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Adultery सोलवां सावन
#83
राजीव


[Image: fucking-hard-bw-G.gif]
“हां राजीव रुकना नहीं पूरी ताकत से चोदो, फाड़ दो इसकी…” 

और राजीव का हाथ जैसे ही मेरी क्लिट पर पहुँचा मैं झड़ने लगी। 



[Image: sixteen-hot-tumblr_mppgs93n8x1s290u2o1_500.jpg]




पर राजीव रुका नहीं वह कभी मेरे चूतड़ पकड़कर, 


[Image: fucking-ruff-tumblr-oppp3vbx-GU1vz5sogo1-540.gif]


कभी कमर पकड़कर, कभी चूचियां दबाते, नदी के अंदर चोदता रहा, चोदता रहा और बहुत देर चोदने के बाद ही झड़ा। 







हम दोनों किनारे पे आकर बड़ी देर लेटे रहे।

 फिर अचानक मुझे याद आया कि अपनी साड़ी और चोली तो हम घाट पे ही छोड़ आये हैं। 





मैंने जब पूरबी से कहा तो वो हँसके बोली- 


ये तेरा आशिक किस दिन काम आयेगा। जैसे ही राजीव कपड़े लेने गया, पूरबी मुझे पटक के मेरे ऊपर चढ़ गयी और बोली- 

तूने तो मजा ले लिया पर मेरा क्या होगा… जो काम हम कर रहे थे, चलो उसे पूरा करते हैं…” 

उसके होंठों ने मेरी चूत को कस के भींच लिया था और वह उसे कस-कस के चूस रही थी। 

अपनी चूत भी वह मेरे मुँह पर रगड़ रगी थी। 


[Image: Lez-face-sitting-14271176.gif]




थोड़ी देर में उसकी तरह मैं भी चूत चूसने लगी। 

यह मेरी [Image: sixty-nine-th.gif]सिक्स्टी नाईन की पहली ट्रेनिंग थी। 




जब हम लोग झड़कर अलग हुए तो देखा कि राजीव हम दोनों के कपड़े लिये मुश्कुरा रहा है।





पूरबी के कपड़े तो उसने दे दिये पर मेरे कपड़ों के लिये उसने मना कर दिया। 





जब मैंने पूरबी से बिनती की तो वो बोली-

 तेरे कपड़े हैं तू मना इसको या फिर वैसे ही घर चल। 




[Image: tits-young-2.jpg]


मैंने राजीव से कहा की- 


“मैं सिर्फ उससे ही नहीं बल्की आज के बाद अगर गांव में जो भी मुझसे मांगेगा, मैं मना नहीं करूंगी…” 



मेरे पास चारा क्या था। 





बड़ी मुश्किल से कपड़े मिले और उसपर से भी दुष्ट पूरबी ने जानबूझ कर मेरी चोली देते हुये नदी में गिरा दी। वह अच्छी तरह गीली हो गयी, और मुझे भीगा ब्लाउज पहनकर ही घर आना पड़ा। 


मेरी चूचियों से वह अच्छी तरह चिपका था और रास्ते में दो-चार लड़के गांव के मिल भी गये जो मेरी चूचियों को घूर रहे थे। 


[Image: wet-8.jpg]


पूरबी ने मुझे चिढ़ाया- “अरे दे दो ना जोबन का दान, सबसे बड़ा दान होता है ये…” 









ये तो धूप अच्छी थी, रास्ते में वह कुछ सूख गया।

 गनीमत था कि जब मैं घर पहुँची तो भाभी और चम्पा भाभी नहीं थी, सिर्फ बसंती थी।

 उसने बताया कि सब लोग पड़ोस के गांव में गये हैं और शाम के आस-पास ही 3-4 घंटे बाद लौटेंगे, मेरा खाना रखा है और उसे भी कुछ काम से जाना है। 







मैं अपने कमरे में चली गई और जल्दी से कपड़े बदले। 






कहीं जाना तो था नहीं इसलिये मैंने, एक टाप और स्कर्ट पहना और खाना खाने आ गयी। 


[Image: halter-top-2.jpg]
खाने के बाद मैं अपने कमरें में थोड़ी देर लेटी थी और बसंती सब काम समेट रही थी। 



तभी बसंती ने दरवाजे के पास आकर बताया कि दिनेश आया है। 
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 27-02-2019, 10:35 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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