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अम्मी का प्यार .......
#18
अब कुछ नै कह रही थी...अम्मी क लूँ क ऊपर नरम हाथ चलने से अब मुझे बी मज़ा आने लग प्र था काफी चमक बी रहा रहा अम्मी क थूक से...अम्मी का लगातार दहन सेल फ़ोन की स्क्रीन पर था मैं अम्मी को चीरने क लिए बोलै अम्मी इतनी घोर से क्या देख रही तो अम्मी को अचानक अपनी ग़लती का एहसास होआ क पिछले काफी मिनट्स से वो लगातार वीडियो को हे देखि जा रही है...अम्मी एक डैम से थोड़ी हरबराहट साथ बोली कुछ नै कुछ नै...साथ मेरे लूँ को थोड़ा ज़ोर से मसला और बोली खुदी खुदी तो बोलै है क लो अम्मी देख लो...वैसे अहमद बीटा तेरी बात है सुछ कितने प्यार से लगा है मोहिद...मैं इसी बहाने अम्मी साथ और जुड़ गया और एक हाथ उन क मोठे मम्मो पर ले गया और उन्हें सहलाने लगा इतना नोटिस नै किया क्यों क वो वीडियो में हे मगन थी...मेरा हौसला ब्रा तो मैं नरम मम्मो को दबाया थोड़ा अम्मी की एक हलकी सिसकी निकली पर नज़रे अम्मी की अभी बी फ़ोन स्क्रीन पर थी सोचा इस बात का फायदा उठाते है और एक हाथ धीरे धीरे अम्मी क पेट से होता ब्लैंकेट अंदर उनकी जुड़ी टांगो क अंदर डाला और जूनही मेरा हाथ अम्मी की फुद्दी क ऊपर वाले हिस्से पर टच होआ अम्मी एक दम्म से सीढ़ी होगयी और मेरी और थोड़ा ग़ुस्से से देख बोली अहमद ये तू क्या कर रहा है...मैं थोड़ा सहमे लहजे में बोलै अम्मी मैं आप से बृहत्त प्यार करता हूँ और अब मेरे से बी नै रहा जाता सूची हे सर झुका लिया मैं साद सा मौन बनाया...अम्मी बोली देख बीटा मैं मानती हूँ तू बृहत्त प्यार करता है मेरे से और मैं बी करती हूँ पर समझ न ये सब नै हो सकता माँ हूँ तेरी पुत्र्र...मैं वीडियो और इशारा कर बोलै अम्मी मोहिद और उस की अम्मी बी तो करते हैं फिर हम क्यों नै बोली पुत्र देख सेहर बनो बेवा है उस का शोहर मरे अरसा होगया उस का मामला और है मेरी बात तो तेरे अब्बू अभी अचे भले है मैं क्यों उन् क होते उनकी अमानत में खयानतत करूँ...अम्मी की बातें सुन मैं फुल चिर गया होआ था क इतनी देर से अम्मी को मनाने की तरय कर रहा हूँ और अम्मी है क मान नै रही थी...मैं अम्मी का हाथ पाकर अपने सर पे रख बोलै अम्मी खाये मेरी क़सम क अब्बू अब आप में इंटरेस्ट लेते हैं और लास्ट टाइम अब्बू ने आप क साथ कब किया...अम्मी मेरा हाथ झटक बोली ये क्या बेहूदगी है अहमद ऐसा कोई बोलता है हैं वो तुम्हारे...अम्मी हाथ सर से हटाने लगी तो मैं हाथ मज़बूती से पकड़े रख बोलै अम्मी आज आपको बताना परे गए प्ल्ज़ मेरी क़सम थोड़ा रेसिस्ट किया पर कुछ पल बाद बोली हाँ तेरे अब्बू अब वैसे इंटरेस्ट नै लेते पर इस का मतलब ये थोड़ी न क मैं तेरे साथ....अम्मी कहते कहते रुक गयी दोबारा पोछा क लास्ट टाइम कब किया अब्बू ने आप साथ न बताने वाले मूड में बोली अहमददददद ज़िद पे दता रहा तो अम्मी बताया क तक़रीबन ५ साल होगये है लास्ट किये...अम्मी की बात सुन मैं तो हैरान रह गया क अम्मी जैसी खूबसूरत और भरी जिस्म की मालिक औरत बीवी हो अपनी और बाँदा ५ साल कुछ नै करे दी लानत है उस क नसीब पस...ये सब मैं दिल में सोचा...