14-07-2020, 01:23 AM
अभी एक मिनिट भी नहीं हुआ था कि राजेश रेनू के होंटो से अपने होंठ हटा लेता है. और फिर से अपने होठ रेनू के होंठो पर रख देता है फिर जल्दी ही वापस हटा लेता है… राजेश 2 से 3 बार ऐसा करता है जैसे रेनू को सता रहा हो. रेनू बार-बार राजेश के किस मे गुम होकर उसका साथ देने के लिए राजेश के होंटो को अपने होंटो मे लेने की कोशिश करती है मगर. राजेश हर बार अपने होंठ दूर कर लेता है.
रेनू राजेश की इस हरकत पर परेशान होकर अपनी आँखें खोलने की कोशिश करती है मगर नशे के कारण उसकी आँखें खुलते ही फिर बंद होने लगती है.. थोड़ी सी कोशिश के बाद रेनू की आँखें खुलती है. रेनू के हाथ अभी भी अपनी छातियों पर थे. रेनू राजेश की आँखों मे देखते हुए इशारा करती है कि क्यूँ परेशान कर रहे हो.
राजेश मुस्कुराता हुआ रेनू को बोलता है.
राजेश: अपने हाथ हटाओ..
रेनू शरमा जाती है और गर्दन नीचे करके ना में सर हिलाती है..
राजेश फिर से रेनू की ठुड्डी उपर की ओर करके बोलता है..
राजेश: हाथ हटा लो ना जान.
रेनू राजेश के जान बोलने पर थोड़ी और शरमा जाती है लेकिन फिर भी राजेश को सताने के लिए वो ना मे इनकार करती है.
राजेश: क्यूँ क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती?
रेनू: फिर से राजेश की ओर देखती है.. फिर मुस्कुराते हुए नीचे देखने लगती है.. फिर वो राजेश को सताने के लिए नीचे गर्दन किए ही ना में हिला देती है..
राजेश रेनू की ठुड्डी फिर से उपर की ओर करता है.. रेनू का मूह इस बार खुल जाता है जैसे वो खुद अपने होंठ राजेश को परोस रही हो. और इस बार राजेश ने भी रेनू की ठुड्डी ज़रा से झटके से उपर की थी..
राजेश धीरे-धीरे रेनू के होंटो पर झुकता है. रेनू राजेश की गरम साँसे अपने चेहरे पर महसूस करके अपनी आँखें बंद कर लेती है और अपने होंटो को राजेश की ओर कर देती है… राजेश रेनू की इस हरकत पर मुस्कुरा देता है और कुछ सोच कर रुक जाता है. तभी राजेश अचानक से रेनू के पेटीकोट की गाँठ खोलने की कोशिश करता है मगर रेनू साड़ी पहनते वक़्त उस गाँठ को अंदर की ओर दबा लिया करती थी. जिस कारण से राजेश रेनू के पेटिकोट की गाँठ खोलने में सफल नहीं हो पाता लेकिन राजेश की इस हरकत पर रेनू झटके से अपने हाथ नीचे ले जा कर राजेश के हाथ हटा देती है और ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगती है.
रेनू नीचे की ओर देख कर अपनी क़मर पर अपने पेटिकोट को पकड़ती है. लेकिन जल्द ही उसे एहसास हो जाता है कि उसका पेटिकोट अभी भी उसके साथ है.. रेनू मुस्कुराते हुए राजेश की ओर देखती है. जैसे राजेश को बोल रही हो कि मैं जीत गयी और तुम हार गये. तुम मेरा पेटिकोट उतारने मे सफल नहीं हो पाए. लेकिन जैसे ही रेनू की नज़र राजेश पर पड़ती है तो रेनू राजेश को अपनी चूंचियाँ घूरते हुए पाती है. तब रेनू सोचती है कि राजेश मेरा हाथ यहाँ से हटाने के लिए वो मेरा ध्यान मेरे पेटिकोट की ओर ले गया. कितना चालाक है.
