01-03-2019, 04:07 PM
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साइज मैटर्स ,…
![[Image: sixteen-cock11.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-cock11.md.jpg)
लेकिन लगता है बहुत,....
![[Image: sixteen-tumblr_moko1u171O1r8quyio4_400.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-tumblr_moko1u171O1r8quyio4_400.jpg)
“सच… कुछ भी… करूं…” उसकी आवाज थरथरा रही थी।
मैंने अपने गुलाबी गाल उसके गाल से रगड़ते हुए कहा-
“हां… कुछ भी जो तुम चाहो… जैसे भी… जितनी बार… जब भी…”
अब उससे नहीं रहा गया और उसने खींच के मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे गरम गुलाबी रसीले होंठों को कस-कस के किस करने लगा। उसका एक हाथ मेरा सर पकड़ के अपनी ओर खींच रहा था और दूसरा कस-कस के टाप के ऊपर से ही मेरे जोबन का रस ले रहा था।
![[Image: sixteen-kacchetik5.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-kacchetik5.md.jpg)
सकी जुबान मेरे होंठों के बीच घुस गयी थी और जल्द हो उसने मेरा टाप उठाकर मेरे कबूतरों को आजाद कर दिया। मेरे गोरे-गोरे उठते उभारों को देख के जैसे उसकी सांस थम गयी पर बिना रुके, जैसे किसी नदीदे बच्चे को मिठाई मिल जाये और वह उसपे टूट पड़े, वह उसे दबाने मसलने लगा।
उसके होंठ भी अब उसे चूम रहे थे, मेरे रसीले जोबन का रसपान कर रहे थे। और पाजामे के अंदर से उसका मोटा खड़ा लण्ड… लग रहा था कि अब मेरी स्कर्ट को भी फाड़कर मेरी चूत में घुस जायेगा।
![[Image: sixteen-16297_07.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-16297_07.jpg)
उसका हाथ मेरी गोरी जांघों को सहलाते सहमते-सहमते, मेरी चूत की ओर बढ़ रहा था, फिर अचानक उसने कस के मेरी चूत को पकड़ लिया।
वह भी अब खूब गीली हो रही थी।
लेकीन अब मेरा मन भी उसके खड़े लण्ड को देखने को कर रहा था। उसने मुझे पहले तो लिटा दिया
फिर कुछ सोचकर मुझसे पेट के बल लेटने को कहा। मेरा टाप इस बीच मेरा साथ छोड़ चुका था। जब मैं पेट के बल लेट गयी, तो उसने मेरे पेट के नीचे कई तकिया लगाकर मेरे चूतड़ खूब उभार दिये।
![[Image: sixteen-butt125.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-butt125.md.jpg)
मेरे सर के नीचे भी उसने एक छोटी सी तकिया लगा दी और पीछे जाकर, स्कर्ट कमर तक करके मेरी टांगें भी खूब अच्छी तरह फैला दीं। कपड़ों की सरसराहट की आवाज के साथ मैं समझ गयी, कि अब उसके भी कपड़े उतर गये हैं।
मुझे लगा रहा था कि अब वो अपना लण्ड मेरी चूत में डालेगा।
पर मेरे पीछे बैठकर थोड़ी देर वो मेरे सेक्सी चूतड़ों को सहलाता रहा और फिर उसने एक उंगली मेरी चूत में घुसेड़ दी। मेरी चूत वैसे ही गरम हो रही थी। थोड़ी देर तक एक उंगली अंदर-बाहर करने के बाद, उसने उसे निकाल लिया। मैं मस्ती के मारे पागल हो रही थी
पर अब भी उसने अपना लण्ड पेलने के बजाय अपनी दो उंगलियां एक साथ घुसेड़ दीं।
मैं खूब गीली हो रही थी, और वैसलीन भी मैंने अच्छी तरह चुपड़ी थी फिर भी दो उंगलियां मेरे लिये बहुत थीं और वो मेरी चूत में खूब रगड़-रगड़ के अंदर जा रही थी।
