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अम्मी का प्यार .......
#17
पोरे घर में ख़ामोशी सा समै था बी काफी थी और जूनही मैं चाट पे क़दम रखे हलकी बोंडा बंदी स्टार्ट होगयी तेज़ हवा साथ तो पहले से गरज रहे थे अब बिजली बी बीच बीच में चमक रही थी...मैं इधर उधर अचे से छत्त पे देखा की चमक में जितना नज़र आया उस में मुझे कोई नै दिखा छत्त पे रिलैक्स होकर क चाट पे कोई नै है छत्त की गैलरी का दूर ऊपर से बंद के दिया क्यों क हवा क चलने से वो आवाज़ कर रहा था और जल्दी से स्टोररूम की और भगा तो थोड़ा भीग गया एंटर होते हे मैं जल्दी से स्टोररूम का दूर लॉक किया अंदर से और जब मुर कर सामने देखा तो अम्मी पेट खोल रही थी झुक कर और उनकी मोती गांड और फैल गयी थी बारे आराम से खुल गयी तो अम्मी सीढ़ी खरी होइ और पीछे मुर मेरी और देख बोली अहमद ये तो खुल बी गयी तू तो कह रहा था क नै खुल रही में मैं बास मुस्कराया और अम्मी की और देखने लग प्र मुझे स्माइल करते देख समझ गयी क मैं उन्हें अकेले में जान बूझ कर भुलाया है...अम्मी मेरी और आयी और एक मैनी कजेज़ मुस्कराहट लिए कुछ बोलने हे लगी थी एक क़दम से बदल गरजने की ज़ोरदार आवाज़ आयी और अम्मी एक डैम से दर क मरे आगे को आयी और मुझे बाहों में लेकर मेरे गले लग गयी जैसे दर सी गयी...अम्मी की एक डैम से मेरे सीने साथ लगने से मैं एक दम्म से पीछे को गिरते गिरते बचा क्यों क अम्मी का बदन काफी हैवी था में छोटा था मैं तो जब अम्मी ने मुझे घला लगाया तो मैं उनकी गर्दन तक्क हे आ पाया दम्म से साथ लगने उन क मोठे मम्मी मेरी छाती साथ ऐसे टकराया जैसे बिजली ला झटका लगा हो मोठे और नरम मम्मो का एहसास कमल का था चेहरा अम्मी क गले क पास था और मैं नाक साथ लगाए नैक क एक लम्बी सांस भरी तो अम्मी क जिस्म की मादक खुसबू मेरे नथनों में गयी तो एक पल क लिए ऐसे जैसे कोई भंग्ग की बत्ती सूंघ ली हो क जिस्म में कमल की सुगान्द्द थी...ये सब कोई ५ सेकण्ड्स का एहसास था क अम्मी को रीलीज़ होआ क उन्हों ने मुझे कुछ ज़्यादा हे ज़ोर से झाकरा होआ है तो मेरे से अलग होइ और मेरी आँखों में देख थोड़ा शर्मायी और फिर नीचे देखने लग पारी बोली लगता बहार बारिश शुरू होगयी है और मेरे पोछा किस को बिस्टेर देने वाला रह गया है बोलै किसी को बी नै तो अम्मी फिर से मुस्कराते होअय बोली तो मुझे फिर यूँही ऊपर बुला लिया हैं...मैं अम्मी क थोड़ा पास जाते बोलै अम्मी आप से मिलने का दिल कर रहा था से पता कैसे मैं खुद पर कण्ट्रोल कर रहा से आप इस लाल लेहंगा में दोपहर से मेरी नज़रों सामने घूम घूम कर ग़ज़ब ध रही थी...अम्मी अपनी तारीफ सुन थोड़ा मुस्करायी चेहरा साफ़ लाल होगया था...