30-06-2020, 01:37 PM
Update....25
अगले दिन सुबह 8 बजे सूरी का फ़ोन आया- सर, आज दस बजे उसको तैयार रहने बोलिए, कल सुबह तक के लिए बुक किया है उसको। बहुत किस्मत से मेरे एक क्लाईंट का फ़ोन आया अभी। पाकिस्तानी हैं, अबुधाबी में रहते हैं। बाप-बेटा हैं पर एक साथ ही लड़की चोदते है। पूरी दुनिया में बिजनेस है उनका। जहाँ जाते हैं पहले एक दिन सिर्फ़ वहाँ की स्थानीय लड़की चोदते हैं। पैसा बहुत देते हैं सर। उसको बीस हज़ार में बुक किया है, आज दिन और फ़िर रात के लिए। काफ़ी भाग्यशाली है यह माल। पहली बार ही बुड्ढा और जवान दोनों मिल जायेंगे उसको।
सानिया तब बाथरुम में थी। मैंने जब उसको बताया तो वो बहुत खुश हुई।
मैंने कहा- मुझे ट्रीट देना पड़ेगा !
तो वो जवाब में बोली- रोज तो आपको टीट(चुची) देती हूँ, अभी ट्रीट बाकी है क्या?
सानिया ने शब्दों से अच्छा खेला था। फ़िर मेरे ऑफ़िस जाते समय वो भी साथ ही घर से निकली। रास्ते में मैंने सूरी को फ़ोन किया कि सानिया को मैं कहाँ छोड़ूँ !
सूरी ने सानिया को एक चौराहे पर छोड़ने को कहा कि वो खुद सानिया को लेकर के होटल ले जायेगा।
सूरी हम लोग का वहाँ इंतजार कर रहा था। मैंने सानिया को “बेस्ट ऑफ़ लक” कहा और ऑफ़िस के लिए निकल गया।
मेरे दोस्त की बेटी सनिया खान एक टीपिकल ,., लड़की बनी हुई थी। आज उसने सफ़ेद जौर्जेट का हल्का कामदार सलवार-सूट पहना था और हरे दुपट्टे को सर पर से ओढ़ा था। उसका गोरा चेहरा सुर्ख हो कर दमक रहा था। पूरे आत्मविश्वास के साथ वो मुझे बाय करके सूरी की गाड़ी में बैठ गई।
सूरी ने कहा- सर, सुबह को आठ बजे तक इसकी बुकिंग है, फ़िर एक-सवा घन्टा मैं इसके साथ हूँगा और करीब दस बजे तक मैं इसको आपके घर के पास छोड़ दूँगा।
इसके आगे की बात सानिया के शब्दों में : क्योंकि जब वो लौटी तो अगले एक दिन उसने मुझसे नहीं चुदवाया और इस दौरान उसने जो बताया वही मैं लिख रहा हूँ।
उसने तीन बार नोट-बुक को पढ़ा और फ़िर जब अपनी कहानी से संतुष्ट हो गई तब खुश हो गई कि अब वो भी कहानी लिख सकती है।
तो पढ़िए सानिया की कहानी सानिया की जुबानी !
सूरी मुझे होटल पोल्का में एक स्यूएट में ले गया। वहाँ पहले से ही दोनों मौजूद थे। बाप का नाम था वकार अली खान और बेटे का आसिफ़ अली खान। बेटा 25-26 साल का खूबसूरत मर्द था जबकि बाप 55 साल के करीब होगा, मेरे अब्बा से बड़ा था उमर में पर फ़िट था। बाल सब सफ़ेद हो गये थे पर दिखने में वो भी अच्छा था।
मुझे देख दोनों बहुत खुश हुए और सूरी से कहा- इसीलिए सूरी हम तुम्हें ही खोजते हैं। तुम माल बहुत जानदार लाते हो।
सूरी भी दाँत निकाल कर हँसा और झूठ कहा- सर आपके लिए इसको लखनऊ से बुलवाया है। इसकी मौसेरी बहन सबीहा मेरे साथ टीम में है, वही इसको लाई है। एक दम घर की चीज है सर। आप चखेंगे तो खुद समझ जाएँगे।
वकार अली बोला- देखने में तो हूर है, पर थोड़ा अनुभवी भी हो तो मजा ज्यादा आयेगा। कच्ची लड़की चुदाते समय बहुत ड्रामा करती है।
अगले दिन सुबह 8 बजे सूरी का फ़ोन आया- सर, आज दस बजे उसको तैयार रहने बोलिए, कल सुबह तक के लिए बुक किया है उसको। बहुत किस्मत से मेरे एक क्लाईंट का फ़ोन आया अभी। पाकिस्तानी हैं, अबुधाबी में रहते हैं। बाप-बेटा हैं पर एक साथ ही लड़की चोदते है। पूरी दुनिया में बिजनेस है उनका। जहाँ जाते हैं पहले एक दिन सिर्फ़ वहाँ की स्थानीय लड़की चोदते हैं। पैसा बहुत देते हैं सर। उसको बीस हज़ार में बुक किया है, आज दिन और फ़िर रात के लिए। काफ़ी भाग्यशाली है यह माल। पहली बार ही बुड्ढा और जवान दोनों मिल जायेंगे उसको।
सानिया तब बाथरुम में थी। मैंने जब उसको बताया तो वो बहुत खुश हुई।
मैंने कहा- मुझे ट्रीट देना पड़ेगा !
