30-06-2020, 01:18 PM
Update.....9
सानिया कॉलेज़ चली गई। मैरी आकर घर का सारा काम कर गई। जाते समय मैंने मैरी को शाम को आने को मना कर दिया।
जब सानिया कॉलेज़ से आई तो बहुत खुश दिख रही थी। मैंने सानिया को बता दिया कि मैंने मैरी को शाम को आने के लिए मना कर दिया था।
फ़िर शाम को वो बोली- अब खाना बना लेते हैं, दो घण्टे में तो वो आ जायेगी।
सानिया किचन में गई, मैं टीवी में व्यस्त हो गया। साढ़े सात तक हमने डिनर कर लिया और बैठ कर रागिनी का इंतजार करने लगे।
8:10 पर काल-बेल बजी, तो सानिया तुरंत कूद कर दरवाजे तक पहुँची और उसे खोला।
मैंने देखा कि एक छरहरे बदन की थोड़ी सांवली लगभग सानिया की लम्बाई की ही लड़की सामने थी।
सानिया ने उसका नाम पूछा और भीतर ले आई।
मैंने रागिनी को बैठने को कहा तो वो सामने सोफ़े पर बैठ गई। सानिया अभी भी खड़े होकर उसको घूर ही रही थी।
रागिनी ने चटख पीले रंग का सूती सलवार-सूट पहना हुआ था, जो उसके बदन पर सही फ़िट था। लौन्डिया 18 की ही लग रही थी, 34-26-36 ! मेरी अनुभवी नजरों ने उसका माप ले लिया।
मैं अपनी किस्मत पर खुद हैरान था। मेरे पास दो-दो जवान लौन्डियाँ थी और दोनो बीस बरस से भी कम। रागिनी तो सानिया से भी उमर में छोटी थी, सानिया ने दो साल पहले इंटर किया था जबकि रागिनी ने इसी साल किया। हाँ, उसका बदन थोड़ा सानिया से ज्यादा भरा था। पर फ़र्क सिर्फ़ उन्नीस-बीस का ही था।
मैंने रागिनी से कहा- यह सानिया है, यही हमारे साथ में रहेगी कमरे में और सब देखेगी।
रागिनी ने अब भरपूर नजर से सानिया को घूरा ऊपर से नीचे तक।
मैंने पूछा- डिनर करके आई हो या करोगी?
उसने कहा- नहीं, जिस दिन बुकिंग होती है, रात में नहीं खाती।
रागिनी ने बताया कि वो सिर्फ़ शनिवार को ही सूरी से बुकिंग कराती है, और यह सब थोड़े मजे और थोड़े पैसे के लिए करती है।
बोली- इजी मनी, यू नो।
मैंने उसको 5000 दे दिये और कहा कि ये जो सूरी से बात थी, और फ़िर 2000 उसको देकर कहा- कि ये उसका अलग से हैं मेरी बात मानने के लिए।
वो संतुष्ट थी, बोली- एक बारऽऽ सर ! मैं बाथरूम जाना चाहूँगी।
मैंने कहा- ठीक है ! थोड़ा साफ़ कर लेना साबुन से, आगे-पीछे सब !
और मैंने उसको आँख मारी ताकि पहली बार की झिझक कम हो। मुझे उसके चेहरे से लग रहा था कि वो सही में नई थी। मैंने सानिया को उसे पानी पिलाने को कहा और वो पानी लेने चली गई। पानी पीकर रागिनी ने अपना दुपट्टा सोफ़े पर डाला और सानिया से पूछा- बाथरूम…?
करीब दस मिनट बाद वो आई और कहा- मैं तैयार हूँ, किस कमरे में ऽऽ ?
हम सब मेरे बेडरूम में आ गए, तब रागिनी ने पूछा- मैं खुद कपड़े उतारूँ या आप दोनों में से कोई?
मैं सानिया की तरफ़ देख रहा था कि उसका क्या मिजाज है। उसे लगा कि मैं शायद उसको कह रहा हूँ कि वो कपड़े उतारे, इसलिए वो रागिनी की तरफ़ बढ़ गई।
रागिनी ने उसकी तरफ़ अपनी पीठ कर दी। जब सानिया उसके कुर्ते की जीप नीचे कर रही थी, रागिनी ने सानिया से हल्के से पूछा- ये आपके पापा है?