मैं अब अम्मी क बिलकुल पास खरा था और अम्मी ने मेरी छाती पे हल्का सा मुक्का मारा और बोली देख रही हूँ दिन बा दिन बारे शीतन होअय जा रहा है तू...अम्मी क दोनों हाथ अपने हाथों में थम मैं अम्मी की आईज में देख बोलै आप हे ने तो किया है शीतन और वो बी बरैयीय वाला...अम्मी मेरी बात का मतलब समझ खिल खिला क हंस दी को हँसता देख मुझे ब्रा ाचा लगा वक़्त अम्मी और बी खूबसूरत लग रही थी...मैं बास अम्मी क फेस की और हे देख रहा था...मैं बोलै अम्मी एक बात बोलूं हम्म्म कर क बोली हाँ बोलो बीटा मैं बोलै दोपहरर को अम्मी आपको एपीआई की बिदाई पे रोटा देख बिलकुल ाचा नै लगा यूँही हंसती रहा करे...अम्मी मेरी बात पे एक दम्म से सीरियस होते मेरी और देखने लग पारी और मेरे हाथों से अपना ढाया हाथ छुरा कर मेरे गाल को सहलाते होअय बोली मुझे पता है मेरे सोना पुत्र मेरे से कितना प्यार करता है और मैं बी तेरे से बृहत्त प्यार करती हूँ बीटा...अम्मी की आँखों में अपने लिए इतना प्यार देख मैं आगे बार अम्मी क माथे पे किश कर दिया मैं अक्सर पहले बी करता था बास बदले में मुस्करा दी...पिछले कुछ महीनो से जो कुछ बी होआ उस से हम दोनों माँ बेटे का रिश्ता बिलकुल चेंज हो चूका था ने मेरी खातिर अपनी शर्म ो ह्या सब को साइड रख बास मेरे भले का सोचा इन् महीनो में बी एक बरी बी मैं अम्मी को बिना कपड़ो क नै देखा कभी कभार ब्रा में देख लेता अम्मी ने कभी शलवार नै उतरी मेरी सामने और सिर्फ हाथो से मेरे लूँ को सहलाया इस से आगे कुछ बी नै...अभी बी हम दोनों माँ बेटे स्टोररूम में खरे एक दूसरे की आँखों में एक दूसरे क लिए पनपप रहा बे शुमार प्यार देख रहे थे...तभी अम्मी बोली चल अब मुझे जाने दे मैं चेंज बी करना देख मैं कपड़े बी ऊपर हे ले आयी क साइड पे परे कपड़े देख मेरी पुराणी दिली खुवाईश झाग उठी और बरी हिम्मत झूठा क मैं सर नीचे कर हलकी आवाज़ में बोलै अम्मी इधर हे चेंज कर ले न...इतने महीनो से कभी मेरे मौन से एक लफ्ज़ ऐसा नै निकला था वो बी तब जब अम्मी मेरे लूँ की मालिश करती थी और आज सीधे सीधे उन्हें ये बोल मैं आँखें बंद कर ली क अब थप्पड़ पड़ेगा मुझे...अम्मी जब देखा क मैं थापर का इंतज़ार करने वाला मौन बनाया होआ दर क मरे ये सब बोल तो वो आगे होकर मेरे अपने एक हाथ से मेरी चीन पाकर मेरा फेस ऊपर किया और मेरी बंद आँखों समेत मेरे फेस को सहलाते होअय मुझे पुकारा अमहददद डरते डरते आँखें खुली तो अम्मी थोड़ा स्माइल दी और बोली बीटा ये सब ठीक नै है कैसे यी...अम्मी कहते कहते चुप होगयी शर्म उन क आर्य आ रही थी ने अपनी नज़रें नीची कर ली आगे हो कर बोलै अम्मी मेरे से अब नै रहा जाता महीनो से आप क इतने क़रीब आकर बी दूर रहना ये मुझे गवारा नै करता बी दोपहर से मेरी नज़रों सामने आप अपने हुस्न का जलवा दिखा रही थी और रह रह लार तरस रहा तह क कितना बदनसीब हूँ जो इस हुस्न का एक बार आज तक दीदार तक नै किया...