05-07-2020, 11:50 AM
गुरपाल के लंड को मम्मों के बीच दबाकर उसने उसे मुँह में भी ले लिया....हालाँकि ऐसा करने के लिए गुरपाल ने नही कहा था पर उसके चॉकलेटी लंड को देखकर सबा के मुँह में पानी आ चुका था इसलिए उसका खुद पर कंट्रोल नही रहा और उसने लंड को मुँह में ले ही लिया....और जब लिया तो उसके बाद उसे छोड़ने का नाम ही नही लिया...वो अपने दोनो हाथों से उसकी गोटियों को मसलती हुई पूरी लगन से गुरपाल का लंड चूसने लगी...
गुरपाल के हाथ भी उसके मुम्मो पर आ टिके और वो उन्हे नींबू की तरह मसलने लगा...
जल्द ही गुरपाल की सिसकारियाँ गूँज उठी...कमरे में मोजूद हर शख्स उससे जल रहा था...औरतें ये सोचकर की काश वो क्यों नहीं है सबा की जगह और मर्द ये सोचकर की काश वो होते गुरपाल के बदले वहां पर...
लेकिन हर किसी का नंबर आना था, इसलिए सभी तसल्ली के साथ उनका ये शो देखते रहे..
और जल्द ही वो वक़्त आ गया जिसके लिए इतनी मेहनत की जा रही थी...गुरपाल के लंड ने भरभराते हुए अपना माल निकालना शुरू कर दिया...जो सीधा सबा के चेहरे पर गया...सबा ने उसके हिनहिनाते घोड़े को मुँह में लेकर बाकी का बचा हुआ वीर्य सीधा अपनी हलक में उतार लिया...ऐसा पंजाबी खाना वो वेस्ट नही करना चाहती थी...
उसके लंड को पूरा खाली करने के बाद वो उसे चमकाकर वहां से उठ गयी....कमरे में मोजूद सभी लोगो ने उसके लिए तालियाँ बजाई...और उन्हे सुनकर वो ऐसे खुश हो रही थी मानो वर्ड कप जीतकर आई हो...उसने अपना ब्लाउस उठाया और उसे बिना पहने ही टॉपलेस होकर वो अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी...सारे ठरकी अभी भी उसके गोरे मुम्मे देखकर अपना-2 लंड मसल रहे थे...ये एहसास सबा को अंदर तक उत्तेजित कर रहा था..
अगला नंबर केपर साहब का था...
वो चाहते तो सबा के साथ कुछ करना थे पर वो अभी लॅंड चूस्कर उठी थी, इसलिए दोबारा उसे परेशान नही करना चाहते थे....वो कमरे में मोजूद हर औरत को देख रहे थे....बिल्कुल वैसे ही जैसे कोठे पर जाकर चुदाई से पहले रंडियों को देखा जाता है...अभी कुछ देर पहले जिस अंदाज में सुमन भाभी ने उनके लंड को छूकर उसमे हवा भरी थी, उसे ही दिमाग़ में रखकर उन्होने सुमन की तरफ इशारा कर दिया..
वो तो पहले से ही तैयार थी की कब उसका नंबर आए और कब वो सबके सामने कुछ नया पेश करे...
कपूर : "मैं चाहता हूँ ...की .... की ...''
वो थोड़ा झिझक रहे थे...शायद जो करवाना चाहते थे उसकी वजह से या फिर कमरे में मोजूद अपनी बीबी की वजह से...
सुमन : "अब बोलिए भी कपूर साहब....आप अगर ऐसा करेंगे तो गेम आगे कैसे बढ़ेगी ....आप बेझिझक कहिए क्या करवाना है मुझसे...आई प्रोमिस आपको निराश नहीं करूँगी...''
उसने ये बात उनके इतने करीब आकर कही थी की उसके मोटे मुम्मो की महक उनके नथुनों में भरी जा रही थी...
उन्होने एक ही झटके में बोल डाला : "मैं चाहता हूँ की आपके नंगे बदन को मैं उपर से नीचे तक चूमूं...''
कहना तो वो ''चाटना'' चाहता था,पर अपनी बीबी के डर से ''चूमू'' ही निकल सका उसके मुँह से...
