27-02-2019, 06:56 PM
अम्मी क जिस्म का हुस्न का पता नै क्या असारर चरा होआ था क मैं अम्मी की छिलने की परवा किये बग़ैर धक्के लगाई जा रहा था...पोरे रूम में थपप्पक थपप्पककककक की आवाज़ें जूझ रही थी २ मं हे होअय होंगे क अम्मी की चीखें थोड़ी कम् होइ पर अम्मी अपने डेंटन स्व निचला होंठ काट'टी दर्द भरी आवाज़ मुझे धीरव करने का कही जा रही थी...अम्मी की फुद्दी सुछ में बरी टाइट थी तो सोचा इस आगे में ढीली होगयी होगी पर इस आगे में बी अम्मी की फुद्दी किसी जवान लड़की क जैसी थी टाँगे उठाये मैं धक्के लगाई जा रहा था...अम्मी चिलायी जा रही थी और मैं बिना कोई रेहम किये लगा होआ tha...ahhhhhhhhhhhhhhh aiiiiiiiiii पुतररररररररर रेहम करररररर अपनी मायआ ते आईईए राबबबबा मेरेया मैं मर्डरर गयीईइ अजज्जजज...मैं तो अम्मी क फुद्दी क नशे में खोया कस्सस कस्सस कर ठुकाई करि जा रहा था...मुझे खुद समझ नै आ रही थी क कैसा नशा सा था अम्मी की फुद्दी में क मैं पागलो जैसे लगा होआ था धक्के लगाने...आखिर वही होआ जिस का डर था ४ मं बी नै सही स्व गुज़रे होंगे क मुझे लगने लग प्र क मैं फ़ारिग़ होने वाला हूँ...एक तो मेरा पहली बरी थी ऊपर से अम्मी की तिगहत फ़ुदद्दी और साथ पहले से अम्मी अपने निर्मम हाथों साथ काफी सहलाया था मेरे लूँ को...आखिर क ६ कस क धक्के फुल गहरायी तक्क लगाए और बिलबलाते होअय मैं अम्मी की फुद्दी क अंदर हे फ़ारिग़ होने लग प्र पानी आज तक्क कभी नै निकला था...आखिर चुदाई का तूफान थम हे गया और मैं अम्मी की भरी टांगो को चोर अम्मी क मम्मो ऊपर सर रख सुस्ताने लग प्र और मेरे साथ अम्मी बी अपनी भरी साँसों को आँखे बंद कण्ट्रोल कर रही थी...कोई २ मं गुज़रे होंगे क मैं अम्मी क ऊपर से साइड को लूराकक गया और मेरा लूँ बी अम्मी की फुद्दी से बाहिर आज्ञा अभी बी आँखें बंद की होइ थी आँखों क साइड पे जमाय होअय ाँसों दिख रहे थे...मैं अनजाने में इतनी बेदर्दी से छोड़ा और अब मुझे अम्मी की फ़िक्र होने लग पारी अम्मी का प्यारा फेस पाकर उन्हें पुकारा अम्म्मम्म्म्मीईई आवाज़ में फ़िक्र साफ़ झलक रही थी आँखें खुली तो उन क आँखें ांसो'ों साथ भरी होइ थी और मैं ऊपर झुक उनकी आँखें साफ़ की और किसी छोटे बच्चे जैसे अपने कान पाकर अपने बोलै अम्मी सरररययय मुझे पता हे नै चला बससससस मेरा यूँ बच्चो जैसे रुटला मौन देख एक दम्म से मुस्करा दी और मेरी गाल पे लेते लेते एक चपाट हलकी सी मरी और बोली झल्ला सा न होअय पुतररर ऐसे कोई करता है क्या वो बी अपनी सही माँ साथ एक न सुनी और जानवरों जैसे डीएनए दानं लगा होआ था...मैं बोलै अम्मी पहली बरी था तो बास कण्ट्रोल हे नै के पाया दर्द्द तो नै होइ अम्मी फिक्रिया अंदाज़ में पोछा मुझे देख मेरा फेस सहलाया और बोली बस्स्स कर अब मैं ठीक हूँ अब चल साइड तो हट अब तो मेरे ऊपर से हट ज़रा देख क्या हाल किया ही मेरा...४ मिनट्स की चुदाई में अम्मी का अंग अंग हिला कर रख दिया था अपने भरी जिस्म साथ लेती होइ थी और मैं बी उन क साथ हे लेत गया बारिश अभी बी लगातार होरही थी...थोड़ी देर ख़ामोशी रही फिर अम्मी खुदी ख़ामोशी को तोरते होअय मेरी और देख अपने एक हाथ से मेरे बाल सेहला कर बोली पुतररररर क्या सोच रहा है...