अम्मी मेरी बातें सुन कुछ न बोली तो मैं फिर से बोलै क अम्मी आप को पता बी है क इतने महीनो में मैं ने एक बरी बी लूँ का पानी नै निकला पता है मैं कैसे खुद पर कण्ट्रोल किया ये सब आप क कहे की खातिर वीडियो तक नै देखि सोच बी नै सकती मेरे लिए कितना मुश्किल था ये सब...अम्मी पर मेरी इमोशनल बातों का असर थोड़ा थोड़ा हो रहा था आखिर एक आखरी पत्ता अम्मी को फ़ेंक दिया ये था क मैं अम्मी का थमा होआ हाथ चोर वापिस मुर कर जाने लगा तो अम्मी जो क पहले नीचे देख रही थी एक डैम से अपना ढाया हाथ आगे ले जार कर मुझे वापिस जाते होअय मेरे एक बाज़ू को पाकर लिए जिस से मेरे क़दम रुक गए और अंदर हे अंदर ख़ुशी थी बे तहाषा वापिस मुरा तो अम्मी ने मेरी आँखों में देखा तो मेरी थोड़ी नम्म आँखें देख वो एक दम्म से आगे हो मुझे कस कर गले लगा लिया और साथ हे बोली मुझे मुआफ कर दे बच्चे मुझे तो एहसास तक्क नै होआ क मेरे बीटा अपनी माँ खातिर इतना कुछ झेलता आ रहा है क कस कर मुझे सीने लगाने से एक तो उन क मोठे मम्मी किसी घबराय जैसे मेरे से टच होअय और साथ हे उन क बदन की खुसबू मुझे मस्त करने लग पारी...ये बात काफी हद्द तक्क सुच थी क मैं इन महीनो में ब्रा कण्ट्रोल किया था और अम्मी से दर क मरे कुछ नै था बोल पाया इसी लिए थोड़ी आँखें बी नम्म होइ किसी छोटे बच्चे जैसे...अम्मी मुझ से पीछे होइ तो उनका हैवी बदन मेरी नज़रों सामने आने लगा क अब अम्मी को पेही बरी लाइफ में नंगी देखु गए...इन सब क बीच दोपहर वाले एपीआई रमीज़ा क इंसिडेंट बारे मैं इस लिए अम्मी को नै बताया क वो अब्बू से झगड़े गई अब्बू की आँखों में एपीआई रमीज़ा क लिए इतना प्यार जो देख लिया था...अब हम दोनों माँ बेटे बीच स्टोररूम क खरे थे और दोनों में से कोई नै बोल रहा था शर्म रही थी तो आखिर मैं ने दोबारा से प्यार से पुकारा अम्मीईई मेरी आवाज़ सुन अपना फेस ऊपर किया तो उन की आँखों में अभी बी थोड़ी शर्म थी और अम्मी बोली पुत्र कैसे करू शर्म्म आती है तक्क तेरे अब्बू क इलावा किसी ने मुझे बिना कपड़ो क नै देखा...मैं अब थोड़ा कॉन्फिडेंस साथ अम्मी क हाथ दोबारा से थामे और अम्मी की आँखों में देखते होअय बोलै अम्म्मम्मीईई मेरे लिए प्ल्ज़ एक दम्म से थोड़ा मुस्करायी और मेरा चेहरा अपने हाथों में ले कर माथे पे चूम कर बोली पुत्र तेरे लिए तो मेरा सब कुछ हाज़िर है बस्स्स थोड़ा ैक्वार्ड सा फील होरहा क कैसे उतरूं...मैं बोलै अम्मी मैं उतर देता हूँ आप सीढ़ी खरी रहे शर्म से लाल होते बोली तो अब तू खुद अपने हाथों से अपनी माँ को नंगा करे गए...