रेनू हालाँकि नशे में थी लेकिन उसने जो टेबलेट लिया था उस कारण से उस पर नशे से ज्यादा मादकता छाई हुई थी. वो ऐसी अवस्था में थी की उसे सही गलत नहीं सिर्फ मजे का एहसास हो रहा था.
रेनू राजेश की इस हरकत पर परेशान होकर अपनी आँखें खोलने की कोशिश करती है मगर नशे के कारण उसकी आँखें खुलते ही फिर बंद होने लगती है.. थोड़ी सी कोशिश के बाद रेनू की आँखें खुलती है. रेनू के हाथ अभी भी अपनी छातियों पर थे. रेनू राजेश की आँखों मे देखते हुए इशारा करती है कि क्यूँ परेशान कर रहे हो.
राजेश मुस्कुराता हुआ रेनू को बोलता है.
राजेश: अपने हाथ हटाओ..
रेनू शरमा जाती है और गर्दन नीचे करके ना में सर हिलाती है..
राजेश फिर से रेनू की ठुड्डी उपर की ओर करके बोलता है..
राजेश: हाथ हटा लो ना जान.
रेनू राजेश के जान बोलने पर थोड़ी और शरमा जाती है लेकिन फिर भी राजेश को सताने के लिए वो ना मे इनकार करती है.
राजेश: क्यूँ क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती?
रेनू: फिर से राजेश की ओर देखती है.. फिर मुस्कुराते हुए नीचे देखने लगती है.. फिर वो राजेश को सताने के लिए नीचे गर्दन किए ही ना में हिला देती है..
राजेश रेनू की ठुड्डी फिर से उपर की ओर करता है.. रेनू का मूह इस बार खुल जाता है जैसे वो खुद अपने होंठ राजेश को परोस रही हो. और इस बार राजेश ने भी रेनू की ठुड्डी ज़रा से झटके से उपर की थी..
राजेश धीरे-धीरे रेनू के होंटो पर झुकता है. रेनू राजेश की गरम साँसे अपने चेहरे पर महसूस करके अपनी आँखें बंद कर लेती है और अपने होंटो को राजेश की ओर कर देती है… राजेश रेनू की इस हरकत पर मुस्कुरा देता है और कुछ सोच कर रुक जाता है. तभी राजेश अचानक से रेनू के पेटीकोट की गाँठ खोलने की कोशिश करता है मगर रेनू साड़ी पहनते वक़्त उस गाँठ को अंदर की ओर दबा लिया करती थी. जिस कारण से राजेश रेनू के पेटिकोट की गाँठ खोलने में सफल नहीं हो पाता लेकिन राजेश की इस हरकत पर रेनू झटके से अपने हाथ नीचे ले जा कर राजेश के हाथ हटा देती है और ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगती है.
रेनू नीचे की ओर देख कर अपनी क़मर पर अपने पेटिकोट को पकड़ती है. लेकिन जल्द ही उसे एहसास हो जाता है कि उसका पेटिकोट अभी भी उसके साथ है.. रेनू मुस्कुराते हुए राजेश की ओर देखती है. जैसे राजेश को बोल रही हो कि मैं जीत गयी और तुम हार गये. तुम मेरा पेटिकोट उतारने मे सफल नहीं हो पाए. लेकिन जैसे ही रेनू की नज़र राजेश पर पड़ती है तो रेनू राजेश को अपनी चूंचियाँ घूरते हुए पाती है. तब रेनू सोचती है कि राजेश मेरा हाथ यहाँ से हटाने के लिए वो मेरा ध्यान मेरे पेटिकोट की ओर ले गया. कितना चालाक है.
रेनू हालाँकि नशे में थी लेकिन उसने जो टेबलेट लिया था उस कारण से उस पर नशे से ज्यादा मादकता छाई हुई थी. वो ऐसी अवस्था में थी की उसे सही गलत नहीं सिर्फ मजे का एहसास हो रहा था.