तो वो जवाब में बोली- रोज तो आपको टीट(चुची) देती हूँ, अभी ट्रीट बाकी है क्या?
सानिया ने शब्दों से अच्छा खेला था। फ़िर मेरे ऑफ़िस जाते समय वो भी साथ ही घर से निकली। रास्ते में मैंने सूरी को फ़ोन किया कि सानिया को मैं कहाँ छोड़ूँ !
सूरी ने सानिया को एक चौराहे पर छोड़ने को कहा कि वो खुद सानिया को लेकर के होटल ले जायेगा।
सूरी हम लोग का वहाँ इंतजार कर रहा था। मैंने सानिया को “बेस्ट ऑफ़ लक” कहा और ऑफ़िस के लिए निकल गया।
मेरे दोस्त की बेटी सनिया खान एक टीपिकल ,., लड़की बनी हुई थी। आज उसने सफ़ेद जौर्जेट का हल्का कामदार सलवार-सूट पहना था और हरे दुपट्टे को सर पर से ओढ़ा था। उसका गोरा चेहरा सुर्ख हो कर दमक रहा था। पूरे आत्मविश्वास के साथ वो मुझे बाय करके सूरी की गाड़ी में बैठ गई।
सूरी ने कहा- सर, सुबह को आठ बजे तक इसकी बुकिंग है, फ़िर एक-सवा घन्टा मैं इसके साथ हूँगा और करीब दस बजे तक मैं इसको आपके घर के पास छोड़ दूँगा।
इसके आगे की बात सानिया के शब्दों में : क्योंकि जब वो लौटी तो अगले एक दिन उसने मुझसे नहीं चुदवाया और इस दौरान उसने जो बताया वही मैं लिख रहा हूँ।
उसने तीन बार नोट-बुक को पढ़ा और फ़िर जब अपनी कहानी से संतुष्ट हो गई तब खुश हो गई कि अब वो भी कहानी लिख सकती है।
तो पढ़िए सानिया की कहानी सानिया की जुबानी !
सूरी मुझे होटल पोल्का में एक स्यूएट में ले गया। वहाँ पहले से ही दोनों मौजूद थे। बाप का नाम था वकार अली खान और बेटे का आसिफ़ अली खान। बेटा 25-26 साल का खूबसूरत मर्द था जबकि बाप 55 साल के करीब होगा, मेरे अब्बा से बड़ा था उमर में पर फ़िट था। बाल सब सफ़ेद हो गये थे पर दिखने में वो भी अच्छा था।
मुझे देख दोनों बहुत खुश हुए और सूरी से कहा- इसीलिए सूरी हम तुम्हें ही खोजते हैं। तुम माल बहुत जानदार लाते हो।
सूरी भी दाँत निकाल कर हँसा और झूठ कहा- सर आपके लिए इसको लखनऊ से बुलवाया है। इसकी मौसेरी बहन सबीहा मेरे साथ टीम में है, वही इसको लाई है। एक दम घर की चीज है सर। आप चखेंगे तो खुद समझ जाएँगे।
वकार अली बोला- देखने में तो हूर है, पर थोड़ा अनुभवी भी हो तो मजा ज्यादा आयेगा। कच्ची लड़की चुदाते समय बहुत ड्रामा करती है।