मैं स्माइल करते आगे बढ़ा और अम्मी क सर पे ली होइ चादर को पाकर आराम से उतर दिया बोली रुक जा मुझे शर्म आती है मैं खुद करती हूँ तो मैं पीछे होगया ने धीरे धीरे से अपनी लहंगे क ऊपर पहनी शार्ट कमीज उतरी शमीज़ पहनी थी शमीज़ को पाकर ऊपर किया और वो बी उतर दी ेओ तक्क बिना बपलके झपकें अम्मी की और देख रहा था ऊपर से सिर्फ एक बारे लाल ब्रा में थी में अम्मी क मोठे कैसे होअय मम्मी क़ैद थे का सुडोल पेट और गहरी नाभि मुझे ललचा रही थी अम्मी ने जैसे तैसे शर्म क साथ अपने लहंगे वग़ैरा को उतरा तो उफ़ मेरी तो आँखें चमक उठी अम्मी अब सिर्फ एक लाल ब्रा और लाल पंतय में थी हलक़ मनो एक पल क लिए खुश्क होगया हो मुझे अपनी और यूँ दीवानो की तरह देखते पाया तो थोड़ा शर्मयी और पर साथ मुस्करायी बी और बोली अब बास देख लिया न मैं कपड़े पहन लू..अम्मी की आवाज़ से एक दम्म मैं ने जब दहन दिया तो मैं फिर रुटला मौन बना कर बोलै अम्मी ये क्या बात होइ बी तो उतरे न मुझे पूरा देखना है आपको...अम्मी बास थोड़ा ऊपर से नखरा कर रही थी जैसे हर औरत करती ने बोलै अच्छाआ उतरती हूँ और साथ हे पीछे हाथ ले जा कर ब्रा की हुक खुली तो किसी कंप्रेस्ड स्प्रिंग क जैसे मम्मी जो क़ैद थे ब्रा में वो ेओ डैम से सामने को झटके साथ आये और उन क बदन से ब्रा बी नीचे गिर गया अम्मी क मम्मी हाय मैं तो पागल हे होगया देख कर तक्क कोसी वीडियो में बी मैं ने इतने बारे और वेल शेप्ड मम्मी नै देखे थे से बी लटके होअय नै थे ममते निप्पल्स और इतने बारे साइज में क दोनों हाथों में बी एक मां पूरा न आये...अम्मी क हुस्न में चार चाँद लगा रहे थे अम्मी झुकी और झुकने से उन क मम्मी थोड़े झूले और मेरे तो जैसे मौन में पानी आज्ञा झुक कर पंतय उतारते उतारते रुक गयी और सीढ़ी होकर मेरी और देख बोली बास पुत्र्र बोलै अम्मी पंतय बी उतरे न...अम्मी थोड़ा सीरियस होते बोली नै बीटा ये नै तुझे दिखा सकती पे बास तेरे अब्बू का हक़्क़ है कैसे तुझे दिखा दूँ मुझे शर्म साथ घिन बी आये गई क जहाँ से तुझे निकला वही जगह तुझे दिखाओं...अम्मी क एक डैम से इंकार से मैं तो मनो यक़ीन नै कर पाया क ये क्या होगया...मैं बोलै अम्मी प्ल्ज़ मेरी खातिर एक बरी मुझे डांटने वाले लहजे में बोली अह्मद्द बास बास्त मन बी करो कुछ माँ हूँ कैसे तेरे सामने सब दिखा दूँ...मैं बोलै अम्मी मुझे नै पता मुझे देखनी है वो पाक जगह जहाँ से मैं आया था से नै रहा जाता अब मज़ीद अम्मी...अम्मी बोली बेताऑ नै समझ रहा क मैं नै दिखा सकती मुझे शर्म आती...मैं फिर से नाराज़ होने जैसे मौन बना कर पीछे को मौन फेरने लगा तो अम्मी एक दम्म से बोली ाचा रुक तो सही बीटा तो ब्रा बेसब्र है ज़रा सब्र नै होता छोटे बच्चो जैसे मौन बना लेता है बी कर न क सही माँ हूँ तेरी तुझे अपनी कूख में पला है मैं ने एक दम्म से तेरे सामने....