सभी ये सुनकर हैरान रह गये की कैसे कपूर साहब एकदम से इस गेम को दूसरे सिरे तक पहुँचा रहे है...एक तरफ तो उनकी बीबी थी जिसने स्मूच करने से मना कर दिया था, और दूसरी तरफ उनके ये पति जो अपनी सारी हदें पार करने में कोई कसर नही छोड़ रहे थे...
पर सुमन ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग सकते में आ गये..वो बोली : "मुझे कोई प्राब्लम नही है...पर मेरी भी एक शर्त है, आपको भी मेरी तरह न्यूड होना पड़ेगा....''
अब बॉल कपूर साहब के कोर्ट में थी...नीरू के दिमाग़ से ये बात अभी उतर नही पाई थी की उसका पति कैसे नंगी सुमन को चूमेगा, उपर से सुमन ने ये कहकर तो हद ही कर दी थी...अब वो देखना चाहती थी की क्या उसके पति भी वैसा करने की हिम्मत रखते है जैसा सुमन करने को तैयार थी...
अब खेल काफ़ी रोमांचक हो चुका था...
लेकिन एक बात पक्की थी,मज़ा सभी को मिल रहा था.
सुमन बीच मैदान में खड़ी होकर कपूर साहब के आने का इंतजार कर रही थी...वो बेचारे अभी तक सकुचा रहे थे...सुमन ने शशांक की तरफ़ देखा तो शशांक ने उसे अपना काम करने को कहा...यानी अपने कपड़े उतारने को..
सुमन ने अपनी साड़ी खोलनी शुरू कर दी...नीचे उसने डिसाइनर ब्लाउज़ पहना हुआ था...और बहुत ही हल्के कपड़े का पेटीकोट ...जिसके अंदर उसकी टांगे सॉफ चमक रही थी...उसकी मोटी जाँघो को देखकर सभी के मुँह में पानी आ रहा था...
सुमन ने अपना पेटीकोट भी खोलकर नीचे गिरा दिया...ब्लाउज खोला तो एक पतली सी ब्रा ही रह गयी ...जिसे पकड़ कर उसने नीचे खिसका दिया...उसके गोरे-2 चाँद जैसे कटोरे सबके सामने उजागर हो गये...
उसने कपूर साहब की तरफ देखा...यानी वो उन्हे लालच दे रही थी की जल्दी अपने भी कपड़े उतारो ताकि वो भी अपने ये बचे हुए कपड़े उतार कर शर्त को पूरा कर सके...
कपूर साहब की तो हालत खराब हो चुकी थी....
अब उन्हे एहसास हो रहा था की भरी महफ़िल में एक औरत को नंगा करना कितना आसान है और खुद कपड़े उतारना कितना मुश्किल...
लेकिन सुमन का नंगा बदन उन्हे हिम्मत प्रदान कर रहा था..उसके अर्धनग्न बदन को देखकर उन्हे ऐसा लग रहा था की मानों उनकी धड़कन ही रुक जाएगी...ऐसा सेक्सी नज़ारा उन्होने आज तक नही देखा था जहाँ ऐसी सेक्स से भरी औरत धीरे-2 अपने कपड़े उतार रही है जो उनकी सोसायटी की सेक्स सिंबल कहलाती है...
उसकी चिकनी जाँघो और गोरे मुम्मो को देखकर उनके मुँह में पानी आ गया...क्योंकि उसे ही चूमने और चूसने वाले थे वो कुछ ही देर में ...लेकिन उसके लिए उन्हे अपने कपड़े भी तो उतारने पड़ेंगे...उन्होने अपनी पत्नी नीरू की तरफ देखा की कही वो गुस्सा करके तो नही बैठी है...पर वो ये देखकर हैरान रह गये की उसका सारा ध्यान तो सुमन के आधे नंगे बदन की तरफ था...
वो उसके उभारों और कच्छी में फंसी चूत को देखकर ऐसे गहरी साँसे ले रही थी जैसे वो कोई मर्द हो...
यानी कमरे में मोजूद दूसरे मर्दों की तरह वो सुमन के नंगे होते बदन को देखकर उत्तेजित हो रही थी...