अम्मी बता कर थोड़ा शर्मायी ज़रूर और मेरे लूँ से बी अब हाथ हटा दिया और ब्लैंकेट से निकल उठ खरी होइ बोली अब बास मैं जाने लगी हूँ जब उठी थी तो उन क बिस्टेर वाली साइड पे जहाँ वो बैठी थी वहां से बेडशीट गीली नज़र आ रही थी मीन्स अम्मी की फुद्दी ने बी पक्का रस छोरा था और उनका बी ग किया होगा...अम्मी बीएड से उत्तर जूनही आगे बरही थोड़ा तो उन क हैवी बाहिर को निकले चुतर देख मेरे से नै रहा गया और मैं एक डैम से अपनी जगह से उठ अम्मी को पीछे से जपहि दाल पि और पागलो जैसे उनकी बैक पे किसिंग शुरू कर दी का जिस्म बुहत छोरा था तो मेरी झफी में बी पूरा नै था आ रहा जब मेरा खरा लूँ अपनी नंगी गांड पे फील किया तो एक डैम से मुझे पीछे करते बोली बीटा ये तो क्या कर रहा है चोर दे मुझे...अम्मी ज़ुबान से कह तो रही थी क चोर दो पर उन् क जिस्म की मूवमेंट्स और उनकी न होने क बराबर बॉडी रेजिस्टेंस साफ़ बता रही थी क उन्हें बी थोड़ा ाचा लग रहा था...थोड़ा झापकपाई ज़रूरी मेरी बाहों में पर फिर थोड़ा रिलैक्स होगयी लगातार उनकी बैक को चूमि जा रहा था और उन क मौन से बी सिसकारी निकलती रही ३ मिनट्स हम दोनों माँ बेटे ऐसे हे खरे एक दूसरे साथ जुड़े रहे बीच मेरे लूँ लहतर अम्मी क हिप्पस में धंसी जा रहा था रैगर बी कमल की थी इतने बारे हैवी चुत्रो साथ खुद क लूँ को बिना किसी परदे क लगा देख मैं तो पागल सा होगया...तभी अम्मी एक दम्म से मुझे पीछे कर सीढ़ी खरी होइ और मेरी और देखते होअय हांफती साँसों साथ थोड़ा मदहोशी में बोली बीटा आखिर तू चाहता क्या है... अम्मी क पोछने पर क मैं क्या चाहता हूँ मैं अम्मी की और थोड़ा धीरे से बढ़ा क मोठे मम्मी और गदराया जिस्म किस मैगनेट की तरह मुझे अपनी और खींच रहा था क हुस्न क आगे कोई बूढ़ा लूँ पे खरा होजाये बला की खूबसूरत लग रही थी तब फुल नंगी...मुझे पास आते देख अम्मी बोली अहमद पुत्र ये सब ठीक नै है रुक जा...मैं बिना कुछ जवाब दिया आगे बढ़ता गया मुझे बार बार कह रही थी क बीटा ये सब ठीक नै है ठहर जा मेरे पास मैट आओ बर्दाश्त नै कर पाऊँगी...अम्मी मौन से तो कह रही क पास मैट आओ पर बॉडी उनकी वही की वही थी...अंदर हे अंदर अम्मी क सालो से छुपे जज़्बात बी कहीं कहीं झाग रहे थे लिए उन् क मुझे रोकने की कोशिश में वो दम्म नै था...अम्मी क बिलकुल पास जब आज्ञा तो अम्मी मुझे फिर बीटा प्ल्ज़ न कर ये सब ठीक नै है लम्बी लम्बी साँसे बता रही थी क मेरे उन् क क़रीब जाने से उनका झी बी कहीं कहीं कर रहा था क मैं आगे मज़ीद बरहु...आखिर बिलकुल साथ होकर मैं अम्मी का एक मुझे मना करने वाला हाथ मैं ने अपने हाथ में लिया और उसे चूम अम्मी को वापिस बीएड की जाने का इशारा किया बिना कुछ बोले हे ने ना में सर हिलाया मैं प्यार से बोलै अम्मी प्लीज मेरी आँखों में देख थोड़ी देर रुकी फिर मेरे कहने पर बीएड की और आयी और मैं उन्हें बैठने का इशारा किया...ये सब अमल बृहत्त हे स्लो और किसी रोमांटिक मूवी क सन की तरह होरहा था क चेहरे पर अभी बी हैरानगी वाली फीलिंग्स थी कुछ पे टाँगे नीचे कर बैठी थी और अपनी टाँगे फुल जुड़ी होइ थी...मैं बीएड पे बैठी अम्मी क बिलकुल पास गया और अम्मी की और देखा तो उन्हों ने आईज नीचे की होइ थी जैसे शर्म क मरे...