अम्मी कहती कहती रुक गयी बातों में बी डैम था क अम्मी जैसी खातून क लिए ये सब बुहत मुश्किल अमल था अम्मी फिर से झुकी और अपनी पंतय को सिदो से पाकर उतरने लग पारी और पेरो से निकल साइड रख दी और जब सीधे होइ तो उफ्फफ्फ्फ़ मेरे तो होश हे ुर्र गए की फुल सफ़ेद क्लीन शवेद फुद्दी देख मैं तो मनो पागल होगया तक्क जितनी बी फुड़ियाँ वीडियोस में देखि थी उन की तुलना करना बी अम्मी क साथ अम्मी की फुद्दी की तोहीं थी स्किन और अम्मी क टैंगो दरमियान चुप्पी फुद्दी को देख मैं तो जैसे जन्नत देख ली हो...लम्बे घने खुले बाल खूबसूरत फेस मोठे होंठ सुराई दर गर्दन और छाती पे २ बारे बारे मम्मी पेट और नीचे लम्बी हेअल्थी थिएस और पीछे को निकले हीवट हिप्पस में पायल और गले नेकलेस में छुरियां सोने की पे मेहँदी लगी होइ...सुछ में जैसे जन्नत से होर पारी आगयी हो किसी अप्सरा का रूप लग रही थी तक्क मैं इतनी हसीं औरत मई देखि थी रश्क कर रहा था क मेरी अम्मी कितनी खूबसूरत हैं मुझे यूँ अपने जिस्म को घोरते पाया तो शर्म से उनका चेहरा लाल होगया...मेरे मौन से बास इतना हे निकला अम्मी आप सुच में हुस्न क मलका है सुन बोली धत्त कुछ बी बोलता है अब मैं कपड़े पहन तू ने तो देख लिया जो देखना था बोलै अम्मी अभी कहाँ...ज़रा मुर कर अपनी बैक तो दिखाए किसी हसीना जैसे बरी ऐडा से मूर्ति और दूसरी और चेहर किया तो उन क लम्बे बाल बल कहती कमर तक आ रहे थे बरी चउरवे साथ उन क मोठे चुतर बाहिर को फैले होआ थे और इतने बारे क आज तक्क नै देखे मोती हेअल्थी थिएस...अम्मी तो अपने हुस्न का केहर ध रही थी सुछ में...अम्मी तब सीढ़ी होगयी और मुस्कराते होअय बोली अब बास न थोड़ा आगे बढ़ा तो अम्मी बोली नै पुत्र मेरे पास नै आना इस हालत में बोलै क्यों अम्मी अम्मी जवाब दिया क मुझे दर है कहीं बहक न जाओं...अम्मी की बात सुन मेरी पंत में बी लूँ ने एक झटका मारा बोलै अम्मी कुछ नै होता बास एक बरी यूँही मेरे लूँ की मालिश कर दे मैं और कुछ नै कहूंगा पहले तो मना किया फिर राज़ी होगयी...अपने भर बदन साथ जब वो थोड़ा चल मेरी और आ रही थी तो सुछ में कमल लग रही थी क मोठे मम्मी हिलते होअय केहर ध रहे थे और सुडोल पेट क सारः बल कहती कमर उफ़ मैं तो ऊपर से नीचे देखता हे रह गया मुझे यूँ घोरता देख थोड़ा लाल होगयी और बिलकुल मेरे पास आकर खरी होगयी...मेरी आँखों में उतावलेपन और अंजनी सी ख़ुशी देख बोली तुझे क्या मैं इतनी अछि लगती हूँ जो ऐसे दीवानो जैसे देखि जा रहा है किसी छोटे बच्चे जैसे बिना बोले चमकती आँखों साथ हाँ में सर हिलाया तो अम्मी मुस्करा दी नज़र लगातार अम्मी क रसीले होंटो पे थी जो बोलते वक़्त बारे अचे लग रहे थे तो कर रहा था आगे बार चूम लू पर हिम्मत नै होइ...