अम्मी बीएड पे नंगी हे मेरी और करवट लिए लेती थी और मैं बी उनकी और चेहरा कर उनकी आँखों में देखा अम्मी को जवाब नै मिला तो उन्हों में दोबारा से पोछा बेताआए मुस्करा क बोलै अम्मी मुझे सुछ में यक़ीन नै होरहा क अभी अभी आपकी फुद्दी मरी है से पहले इतनी ख़ुशी कभी नै होइ...अम्मी मेरा जवाब सुन खिल खिला क हंस पारी और बोली कमलिया देख मेरा क्या हाल किया है तू ने और तू अभी बी सोच रहा ये सब...मैं मुस्करा क अम्मी से पोछा आपको कैसा लगा बी मेरी आईज में देख थोड़े पॉज साथ बोली सुछ बताओं शुरू में ब्रा अजीब सा लग रहा था क ये सब ग़लत है माँ बेटे बीच नै होना चाहिए पर जब तू सेहर बनो और उस क बेटे की वीडियो दिखाई तो मुझे थोड़ी रहत मिली क मैं अकेली नै हूँ इस दुनिआ में जो अपने बेटे से इतना प्यार करती बल क और बी मायें हैं जो अपना सब कुछ अपने बेटो पे निछावर कर देती बनो जैसी औरत को देख कोई बोल सकता क इतनी सख्त औरत अपने बेटे सामने पिघल गयी...अम्मी की बातें सुन मैं बी मुस्कराया और बोलै अम्मी मुझे तो ब्रा ाचा लगा ऐसे जैसे जन्नत मिल गयी हो सुछ में ब्रा लकी हूँ जो आप जैसी माँ मिली मुज्जे मेरी बातों में सुचै देख थोड़ा मुस्करायी और बोली जानती हूँ सब तभी मेरी इतनी चीखें निकलवाई न?? मैं अम्मी की बात सुन थोड़ा शर्मिंदा सा होआ और नीचे मौन कर थोड़ा मुस्कराया और बोलै अम्मी सुछ में आप में पता नै क्या जादू है मैं ज़रा कण्ट्रोल नै कर पाया...अम्मी बोली पहली बरी होता है अक्सर ऐसे हे तो फुद्दी की दहलीज़ पे फ़ारिग़ होजाते...मुझे ख़ुशी होरही क मेरा पुत्र अब काफी ठीक होगया है वर्ण पता उस डॉक्टर ने तो यहाँ तक्क बोल दिया था क तू शादी लायक नै तो दर हे गयी थी पुत्र तभी तो अपना सब कुछ वॉर दिया है तेर पे की बातें सुन मुझे बी फील होआ क अम्मी बहततत कुछ किया है मेरे लिए तो मैं आगे होकर अम्मी क होंटो को चूम कर बोलै अम्मी ी लव ोुउउउउउउउ ये सुन लाल सी होगयी और बोली चल हट बदमाश न होआ कहीं का....अम्मी मुझे प्यार से देखि जा रही थी पोछा अम्मी क्या देख रही अम्मी बोली देख रही हूँ मेरा सोना पुत्र कितना ब्रा होगया है अभी कल हे की तो बात लगती जब तू पैदा होआ था तब बी शैतान हे था तू ख़ुशी से पोछा अम्मी वो कैसे तो अम्मी थोड़ा शरमाते होअय बोली नै मुझे शर्म्म आती है अम्मी की इस ऐडा पे बृहत्त मरता था...मैं बोलै अम्मी अब भला क्या शर्माना न...अम्मी मुझे देखते बोली तब जब तू पैदा होआ था तो मुझे बारे दर्द होआ तो तुझे निकलते और आज देख फिर से तू ने कैसा दर्द दिया है और इतना बोल अम्मी लाल होगयी....अम्मी को बातों से मेरा लूँ में जान पर्ने लग पारी थी...अम्मी मोठे मम्मो साथ वैसे लेते लेते खेलते होअय मैं थोड़ा सीरियस होते अम्मी से पोछा अब्बू अब आप में इंटरेस्ट क्यों नै लेते भला तो इतनी खूबसूरत हैं...अम्मी एक लम्बी सांस लेते बोली पुत्र अब क्या बताओं तुझे...तेरे अब्बू बृहत्त अचे इंसान है मेरा बुहत ख्याल बी रखते हैं पर कुछ बातों में बृहत्त पीछे है अभी बी वो...अली क बाद तेरे अब्बू चाहते थे क हमारा एक और बच्चा हो पर मैं मना कर दिया क ४ हे काफी है इतने बरी मुश्किल से पाले जाते मेरे से आप तो बाहिर होते महीनो महीनो और पीछे इधर मुझे सब की देख बल करनी पार्टी इतनी सी बात पे मेरे से नाराज़गी इख़्तेयार कर ली और वो दिन और आज का दिन मुझे तेरे अब्बू ने आज तक्क छुआ तक्क नै कभी बी आते थे मेरा ब्रा दिल करता था औरत जो ठहरी एक्साइट करती बारे तरीक़ो से क शायद अब मुझे प्यार करे पर वो प्यार मुझे कभी नै मिला सालो से मैं तरसती आयी हूँ अपने खुदा सामने दुआएं मन्नतें मांगी आयी हूँ क सब ठीक होजाये पर तेरे अब्बू नै ठीक होअय और तभी तेरी ग़लत हरकतों का पता चला और मैं और परेशां होगयी मेरा दिल नै था मान रहा शुरू में पर फिर सोचा तुम दोनों (अली और अहमद) हे तो मेरी जान हो लोगो क लिए हे तो मैं जी रही हूँ बीटा....