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Gay/Lesb - LGBT मनोज से माया तक का सफर
#55


अब आगे पढ़िये :--
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_________________अपडेट ::8________________

मेरा लंड खड़ा होने लगा था, दीपाजी बहुत ही तरीके से मेरी छाती मसल रही थी..
बहुत ही अच्छा लग रहा था..
मदनजी मेरे गालों पर हाथ फिरा रहे थे.. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था,
लेकिन डर भी रहा था की क्या क्या होगा मेरे साथ बहुत सी शंकाये थी मेरे मन में ...क्या होगा..कैसे होगा ???
दीपाजी बहुत ही प्यार से पेश आ रही और मदनजी तो एकदम ही अच्छे से.. उसी से दिल को राहत मिल रही थी...
तभी मदनजी ने दीपाजी को कुछ इशारा किया, वो अंदर चली गयी , कुछ देर बाद वो वापस आई ,
अब उन्होंने एक स्कर्ट पहनी हुई थी लाल रंग की जो उनके बदन से एकदम चिपकी हुई थी , उनकी गोरी जाँघे पूरी दिख रही थी ,
ऊपर बहुत ही बड़ा वी कट गला था जिसमे से उनकी बड़ी बड़ी छातियों की आधी से ज्यादा झलक मिल रही थी ,
बहुत ही सेक्सी नजारा था बिल्कुल जैसे सन्नी लियोनी लग रही थी कुलमिलाकर..
दीपाजी मेरे ही पास चिपक के बैठ गयी , तभी मदनजी अंदर चले गये ,
दीपाजी मेरे से सटके बैठी हुई थी हम दोनो के शरीर चिपक रहे थे, उन्होंने कोई बहुत ही मस्त परफ्यूम लगा रखा था,
तभी उन्होंने मुझे अपने से सटा लिया मेरा मुंह उनकी छातियों से लगा हुआ था,
उनकी छातियों की गहराई मुझे अंदर तक दिख रही थी, मेरा लंड खड़ा होना शरू हो गया,
तभी दीपाजी ने मेरी पेंट के ऊपर अपना एक हाथ रख दिया, उफ्फ्फ मेरा लंड उनके हाथ से रगड़ कहा रहा था ...
फिर दीपाजी ने पेंट के ऊपर से ही धीरे धीरे उसको सहलाना शुरू कर दिया, मुझको बहुत ही मजा आ रहा था इस तरह अपना लंड सहलवाने में ...
तभी मदनजी आ गये वो भी कपड़े चेंज करके आ गये थे .. उन्होंने एक बनियान और शार्ट पहना हुआ था,
उनकी बॉडी पर ढेर सारे बाल थे, चौड़ी छाती थी , किसी बॉक्सर जैसी बॉडी थी ,उनकी बॉडी देखकर मुझको कुछ-कुछ होने लगा था
वो भी मेरी ही बगल में आकर बैठ गये.. दीपाजी अब भी मेरे लंड को सहला रही थी मेरी पेंट में तम्बू बन चुका था,
सर मुझको चूमने लगे थे उनके मुंह से शराब की महक आ रही थी..तभी दीपाजी ने मेरी पेंट की जीप खोलकर मेरा छोटा सा लंड बाहर निकाल लिया उफ्फ्फ....
जब उन्होंने मेरे लंड को छुआ तो उसमें से वीर्य की दो बून्द निकल गयी मारे मजे के..
लेकिन दीपाजी ने उसको अपनी अंगुली से उठा लिया और मदनजी के मुंह में वो अंगुली डाल दी जो मदनजी चाटने लगे..
मेरे सर मेरा वीर्य चाट रहे है यह देखकर में पागल ही हो गया..
तभी मदनजी ने मेरा लंड पकड़ लिया और अपने मुंह में ले लिया..इधर  दीपाजी ने मेरी टीशर्ट भी उतार दी..
उन्होंने मेरी निपल्स को चूमना चाटना शुरू कर दिया अब तो सेक्स के नशे में डूब ही गया था में ..
तभी दीपाजी सोफे पे खड़ी हो गयी और अपनी स्कर्ट ऊपर उठाली अंदर उन्होंने कुछ नहीं पहन रखा हुआ था,