फिर जब मम्मो की और देखा तो एक डैम क लिए जैसे मौन में पानी सा आज्ञा क़रीब से पहली बरी अम्मी क नंगे मम्मी देख रहा था राउंड शेप में नरम नरम से लग रहे थे ब्राउन से निप्पल्स और वाइट स्किन उन की उफ़ एक मां एटलीस्ट ५ किलो का होआ इतने हैवी थे दोनों मम्मी ख़ास बात ये थी क इस आगे में बी ज़रा से बी लटके होअय या निप्पल्स नीचे को नै थे बल के बिलकुल सीधे थे...पता नै कितनी बार अम्मी क क्लीवेज को देख मेरी राल टपकी थी पर आज यूँ इतना नज़रों क क़रीब और नंगा देख अम्मॉ क मम्मो को मेरा मैं अंदर से ख़ुशी से झूम उठा था...अम्मी अब थोड़ा रिलैक्स होगयी थी पता था मेरे में तो इतनी हिम्मत है नैंक कुछ करने में पहल करूँ...मेरी आँखों में देख बोली बीटा ये सब सिर्फ तेरी ज़िद्द देख कर रही और प्रॉमिस कर तू किसी को नै बताये गए बोलै अम्मी आज तक किसी को बताया क्या मैं छोटा बच्चा नै रहा अब...अम्मी मेरी आँखों में शरारती लहजे में देखा और फिर नीचे मेरो पंत ंव बने तम्बू को देख बोली हाँ हाँ जानती हूँ अब तू बच्चा नै रहा...अम्मी की बात का मतलब समझ मैं शर्मा सा गया और अम्मी साथ मैं बी मुस्कराने लग प्र...बाहिर बारिश अब थोड़ा तेज़ होरही थी बोली अब बाहिर जाने से तो रहे से ाचा तेरी हेल्प कर दूँ क्या याद करेगा तू बी बारे फ़ख़्रिये अंदाज़ में थोड़ा फन में कहा तो मैं बी हंस दिया क चलो अम्मी अब शर्मा नै रही...उन्हें लग हे नै था रहा क वो अपने बेटव सामने पूरी नंगी हैं...किसी अछि माँ की तरह वो आगे होइ और खरे खरे हे मेरे कपड़े उतरने लग पारी से नंगा कर उन्हों ने मेरा बेल्ट खोल जब पंत नीचे उतरने लगी तो इस क लिए उन्हें बी नीचे बैठना प्र तो उन क मेरे बिलकुल सामने झुकने से उन क मोठे मम्मो मेरी नज़रों सामने थे इसी चक्र में मेरा लूँ बेक़ाबू सा होरहा था मेरी पंत मेरे पेरो से निकल साइड कर दी फिर अंडरवियर जब उतरा तो लूँ एक झटका मर अम्मी को सलामी ठोकते उन क फेस क बिलकुल सामने आज्ञा...अम्मी एक पल क लिए उछली पीछे को और फिर थोड़ा हंस कर मेरी मेरी थिएस पे एक थापर मर बोली तूबह पुत्र्र तू तो मुझे द्र हे दिया से खरा किया घूम रहा है...अब नज़ारा कमल का था क बीच ो बीच मैं फर्श में नन्हे पाऊँ खरा था बिलकुल नंगा और मेरे सामने मेरे क़दमों में पेरो बल बैठी अम्मी किसी हुस्न की मलका जैसे लैह रही थी भरी बदन साथ उन क लम्बे बाल फेस और मोठे मम्मी जो जो शे उस वक़्त मेरी नज़रों सामने आयी मैं तो देख मदहोश सा होगया से पहले हमेशा अम्मी कपड़ो में या बारे हे करम किया होगा अम्मी ने तो ब्रा में देखा होगा मालिश करते मेरे लूँ की पर आज नज़ारा कुछ और था...अम्मी क चेहरे से ढेर २ इनचेस दूर मेरा लूँ जोश में झटके मर रहा था जैसे उसे अपनी मंज़ल इतने पास दिख गयी हो और अब उस से रहा न जा रहा हो...