समझे रेनू के होंठो को फिर से चूमने लगता है..
रेनू राजेश की किस का जवाब नहीं देती उसे इस वक़्त राजेश पर गुस्सा आ रहा था.. लेकिन तभी राजेश रेनू के बालों को छोड़ कर उसके होंटो को चूसने लगता है. रेनू की एक आँख से आँसू दर्द की वजह से बह निकलते है. तभी राजेश रेनू के नीचे के होंठ को अपने दाँतों मे भींच लेता है और फिर चूसने लगता है. रेनू को फिर से अपने होंटो में दर्द होने लगता है लेकिन जल्द ही उसे राजेश की होंठ चुसाई पसंद आने लगती है.. वो अब उस दर्द को एंजाय कर रही थी कि तभी राजेश रेनू की क़मर में हाथ डाल कर उपर पीठ की ओर धीरे धीरे अपने हाथ ले जाने लगता है.. रेनू राजेश के इस तरह छूने से बहक ने लगती है.
तभी राजेश रेनू को फिर से दीवार की ओर कर देता है.. रेनू अपने दोनो हाथ दीवार पर लगा कर दीवार पर छिपकली की तरह चिपकी हुई थी और राजेश रेनू की क़मर को ठीक वहाँ से किस करना स्टार्ट करता है जहाँ पर रेनू का पेटिकोट बँधा हुआ था. राजेश के किस करने से रेनू एक बार फिर से बुरी तरह से मचलने लगती है. धीरे धीरे राजेश किस करते हुए रेनू की पीठ के बीच मे आजाता है. रेनू बार बार अपनी पीठ पीछे की ओर सिकोडती है लेकिन राजेश जैसे उसकी पीठ को चूमने के साथ चूस रहा हो ऐसे मूह खोल कर किस कर रहा था. रेनू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी.. तभी राजेश रेनू की ब्रा के स्ट्रॅप्स को अपने मूह मे ले कर चबाने लगता है..और हल्के से रेनू की पीठ पर किस करता है…
रेनू राजेश द्वारा अपनी ब्रा के पीछे की हुक को खुलते हुए महसूस कर सकती थी इस लिए उसने अपनी पीठ पीछे की ओर सिकोड ली जिस से उसकी ब्रा सामने चुचियों पर और कस गयी लेकिन उसकी पीठ की ओर से ढीली पड़ गई. रेनू ने ऐसा इसलिए किया ताकि राजेश का मुँह उसकी पीठ से दूर रहे और उसे इस अजीब सी झुरजुरी का एहसास ना हो..
लेकिन शायद यही रेनू की सबसे बड़ी ग़लती हो गयी थी. अब राजेश बिना रेनू को पता चले ब्रा के स्ट्रॅप्स को चबा कर छोड़ दिया.. रेनू रिलॅक्स होती है. अब राजेश रेनू को अपनी ओर घुमाता है. जब रेनू राजेश की ओर देखती है तो राजेश रेनू की आँखें देख कर डर जाता है.. इस वक़्त रेनू की आँखें इस तरह से लाल हुई पड़ी थी जैसे कि वो कई रातों की जागी हो..
मगर अब राजेश को रेनू को गरम करने मे मज़ा आ रहा था.. राजेश फिर से रेनू की क़मर पर हाथ ले जाता है. राजेश रेनू की आँखों में देखते हुए रेनू के पेटिकोट की डोर को अपने दाहिने हाथ में पकड़ कर रेनू की ओर मुस्कुराता है. रेनू इस बार राजेश को मुस्कुराता देख कर समझ जाती है कि राजेश ज़रूर कुछ ना कुछ उल्टा सीधा कर रहा होगा,.. तभी उसे एहसास होता है की उसका एक हाथ उसकी क़मर पर है लेकिन दूसरा हाथ नहीं तभी रेनू अपनी मोटी मोटी आँखें निकाल कर राजेश के दोनो हाथों को झटका देती है.. जिसका नतीजा ये निकलता है कि राजेश रेनू के पेटिकोट की डोर पकड़े खड़ा था और रेनू के झटके देने से राजेश पीछे हुआ और उसी झटके से रेनू के पेटिकोट की गाँठ खुल जाती है लेकिन अभी भी रेनू का पेटिकोट रेनू की क़मर पर टिका हुआ था. रेनू भी पीछे होती है.. लेकिन जब रेनू अपने पेटिकोट को अपनी क़मर पर फील करती है तो वो फिर मुस्कुरा पड़ती है. उसे फिर से इस बात पर गर्व होता है कि राजेश उसका पेटिकोट उतारने में एक बार नहीं 2 बार असफल रहा…