अम्मी की इमोशनल बातें सुन मुझे बी ब्रा फील होआ और मैं अम्मी को सीधे बिठाया बीएड पर और खुद बी बैठा और अम्मी को कस्सस क अपनी बाहों में लेकर हुग किया और उनकी आँखों में देख उन क ाँसों पोंछे और बोलै खबरदार आज क बाद जो रोई तो मैं हूँ न अम्मी दूंगा आप साडी खुशियां और हमेशा आप का ख्याल बी रखूँगा...अम्मी मेरी बातें सुन मुस्करा दी और थोड़ा मज़ाक़ क मूड में हँसते होअय बोली सब जानती हूँ कैसे तू ख्याल रखे गए मेरा जैसे आज बेदर्दी से मुझे छोड़ा है एक नै था सुन रहा मेरी...अम्मी की बातें सुन मैं मुस्कराया और बोलै अम्मीय बास बी करे न पहली बरी था न अब नै ऐसा होगा न....अम्मी मेरी बात सुन बोली न बाबा न अब मैं कोई नै तेरे नीचे आना हे मेरा ये हाल किया है बी मुस्कराया और अम्मी क मोठे मम्मो क निप्पल्स मौन में लेकर चूसने लग प्र ऊपर ऊपर से थोड़ा रेसिस्ट किया लेकिन फिर खुदी गर्म होने लग पारी में टाइम का पता बी नै चला और रात क २ बजने वाले होगये थे दोनों माँ बेटे दो प्रेमिओ की तरह एक दूसरे में खोए होअय थे मुझे बीच में बोली क पुत्र्र बास करते हैं इतनी रात होगयी चल नीचे चलते हैं जवाब में बोलै क अम्मी शादी का घर है कोनसा किसी ने आपको ढूंढ़ना वैसे बी बाहिर इतनी बारिश होरही कुछ नै होता आज की रात हम दोनों इधर हे अकथाय रहे गए और अम्मी को बाहों में कस लिया...अम्मी अभी बी थोड़ा शर्मा रही थी और यही ऐडा मुझे एक्साइट कर रही थी मेरे खरे लूँ को बास थोड़ा सहलाया हाथ से मौन में नै लिया और न मैं ने कहा...कोई १० मिनट्स एक दूसरे में खोए रहने और एक दूसरे को चूमते रहने क बाद मैं उठा और बीएड से नीचे खरा होगया और अम्मी की टाँगे खोल पहले एक कपड़े से फुद्दी को अचे से साफ़ किया...अम्मी बास मुस्कराते होअय देखि जा रही थी...फिर अम्मी बीएड पे घोरी बन'ने को कहा एक्सपेरिएंस्ड थी फ़ौरन घोरी बन गयी था अब्बू ने काफी बरी अम्मी की यूँ घोरी बना कर ली थी...अम्मी क घोरी बन'ने से उन क मोठे बाहिर को निकले चुतर और बी फैल गए मोती और वेल-शेप्ड गांड तो मैं वीडियोस में बी नै देखि जितनी अम्मी की थी की हेअल्थी थिएस और चुतर देख मेरा लूँ और बी जोश में आज्ञा...मैं अम्मी को बीएड क बीच ो बीचे घोरी बना कर खुद बी बीएड पे चार गया घुटनों और कुहनिओं क बल झुकी होइ थी और उन क मोठे चुट्र्र केहर सा ध रहे थे क थोड़ा सा बी हिलने से उन क चुतरों में एक लर्ज़िश(वाइब्रेशन) सी पैदा होती और जब वो हिलते और एक दूसरे साथ दोनों चुतर रैगर कहते उफ्फ्फ मेरे से रहा न जाता और मैं आगे होकर हिप्पस पर एक दो बरी चूमा और फिर बीएड पे हे अम्मी क मोठे चुतरों पीछे अपने घुटने तक पोजीशन सेट की क चुतरों का यहाँ से अंदाज़ा लगा क मेरे दोनों हाथों की ग्रिफ्ट में बी अम्मी की गांड पूरी नै थी आ रही इतने फैले होअय थे अम्मी क चूतर...मैं हिप्पस साइड कर बरी मुश्किल से अपने खरे लूँ को उसी की मंज़िल और मंज़िल का गेट दिखाया...