तभी अम्मी ने अपने दोनों नरम हाथ आगे बढ़ा कर मेरे खरे लूँ को जूनही पकड़ा मेरे प्रे बदन में एक सनसनी सी ढोर उठी क नरम हाथों क एहसास को मेरी रूह तक्क ने महसूस किया हो जैसे...मेरे मौन से एक सिसकी निकली दोनों हाथो से मेरे लूँ को थोड़ा सहलाया तो एक डैम से अम्मी बोली अहमद बीटा मैं मदहोशी क आलम में पहली बरी नै सुना तो अम्मी दोबारा ऊपर को देख मेरी और मुखातिब होइ अहमदददद एक डैम से आईज खोल बोलै हाँ अम्मी बोली पुत्र मालिश कैसे करूँ वाली शीशी तो नीचे है और अब जाया बी नै जायेगा नीचे रूम में बी कोई नै है आयल वग़ैरा...अम्मी को यूँ कहता देख मेरे दिमाग़ में ख्याल आया और मैं बोलै अम्मी तो क्या होआ अगर तेल नै है ऐसे करे ढेर सारा थूक मेरे लूँ पे लगाए फिर उसे मॉल मॉल कर मालिश करे मेरी बात सुन चींईईई ऐसे बी कोई करता है क्या अहमद तो नै करने वाली...मैं बोलै अम्मी सुच में ऐसा होता है इवन क लूँ को मौन बी लिया जाता है क लिए ये बात शॉकिंग थी ने अपनी पूरी ज़िन्दगी परदे और रेस्ट्रिक्शन्स में गुज़री थी उन क तो वेहम ो गमन में बी नै था क लूँ को चूसा बी जाता है...इसी लिए मेरी बात सुन उन्हों ने बुरा सा मौन बनाया और बोली तूबह अह्मद्द ऐसा कोण करता होगा तो पेशाब वाली जगज है भला कैसे मौन में लेते होंगे...मैं अम्मी को बोलै सुछ में अम्मी ब्रा मज़ा आता है लूँ चूसने का बी तरय कर सकती.. अम्मी एक डैम से बोली न बाबा न ये ग़लीज़ काम मेरे से नै होते सारे शोक अपनी बीवी से पोरे करवाना की बातें सुन मैं थोड़ा डिसअप्पोइंट होआ क्यों क तब का अम्मी क रसीले होंठों क देख यही इमेजिन कर रहा था उफ्फ्फ कैसे मेरे लूँ की टोपी ऊपर ये रसीले होंठ जुड़े गए...पर यहाँ तो अम्मी ने एक डैम से ना कर दी...मैं बी कहाँ हिम्मत हरने वाला था अब सुनहरी मौक़ा हाथ से नै जाने देना छह रहा था तो एक आईडिया आया अम्मी को राज़ी करने का बोलै अम्मी अगर मैं आपको दिखाओं क सुछ में लूँ बारे होक से चूसती औरतें और ख़ास तोर पे मायें अपने बेटो का लूँ बरी छह से चूसती बोली मुझे पता तुम अपने से मन घृत कहानिया सुना मुझे क़ायल करना छह रहे...मैं अम्मी को उठाया और बोलै रुके मैं आपको दिखता हूँ बोली क्या दिखने लगे हो...मैं जल्दी से अपनी उतरी होइ पंत की जेब में से सेल निकला और एक सरप्राइज वीडियो जो कल हे मुझे मेरे बेस्ट फ्रेंड की और से मिली थी उसे ओपन किया और प्ले करने से पहले अम्मी को बोलै अम्मी चलो वहां आराम से साथ बेथ देखते हैं फर्श पे ठण्ड है काफी बोली अच्छ रुक मैं कपड़े पहन लेती हूँ फिर इतना कह जूनही मूर्ति मैं उन का बाज़ू पाकर लिया और उन्हों ने पीछे मुर जब देखा तो मैं थोड़ा हक़्क़ से बोलै अम्मी आज रात आप मेरी हैं बास लिए कोई कपड़े नै पहने गई...