मैं उन्हें पुकारा कुछ न बोली...अम्मी किसी कुंवारी दुल्हन की तरह बेहवे कर रही थी उनका सारा रॉब डाब दबा जैसे हवा क झोंके जैसे ग़ायब होगया था पहले वो बारे कॉन्फिडेंस साथ बला झिझक मेरे लूँ की मालिश करती आयी थी और कहाँ अभी वो बीएड पे सर झुकाये बैठी थी...मैं ढाया हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चीन से उनका फेस ऊपर किया तो उनकी आँखे जूनही ऊपर होते मेरे फुल तने होअय लूँ पे पारी जो उन क अपने लगाए होअय थूक की वजह से चमक सा रहा था की आँखे वही थम्म सी गयी क्यों क लूँ का साइज उन्हें बी मेरे जैसे नार्मल से ज़्यादा हे लग रहा था तब क रसीले मोठे होंठों से कोई क़रीब ५ इंच की दुरी पर मेरे लूँ की टोपी थी मुसलसल वो देखि जा रही थी...मेरे मैं तो ब्रा किया क अम्मी क चेहरा अपने खरे लूँ की और दबाव और उन्हें इशारा दूँ क अम्मी जैसे वीडियो में आंटी सेहर बनो अपने सघे बेटे का लूँ बारे मज़े से चूस रही थी वैसे आप बी ज़रा अपने बेटे क लूँ पर थोड़ी नज़र इ करम करे फिर पता नै अम्मी क वही रॉब कह ले या इज़्ज़त जो मेरी नज़रों में बुहत थी उसे सामने रख मैं किसी बी ज़बरदस्ती वाले काम से परहेज़ हे करना बेहतर समझा...इस की एक वजह ये बी थी क अम्मी ने अभी तक्क कोई ख़ास रेसिस्ट नै किया था मीन्स काफी हद्द तक्क वो राज़ी हो चुकी थी तो मैं भला क्यों ज़बरदस्ती कर रंग में भंग्ग वाला हिसाब करूँ...अम्मी क लगातार लूँ को देख मैं उनकी चीन पे थोड़ा ऊपर को दबाओ डाला जिस से वो थोड़ा जैसे होश में आयी किसी और हे दुनिआ से...चीन जूनही ऊपर की तो अम्मी की नज़रे मेरे नज़रों से ऊपर को मिली तो अम्मी क चेहरे काफी हद्द तक्क लाल होगया और उनकी आँखों में बी काफी शर्म नज़र आ रही थी जिस क चलते ३ से ४ सेकण्ड्स हे वो मेरी नज़रों में देख पायी फिर किसी मग़रूर हसीना जैसे मेरा हाथ साइड कर अपना फेस नीचे कर लिया...अम्मी की इस ऐडा से मैं सूरे होगया क वो राज़ी हैं...मैं बोलै अम्मी सीढ़ी लेत जाये मौन से ये अलफ़ाज़ निकलने की देर थी क अम्मी फ़ौरन से सीधे लेत गयी आँखों से उनकी स्माइल साफ़ झलक रही थी...अम्मी क सीधे लेटने पर उन क मोठे मम्मो को देख मेरे मौन में जैसे पानी सा आज्ञा हो से मम्मी और बी बारे लगते थे...कुछ देर यूँही मैं खरे खरे बीएड किनारे अम्मी क नंगे हुस्न का जाम पीटा रहा अपनी आँखों क प्याले से अम्मी का बदन फुर्सतत में बनाया गया था...लम्बे बाल मुस्कराती आईज होंठ गाल मुलायम नज़र आ रही नैक पे दो बारे बारे तरबूज़ जैसे सफ़ेद मम्मी सा साफ़ पेट जिस पे गहरी नाभि थी टैंगो दरमियान थोड़े बालो से ढकी फुद्दी का ऊपर ला हिस्साः नज़र आ रहा था लम्बी थिएस और जो चीज़ अभी तक्क मैं नोटिस नै की वो थी उन की पायल जैसी पंजेब की लग रही थी...पता नै कितनी देर मैं देखने में यूँही लगाई और नीचे मेरा लूँ झटके मर रहा था...तभी अम्मी मुझे पुकारा अहमद बीटा एक दम्म से उनकी और देखा तो अम्मी मेरा एक हाथ पाकर मुझे बीएड पे बिठाया और खुद बी सीढ़ी होकर बेथ गयी...