सानिया कॉलेज़ चली गई। मैरी आकर घर का सारा काम कर गई। जाते समय मैंने मैरी को शाम को आने को मना कर दिया।
जब सानिया कॉलेज़ से आई तो बहुत खुश दिख रही थी। मैंने सानिया को बता दिया कि मैंने मैरी को शाम को आने के लिए मना कर दिया था।
फ़िर शाम को वो बोली- अब खाना बना लेते हैं, दो घण्टे में तो वो आ जायेगी।
सानिया किचन में गई, मैं टीवी में व्यस्त हो गया। साढ़े सात तक हमने डिनर कर लिया और बैठ कर रागिनी का इंतजार करने लगे।
8:10 पर काल-बेल बजी, तो सानिया तुरंत कूद कर दरवाजे तक पहुँची और उसे खोला।
मैंने देखा कि एक छरहरे बदन की थोड़ी सांवली लगभग सानिया की लम्बाई की ही लड़की सामने थी।
सानिया ने उसका नाम पूछा और भीतर ले आई।
मैंने रागिनी को बैठने को कहा तो वो सामने सोफ़े पर बैठ गई। सानिया अभी भी खड़े होकर उसको घूर ही रही थी।
रागिनी ने चटख पीले रंग का सूती सलवार-सूट पहना हुआ था, जो उसके बदन पर सही फ़िट था। लौन्डिया 18 की ही लग रही थी, 34-26-36 ! मेरी अनुभवी नजरों ने उसका माप ले लिया।
मैं अपनी किस्मत पर खुद हैरान था। मेरे पास दो-दो जवान लौन्डियाँ थी और दोनो बीस बरस से भी कम। रागिनी तो सानिया से भी उमर में छोटी थी, सानिया ने दो साल पहले इंटर किया था जबकि रागिनी ने इसी साल किया। हाँ, उसका बदन थोड़ा सानिया से ज्यादा भरा था। पर फ़र्क सिर्फ़ उन्नीस-बीस का ही था।
मैंने रागिनी से कहा- यह सानिया है, यही हमारे साथ में रहेगी कमरे में और सब देखेगी।
रागिनी ने अब भरपूर नजर से सानिया को घूरा ऊपर से नीचे तक।
मैंने पूछा- डिनर करके आई हो या करोगी?
उसने कहा- नहीं, जिस दिन बुकिंग होती है, रात में नहीं खाती।
रागिनी ने बताया कि वो सिर्फ़ शनिवार को ही सूरी से बुकिंग कराती है, और यह सब थोड़े मजे और थोड़े पैसे के लिए करती है।
बोली- इजी मनी, यू नो।
मैंने उसको 5000 दे दिये और कहा कि ये जो सूरी से बात थी, और फ़िर 2000 उसको देकर कहा- कि ये उसका अलग से हैं मेरी बात मानने के लिए।
वो संतुष्ट थी, बोली- एक बारऽऽ सर ! मैं बाथरूम जाना चाहूँगी।
मैंने कहा- ठीक है ! थोड़ा साफ़ कर लेना साबुन से, आगे-पीछे सब !
और मैंने उसको आँख मारी ताकि पहली बार की झिझक कम हो। मुझे उसके चेहरे से लग रहा था कि वो सही में नई थी। मैंने सानिया को उसे पानी पिलाने को कहा और वो पानी लेने चली गई। पानी पीकर रागिनी ने अपना दुपट्टा सोफ़े पर डाला और सानिया से पूछा- बाथरूम…?
करीब दस मिनट बाद वो आई और कहा- मैं तैयार हूँ, किस कमरे में ऽऽ ?
हम सब मेरे बेडरूम में आ गए, तब रागिनी ने पूछा- मैं खुद कपड़े उतारूँ या आप दोनों में से कोई?
मैं सानिया की तरफ़ देख रहा था कि उसका क्या मिजाज है। उसे लगा कि मैं शायद उसको कह रहा हूँ कि वो कपड़े उतारे, इसलिए वो रागिनी की तरफ़ बढ़ गई।
रागिनी ने उसकी तरफ़ अपनी पीठ कर दी। जब सानिया उसके कुर्ते की जीप नीचे कर रही थी, रागिनी ने सानिया से हल्के से पूछा- ये आपके पापा है?