अम्मी की बालों से भरी फुद्दी क सूराख पर लूँ ली कैप रख मैं अम्मी क चुतरों पर दोनों हाथों से ग्रिफ्ट बनाई और साथ हे पुकारा अम्मीी पुकारने से अम्मी ने वैसे हे झुके होअय हे गर्दन पीछे मोर मेरी और देखा आँखों में मुझे तलबब सी नज़र आयी शायद उम्मीद कर रही थी क लूँ फुद्दी पे लगा कर मैं एक डैम से दाल दूंगा तभी उन्हों ने थोड़ा चीरते होअय बोलै पुतरररर बोल न क्या है मुस्कराते होअय अम्मी की आँखों में देख बोलै अम्मीय ग़ुस्सा दूँ थोड़ा मौन बनाते होअय बोली हाँ घुसा दे बीटा क इतने हे अलफ़ाज़ मेरा जोश दुगना करने क लिए काफी थे....अम्मी क चुतरों ू मज़बूती से पकड़े मैं एक लम्बी सांस भर एक कस क धक्का दे मारा की फुद्दी क गीले पैन की वजह से इस बार अम्मी को पहले जितना दर्द नै होआ पर फिर बी पूरा लूँ एक हे झटके गहरायी तक्क घुसने से उन क मौन से एक ज़ोर दर चीख ब्रमांड होइ ahhhhhhhhhhhhhhhhhhh होलीईई पुतरररर रब्बबाअ आइइइइइइइइ अह्ह्ह्हह्हह....अम्मी की फुद्दी क अंदर क लूम्स से मेरे लूँ में जैसे और जान आगयी हो की फुद्दी सोच से ज़्यादा टाइट और छोटी बी थी साइज में उन् की आगे की औरतों क लेहाज़ से तभी पूरा रैगर रैगर कर लूँ अंदर घुसा की फुद्दी क मेरे लूँ को मनो झाकर सा लिया होआ (चपेट मर ली) मेरे मोम से बी एक आह्ह्ह्ह निकली...मैं बिना देर किया लूँ को वापिस सिरे तक्क ला कर पोरे जोश क साथ एक और तगड़ा झटका दे मारा से एक ठप्प्प की आवाज़ आयी मेरी थिएस क अम्मी क हिप्स साथ लगने की और फिर से मेरा पूरा लूँ अंदर घुस गया चिलायी ahhhhhhhhhhhhhhhhhhh पुत्र तू सुधरी नाआ की चीखों को इग्नोर कर मैं ऐसे हे ६ कस क धक्के लगाए और फिर तो एक रदम सी जैसे बन गयी हो...अम्मी क क़ातलाना चुतरों हर ढके साथ लरज़ खा रहे थे और बारे मस्त तरीके से विबरते कर रहे थे और ठप्प्प ठप्प की आवाज़ मेरे कानो में रस सा गोल रही थी...अम्मी की आहें और सिसकियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थी और मैं अब तेज़ी से अम्मी की फुद्दी मरी जा रहा था...पोरे रूम में ठप्प ठप्प की आवाज़ों साथ अम्मी की चीखें बी गूंज रही थी क भरी चुतरों को पकड़े मैं पूरी मेह्नत्त और लगन साथ कस कस क धक्के लगाई जा रहा था...अब पहले की तरह अम्मी क हुस्न या फुद्दी की तिघनेसस को अपने पे स्वर किया बिना हे काफी कण्ट्रोल किये बारे कॅल्क्युलेटेड तेज़ धक्के लगाई जा रहा था और अम्मी बी ये बात समझ चुकी थी...शबष्ठ पुत्र एनजज ी हईये रब्बब्बाअ होर तेज़्ज़ज़ पुत्र ज़ोर नाल मररररर अपनीई अम्मी दी फुदडीईई...अम्मी को अब मज़ा आना शुरू होगया था और वो फुद्दी क पागलपन में पता नै क्या कुछ बोली जा रही थी...हॉररररर तेज़्ज़ज़ पुतररर आआआआअह्हह्ह्ह्ह ज़ोर लाए होर इतने साल मैं ने इन पालो का इंतज़ार किया होर तेज़ज़्ज़ज़ आइइइइइइइइइ siiiiiiiiiiii...ammi घोरी बानी पता नै क्या कुछ चिलायी जा रही थी और मैं किसी सांड जैसे बिना रुके या धक्को की स्पीड कम् किया फुद्दी मरी जा रहा था...५ मं हो चुके थे अम्मी की टाइट फुद्दी मरते और मेरा पानी अभी तक्क नै निकला था बी ाचा लगने लगा क मैं काफी कण्ट्रोल क साथ इतनी देर तक्क टिका रहा और अभी बी फुद्दी क आगे घुटने नै टैकय थे...अम्मी मज़े से सिसकियाँ भर कहे जा रही थी आह्ह्ह्हह पुतररर एनजज ी कण्ट्रोल करि डा हुँड्डा ा बाज़ी चाय मज़ा नै आउंदा...हैए होर तेज़्ज़ मार पुतररररर अब जैसे मुझे जोश दिला रही थी...