28-02-2019, 10:29 PM
(This post was last modified: 28-02-2019, 10:52 PM by babasandy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
असलम ने दारू का नया जाम बना लिया था... मेरी दीदी की ब्रा असलम के लोड़े पर झूल रही थी.... दूसरी तरफ मेरी रूपाली दीदी को जुनैद ने नीचे सूखी घास पे पटक दिया था और उनके ऊपर सवार हो गया था.... ठीक हमारी आंखों के सामने.... जुनैद ने अपने पजामा उतार फेंका था... उसका लौड़ा उसके अंडरवियर के अंदर तंबू बना के खड़ा था.. मुझे लग रहा था कि जुनैद का लोड़ा असलम के काले भयंकर लोड़े से भी बड़ा होगा.... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी के पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया... एक झटके में उसने मेरी दीदी के पेटीकोट को उनकी टांगों से आजाद कर दिया और दूर उछाल दीया... जुनैद ने अपना कुर्ता भी उतार दिया था.... जुनैद के बदन पर वस्त्र के नाम पर सिर्फ उसका अंडरवियर था... नीचे सूखी घास पर लेटी हुई मेरी संस्कारी रूपाली दीदी के बदन पर भी सिर्फ उनकी गुलाबी पेंटी बची हुई थी.... जो बेहद छोटी थी.... और मेरी दीदी की लाज बचाने में असमर्थ लग रही थी.... मेरी दीदी की लाज उनकी छोटी सी पैंटी क्या बचाती जबकि उनका सगा भाई तो ठीक उनके सामने बैठा हुआ अपनी दीदी की इज्जत को तार तार होता हुआ देख रहा था.. जुनैद ने मेरी दीदी की दोनों गोरी गोरी टांगों को फैला दिया और उनके ऊपर चढ़ गया...... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी के गुलाबी होठों को फिर से अपने होठों की गिरफ्त में ले लिया और उनकी योनि पर अपने लौंडे से जोर जोर से धक्के लगाने लगा अंडरवियर के ऊपर से ही... कुछ देर मेरी दीदी के होठों का रसपान करने के बाद जुनैद ने मेरी दीदी की बड़ी-बड़ी चुचियों को एक बार फिर अपने मजबूत कठोर हाथों में दबोच के उन्हें भूखी निगाहों से देखने लगा.... दीदी के दोनों लाल लाल निपल्स जो बिल्कुल खड़े हो चुके थे उन पर दूध की बूंदे भी साफ साफ दिखाई दे रही थी मुझे .... जिन्हें देखकर मेरे मुंह में भी पानी आने लगा था... हालांकि मैं अपनी सगी दीदी की चूची देख रहा था... पर ना जाने क्या जादू था मेरी दीदी की चुचियों में की पैंट के अंदर मेरा लिंग भी हिचकोले खाने लगा...... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की चुचियों को जोर जोर से पंप करना शुरू किया.... दीदी के निप्पलस से दूध की धार निकलने लगी... दीदी के दूध से जुनैद का चेहरा गीला होने लगा.... गरम गरम दूध की बौछार देख जुनैद से रहा नहीं गया... उसने मेरी दीदी के निप्पल को मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगा.... उसने मेरी दीदी के निप्पल पर अपने दांत गड़ा दिए.....
दर्द से बिल-बिला उठी कमसिन नव-यौवना मेरी रूपाली दीदी...
आययईीीई…माआ… दीदी की कामुक आवाज से पूरी झोपड़ी गूंजने लगी थी... लेकिन उनकी दर्द भरी सिसकियां जुनैद पर कुछ भी असर नहीं डाल पा रही थी... बल्कि मेरी दीदी की दूसरी चूची को जुनैद और जोर जोर से मसल रहा था... दूसरी तरफ असलम अपनी लोड़े को हाथ में लिए हुए मेरे रूपाली दीदी का चक्षु चोदन कर रहा था..... जुनैद के अंदर जैसे एक जानवर आ गया था वह कभी मेरी रूपाली दीदी की बाई चूची को मुंह में लेकर दूध पीता तो कभी दाएं चूची को.... साथ ही साथ वह मेरी दीदी की चूचियों पर अपने दांतो का मुहर भी लगा रहा था.. दांत काट काट के मेरी दीदी की चूचीऔ पर उसने मेरी दीदी को बेहाल कर दिया... मेरी दीदी पीड़ा में थी.... यह किस प्रकार की पीड़ा है मेरी समझ में नहीं आ रहा था.... क्योंकि मेरी दीदी के मुंह से कामुक चीत्कार निकल रही थी....
दर्द से बिल-बिला उठी कमसिन नव-यौवना मेरी रूपाली दीदी...
आययईीीई…माआ… दीदी की कामुक आवाज से पूरी झोपड़ी गूंजने लगी थी... लेकिन उनकी दर्द भरी सिसकियां जुनैद पर कुछ भी असर नहीं डाल पा रही थी... बल्कि मेरी दीदी की दूसरी चूची को जुनैद और जोर जोर से मसल रहा था... दूसरी तरफ असलम अपनी लोड़े को हाथ में लिए हुए मेरे रूपाली दीदी का चक्षु चोदन कर रहा था..... जुनैद के अंदर जैसे एक जानवर आ गया था वह कभी मेरी रूपाली दीदी की बाई चूची को मुंह में लेकर दूध पीता तो कभी दाएं चूची को.... साथ ही साथ वह मेरी दीदी की चूचियों पर अपने दांतो का मुहर भी लगा रहा था.. दांत काट काट के मेरी दीदी की चूचीऔ पर उसने मेरी दीदी को बेहाल कर दिया... मेरी दीदी पीड़ा में थी.... यह किस प्रकार की पीड़ा है मेरी समझ में नहीं आ रहा था.... क्योंकि मेरी दीदी के मुंह से कामुक चीत्कार निकल रही थी....