ये बात शशांक ने भी नोट कर ली...
वो समझ गया की नीरू को कैसे लाइन पर लाना है...
जब कपूर साहब ने देखा की उनकी बीबी तो खुद इस खेल का मज़ा ले रही है तो उन्होने झट से अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए..
उन्होने आनन-फानन में अपनी पेंट उतार दी...अपनी शर्ट भी खोल दी...और सुमन के करीब आकर खड़े हो गये...
उत्तेजना की वजह से उनके लंड का इतना बुरा हाल था की उसका सुपाड़ा उनके अंडरवीयर से बाहर झाँक रहा था...
सुमन ने जब उनके लंड के टोपे को बाहर निकलकर चमकते देखा तो उसके मुँह में पानी आ गया...और वो झट से उनके कदमो में बैठ गयी और एक ही झटके में उसने उनके अंडरवीयर को पकड़ कर नीचे खिसका दिया...
उनका फुंफकारता हुआ लंड एक ही झटके में सबके सामने प्रकट हो गया...सभी की चुतो में नमी फैल गयी और ना चाहते हुए भी सब औरतों के मुँह से एक सिसकारी निकल गयी...कपूर साहब के लंड को देखकर सभी ने एक बार फिर से तालियाँ बजाई...अपने लॅंड की ऐसी आवभगत होती देखकर कपूर को भी थोड़ा होसला मिला और वो मुस्कुराते हुए अपने लंड को पकड़कर मसलने लगे...
कपूर साहब अब पूरी तरह से नंगे होकर बीच बाजार खड़े थे..
उनके कसरती बदन को देखकर सभी औरतों के मुंह से आह सी निकल गयी
उन्होने सुमन को भी इशारा करके अपने बचे हुए कपड़े उतारने को कहा...
सुमन ने अपनी ब्रा खोल दी और उसे नीचे फेंक कर अपने मोटे मुम्मे हिलाती हुई उठ खड़ी हुई
कपूर साहब से सब्र नही हुआ और उन्होने सुमन की ब्रैस्ट पकड़ कर उन्हे चूम लिया...
सुमन ने भी उनके सिर के पीछे हाथ रखकर उन्हे छोटे बच्चे की तरह अपनी छाती से चिपका लिया और अपना सिर उपर करके अपना दूध उसके मुँह में अर्पित कर दिया.
गुरपाल के हाथ भी उसके मुम्मो पर आ टिके और वो उन्हे नींबू की तरह मसलने लगा...
जल्द ही गुरपाल की सिसकारियाँ गूँज उठी...कमरे में मोजूद हर शख्स उससे जल रहा था...औरतें ये सोचकर की काश वो क्यों नहीं है सबा की जगह और मर्द ये सोचकर की काश वो होते गुरपाल के बदले वहां पर...
लेकिन हर किसी का नंबर आना था, इसलिए सभी तसल्ली के साथ उनका ये शो देखते रहे..
और जल्द ही वो वक़्त आ गया जिसके लिए इतनी मेहनत की जा रही थी...गुरपाल के लंड ने भरभराते हुए अपना माल निकालना शुरू कर दिया...जो सीधा सबा के चेहरे पर गया...सबा ने उसके हिनहिनाते घोड़े को मुँह में लेकर बाकी का बचा हुआ वीर्य सीधा अपनी हलक में उतार लिया...ऐसा पंजाबी खाना वो वेस्ट नही करना चाहती थी...
उसके लंड को पूरा खाली करने के बाद वो उसे चमकाकर वहां से उठ गयी....कमरे में मोजूद सभी लोगो ने उसके लिए तालियाँ बजाई...और उन्हे सुनकर वो ऐसे खुश हो रही थी मानो वर्ड कप जीतकर आई हो...उसने अपना ब्लाउस उठाया और उसे बिना पहने ही टॉपलेस होकर वो अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी...सारे ठरकी अभी भी उसके गोरे मुम्मे देखकर अपना-2 लंड मसल रहे थे...ये एहसास सबा को अंदर तक उत्तेजित कर रहा था..