मेरी और देख थोड़े कॉन्फिडेंस साथ बोली देख पुत्र मैं जानती हूँ तू क्या चाहता है पर तुझे ये बी पता होना चाहिए ये सब कितना ग़लत है सही माँ हूँ तेरी और माँ बेटव क बीच ये सब नै होना चाहिए सेहत क लिए मैं अपनी इज़्ज़त सब साइड रख दी क मेरा जिगर का टुकड़ा बास ठीक होजाये पर आज जब क तू कुछ और चाहता है मेरे से तो मैं कैसे हाँ कर दूँ...अम्मी की सीरियस बातों को सुन मैं अम्मी क हाथों को अपने हाथों में लेकर बोलै अम्मी मैं आप से बुहत प्यार करता हूँ और आप बी मेरे से प्यार करती है फिर ये सब ग़लत थोड़ी होआ खुदी तो देखा मोहिद कैसे अपनी माँ को प्यार कर रहा था...मेरी बी ये हसरत है क आप क सारे ग़म कम्मियाँ और ज़रूरतें पूरी करू जिसे आज तक अब्बू ने बी undefined नै किया प्यार और इज़्ज़त की आप हक़दार है उसे आप को दूँ खुशियां आप की झूली में ला दालु...ये सब ग़ैर फिटरी तोर पर मैं कहीं जा रहा था क्यों क ये मेरे दिल की आवाज़ थी जो सीधे अम्मी क दिल पे जा लगी और मेरी बातें सुन एक पल क लिए अम्मी की आँखें बी नाम सी होगयी और उन्हों ने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा मेरा चेहरे को थम लिया और प्यार से चेहरा सेहलते बोली पुत्र तो सुछ में काफी ब्रा होगया है माँ को सारा समझने लग प्र है...साथ हे आगे होकर मेरे माथे को चूम लिया क नरम होंटो क लूम्स को अपने माथे पर फील कर मेरे दिल में बी अम्मी क लिए और प्यार झगा और मैं अम्मी क फेस को अपने माथे से दूर हैट'तय देख उन क फेस को वही थम लिया और उन की आँखों में आँखें दाल अपने होंटो को उन क लरज़ते होंटो क क़रीब लाया ज़रा सी बी पीची नै हटी बल क एक हलकी सी स्माइल साथ उन्हों ने अपनी आईज क्लोज कर ली प्यासे होंठ जूनही अम्मी क रसीले मोठे होंठों साथ टच होअय तो एक खून की लहर जैसे पोरे बदन में डोर सी गयी हो...प्यारी बरी था क मैं किसी क होंठों को चूम रहा था तो मेरा इनएक्सपेरिएन्स होना दिख रहा था अम्मी क ऊपर वाले होंठ को अपने दोनों लिप्स में लिया और थोड़ा सा चूमा तो अम्मी बी साथ दिया और मेरे निचले होंठ को शामे वैसे हे अपने दोनों होंठों बीच लेकर चूमा...फिर जो पैशनेट किसिंग शुरू होइ वो आज तक्क नै भूल स्का मैं एक दम्म से अपने असली रूप में वापिस सी आ कर मुझे बेतहाशा चूमने लग पारी दोनों माँ बेटे क होंठ एक दूसरे क साथ मिल रहे थे मैं अम्मी की ज़ुबान को अपने मौन में लिए सूचक करता कभी अम्मी मेरी ज़ुबान को हाइट अम्मी से काफी छोटी होने की वजह से अम्मी थोड़ा ऊपर होकर मुझे चूमना शुरू होगयी जैसे मुझ पर काबू प् रही हों...अम्मी का ये वाइल्ड रूप देख मैं बी थोड़ा हिचकचाया फिर पागलों जैसे मैं बी अम्मी को चूमने लग प्र ५ मिनट्स हम दोनों माँ बेटे की पैशनेट किसिंग चली फिर एक डैम से हम दोनों क होंठ अलग होअय तो हम दोनों माँ बेटे एक दूसरे की आँखों में देख लम्बी लम्बी साने ले कर अपनी साँसे नार्मल कर रहे थे और उस वक़्त अम्मी क चेहरे पर काफी चमक थी जैसे नूर सा हो...मेरे मज़ीद कण्ट्रोल करना मुश्किल होरहा था और मेरा बेचैन चेहरे से अम्मी बी ये जान चुकी थी और बास मेरी और देखि जा रही थी लम्बी साँसों साथ और उन क मोठे मम्मी ऊपर नीचे हो रहे थे...