मेरे माथे पे पसीने की बूँदें साफ़ नज़र आ रही थी ठण्ड में बी हम दोनों माँ बेटे पसीने से शराबोर थे...मैं एक पल क लिए धक्के लगाने चोर घुटनों से पैरो क पंजो क बल होगया क दोनों चुतरों को अचे से पाकर कर मैं पीछे से उन क ऊपर को थोड़ा होगया की कमर पे हाथ से ज़ोर दाल उन्हें तीर कमान की तरह बल खाने को कहा से अम्मी की मोती गांड पीछे से थोड़ा ऊपर को होगयी...अब अम्मी की मोठे चुतरों को थामे ऊपर से नीचे की और अम्मी की फुद्दी में अपने लूँ से ड्रिलिंग शुरू कर दी पोज़ में बी पूरा लूँ अम्मी की फुद्दी की गहराईयों तक जा पोहचता की चीखें और मज़े स्व भरपूर आहें निकली जा रही thi...aaahhhhhhhhhh पुतरररर ऐसे हे ज़ोररररर नाल aaaaaaaayyyyyyyyyyyyy होर तेज़ फर दाल मेरी फुद्दी अपने लूँ से...अम्मी मज़े में सब कुछ भूल पता नै क्या कुछ बोली जा रही थी फुद्दी अंदर से काफी पानी चोर रही थी जिसे मैं ने अपने लूँ पे फील कर रहा था और मज़े से धक्के लगाई जा रहा था...फुद्दी गीली होने की वजह से पच्चक्क्क पच्चक्क्क की ावाएं बी गूंज रही थी मस्ती में आहें भरे मेरे धक्को को सेह रही थी...लूँ जब फुद्दी में अंदर करता तो अम्मी फुद्दी की इनर स्किन से मेरे लूँ को झाकर सी लेती जिस से मेरी बी मज़े से आँखें बंद होजाती फिर जब बाहिर को आउट कर लूँ अंदर से तो अम्मी अपनी गांड को हरकत देती धक्को में मेरा साथ देने लगती...मैं मज़े से धक्के लगते खुद को ब्रा लक समझ रहा था क अम्मी जैसी हसीं और मस्त बदन की औरत मुझे छोड़ने को मिल रही थी और सोने पे सुहागा अम्मी की फुद्दी की तिघटनेस थी जो किसी बी जवान लड़की से कम् नै थी...साथ साथ ये बी ख़ुशी थी क मैं अब काफी हद्द तक्क ठीक होगया होआ था तभी इतनी देर से लगातार अम्मी की फुद्दी मरी जा रहा था...अब अम्मी क मोठे चुतरों को चोर मैं अम्मी की कमर पे झुक सा गया और हाथ आगे बढ़ा कर उन क मोठे मम्मी को थम मसलने लग प्र...अब सन ये था क बीएड क बीच ो बीच अम्मी को घुटनो क बल घोरी बनाये उन की मोती गांड पे चढ़े होअय उन क मोठे मम्मो को मसलते मैं उनकी फुद्दी में लूँ क करारे धक्के लगाई जा रहा था और अम्मी लगातार चिलायी जा रही थी...१० मं होचुके थे और हम दोनों माँ बीटा ठण्ड में बी पसीने चोर रहे थे...बार लगातार बारिश तेज़ी क साथ साथ होरही थी और अंदर मैं अपने ज़ोरदार झटकों की बारिश अम्मी की फुद्दी पे करि जा रहा था...पोरे कमरा चीखों और ठप्प ठप्प पाचकक पाचकक की आवाज़ों साथ undefined हो चूका था और आखिर क़रीब १२ मं बाद मुझे लगने लग प्र क अब मज़ीद मेरे बास की बात नै है अम्मी की फुद्दी आगे टिकने की और मैं अम्मी क मम्मो क निप्पल्स को उँगलियों साथ मसलते होअय अम्मी की बल खायी कमर को चूमते होअय दांत पीसते होअय अपने हिप्पस को साथ जोर अपनी पूरी टकट साथ कस कस क धक्के लगाना शुरू होगया...जिस का असर ये होआ क अम्मी की चीखें और तेज़ होगयी और वो मेरे से धीरे करने का कहने लग पारी पर मैं अब मंज़िल क बिलकुल क़रीब था तो अम्मी की बातों का मेरे पे कोई असर नै था होने वाला...आखिर क कुछ धक्के लगाए किसी शेर की तरह गुर्राते होअय मैं ने एक कस क धक्का लगाया और लूँ फुद्दी की तेह तक्क लगाए फ़ारिग़ होने लग प्र लूँ का सारा पानी अम्मी की फुद्दी में समै गया...