अगला नंबर केपर साहब का था...
वो चाहते तो सबा के साथ कुछ करना थे पर वो अभी लॅंड चूस्कर उठी थी, इसलिए दोबारा उसे परेशान नही करना चाहते थे....वो कमरे में मोजूद हर औरत को देख रहे थे....बिल्कुल वैसे ही जैसे कोठे पर जाकर चुदाई से पहले रंडियों को देखा जाता है...अभी कुछ देर पहले जिस अंदाज में सुमन भाभी ने उनके लंड को छूकर उसमे हवा भरी थी, उसे ही दिमाग़ में रखकर उन्होने सुमन की तरफ इशारा कर दिया..
वो तो पहले से ही तैयार थी की कब उसका नंबर आए और कब वो सबके सामने कुछ नया पेश करे...
कपूर : "मैं चाहता हूँ ...की .... की ...''
वो थोड़ा झिझक रहे थे...शायद जो करवाना चाहते थे उसकी वजह से या फिर कमरे में मोजूद अपनी बीबी की वजह से...
सुमन : "अब बोलिए भी कपूर साहब....आप अगर ऐसा करेंगे तो गेम आगे कैसे बढ़ेगी ....आप बेझिझक कहिए क्या करवाना है मुझसे...आई प्रोमिस आपको निराश नहीं करूँगी...''
उसने ये बात उनके इतने करीब आकर कही थी की उसके मोटे मुम्मो की महक उनके नथुनों में भरी जा रही थी...
उन्होने एक ही झटके में बोल डाला : "मैं चाहता हूँ की आपके नंगे बदन को मैं उपर से नीचे तक चूमूं...''
कहना तो वो ''चाटना'' चाहता था,पर अपनी बीबी के डर से ''चूमू'' ही निकल सका उसके मुँह से...
सभी ये सुनकर हैरान रह गये की कैसे कपूर साहब एकदम से इस गेम को दूसरे सिरे तक पहुँचा रहे है...एक तरफ तो उनकी बीबी थी जिसने स्मूच करने से मना कर दिया था, और दूसरी तरफ उनके ये पति जो अपनी सारी हदें पार करने में कोई कसर नही छोड़ रहे थे...
पर सुमन ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग सकते में आ गये..वो बोली : "मुझे कोई प्राब्लम नही है...पर मेरी भी एक शर्त है, आपको भी मेरी तरह न्यूड होना पड़ेगा....''
अब बॉल कपूर साहब के कोर्ट में थी...नीरू के दिमाग़ से ये बात अभी उतर नही पाई थी की उसका पति कैसे नंगी सुमन को चूमेगा, उपर से सुमन ने ये कहकर तो हद ही कर दी थी...अब वो देखना चाहती थी की क्या उसके पति भी वैसा करने की हिम्मत रखते है जैसा सुमन करने को तैयार थी...
अब खेल काफ़ी रोमांचक हो चुका था...
लेकिन एक बात पक्की थी,मज़ा सभी को मिल रहा था.
सुमन बीच मैदान में खड़ी होकर कपूर साहब के आने का इंतजार कर रही थी...वो बेचारे अभी तक सकुचा रहे थे...सुमन ने शशांक की तरफ़ देखा तो शशांक ने उसे अपना काम करने को कहा...यानी अपने कपड़े उतारने को..
सुमन ने अपनी साड़ी खोलनी शुरू कर दी...नीचे उसने डिसाइनर ब्लाउज़ पहना हुआ था...और बहुत ही हल्के कपड़े का पेटीकोट ...जिसके अंदर उसकी टांगे सॉफ चमक रही थी...उसकी मोटी जाँघो को देखकर सभी के मुँह में पानी आ रहा था...
सुमन ने अपना पेटीकोट भी खोलकर नीचे गिरा दिया...ब्लाउज खोला तो एक पतली सी ब्रा ही रह गयी ...जिसे पकड़ कर उसने नीचे खिसका दिया...उसके गोरे-2 चाँद जैसे कटोरे सबके सामने उजागर हो गये...