अम्मी की और देख मैं बोलै प्लीज अम्मी अब नै कण्ट्रोल होता मेरी बात सुन शर्म से लाल चेहरे साथ मुस्करायी और मेरे चेहरे पे प्यार से अपना ढाया हाथ फेरे बोली मैं जानती हूँ पुत्र्र...साथ हे फॉर्मेलिटी जैसे पोछा क पहले कभी किया है किसी साथ मैं ना में सर हिलाया तो अम्मी थोड़ा मुस्करा कर बोली कोई बात नै पुत्र्र मैं हूँ न अभी...अम्मी की बात सुन कुछ हौसला मिला तो मैं बी थोड़ा मुस्कराया तो अम्मी एक दम्म से थोड़ा पीछे को सीढ़ी होइ और पास रखे एक तककिये को अपने सर नीचे लिया और एक को अपने मोठे हिप्पस नीचे बरी मुश्किल से रखा और सीढ़ी लेत बरी ऐडा साथ अपनी टाँगे खोल दी...ये मंज़र देख मेरेटो मेरे मौन से राल हे टपकना शुरू होगयी हो जैसे पूरी हवा में टाँगे खोली होइ थी और उनकी मोती थिएस क दरमियान घने बालों से घिरी उनकी फुद्दी को देखा तो मैं तो ऐसे जैसे जन्नत देख ली हो खुले का खुला और फैली आँखों साथ मैं लगातार इस हसीं और जान लेवा मंज़र को देखि जा रहा था याद बी नै क मैं तब पलकें बी झपकाई हो एक बरी बी...सुछ में बृहत्त कम् लुककीएस्ट लोग होते हैं जिन को ऐसे नज़ारा देखने को मिलता है जितनी चाहे अलफ़ाज़ साथ हेरा फेरी कर लू पर उस दिलकशः नज़ारे को कभी अलफ़ाज़ साथ बयान नै कर सकता...सही माँ अपनी शर्म और इज़्ज़त क सब परदे घिराये दुनिआ की आँखों से परे अपनी इज़्ज़त अपने भरी बदन साथ अपनी टाँगे खोले अपने हे सघे बेटे को उस जगजनका नज़ारा करा रही थी जिस से कई साल पहले उस का वही बीटा इस दुनिआ में आया था...ये वो जगह थी जिसे देखने का हक़्क़ सिर्फ शोहर को था और बेटे क लिए इस पाक जगह को देखना कहीं से बी जाएज़ नै था...फिर बी एक माँ बरी छह साथ अपने लाल बेटे को दिखा रही थी बिना किसी बात की परवा किये...माँ बेटे क हसीं संगहूँम की ये तो बास शुरू'ात थी...अपनी फुद्दी को घोरता देख अम्मी मुझे पुकारने बाद मुझे हिलाया जैसे कह रही हों क पुत्र्र कहाँ खो गए...मैं एक दम्म से शर्म साथ थोड़ा मुस्कराया और अम्मी की आँखों में देख थोड़ा आगे बढ़ा...वीडियोस देख काफी कुछ सीख चूका था तो मैं आगे होकर अम्मी की हवा में उठी टांगो दरमियान आया हिप्पस नीचे रखने की वजह से अम्मी की फुद्दी ऊपर को उठी होइ थी और मुझे पोजीशन बनाते होअय बी देर न लगी...अम्मी ने अपनी भरी टाँगे मुझे थमाई और मैं बारे जोश साथ उन्हें उठा कर अपने दोनों कंधो पर रख दिया मेरा लूँ पोरे ताओ में था क लिए बी अब बर्दाश्त करना मुश्किल था की बेचैन आँखों में सब दिख रहा था...अम्मी नीचे हाथ लेजर एक मेरे लूँ को बालों से बरी फुद्दी क साथ लगाया और थोड़ा रब करने क बाद उसे उस की मंज़िल की और गाइड किया अम्मी क गीली फुद्दी क लिप्स साइड कर फुद्दी क होल पे लूँ की मोती टोपी को रख एक पल क लिए अम्मी रुक सी गयी जैसे उन क मैं में शायद ख्याल आया हो क नसरीन ये तू क्या कर रही है अपने हे सघे बेटे साथ सब ग़लत है गुनाह है कर ये...अम्मी को अपनी सोचो साथ उलझा देख मैं पुकारा अम्म्मीईई एक डैम से मेरी और देखा तो मैं धीरे लहजे में बोलै अम्मी कुछ नै होता ी लव ु अपने दिल की बात मुझे समझते देख एक दम्म से थोड़ा मुस्करायी जैसे जान'न छह रही हों क तुझे कैसे पता मैं क्या सोच रही...