30-06-2020, 01:37 PM
Update...26
इस पर सूरी बोला- कच्ची नहीं है सर, घर पर चुदी है, दो-चार बार अपने रिश्ते के एक चाचा से। सबीहा के साथ तो हमेशा ही मजे करती है, जब सबीहा इसके घर जाती है।
फ़िर मुझसे कहा- तुम भी बोलो न, सर जो कह रहे हैं तो बात करना चाहिए।
फ़िर उन दोनों से बोला- पहली बार आज होटल में आई है सर, इसलिए शायद सकपका रही है।
आसिफ़ चुपचाप बैठ कर मुझे घूर रहा था, उसके अब्बा ही सारी बात कर रहे थे। उन्होंने सूरी को एक बीयर ऑफ़र किया और मुझसे पूछा- तुम भी लोगी क्या?
तो मैंने मना कर दिया। सूरी ने जब तक बीयर पी, वकार ने पैसे उसको दे दिए।
सूरी ने मुझसे पूछा- पैसे तुम रखोगी?
मैंने ना में सर हिला दिया, तो वो सब पैसे अपने साथ ले कर निकल गया कि वो अब कल सात बजे आ जायेगा।
सूरी के जाने के बाद वकार ने मुझसे मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना असली नाम सानिया खान बता दिया।
उन्होने फ़िर पूछा- पठान हो?
मैंने हाँ मे सर हिलाया तो पहली बार मुझे छुआ उन्होंने। मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर बोले- डरो मत, इस तरह चुप मत रहो। बात करो ! तुम तो चुदा चुकी हो, तुम्हें सब पता है। तुम्हारी मर्जी है ना इस काम की, या सूरी किसी मजबूरी में पकड़ लाया है?
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है। मुझे यह सब करने में मजा भी बहुत आता है।
अब आसिफ़ पहली बार बोला- कुछ खाओगी, मँगाऊ?
तो मैंने कहा- मैं नाश्ता करके आई हूँ।
वकार अब बोले- आसिफ़ बेटा, ले जाओ इसको बेड पर और तुम्हीं पहले चोद लो इसको, जवान हो तुम बार बार चोद सकते हो। मैं शाम में एक बार चोदूँगा। साढ़े ग्यारह बज गए हैं, डेढ़ बजे के लिए लंच ऑर्डर कर देता हूँ।
ओके अब्बू ! कहते हुए असिफ़ उठ गया।
वकार ने रुम सर्विस को ऑर्डर किया- चार बीयर अभी और खाना डेढ़ बजे।
आसिफ़ बेडरूम के दरवाजे पर पहुँच कर मुझे बोला- आ जाओ सानिया डार्लिंग !
और मैं भी उठ कर पीछे पीछे चल दी। वकार हँसते हुए पास आया और मेरा दुपट्टा मेरे बदन से खींच लिया, कहा- पहले बुजुर्ग से इजाजत लो बेटी !
मैं सिटपिटा गई, तो वो हँसा और मेरे चेहरे पर नजर गड़ा कर कहा- जाओ और मेरे बेटे को अपने बदन का पूरा मजा दो।
आसिफ़ अब बोला- अब्बूज़ान, आप इसको ठीक से चेक कर लो ना पहले। तब तक मैं जरा फ़ारिग हो ही लूँ ! फ़िर जरा जम के लूटूँगा इसे। ऐसी मस्त हूर जैसी चीज हरदम नहीं मिलती !