![[Image: fingering-tumblr_p9cbvqyKdA1tpmlvxo1_400.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/fingering-tumblr_p9cbvqyKdA1tpmlvxo1_400.gif)
मैं मस्ती के मारे सिसकियां भर रहीं थी- “हां दिनेश डाल दो ना प्लीज, अब और मत तड़पाओ… उह…
उह्ह्ह… हां हां… करो ना… कब तक… ओह…” मस्ती के मारे मेरे चूतड़ भी हिल रहे थे।
पर उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और अब वह एक हाथ से मेरी झुकी हुई चूचियों को कस-कस के दबा रहा था और उसकी दोनों उंगलियां भी खूब कस के मेरा चूत मंथन कर रही थी।
कभी वह तेजी से अंदर-बाहर होतीं, कभी वह उसको गोल-गोल तेजी से घुमाता। जब मेरी हालत बहुत खराब हो गयी तो उसने एक हाथ से मेरी चूत के होंठ फैलाकर अपना सुपाड़ा सटाया और कमर पकड़ के पूरी ताकत से पेल दिया।
ओह्ह्हह्ह्हह… मेरी जान निकल गयी। मैंने अपना मुँह कस के तकिये में दबा लिया था।
![[Image: sixteen-116796_07.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-116796_07.jpg)
तब तक उसने फिर पूरी ताकत से दुबारा धक्का लगाया।
मैं समझ गयी कि आज तो मेरी चूत फट जायेगी।
पर गलती तो मेरी ही थी मैंने उसे इतना छेड़ा था। मेरी चूत पूरी तरह फैली हुई थी, पर वह रुकने वाला नहीं था, उसने फिर कस के धक्का लगाया।
“उईईई…” मैंने कसकर अपने होंठों को दांत से काटा, पर फिर भी चीख निकल गयी। लग रहा था कि कोई लोहे का मोटा राड मेरी चूत में धंस गया हो। मैं कस-कस के अपने चूतड़ हिला रही थी, पर लण्ड एकदम अंदर तक धंसा हुआ था और बाहर निकलने वाला नहीं था।
मैंने अच्छी तरह से अंदर-बाहर वैसलीन लगायी थी फिर भी मेरी चूत… चरचरा रही थी।
![[Image: sixteen-cock11.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-cock11.md.jpg)
लेकिन लगता है बहुत,....
![[Image: sixteen-tumblr_moko1u171O1r8quyio4_400.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-tumblr_moko1u171O1r8quyio4_400.jpg)
“सच… कुछ भी… करूं…” उसकी आवाज थरथरा रही थी।
मैंने अपने गुलाबी गाल उसके गाल से रगड़ते हुए कहा-
“हां… कुछ भी जो तुम चाहो… जैसे भी… जितनी बार… जब भी…”
अब उससे नहीं रहा गया और उसने खींच के मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे गरम गुलाबी रसीले होंठों को कस-कस के किस करने लगा। उसका एक हाथ मेरा सर पकड़ के अपनी ओर खींच रहा था और दूसरा कस-कस के टाप के ऊपर से ही मेरे जोबन का रस ले रहा था।
![[Image: sixteen-kacchetik5.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-kacchetik5.md.jpg)
सकी जुबान मेरे होंठों के बीच घुस गयी थी और जल्द हो उसने मेरा टाप उठाकर मेरे कबूतरों को आजाद कर दिया। मेरे गोरे-गोरे उठते उभारों को देख के जैसे उसकी सांस थम गयी पर बिना रुके, जैसे किसी नदीदे बच्चे को मिठाई मिल जाये और वह उसपे टूट पड़े, वह उसे दबाने मसलने लगा।
उसके होंठ भी अब उसे चूम रहे थे, मेरे रसीले जोबन का रसपान कर रहे थे। और पाजामे के अंदर से उसका मोटा खड़ा लण्ड… लग रहा था कि अब मेरी स्कर्ट को भी फाड़कर मेरी चूत में घुस जायेगा।
![[Image: sixteen-16297_07.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-16297_07.jpg)
उसका हाथ मेरी गोरी जांघों को सहलाते सहमते-सहमते, मेरी चूत की ओर बढ़ रहा था, फिर अचानक उसने कस के मेरी चूत को पकड़ लिया।
