30-06-2020, 01:35 PM
Update.....23
फ़िर आवाज आई- ठीक है ! अब तुम अपने कपड़े उतारो और अपने घर वालों को और हमारे दर्शकों को भी अपने नंगे बदन की नुमाईश कराओ और देखो तुमको चोदने के लिए तीनों मुस्टंडे आ गये हैं। उसने खूब आराम से अपने कपड़े खोले और फ़िर पास आये तीनों मर्दों की तरफ़ बढ़ कर उनके पैन्ट खोल कर उनके लण्डों को बाहर खींच लिया। वो बारी-बारी से उन्हें चूस-चूस कर खड़ा कर रही थी। इसके बाद खूब जम कर उन लण्डों द्वारा उस लड़की की चुदाई हुई, बल्कि उसकी चूची, चूत, चुतड़ और गाल सब पर उसको कई थप्पड़ भी खाने पड़े, पर उसने खूब मजे लेकर चुदवाया। थप्पड़ लगने पर चीखती, फ़िर तुरंत ही उन मर्दॊं को उकसाने लगती और वो सब खूब जोर से उसको पेलते और फ़िर वो कराह उठती।
बड़ी गर्म फ़िल्म थी। मुझ जैसे अनुभवी की नसें गर्म हो गईं तो सानिया साली का क्या हाल हुआ होगा आप सब समझ सकते हैं।
इसके बाद रात को सानिया ने फ़िर मेरे साथ चुदाई का खेल खेला। साली को नई जवानी आई थी सो सब्र ही नहीं था, लगातार चुदा रही थी। दो बार चुदाने के बाद वो सोने की बात की, फ़िर हम दोनों सो गये।
अगली सुबह सानिया नंगी ही उठी और चाय बनाने चली गई। दोनों ने एक साथ बिस्तर पर बैठ चाय पीने के बाद कपड़े पहने और फ़िर रोज की दिनचर्या शुरु हुई। आज मुझे ऑफ़िस भी जाना था।
शाम को घर आने पर सानिया ने एक अनोखी बात कही।
रोज की तरह डीनर के बाद हम दोनों टहलने निकल गए और तभी सानिया ने अपने मन की बात की। उसने कहा कि वो एक बार जैसे रागिनी मेरे घर चुदाने आई थी वैसे ही किसी एकदम अनजान आदमी से चुदा कर देखना चाहती है।
यह सुन मेरा लण्ड एक झटके में खड़ा हो गया। ये साली ढंग से चार दिन नहीं चुदी थी और रन्डी बनने को तैयार थी। मुझे चुप देख वो घबरा गई, बोली- आप अम्मी-अब्बू से यह बात तो नहीं कहेंगे ना प्लीज।
उसके डरी देख मुझे मजा आया, मैं बोला- अरे नहीं बेटी, तुम डरो मत। यहाँ मेरे घर रह कर जो तुम कर रही हो वो बात तुम्हारे घर पर कोइ नहीं जानेगा। मैं तुम्हें बेइज्जत नहीं होने दूंगा।
उसको तसल्ली हुई तो फ़िर बोली- असल में चाचू, जब तक आपके घर हूँ, सब तरह का मजा कर लेना चाहती हूँ, अपने घर तो ,., कल्चर हैं इसलिए यह सब मजा लेने को नहीं मिलेगा। मैं एक दम अनजान के साथ एक बार सेक्स करना चाहती हूँ कि कैसा लगता है। आप कोई उपाय कीजिए न प्लीज।
मैंने देखा कि साली एक दम चुदास से बहक कर बोल रही है तो कहा- ठीक है देखता हूँ कि क्या कर सकता हूँ, पर तुमको ऐसा करके डर नहीं लगेगा?