आखिर धक्के की वजह से अम्मी क बी घुटने जवाब दे गए और वो उलटी वैसे हे घुटने सीधे कर लेत गयी और मैं उन क भरी जिस्म क ऊपर लेत हांफने लग प्र...अम्मी न लम्बी लम्बी सांसें लिए खुद को संभाल रही थी...मेरे चेहरे पे अभी बी एक फ़ख़्रिया स्माइल थी...कोई ३ मिनट्स बाद अम्मी मुझे हिला कर साइड किया और खुद सीढ़ी होगयी मैं साइड में लेत गया...मैं सेल साइड से पाकर स्क्रीन ों कर टाइम देखा तो रात क २ बजने वाले थे और बाहिर बारिश अभी बी रुकने का नाम नै ले रही थी...अम्मी ने बी मेरी और चेहरा कर पोछा पुत्र्र टाइम क्या होआ है बताया क अम्मी २ बजने वाले है थोड़ा फ़िक्र माण्ड होते बोली इतनी देर होगयी नीचे शायद कोई मुझे धुंध न रहा हो अम्मी को दिलासा देते बोलै अम्मी नीचे सब सोगये होअय हैं और किसी को क्या पता आप कोनसे रूम में सोई है...इतना कहते मैं अम्मी क अपनी साइड वाले मोठे मम्मी को सहलाते होअय उनकी आईज में देखते पोछा अम्मी कैसा लगा बात सुन अम्मी थोड़ा शर्मा सी गयी और फिर बोली शर्म नै आती ये बात पोछते हाँ बीटा अब उठ और कपड़े पहन ले अम्मी को असरार किया मज़ीद तो अम्मी चमकती आँखों और लाल गालो साथ बोली पुत्र्र ऐसा मज़ा आज तक्क नै आया में बरी जान आगयी है तेरे में...मैं मुस्कराते होअय बोलै अम्मी सब आपकी हे बड़ोलेट है मेरा साथ न देती तो पता नै क्या होता मेरे होंटो पे अपनी ऊँगली रख बोली shhhhhhhhhhhh चुप्प बस्स्स पुत्र पूरा मरद्द बन गया है आज और अभी तो बास तेरा पहली बरी था न आहिस्ता आहिस्ता और बेहतर होजाये गए बास थोड़ा रेहम खाया कर मैं माँ हूँ तेरी ऐसे जानवरो जैसे पेश नै आते अपने इमोशंस पे कण्ट्रोल करना सीख...देख मेरी फुद्दी का क्या हश्र्र किया है पूरा भर दिया अपने गहरे पानी साथ की बातें सुन मैं मुस्कराया और बोलै अम्मी आपकी फुद्दी की तिघनेसस आगे मेरा बी कण्ट्रोल खोने को ग करता है बोली इस आगे में ऐसा हे होता है बीटा पर तू फ़िक्र न कर मैं तुझे सब सीखा दूंगी...अम्मी की बातों से साफ़ झलक रहा था क वो फुद्दी की चुदाई से बृहत्त खुश है और आगे बी बिना झिझक मुझे फुद्दी मरने का इशारा कर रही...हम दोनों माँ बेटे अब पोरे नंगे बीएड साथ टैक लगाए बैठे एक दूसरे की आँखों में देख बातें कर रहे थे...तभी अम्मी को कुछ सोचते देख मैं उन्हें पुकारा अम्म्मीईई किन सोचो में खो गयी एक डैम से मुझे घोरते बोली देख पुत्र ये जो कुछ बी होआ ये सिर्फ और सिर्फ तेरी खातिर मैं किया एक माँ बेटव क बीच ये सब जाएज़ नै और हमारा मिश्रा बी इसे कभी एक्सेप्ट नै कर पायेगा अपनी साडी इज़्ज़त तुझे सौंप थी है अब सब तेरे हाथ में है से बी हमारे इस नए रिश्ते की किसी को भनक्क तक्क पारी तो हम किसी को मौन दिखने लायक नै रहे...अम्मी को फ़िक्र माण्ड देख मैं उन क हाथों को अपने हाथों में देख बोलै अम्मी आप फ़िक्र न करे जो बी न्य रिश्ता हमारे बीच बन गया हो अब पर अभी बी आप मेरी प्यारी अम्मी है और आपकी इज़्ज़ार मेरी इज़्ज़त है और रही बात किसी को पता चलने की तो मैं प्रॉमिस करता हूँ मैं किसी साथ ये बात शेयर नै करूँगा और आप बी नै करेगी तो परेशानी वाली बात कोई नै है...अम्मी मेरी बात सुन मुस्कराते होअय बोली सुछ में मेरा सोना पुत्र्र ब्रा होगया है..तभी अम्मी का खूबसूरत चेहरा देख मेरे ज़ेहन में सवाल आया और मैं बोलै अम्मी आपकी फुद्दी पे इतने बाल क्यों है साफ़ नै करती थोड़ा लाल होते बोली जब इसे कोई चाहने वाला हे नै था तो काईन भला क्या इस का ख्याल रखती अब तू मिल गया है न तू अब से पक्का मैं साफ़ हे रखूंगी...