वह भी अब खूब गीली हो रही थी।
लेकीन अब मेरा मन भी उसके खड़े लण्ड को देखने को कर रहा था। उसने मुझे पहले तो लिटा दिया
फिर कुछ सोचकर मुझसे पेट के बल लेटने को कहा। मेरा टाप इस बीच मेरा साथ छोड़ चुका था। जब मैं पेट के बल लेट गयी, तो उसने मेरे पेट के नीचे कई तकिया लगाकर मेरे चूतड़ खूब उभार दिये।
![[Image: sixteen-butt125.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-butt125.md.jpg)
मेरे सर के नीचे भी उसने एक छोटी सी तकिया लगा दी और पीछे जाकर, स्कर्ट कमर तक करके मेरी टांगें भी खूब अच्छी तरह फैला दीं। कपड़ों की सरसराहट की आवाज के साथ मैं समझ गयी, कि अब उसके भी कपड़े उतर गये हैं।
मुझे लगा रहा था कि अब वो अपना लण्ड मेरी चूत में डालेगा।
पर मेरे पीछे बैठकर थोड़ी देर वो मेरे सेक्सी चूतड़ों को सहलाता रहा और फिर उसने एक उंगली मेरी चूत में घुसेड़ दी। मेरी चूत वैसे ही गरम हो रही थी। थोड़ी देर तक एक उंगली अंदर-बाहर करने के बाद, उसने उसे निकाल लिया। मैं मस्ती के मारे पागल हो रही थी
पर अब भी उसने अपना लण्ड पेलने के बजाय अपनी दो उंगलियां एक साथ घुसेड़ दीं।
मैं खूब गीली हो रही थी, और वैसलीन भी मैंने अच्छी तरह चुपड़ी थी फिर भी दो उंगलियां मेरे लिये बहुत थीं और वो मेरी चूत में खूब रगड़-रगड़ के अंदर जा रही थी।
![[Image: fingering-tumblr_p9cbvqyKdA1tpmlvxo1_400.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/fingering-tumblr_p9cbvqyKdA1tpmlvxo1_400.gif)
मैं मस्ती के मारे सिसकियां भर रहीं थी- “हां दिनेश डाल दो ना प्लीज, अब और मत तड़पाओ… उह…
उह्ह्ह… हां हां… करो ना… कब तक… ओह…” मस्ती के मारे मेरे चूतड़ भी हिल रहे थे।
पर उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और अब वह एक हाथ से मेरी झुकी हुई चूचियों को कस-कस के दबा रहा था और उसकी दोनों उंगलियां भी खूब कस के मेरा चूत मंथन कर रही थी।
कभी वह तेजी से अंदर-बाहर होतीं, कभी वह उसको गोल-गोल तेजी से घुमाता। जब मेरी हालत बहुत खराब हो गयी तो उसने एक हाथ से मेरी चूत के होंठ फैलाकर अपना सुपाड़ा सटाया और कमर पकड़ के पूरी ताकत से पेल दिया।
ओह्ह्हह्ह्हह… मेरी जान निकल गयी। मैंने अपना मुँह कस के तकिये में दबा लिया था।
![[Image: sixteen-116796_07.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/sixteen-116796_07.jpg)
तब तक उसने फिर पूरी ताकत से दुबारा धक्का लगाया।
मैं समझ गयी कि आज तो मेरी चूत फट जायेगी।
पर गलती तो मेरी ही थी मैंने उसे इतना छेड़ा था। मेरी चूत पूरी तरह फैली हुई थी, पर वह रुकने वाला नहीं था, उसने फिर कस के धक्का लगाया।
“उईईई…” मैंने कसकर अपने होंठों को दांत से काटा, पर फिर भी चीख निकल गयी। लग रहा था कि कोई लोहे का मोटा राड मेरी चूत में धंस गया हो। मैं कस-कस के अपने चूतड़ हिला रही थी, पर लण्ड एकदम अंदर तक धंसा हुआ था और बाहर निकलने वाला नहीं था।
मैंने अच्छी तरह से अंदर-बाहर वैसलीन लगायी थी फिर भी मेरी चूत… चरचरा रही थी।
![[Image: fucking-forced-389_1000.gif]](https://picsbees.com/images/2018/10/28/fucking-forced-389_1000.gif)