उनकी एकदम साफ चुत मुझको दिखाई देने लगी, मदनजी अब भी मेरा लंड चूस रहे थे .. उनकी चुत पर एक भी बाल नहीं था
बिल्कुल साफ सांवली चूत थी अंदर से बिल्कुल लाल थी फिर दीपाली ने मेरा मुंह पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और बोली चाट इसको..
में मस्ती से अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा सर अभी भी मेरा लंड चूस रहे थे .. आज दूसरी बार मेरा लंड चूसा जारहा था..
बहुत ही मस्ती भरा एहसास था वो में जैसे सातवें आसमान में था..
तभी मेरे लंड ने अपना पानी छोड़ दिया जिसको मदनजी पूरा पी गये और मेरा लंड अच्छे से साफ कर दिया चाट चाटकर ..
में अभी भी दीपाली की चुत चाट रहा था तभी दीपाली बोली :- अब उसका लंड छोड़ो मेरी गांड का छेद चाटो आओ..
सर उनके पीछे चले गये और उनकी गांड को जीभ से चाटने लगे.....
मदनजी अपनी जीभ को गोल गोल करके अपनी बीबी के गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगे ,
इससे दीपाजी बहुत ही उतेजित हो गयी थी, उनकी सिसकियां जोर जोर से सुनाई देने लगी थी..
में भी अपनी जीभ को उनकी चुत की गहराइयों में अंदर-बाहर करने लगा था,    
दीपाली दोनो तरफ से जीभ का मजा ले रही थी, में अब भी सेक्स के नशे में डूबा हुआ मस्ती से उसकी चुत चाट रहा था ..
करीब 10 मिनिट बाद मेरे मुंह में उनकी चुत का रस टपकने लगा जिसको में चाट चाट कर पूरा निगल गया..
अब दीपाली हांफने लगी और सोफे पर ढेर हो गयी. !! 
मदनजी भी अपना बरमूडा उतार दीये , ओह्ह उनका लंड तो मुझसे भी छोटा था ,उनका काला लंड करीब 4 इंच का ही होगा ,
वो खड़ा था और तभी मदनजी उसको मुठ मारने लगे करीब 2 ही मिनिट में उनका भी पानी निकल गया जो करीब 4-5 बून्द ही था ..!!
तभी दीपालीजी बोली :- मदन आज तो मजा ही आ गया क्या तरीके से चाटता है यह लड़का तो कमाल ही है..
खास बात यह है की ये डर्टी सेक्स भी आराम से करता है , लगता है ये धमाल मचा देगा ... है ना ..??
मदनजी :-- डार्लिंग, लेकिन अभी तो इसने कुछ भी नहीं किया है, क्या यह ड्रेसिंग कर पायेगा ..?? क्या ये आराम से बड़ा लंड झेल पायेगा ..??
दीपाली :-- अरे जवान लड़का है ये तो कुछ भी झेल लेगा फिर में हूँ ना अच्छे से ट्रेनिंग दूंगी इसको में.. क्यों बेटा लोगे ना मुझसे ट्रेनिंग...?
क्या पता मेरे मन में क्या आया मैंने झट से हाँ भरदी,
दीपाली और मदन दोनों ही खुश हो गये , दीपाली ने मुझको एक पांच सो का नोट दिया बोली ये तुम्हारे खर्चे के लिये,
परसो सन्डे है तुम दिन में आ जाओ दो-तीन घण्टे के लिये , फिर में तुमको समझाऊंगी की क्या करना है तुमको ,
लेकिन तुमको बहुत ही मजा आयेगा और पैसे भी मिलेंगे यह भी समझ लेना तुम..!!
में खुश होकर वहां से निकल गया....!!!!
 
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RE: मनोज से माया तक का सफर - by Salmakhan21 - 02-03-2019, 11:58 AM
RE: मनोज से माया तक का सफर - by Sexyboyforol - 13-03-2019, 09:53 AM



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