वो बोली- यही डर तो खत्म करने के लिए ऐसे चुदना चाहती हूँ। आपके साथ करने में भी तो डर था, पर अपनी अन्डरवीयर दिखा कर पटा लिया ना आपको, अब जब मन होगा आपके साथ तो कर ही लूंगी। अम्मी-अब्बा को ना आप बताएँगे ना मैं।
मैं समझ गया कि अब साली बिना रन्डी बने मानेगी नहीं, तो मैंने सोचा को अब एक बार दलाली मैं भी कर लूँ। सानिया साली जैसी मस्त माल का दलाल बनना भी कम किस्मत की बात नहीं थी।
मैंने सूरी को फ़ोन लगाया-“यार सूरी, एक लड़की है, बहुत मस्त। उसको सिर्फ़ एक बार के लिए बुक कर दो आज-कल में। नहीं-नहीं घंटा वाला नहीं, फ़ुल टाईम। हाँ दिन में भी ( मैंने सानिया से इशारे से पूछा और सानिया ने हाँ की) कर सकते हो। पर उसको मर्द थोड़ा सही देना। बच्ची है। हाँ, अपनी ही समझो, घर की बच्ची है, जरा मस्ती के मूड में है। अरे यार सूरी, नहीं, मैं तो ठीक है पर उसका मन जरा पैसा कमाने का है। नहीं बस एक बार अभी। ठीक है, तुम फ़ोटो ले लो एक उसकी। किधर हो? वाह, फ़िर आ जाओ मेरे घर मैं हूँ, ओके
फ़िर आवाज आई- ठीक है ! अब तुम अपने कपड़े उतारो और अपने घर वालों को और हमारे दर्शकों को भी अपने नंगे बदन की नुमाईश कराओ और देखो तुमको चोदने के लिए तीनों मुस्टंडे आ गये हैं। उसने खूब आराम से अपने कपड़े खोले और फ़िर पास आये तीनों मर्दों की तरफ़ बढ़ कर उनके पैन्ट खोल कर उनके लण्डों को बाहर खींच लिया। वो बारी-बारी से उन्हें चूस-चूस कर खड़ा कर रही थी। इसके बाद खूब जम कर उन लण्डों द्वारा उस लड़की की चुदाई हुई, बल्कि उसकी चूची, चूत, चुतड़ और गाल सब पर उसको कई थप्पड़ भी खाने पड़े, पर उसने खूब मजे लेकर चुदवाया। थप्पड़ लगने पर चीखती, फ़िर तुरंत ही उन मर्दॊं को उकसाने लगती और वो सब खूब जोर से उसको पेलते और फ़िर वो कराह उठती।
बड़ी गर्म फ़िल्म थी। मुझ जैसे अनुभवी की नसें गर्म हो गईं तो सानिया साली का क्या हाल हुआ होगा आप सब समझ सकते हैं।
इसके बाद रात को सानिया ने फ़िर मेरे साथ चुदाई का खेल खेला। साली को नई जवानी आई थी सो सब्र ही नहीं था, लगातार चुदा रही थी। दो बार चुदाने के बाद वो सोने की बात की, फ़िर हम दोनों सो गये।
अगली सुबह सानिया नंगी ही उठी और चाय बनाने चली गई। दोनों ने एक साथ बिस्तर पर बैठ चाय पीने के बाद कपड़े पहने और फ़िर रोज की दिनचर्या शुरु हुई। आज मुझे ऑफ़िस भी जाना था।
शाम को घर आने पर सानिया ने एक अनोखी बात कही।
रोज की तरह डीनर के बाद हम दोनों टहलने निकल गए और तभी सानिया ने अपने मन की बात की। उसने कहा कि वो एक बार जैसे रागिनी मेरे घर चुदाने आई थी वैसे ही किसी एकदम अनजान आदमी से चुदा कर देखना चाहती है।
यह सुन मेरा लण्ड एक झटके में खड़ा हो गया। ये साली ढंग से चार दिन नहीं चुदी थी और रन्डी बनने को तैयार थी। मुझे चुप देख वो घबरा गई, बोली- आप अम्मी-अब्बू से यह बात तो नहीं कहेंगे ना प्लीज।
उसके डरी देख मुझे मजा आया, मैं बोला- अरे नहीं बेटी, तुम डरो मत। यहाँ मेरे घर रह कर जो तुम कर रही हो वो बात तुम्हारे घर पर कोइ नहीं जानेगा। मैं तुम्हें बेइज्जत नहीं होने दूंगा।
उसको तसल्ली हुई तो फ़िर बोली- असल में चाचू, जब तक आपके घर हूँ, सब तरह का मजा कर लेना चाहती हूँ, अपने घर तो ,., कल्चर हैं इसलिए यह सब मजा लेने को नहीं मिलेगा। मैं एक दम अनजान के साथ एक बार सेक्स करना चाहती हूँ कि कैसा लगता है। आप कोई उपाय कीजिए न प्लीज।
मैंने देखा कि साली एक दम चुदास से बहक कर बोल रही है तो कहा- ठीक है देखता हूँ कि क्या कर सकता हूँ, पर तुमको ऐसा करके डर नहीं लगेगा?
वो बोली- यही डर तो खत्म करने के लिए ऐसे चुदना चाहती हूँ। आपके साथ करने में भी तो डर था, पर अपनी अन्डरवीयर दिखा कर पटा लिया ना आपको, अब जब मन होगा आपके साथ तो कर ही लूंगी। अम्मी-अब्बा को ना आप बताएँगे ना मैं।
मैं समझ गया कि अब साली बिना रन्डी बने मानेगी नहीं, तो मैंने सोचा को अब एक बार दलाली मैं भी कर लूँ। सानिया साली जैसी मस्त माल का दलाल बनना भी कम किस्मत की बात नहीं थी।
मैंने सूरी को फ़ोन लगाया-“यार सूरी, एक लड़की है, बहुत मस्त। उसको सिर्फ़ एक बार के लिए बुक कर दो आज-कल में। नहीं-नहीं घंटा वाला नहीं, फ़ुल टाईम। हाँ दिन में भी ( मैंने सानिया से इशारे से पूछा और सानिया ने हाँ की) कर सकते हो। पर उसको मर्द थोड़ा सही देना। बच्ची है। हाँ, अपनी ही समझो, घर की बच्ची है, जरा मस्ती के मूड में है। अरे यार सूरी, नहीं, मैं तो ठीक है पर उसका मन जरा पैसा कमाने का है। नहीं बस एक बार अभी। ठीक है, तुम फ़ोटो ले लो एक उसकी। किधर हो? वाह, फ़िर आ जाओ मेरे घर मैं हूँ, ओके