अम्मी की बात सुन मैं मुस्कराया और अम्मी को चूम लिया मुझे पीछे कर बोली अब बस्स्स बास पुत्र्र २ बरी मेरी फुद्दी मर कर बी तेरा जी मैं नै भरा मुस्कराते होअय ना में सर हिलाया तो अम्मी बी मुस्करा दी...तभी अम्मी बोली देखो क्या दिन आगये है आज बेटी की शादी थी और उसकी तो चलो सुहागरात होइ होगी पर इधर बेटी की शादी वाले दिन हे बेटे ने माँ साथ सुहागरात मना डाली...अम्मी थोड़ा मज़े लेटव मुझे चीरते होअय बोली तुझे ज़रा शर्म नै आयी पुत्र्र अपनी माँ की रेल बनाते होअय की बातें सुन मैं बी हंस दिया और यूँ हम दोनों माँ बेटे हंसत्व मुस्कराते नंगे हे एक दूसरे साथ मज़े मज़े की बातें करने लग परे...बारिश रुकी नै थी तो नीचे जा नै सकते थे तो उस रार हम दोनों ऐसे हे ऊपर स्टोररूम में लेत रहे एक दूसरे की बाहों में नंगे हे और ढेर साडी प्यार भरी बातें करतव रहे...इस बीच मेरी काफी ज़िद्द करने पर अम्मी ने मुझे एक बरी और छोड़ने दिया और सुबह ५ बजे जब बारिश रुकी तो अम्मी कपड़े पहन नीचे चली गयी और मैं सोया रहा थकावट se.................
Uss दिन क बाद से तो जैसे मेरी मैं की मुराद पूरी होगयी बहनें अपने घर जा चुकी रही बेया कर और अब्बू बी कुछ दिन बाद अपनी जॉब पे चले गए घर पे मैं अम्मी और मेरा छोटा भाई हे रह गया था सुबह छोटे भाई अली को कॉलेज भेजने क बाद हम दोनों माँ बीटा पोरे घर में अकेले होते और घर का कोई कोना हम लोगो ने नै छोरा जहाँ चुदाई न की हो बेडरूम्स लाउन्ज शार्ट हर जगह हम लोगो ने प्यार की रास लीला खेली...इन् सब का ये नतीजा निकला क एक तो अम्मी क साई मनो में खुशियां मिल रही थी बिना उन की इज़्ज़त पे आंच आये दोसरा अम्मी मेरा ब्रा ख्याल रखना शुरू होगयी थी खुर्राक का मेरे लूँ की मालिश करती सेक्स क दुराण खुद पे कण्ट्रोल करना सिखाया...एक गुरु की तरह उन्हों ने मेरा बृहत्त साथ दिया और बदले मैं बी उनकी कस्सस कस्सस रोज़ बृहत्त ख़िदमतत करता था...इन सब क बीच अम्मी नोर्मल्ली अपने असली सख्त रूप में हे होती को छोड़ लेने का ये हरगिज़ मतलब नै था क अम्मी की इज़्ज़त मेरी नज़रों में कम् होगयी और मैं किसी बाज़ारू रंडी की तरह उन्हें ट्रीट करता और जब बी कहती वो टाँगे खोल देती अपनी...ऐसा बिलकुल नै था बल के इन सब से अम्मी की इज़्ज़त और रुतबा मेरी नज़रों में कई गुना बार गया था क एक सख्त और मज़हबी खातून होने क बावजूद होने ने अपना सब कुछ साइड रख मेरी हेल्प की थी और मेरी ज़िन्दगी संवर दी थी...ये नै था क जब चाहे अम्मी को छोड़ लिया कभी बी अम्मी की और से रज़ामंदी का इशारा पता तभी हम दोनों माँ बेटे सेक्स करते और सेक्स क बाद नोर्मल्ली बेहवे करते एक माँ बेटे जैसे...इस पोरे अरसे में अम्मी हमेशा काफी हद्द तक्क कंज़रवेद हे रही और न कभी उन्हों ने मेरा लूँ मौन में लिया और न कभी मैं उन्हों फाॅर्स किया लूँ चूसने पे या अम्मी की गांड मरने पे पोछे तो अम्मी का एक दर और दबदबा अभी बी था मेरे मैं में क जब मैं ये सब बोलूंगा तो पता नै कैसे वो रियेक्ट करेगी फ़ुदद्दी मिल रही छोड़ने को कहीं वही न मिलना बन्द्द होजाये...