01-03-2019, 05:13 PM
जुनैद ने बिना देर किए अपने खूंटी जैसे लोड़े को मेरी रूपाली दीदी कि कमसिन योनि में एक जबरदस्त झटके के साथ पेलने लगा... अपनी नाजुक नाजुक योनि में जुनैद के कठोर लोड़े का झटका खाकर मेरी दीदी बेहाल हो गई थी... मेरी दीदी चीख रही थी और मेरी तरफ देख रही थी.... उनकी आंखों में आंसू थे.... उनकी आंखे देखकर लगा था जैसे वह मुझसे कह रही हो की प्लीज भाई मुझे बचा लो इस दरिंदे से... दीदी की हालत देखकर मुझे उन पर तरस आने लगा और खुद पर भी... सगा भाई होने के बावजूद भी मैं अपनी संस्कारी पतिव्रता दीदी की लाज एक गुंडे के हाथों लूटते हुए देख रहा था... चुपचाप...ओह्ह… माँ ऽऽ, फाड़ दी अह्ह… ओह्ह...ऊओह्ह… माँ … मेरी रूपाली दीदी के मुंह से आवाज निकलने लगी थी.. क्यों की जुनैद ने मेरी दीदी की योनि के अंदर कुछ जबरदस्त झटके दिए थे... जुनैद का पूरा लोड़ा मेरी दीदी की छोटी सी योनि में समा चुका था... जुनैद ने मेरी दीदी की दोनो टांगे फैला दी नीचे जमीन पर सूखी घास पर और उनके ऊपर लेट गया.. उसने मेरी दीदी की एक चूची अपने मुंह में ले लि और मेरी दीदी का दूध पीने लगा.... उसका लौड़ा अभी भी मेरी दीदी की योनि की गहराइयों में समाया हुआ था... देख बहन चोद देख.... जुनैद अब तेरी संस्कारी दीदी की चूत का भोसड़ा बना देगा... असलम अपना लौड़ा हिलाते हुए मुझे संबोधित करते हुए कह रहा था पर उसकी नजर जुनैद के नीचे नंगी लेटी हुई मेरी रूपाली दीदी पर ही थी... कुछ देर मेरी दीदी का दूध चूसने के बाद जुनैद ने मेरी दीदी की ठुकाई चालू कर दी... जुनैद अपना पूरा लोड़ा बाहर निकलता और एक झटके में मेरी दीदी की योनि में डाल देता.... मेरी दीदी कराह उठी... वह बिलबिला रही थी.. मचल रही थी... पर जालिम जुनैद मेरी दीदी की योनि की धुनाई किए जा रहा था...मेरा लंड अपने तेवर दिखा रहा था.. ना चाहते हुए भी वह बार-बार खड़ा हो रहा था अपनी सगी दीदी की ठुकाई देखकर... वह भी एक गुंडे के द्वारा.... जुनैद जमीन पर उल्टा हो गया... अब मेरी दीदी उसके ऊपर थी... जुनैद ने मेरी दीदी को बाहों में दबोच रखा था.. उसका लौड़ा मेरी दीदी की योनि में -अभी समाया हुआ था. उसने उठने की कोशिश की तो उसका लौड़ा मेरी दीदी की योनि से फिसल के बाहर निकल गया.. उसका लौड़ा किसी कालिया नाग की तरह लग रहा था... जुनैद उठ के बैठ गया था उसने मेरी दीदी को अपनी गोद में बिठा रखा था... दोनों पसीने से भीगे हुए थे और बिल्कुल नंगे थे.. जैसे अखाड़े में दो पहलवान.... पर यह तो वासना का अखाड़ा था जहां पर मेरी संस्कारी सुहागन रूपाली दीदी एक गैर मर्द से लड़ रही थी... अपनी लाज बचाने के लिए... पर लाज बचाना तो दूर की बात है मेरी दीदी तो नंगी होकर उसके ऊपर बैठी हुई थी.... जुनैद ने अपने लोड़े को एक हाथ में पकड़ा और उसे सीधा किया. मेरी दीदी की कमर थाम के उसने अपना लौड़ा मेरी दीदी की योनि पर सेट किया... दीदी ना नुकुर करने लगी तो जुनैद ने उनकी चूचि को अपने दांतों में दबा लिया और काटने लगा... एक बार जब जुनैद के लोड़े का सुपाड़ा मेरी दीदी की योनि में समा गया... जुनैद ने मेरी दीदी को अपनी दोनों बांहों में मजबूती से जकड़ लिया... और दीदी को अपने लोड़े पर बिठाने लगा.... मेरी दीदी एक दर्द भरी चीख के साथ उसके लोड़े पर बैठने लगी.... जुनैद ने नीचे से जोर का झटका दीया और उसका लौड़ा मेरी दीदी की योनि मैं आधा घुस गया... मेरी दीदी तड़पने और झटपट आने लगी... पर जुनैद को उनकी परवाह नहीं थी.