03-07-2020, 02:26 PM
(This post was last modified: 10-09-2021, 04:55 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
और मेरी उंगलियां सीधे गुड्डी के छोटे छोटे पहाड़ों पर ,ऊँगली ने पहले हलके हलके उन के चक्कर काटे ,फिर सीधे टिप के ठीक पहले
और बोलते बोलते वो अटक गयी ,
" भाभी , भाभी वो ,... "
हया का परदा जबरदस्त था , और वही तो मुझे हटाना था।
" बोल न ,खुल के,... " उस के कानों में मैं फुसफुसाई और साथ में खुद को उस के इयर लोब्स के चुम्मे का इनाम दे दिया।
उस का पूरा जिस्म लरज गया , बहुत हिम्मत कर के बोली वो किशोरी ,
" भाभी ,सी ,... सीना। "
" ये क्या सीना पिरोना लगा रखा है क्या सिखाया था तुझे , अभी तेरे दो घंटे पूरे नहीं हुए हैं , पूरे ५५ मिनट बाकी है ,सजा मालुम है न "
मेरी निगाहें एक दम बेरहम हो गयीं।
और उस के चेहरे पर डर का कोहरा छा गया ,
" भाभी ,चू, चू ,... " हिम्मत कर के उस के मुँह से अल्फाज निकलने की कोशिश कर रहे थे।
" अरे क्या चिड़िया की तरह चूं चूं कर रही है ,साफ़ साफ़ अगर बोलना चाहती है तो चूँची बोल न " खिलखिलाते हुए मैं बोल पड़ी ,
और साथ साथ वो शंर्मिली भी खिलखिलाने लगी।
जैसे बच्चो को ऊँगली पकड़ के चलना सिखाना पड़ता है ,न बस एकदम वैसे ही जवान होती ननदों की हालत होती है ,
खिलखिलाते हुए उस के मुंह से निकल ही गया ,
" भाभी , चूँची। "
अब वो भी मैदान में आ गए , और बोल उठे ,
" गुड्डी फिर से बोल मैंने नहीं सुना। "
अब मुर्गा भी कुकुड़ू कुं करने लगा था ,और वैसे भी इनका मुर्गा पूरी तरह अकड़ा था।
" नहीं गुड्डी मत बोल ,पहले ये छुएंगे फिर ,... " खिलखिलाते हुए मैंने गुड्डी को मना किया ,
लेकिन वो अपने भैय्या की होने वाली रखैल उसके मुंह से निकल ही गया
" भैय्या ,चूँची। "
तबतक टॉप और ब्रा सरका के मैंने ननद के जोबन तीन चौथाई से भी ज्यादा उघाड़ कर उन्हें परस दिए।
गुड्डी के निप्स , एकदम खड़े कड़क टनटनाये , इस बात की गवाही दे रहे थे की स्साली कित्ता मस्त हो रही है।
उनकी उंगलिया उसे छूने पकड़ने के लिए आगे बढ़ीं तो मैंने सर हिला के उन्हें मना कर दिया और अपने होंठों पर ऊँगली रख के इशारा किया ,
" होंठों से उसके निप्स टच करो "
गुड्डी की आँखों पर तो ब्लाइंडफोल्ड था लेकिन सुन तो सकती थी वो इसलिए ,
हिम्मत कर के उसके भैय्या ने हलके हलके ,धीमे धीमे अपने होंठ ,अपनी छुटकी जवान होती बहिनिया के निप्स तक बढाए ,
पर
पर
पर घंटी घनघना उठी।
एक दो बार नहीं लगातार ,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
और उन्होंने खुद गुड्डी का ब्लाइंडफोल्ड खोल दिया और माफ़ी के अंदाज में उससे वो बोले ,
" मैं भी न एकदम बेवकूफ हूँ , वो स्साला गांडू वर्मा होगा , मैंने उसे तीन बजे के लिए बोल रखा था ,लेकिन बस अभी गया अभी आया। "
और बोलते बोलते वो अटक गयी ,
" भाभी , भाभी वो ,... "
हया का परदा जबरदस्त था , और वही तो मुझे हटाना था।
" बोल न ,खुल के,... " उस के कानों में मैं फुसफुसाई और साथ में खुद को उस के इयर लोब्स के चुम्मे का इनाम दे दिया।
उस का पूरा जिस्म लरज गया , बहुत हिम्मत कर के बोली वो किशोरी ,
" भाभी ,सी ,... सीना। "
" ये क्या सीना पिरोना लगा रखा है क्या सिखाया था तुझे , अभी तेरे दो घंटे पूरे नहीं हुए हैं , पूरे ५५ मिनट बाकी है ,सजा मालुम है न "
मेरी निगाहें एक दम बेरहम हो गयीं।
और उस के चेहरे पर डर का कोहरा छा गया ,
" भाभी ,चू, चू ,... " हिम्मत कर के उस के मुँह से अल्फाज निकलने की कोशिश कर रहे थे।
" अरे क्या चिड़िया की तरह चूं चूं कर रही है ,साफ़ साफ़ अगर बोलना चाहती है तो चूँची बोल न " खिलखिलाते हुए मैं बोल पड़ी ,
और साथ साथ वो शंर्मिली भी खिलखिलाने लगी।
जैसे बच्चो को ऊँगली पकड़ के चलना सिखाना पड़ता है ,न बस एकदम वैसे ही जवान होती ननदों की हालत होती है ,
खिलखिलाते हुए उस के मुंह से निकल ही गया ,
" भाभी , चूँची। "
अब वो भी मैदान में आ गए , और बोल उठे ,
" गुड्डी फिर से बोल मैंने नहीं सुना। "
अब मुर्गा भी कुकुड़ू कुं करने लगा था ,और वैसे भी इनका मुर्गा पूरी तरह अकड़ा था।
" नहीं गुड्डी मत बोल ,पहले ये छुएंगे फिर ,... " खिलखिलाते हुए मैंने गुड्डी को मना किया ,
लेकिन वो अपने भैय्या की होने वाली रखैल उसके मुंह से निकल ही गया
" भैय्या ,चूँची। "
तबतक टॉप और ब्रा सरका के मैंने ननद के जोबन तीन चौथाई से भी ज्यादा उघाड़ कर उन्हें परस दिए।
गुड्डी के निप्स , एकदम खड़े कड़क टनटनाये , इस बात की गवाही दे रहे थे की स्साली कित्ता मस्त हो रही है।
उनकी उंगलिया उसे छूने पकड़ने के लिए आगे बढ़ीं तो मैंने सर हिला के उन्हें मना कर दिया और अपने होंठों पर ऊँगली रख के इशारा किया ,
" होंठों से उसके निप्स टच करो "
गुड्डी की आँखों पर तो ब्लाइंडफोल्ड था लेकिन सुन तो सकती थी वो इसलिए ,
हिम्मत कर के उसके भैय्या ने हलके हलके ,धीमे धीमे अपने होंठ ,अपनी छुटकी जवान होती बहिनिया के निप्स तक बढाए ,
पर
पर
पर घंटी घनघना उठी।
एक दो बार नहीं लगातार ,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
और उन्होंने खुद गुड्डी का ब्लाइंडफोल्ड खोल दिया और माफ़ी के अंदाज में उससे वो बोले ,
" मैं भी न एकदम बेवकूफ हूँ , वो स्साला गांडू वर्मा होगा , मैंने उसे तीन बजे के लिए बोल रखा था ,लेकिन बस अभी गया अभी आया। "