बेटे की तरफ से मिलने वाले रोज़ाना की बिनयाद पे प्यार से अम्मी का मैं तो मुतमईन था हे साथ हे उन का गदराया बदंन और गदराया होगया और चुतर बी और फैल गए क हुस्न में बी संवर पैदा होगया अम्मी रोज़ खिली खिली और खुश रहने लग पारी और मेरे लिए यही सब से ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट था...रही बात अब्बू और एपीआई रमीज़ा क सीक्रेट की तो वो मैं इस लिए अम्मी को नै बताई क अम्मी अब्बू से बी बृहत्त प्यार करती थी और इज़्ज़त करती थी नै चाहता था अम्मी की नज़र में अब्बू की इज़्ज़त कम् हो या घर का सकूं बर्बाद हो...यूँ वो राज़ बी मैं अपने सीने में दबा लिया...बैक तो PRESENT!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
Uss दिन क बाद से तो जैसे मेरी मैं की मुराद पूरी होगयी बहनें अपने घर जा चुकी रही बेया कर और अब्बू बी कुछ दिन बाद अपनी जॉब पे चले गए घर पे मैं अम्मी और मेरा छोटा भाई हे रह गया था सुबह छोटे भाई अली को कॉलेज भेजने क बाद हम दोनों माँ बीटा पोरे घर में अकेले होते और घर का कोई कोना हम लोगो ने नै छोरा जहाँ चुदाई न की हो बेडरूम्स लाउन्ज शार्ट हर जगह हम लोगो ने प्यार की रास लीला खेली...इन् सब का ये नतीजा निकला क एक तो अम्मी क साई मनो में खुशियां मिल रही थी बिना उन की इज़्ज़त पे आंच आये दोसरा अम्मी मेरा ब्रा ख्याल रखना शुरू होगयी थी खुर्राक का मेरे लूँ की मालिश करती सेक्स क दुराण खुद पे कण्ट्रोल करना सिखाया...एक गुरु की तरह उन्हों ने मेरा बृहत्त साथ दिया और बदले मैं बी उनकी कस्सस कस्सस रोज़ बृहत्त ख़िदमतत करता था...इन सब क बीच अम्मी नोर्मल्ली अपने असली सख्त रूप में हे होती को छोड़ लेने का ये हरगिज़ मतलब नै था क अम्मी की इज़्ज़त मेरी नज़रों में कम् होगयी और मैं किसी बाज़ारू रंडी की तरह उन्हें ट्रीट करता और जब बी कहती वो टाँगे खोल देती अपनी...ऐसा बिलकुल नै था बल के इन सब से अम्मी की इज़्ज़त और रुतबा मेरी नज़रों में कई गुना बार गया था क एक सख्त और मज़हबी खातून होने क बावजूद होने ने अपना सब कुछ साइड रख मेरी हेल्प की थी और मेरी ज़िन्दगी संवर दी थी...ये नै था क जब चाहे अम्मी को छोड़ लिया कभी बी अम्मी की और से रज़ामंदी का इशारा पता तभी हम दोनों माँ बेटे सेक्स करते और सेक्स क बाद नोर्मल्ली बेहवे करते एक माँ बेटे जैसे...इस पोरे अरसे में अम्मी हमेशा काफी हद्द तक्क कंज़रवेद हे रही और न कभी उन्हों ने मेरा लूँ मौन में लिया और न कभी मैं उन्हों फाॅर्स किया लूँ चूसने पे या अम्मी की गांड मरने पे पोछे तो अम्मी का एक दर और दबदबा अभी बी था मेरे मैं में क जब मैं ये सब बोलूंगा तो पता नै कैसे वो रियेक्ट करेगी फ़ुदद्दी मिल रही छोड़ने को कहीं वही न मिलना बन्द्द होजाये...बेटे की तरफ से मिलने वाले रोज़ाना की बिनयाद पे प्यार से अम्मी का मैं तो मुतमईन था हे साथ हे उन का गदराया बदंन और गदराया होगया और चुतर बी और फैल गए क हुस्न में बी संवर पैदा होगया अम्मी रोज़ खिली खिली और खुश रहने लग पारी और मेरे लिए यही सब से ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट था...रही बात अब्बू और एपीआई रमीज़ा क सीक्रेट की तो वो मैं इस लिए अम्मी को नै बताई क अम्मी अब्बू से बी बृहत्त प्यार करती थी और इज़्ज़त करती थी नै चाहता था अम्मी की नज़र में अब्बू की इज़्ज़त कम् हो या घर का सकूं बर्बाद हो...यूँ वो राज़ बी मैं अपने सीने में दबा लिया...बैक तो PRESENT!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!