28-02-2019, 12:27 AM
पर छोटी सी झोपड़ी के अंदर जो वासना का नंगा नाच होने वाला था उसका मुझे अंदाजा हो चुका था, क्योंकि मेरी रूपाली दीदी छोटी सी झोपड़ी के बीचो बीच खड़ी थी ठीक मेरे और असलम के सामने... मेरी दीदी के पीछे खड़ा जुनैद अपना पायजामा उतार रहा था... मेरी रूपाली दीदी अपने गुलाबी रंग की तंग चोली और पीले रंग के पेटीकोट में चुपचाप खड़ी थरथर.... डर के मारे मेरी दीदी के दोनों बड़े बड़े जोबन ऊपर नीचे हो रहे थे... मेरी दीदी के माथे पर पसीना... मांग में सिंदूर.... गले में मंगलसूत्र दोनों चूचियों के बीच में.... कानों में झुमके... हाथों में चूड़ी और कंगन... कमर में कमरबंद.. पैरों में पायल... उनका छोटा भाई होने के बावजूद भी मुझे कहना होगा कि मेरी रूपाली दीदी उस वक्त काम की देवी लग रही थी... लिपस्टिक से पुते हुए उनके गुलाबी होंठ जो डर के मारे थरथरा रहे थे... उनके हसीन चेहरे को और भी कामुक बना रहे थे....
ठरकी जुनैद जो पहले ही मेरी दीदी को देखकर बेहद कामुक हो चुका था और पैजामा उतरने के बाद तो उसका तना हुआ लोड़ा उसके अंडरवियर के अंदर तंबू बना चुका था.... उससे ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ... उसने मेरी दीदी को पीछे से पकड़ लिया... अपनी बाहों में जकड़ लिया... पेटीकोट के ऊपर से ही उसने मेरी दीदी की गांड के दरारों के बीच अपना लोड़ा रगड़ना शुरू कर दिया... हांआई .... आ, मर गयी... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से आवाज निकली... क्योंकि जुनैद ने मेरी दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां उनकी चोली के ऊपर से ही दबोच ली थी अपने मजबूत हाथों में.. साथ ही साथ जुनैद का तना हुआ लिंग मेरी दीदी की गांड की दरारों के बीच ना जाने क्या गुल खिला रहा था.... जुनैद मेरी दीदी के गर्दन को चुम नहीं बल्कि चाट रहा था... मेरी दीदी कसमसा ने लगी थी... एक हाथ से मेरी दीदी की चूची को दबाता हुआ जुनैद का दूसरा हाथ मेरी दीदी के पेट तक पहुंच चुका था.... मेरी रूपाली दीदी के गहरी नाभि के अंदर उसने अपने हाथ की बीच वाली उंगली डाल के गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया... कुछ देर तक मेरी दीदी की नाभि में गोल गोल अपनी उंगलियों को घुमाने के बाद जुनैद ने अपना वही हाथ मेरी दीदी की योनि पर रख दिया.... उनके पेटीकोट के ऊपर से....
मेरी रूपाली दीदी के मुंह से अजीब सी कामुक सिसकारी निकलने लगी थी...
"ओह्ह्ह, नही,...... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से बस इतना ही निकल पाया था की जुनैद ने अपनी बीच वाली उंगली दीदी की योनि में डाल दिया था...... मेरी दीदी के पेटीकोट का कपड़ा बहुत ही नर्म था... जुनैद की उंगली के साथ ही मेरी दीदी के पेटीकोट का कपड़ा उनकी योनि में समा गया था... मेरी दीदी के गालो को चूसता हुआ जुनैद योनि के अंदर अपने बीच वाली उंगली अंदर बाहर कर न लगा... पेटीकोट के ऊपर से ही जुनैद मेरी दीदी की गांड के ऊपर झटके दिए जा रहा था... और पेटीकोट के ऊपर से ही मेरी दीदी की योनि में आगे पीछे हो रही थी जुनैद की मोटी उंगली पर कहर ढा रही थी... दूसरे हाथ से जुनैद मेरी दीदी के मस्त आई चूची को नींबू की तरह निचोड़ रहा था....
"म्म्म्मम, "ओह्ह्ह्ह ... आअहह!"ओह्ह्ह्ह..... मेरी रूपाली दीदी बेकाबू होकर सिसक रही थी....
ठरकी जुनैद जो पहले ही मेरी दीदी को देखकर बेहद कामुक हो चुका था और पैजामा उतरने के बाद तो उसका तना हुआ लोड़ा उसके अंडरवियर के अंदर तंबू बना चुका था.... उससे ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ... उसने मेरी दीदी को पीछे से पकड़ लिया... अपनी बाहों में जकड़ लिया... पेटीकोट के ऊपर से ही उसने मेरी दीदी की गांड के दरारों के बीच अपना लोड़ा रगड़ना शुरू कर दिया... हांआई .... आ, मर गयी... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से आवाज निकली... क्योंकि जुनैद ने मेरी दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां उनकी चोली के ऊपर से ही दबोच ली थी अपने मजबूत हाथों में.. साथ ही साथ जुनैद का तना हुआ लिंग मेरी दीदी की गांड की दरारों के बीच ना जाने क्या गुल खिला रहा था.... जुनैद मेरी दीदी के गर्दन को चुम नहीं बल्कि चाट रहा था... मेरी दीदी कसमसा ने लगी थी... एक हाथ से मेरी दीदी की चूची को दबाता हुआ जुनैद का दूसरा हाथ मेरी दीदी के पेट तक पहुंच चुका था.... मेरी रूपाली दीदी के गहरी नाभि के अंदर उसने अपने हाथ की बीच वाली उंगली डाल के गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया... कुछ देर तक मेरी दीदी की नाभि में गोल गोल अपनी उंगलियों को घुमाने के बाद जुनैद ने अपना वही हाथ मेरी दीदी की योनि पर रख दिया.... उनके पेटीकोट के ऊपर से....
मेरी रूपाली दीदी के मुंह से अजीब सी कामुक सिसकारी निकलने लगी थी...
"ओह्ह्ह, नही,...... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से बस इतना ही निकल पाया था की जुनैद ने अपनी बीच वाली उंगली दीदी की योनि में डाल दिया था...... मेरी दीदी के पेटीकोट का कपड़ा बहुत ही नर्म था... जुनैद की उंगली के साथ ही मेरी दीदी के पेटीकोट का कपड़ा उनकी योनि में समा गया था... मेरी दीदी के गालो को चूसता हुआ जुनैद योनि के अंदर अपने बीच वाली उंगली अंदर बाहर कर न लगा... पेटीकोट के ऊपर से ही जुनैद मेरी दीदी की गांड के ऊपर झटके दिए जा रहा था... और पेटीकोट के ऊपर से ही मेरी दीदी की योनि में आगे पीछे हो रही थी जुनैद की मोटी उंगली पर कहर ढा रही थी... दूसरे हाथ से जुनैद मेरी दीदी के मस्त आई चूची को नींबू की तरह निचोड़ रहा था....
"म्म्म्मम, "ओह्ह्ह्ह ... आअहह!"ओह्ह्ह्ह..... मेरी रूपाली दीदी बेकाबू होकर सिसक रही थी....