उसने कपूर साहब की तरफ देखा...यानी वो उन्हे लालच दे रही थी की जल्दी अपने भी कपड़े उतारो ताकि वो भी अपने ये बचे हुए कपड़े उतार कर शर्त को पूरा कर सके...
कपूर साहब की तो हालत खराब हो चुकी थी....
अब उन्हे एहसास हो रहा था की भरी महफ़िल में एक औरत को नंगा करना कितना आसान है और खुद कपड़े उतारना कितना मुश्किल...
लेकिन सुमन का नंगा बदन उन्हे हिम्मत प्रदान कर रहा था..उसके अर्धनग्न बदन को देखकर उन्हे ऐसा लग रहा था की मानों उनकी धड़कन ही रुक जाएगी...ऐसा सेक्सी नज़ारा उन्होने आज तक नही देखा था जहाँ ऐसी सेक्स से भरी औरत धीरे-2 अपने कपड़े उतार रही है जो उनकी सोसायटी की सेक्स सिंबल कहलाती है...
उसकी चिकनी जाँघो और गोरे मुम्मो को देखकर उनके मुँह में पानी आ गया...क्योंकि उसे ही चूमने और चूसने वाले थे वो कुछ ही देर में ...लेकिन उसके लिए उन्हे अपने कपड़े भी तो उतारने पड़ेंगे...उन्होने अपनी पत्नी नीरू की तरफ देखा की कही वो गुस्सा करके तो नही बैठी है...पर वो ये देखकर हैरान रह गये की उसका सारा ध्यान तो सुमन के आधे नंगे बदन की तरफ था...
वो उसके उभारों और कच्छी में फंसी चूत को देखकर ऐसे गहरी साँसे ले रही थी जैसे वो कोई मर्द हो...
यानी कमरे में मोजूद दूसरे मर्दों की तरह वो सुमन के नंगे होते बदन को देखकर उत्तेजित हो रही थी...
ये बात शशांक ने भी नोट कर ली...
वो समझ गया की नीरू को कैसे लाइन पर लाना है...
जब कपूर साहब ने देखा की उनकी बीबी तो खुद इस खेल का मज़ा ले रही है तो उन्होने झट से अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए..
उन्होने आनन-फानन में अपनी पेंट उतार दी...अपनी शर्ट भी खोल दी...और सुमन के करीब आकर खड़े हो गये...
उत्तेजना की वजह से उनके लंड का इतना बुरा हाल था की उसका सुपाड़ा उनके अंडरवीयर से बाहर झाँक रहा था...
सुमन ने जब उनके लंड के टोपे को बाहर निकलकर चमकते देखा तो उसके मुँह में पानी आ गया...और वो झट से उनके कदमो में बैठ गयी और एक ही झटके में उसने उनके अंडरवीयर को पकड़ कर नीचे खिसका दिया...
उनका फुंफकारता हुआ लंड एक ही झटके में सबके सामने प्रकट हो गया...सभी की चुतो में नमी फैल गयी और ना चाहते हुए भी सब औरतों के मुँह से एक सिसकारी निकल गयी...कपूर साहब के लंड को देखकर सभी ने एक बार फिर से तालियाँ बजाई...अपने लॅंड की ऐसी आवभगत होती देखकर कपूर को भी थोड़ा होसला मिला और वो मुस्कुराते हुए अपने लंड को पकड़कर मसलने लगे...
कपूर साहब अब पूरी तरह से नंगे होकर बीच बाजार खड़े थे..
उनके कसरती बदन को देखकर सभी औरतों के मुंह से आह सी निकल गयी
उन्होने सुमन को भी इशारा करके अपने बचे हुए कपड़े उतारने को कहा...
सुमन ने अपनी ब्रा खोल दी और उसे नीचे फेंक कर अपने मोटे मुम्मे हिलाती हुई उठ खड़ी हुई
कपूर साहब से सब्र नही हुआ और उन्होने सुमन की ब्रैस्ट पकड़ कर उन्हे चूम लिया...
सुमन ने भी उनके सिर के पीछे हाथ रखकर उन्हे छोटे बच्चे की तरह अपनी छाती से चिपका लिया और अपना सिर उपर करके अपना दूध उसके मुँह में अर्पित कर दिया.