और उसने पेट पर हाथ फ़ेरा कि उसे टट्टी जाना है। मुझे कहा- जाओ अब्बूज़ानी का एक बार चूस कर खाली कर दो।
मुझे समझ आ गया कि ये दोनों बाप-बेटे मिल कर आज मुझे एक बार की बुकिंग में ही रन्डीपने की डिग्री देने लायक पढ़ा देंगे। मेरी चूत गीली होने लगी।
आसिफ़ बाथरुम चला गया और वकार ने इशारे से मुझे अपने पास बुलाया और अपने पजामे की डोरी को ढीला कर दिया। साफ़ था कि मुझे अब उसका लण्ड चूसना था।
इस पर सूरी बोला- कच्ची नहीं है सर, घर पर चुदी है, दो-चार बार अपने रिश्ते के एक चाचा से। सबीहा के साथ तो हमेशा ही मजे करती है, जब सबीहा इसके घर जाती है।
फ़िर मुझसे कहा- तुम भी बोलो न, सर जो कह रहे हैं तो बात करना चाहिए।
फ़िर उन दोनों से बोला- पहली बार आज होटल में आई है सर, इसलिए शायद सकपका रही है।
आसिफ़ चुपचाप बैठ कर मुझे घूर रहा था, उसके अब्बा ही सारी बात कर रहे थे। उन्होंने सूरी को एक बीयर ऑफ़र किया और मुझसे पूछा- तुम भी लोगी क्या?
तो मैंने मना कर दिया। सूरी ने जब तक बीयर पी, वकार ने पैसे उसको दे दिए।
सूरी ने मुझसे पूछा- पैसे तुम रखोगी?
मैंने ना में सर हिला दिया, तो वो सब पैसे अपने साथ ले कर निकल गया कि वो अब कल सात बजे आ जायेगा।
सूरी के जाने के बाद वकार ने मुझसे मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना असली नाम सानिया खान बता दिया।
उन्होने फ़िर पूछा- पठान हो?
मैंने हाँ मे सर हिलाया तो पहली बार मुझे छुआ उन्होंने। मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर बोले- डरो मत, इस तरह चुप मत रहो। बात करो ! तुम तो चुदा चुकी हो, तुम्हें सब पता है। तुम्हारी मर्जी है ना इस काम की, या सूरी किसी मजबूरी में पकड़ लाया है?
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है। मुझे यह सब करने में मजा भी बहुत आता है।
अब आसिफ़ पहली बार बोला- कुछ खाओगी, मँगाऊ?
तो मैंने कहा- मैं नाश्ता करके आई हूँ।
वकार अब बोले- आसिफ़ बेटा, ले जाओ इसको बेड पर और तुम्हीं पहले चोद लो इसको, जवान हो तुम बार बार चोद सकते हो। मैं शाम में एक बार चोदूँगा। साढ़े ग्यारह बज गए हैं, डेढ़ बजे के लिए लंच ऑर्डर कर देता हूँ।
ओके अब्बू ! कहते हुए असिफ़ उठ गया।
वकार ने रुम सर्विस को ऑर्डर किया- चार बीयर अभी और खाना डेढ़ बजे।
आसिफ़ बेडरूम के दरवाजे पर पहुँच कर मुझे बोला- आ जाओ सानिया डार्लिंग !
और मैं भी उठ कर पीछे पीछे चल दी। वकार हँसते हुए पास आया और मेरा दुपट्टा मेरे बदन से खींच लिया, कहा- पहले बुजुर्ग से इजाजत लो बेटी !
मैं सिटपिटा गई, तो वो हँसा और मेरे चेहरे पर नजर गड़ा कर कहा- जाओ और मेरे बेटे को अपने बदन का पूरा मजा दो।
आसिफ़ अब बोला- अब्बूज़ान, आप इसको ठीक से चेक कर लो ना पहले। तब तक मैं जरा फ़ारिग हो ही लूँ ! फ़िर जरा जम के लूटूँगा इसे। ऐसी मस्त हूर जैसी चीज हरदम नहीं मिलती !
और उसने पेट पर हाथ फ़ेरा कि उसे टट्टी जाना है। मुझे कहा- जाओ अब्बूज़ानी का एक बार चूस कर खाली कर दो।
मुझे समझ आ गया कि ये दोनों बाप-बेटे मिल कर आज मुझे एक बार की बुकिंग में ही रन्डीपने की डिग्री देने लायक पढ़ा देंगे। मेरी चूत गीली होने लगी।
आसिफ़ बाथरुम चला गया और वकार ने इशारे से मुझे अपने पास बुलाया और अपने पजामे की डोरी को ढीला कर दिया। साफ़ था कि मुझे अब उसका लण्ड चूसना था।