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Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
#65
होली का मजा साली संग

[Image: 2438747186f199f67113o.jpg]


वो दोनों चाह रही थी की मैं भी होली के खेल में उनके साथ शामिल हो जाऊं। मैंने साफ बरज दिया। बोला। 

" तुम दोनों , किस्मत वाली हो तेरे जीजा जी हैं , मेरे तो कोई जीजा थे नहीं। तो मैं क्यों खेलूं , हाँ चल अम्पायर का काम कर देती हूँ। " 

और फिर उनको नियम बताये ,
" हे ये मेरी प्यारी बहने , तुमसे छोटी है , इसलिए पहले ये रंग डालेंगी और तुम चुपचाप बिना ना नुकुर किये डलवा लेना। "

[Image: tumblr-nsnk9zq-Rww1rxd3a4o1-400.jpg]

" और जब मैं डालूंगा , और इन दोनों ने न डलवाया तो , " उन्होंने सवाल उठाया। 

" वाह जीजू आप इत्ते भोले हैं ना , हमारे मना करना पे बिना डाले छोड़ देंगे " 

आँख नचाकर , पूरी बाल्टी गाढ़ा लाल रंग उन पे डालते हुए मंझली बोली। 


[Image: 2697265-f520.jpg]

छुटकी तो पहले ही अपनी छोटी सी हथेली पे पक्के लाल काही रंगो का कॉकटेल लगा के तैयार खड़ी थी। उसके जीजू के गाल अगले पल उसके हाथों में थे। 





[Image: holi-tv-wallpaper.jpg]





यही तो हर जीजा का सपना होता है , कुँवारी रस से पगी , सालियों की हथेलियां उसके गालों पे और उसके हाथ साली के शरमाते , कपोलों पे। 

छुटकी अपने हाथों का इस्तेमाल कर रही थी तो मंझली , कभी रंग भरी पिचकारी का तो कभी सीधे बाल्टी का और साथ में उसके आँखों की , जोबन कि पिचकारियाँ जो चल रही थी सो अलग। 


लेकिन कुछ ही देर में उनका नंबर आ गया , तो सबसे पहले पकड़ी गयी मंझली। 

उन्होंने अपने हाथों में छुटकी गाढ़े रंग लगा लिए थे। शुरुआत साली के मालपुआ मीठे और नरम गालों से हुयी। गलती गालों की थी , वो इतने चिाकने जो थे।


[Image: pitars-holi-celebrations-hyderabad1.jpg]


हाथ सरक के टॉप पे , और टॉप का एक बटन पहले ही टूटा था , इसलिए आसानी से एक लाल रंगा लगा हाथ अंदर , जोबन मर्दन में। 

[Image: Guddi-nips-15095dd31aa01774e3d7d6bcf03a2683.jpg]

ऊईईईईईईइ जीजू , मंझली ने सिसकी भरी , जब जोबन रस लेने के साथ , उन्होंने उसके निपल पिंच कर लिए। 



पहले उन्होंने हलके से सहलाया , दबाया , और फिर जब देखा साली , बहुत नहीं उचक रही है , तो जोर जोर से रगड़ने मसलने लगे। नतीजा ये हुआ की टॉप के दो और बटन टूट गए और दूसरा हाथ भी अंदर। 




" नहीं , जीजू यहाँ नहीं , प्लीज हाथ बाहर निकालो न , " मंझली मजे से सिसकी लेते बोली। 

साली , वो भी एक हाईकॉलेज में पढ़ने वाली किशोरी के उठते उभारों से , होली में किसी जीजा ने हाथ हटाया है कि वही हटाते। 



उन्होंने उसकी चूंची और जोर से दबाई और चिढ़ाया , 

[Image: boobs-massage-G.gif]

""अरे साल्ली जी , ई का मेरे साले के लिए बचा के रखी हो "\\
और अब दोनों हाथ चूंची मर्दन में लग गए और लगे हाथ बीच बीच में निपल भी पिंच कर रहे थे। "

मंझली जोर जोर से सिसकारी भर रही थी ,उचक रही थी।


और कुछ जीजू का हाथ स्कर्ट के अंदर , गोरी किशोर जांघो को रगड़ने मलने में लग गया। और जब तक मंझली की चड्ढी के ऊपर से , उन्होंने उसकी चुन्मुनिया दबा दी और रस लेंने लगे। 

मझली का तन और मन दोनों गिनगिना रहा था.

और उसके जीजू , उसको आज छोड़ने वाले भी नहीं थे। उंगली तो सिर्फ ट्रेलर था। अभी तो प्यारी साली जी की कुँवारी , किशोर चुन्मुनिया में बहुत कुछ जाना था।
 

उनकी ऊँगली की टिप अब गुलाबी परी के अंदर घुस गयी थी और गोल गोल घूम रही थी 


[Image: pussy-fingering-tumblr-n1ciai-Jq-DH1rw5um0o1-r1-400.gif]
और ऊपर दूसरा हाथ उभरते जोबन की घुंडियों को गोल गोल घुमा रहा था। क्या मस्त चूंचिया हैं साली की , वो सोच रहे थे। साथ में अपना मोटा खड़ा खूंटा , उसके उठी स्कर्ट के अंदर , बार बार रगड़ रहे थे। 

मंझली ने अब सारे रेस्जिस्टेन्स छोड़ दिए थे , बहाने के तौर पे भी। इतने दिनों से यही तो ये सोच रही थी , जब से उसने जीजू को देखा था , कोहबर में घुसते समय जब जीजू उसे रगड़ते हुए घुसे थे, और उस के कान में बोला था , 


होली में बचोगी नहीं और उस ने भी मुस्करा के जवाब दिया था , 


बचन कौन साल्ली चाहती है। 

जीजू बड़े रसीले थे , एकदम कलाकार। ऊँगली अंदर बाहर हो रही थी , साथ में उनकी हथेलियां भी उसकी रामपियारी को रगड़ रही थीं , मसल रही थीं। 


छुटकी पीछे से जीजा की शर्ट उठा के उनके पीठ में रंग पोत रही थी , तो कभी बाल्टी से रंग उठा के सीधे उन्हें नहला देती।

[Image: holi-hot-still-39.jpg]
 
मंझली झड़ने के कगार पे थी , और बस एक मिनट का बहाना बना के , वो चंगुल से छूटी और सीधे स्टोर में , रंगो की सप्लाई लेने,

बस आँगन में छुटकी बची , और उसके जीजू। 

छुटकी छोटी थी लेकिन अब बच्ची नहीं थी , और वो देख रही थी की जीजू के हाथ मझली के साथ कहाँ सैर सपाटा कर रहे थे। 

और अगले ही पल उसके किशोर गाल जीजू के हाथ में थे। छुटकी कुछ रंग से लाल हो रही थी , कुछ लाज से। 

लेकिन लालची हाथ जो एक साली का जोबन रस ले चुके , दूसरी को क्यों छोड़ते। और उन्होंने छोड़ा भी नहीं। 

लेकिन गलती छुटकी की थी , बल्कि उसकी पुरानी घिसी हुयी टाइट फ्राक की , जैसे उनका हाथ घुसा ,… 


चररररर चरररररर,.... फ्राक का ऊपरी हिस्सा फट गया। 

और छुटकी के टिकोरे , … एक टिकोरा आलमोस्ट बाहर ,


[Image: Joru-K-teen-young-8.jpg]










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RE: मजा पहली होली का ससुराल में , - by komaalrani - 02-03-2019, 12:52 PM



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