अम्मी का मुस्कराता चेहरा देख बी न मुस्कराया और अम्मी की और देखा जैसे उन क इशारे का वेट कर रहा हों क अब धक्का लगाएं मेरी आँखों में देख धीरे से बोली पुतररर काफी सालों से इस जगह किसी ने डेरा नै डाला तो ज़रा आराम से...अम्मी की इसी बात को सुन और अम्मी की नशीली आईज को देख मेरे मैं में जूनही ख्याल आया क अम्मी की फुद्दी पिछले ५ साल से उन-चूड़ी है तो जैसे रगो में खून ने दुगनी रफ़्तार से दोर्णा शुरू कर दिया और मैं अम्मी की टैंगो को मज़बूती से थामे एक कस्सस क धक्का दे mara....aaaiiiiiiiiiiiiiiiiiiii अम्मी की एक ज़ोरदार चीख स्टोररूम में गुंजी लूँ सब कुछ चीरता होआ पूरा एक हे झटके में अंदर अम्मी की फुद्दी में समै चूका था...हैएएइ मेराय रब्बबा खासमा न कहानिया तनु किया व् स क होली ahhhhhhhhhh देख मेरी एकक नै माननीय...मैं बास इतना हे बोलै क उफ्फ्फ्फ़ अम्मी आपकी कितनी गर्म और टाइट है अंदर से झटका लगाए रुका होआ था और अम्मी की और हे देख रहा था क चेहरे पे दर्द साफ़ झलक रहा था लिए तो जन्नत सा समै था बरी मेरे लूँ को फ़ुदद्दी नसीब होरही थी और वो अब अपनी हे सही अम्मी की...मेरे तो मैं में लड्डू फुट चुके थे हे अंदर ख़ुशी का समै था क मैं अम्मी की फुद्दी में घुस चूका था...अम्मी चीखों को थोड़ा काम करते बोली पुतररर टाइट क्यों न होती कहा तो था इस फुद्दी क मालिक ने कई सालो से इसे टच तक्क नै किया और तू ने एक हे झटके में सारा घुसा डाला अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह....अम्मीय को दर्द में देख मुझे थोड़ा फील होआ तो मैं वैसे हे टांगो को थामे अम्मी की और देख बोलै अम्मी मेरे से रहा हे नै गया सूची कितनी गरममम है अंदर से आपकी फुदडीई...अम्मी कुछ न बोली १ मं बाद अम्मी को नार्मल होते देख मुझे फिर से जोश चरा क अम्मी की हेअल्थी टांगो को तब से कन्धों पे उठाया होआ था और सामने अम्मी क मोठे मम्मो साथ उन क खूबसूरत फेस को देख मेरे से रहा नै गया पुकारा अम्मम्मीईई और अम्मी ने फ़ौरन मेरी और देखा तो मैं बास इतना हे बोलै अम्मी सॉरी मेरे से नै अब मज़ीद रहा जा रहा हैरानी से देखा क मैं क्या कहना छह रहा...मैं घुटने अपने सही से लगा कर बीएड पे टांगो को थमी लूँ को सिरे तक्क बाहिर लाया और अम्मी आँखों में देख फिर स्व एक कस क धक्का दे मारा फिर स्व फुल अंदर चिलायी अम्मी की चीखों को भूल मैं पागलो जैसे शुरू हे होगया ज़ोरदार धक्के लगाने...अम्मी चिलायी जा रही थी और मैं बिना किसी सब्र किये अम्मी की फुद्दी ज़ोरो से मरी जा रहा था...अम्मी क खूबसूरत जिस्म आगे पागल होअय मैं देवनो जैसे अम्मी को छोड़ी जा रहा था पहली बार था इसी लिए शायद खुद पे कण्ट्रोल न कर पाया और टाबर तोर तरीके से अम्मी की फुद्दी में झटके मरी जा रहा था...अम्मी चिलायी जा रही थी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह uffffffffffff हैएएइ मेंननननन मर gayiiiiiiiiiiiii पुहोलीईई मैं नै बछहहहहह्दी अजज्जजज....अम्मी की दर्दनाक चीखों क बीच मैं किसी सैंड जैसे सब कुछ भूले बास अम्मी की फ़ुदद्दी मरी जा रहा था
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:56 PM



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