अम्मी बोली पर बीटा मैं एक दम्म से आगे भर उन क रसीले होंटो पे ऊँगली रख बोलै अम्मी आपको मेरी क़सम आज आप मुझे नै रोके गई एक डैम से ये रुक थोड़ा शॉक ज़रूर होइ पर साथ हे बोली पुत्र ये सब ठीक नै बिलकुल बी नै समझ रहा मैं एक डैम और आगे बार उनकी आँखों में आँखें दाल देख धीरे से बोलै अम्मी आप मुझ से प्यार नै न करती और एक साद सा फेस बना लिया और नौटंकी करते नीचे को देखने लग प्र जैसे नाराज़गी हो दोस्त सही कहता था कोई अम्मी उस की अम्मी जितना प्यार नै कर सकती जितना उस की अम्मी उस को करती कह मैं और साद सा मौन बनाया तो अम्मी एक दम्म से मेरी और आ कर मेरे चेहरे को सहलाती बोली उफ्फ्फ खुदाया कितना लड़कियों जैसे पल पल नाराज़ होने को फिरता है पे तो सब कुछ वॉर दूँ मेरे सोने पुत्र नै पहनती कपड़े चल अब दिखा वीडियो और ये तेरा कोनसा दोस्त है जो तेरे से बोलता है क उस की अम्मी उस से ज़्यादा प्यार करती हैं मेरे से बी ज़्यादा...मैं थोड़ा मुस्करा कर अम्मी का हाथ थामे बोलै रुके बताता हूँ अम्मी का हाथ पाकर सामने परे बीएड पे जा बिठाया थोड़ा ित्रयी पर फिर पैर नीचे कर बीएड पे बेथ गयी पोरे अमल क दौरान अम्मी अपनी टैंगो को जोर अपनी फुद्दी को जैसे छुपा सी रही थी....ठण्ड काफी बर्र सी गयी थी तो ३ नरम वाले बारे गद्दे उठे और उन्हें बीएड की पुराणी मैट्रेस्स क ऊपर बिछा दिया जिस से एक तो बीएड थोड़ा ऊंचा ऊंचा लगने लग प्र दोसरा बिस्टेर अब काफी नरम सा होगया मुझे पोछती रह गयी क ये क्यों कर रहा है पुत्र मैं बास इतना बोलै क अम्मी ठण्ड काफी बार गयी है...बिस्टेर सही लगाए सेट कर हम दोनों माँ बेटे बीएड साथ पीछे को टैक लगा कर टाँगे बिछा कर बेथ गए पूरी तरय की क मेरे बदन का कोई हिस्सा उन से टच न हो पाए...एक ब्लैंकेट मैं हम दोनों की टांगो ऊपर बी कर दी और अम्मी की और प्यार से देखने लग प्र थोड़ा मुस्करायी और बोली अब दिखा बी क्या दिखन चाहता था राइट साइड था तो मैं अम्मी का राइट हैंड पाकर उसे ब्लैंकेट थोड़ी सिडेण्कर अपने नंगे खरे लूँ पे रख दिया इस अमल से थोड़ा मुस्करायी तो मैं बोलै अम्मी थोड़ा इस का बी साथ ख्याल रख ले न...अम्मी अपने नरम राइट हैंड में लूँ को झाकरे थोड़ा सहलाया तो मेरे मौन से एक सीईईईई निकली मज़े की...इस पोज़ में अब मैं सेल सही से पाकर कर अम्मी को दिखने लग प्र...अब यहाँ थोड़ा एक और करैक्टर का बताता चालू जिस की वजह से काफी हद्द तक मैं अम्मी को अपने साथ तालुक बनाने पर मना स्का...हमारी गाओं की क्रिकेट टीम का कप्तान एक लड़का का नाम मोहिद था सुलझा होआ और पढ़ने वाला बच्चा था क्लास फेलो था और काफी ाचा दोस्त बी था गाओं का हे रहने वाला था क अब्बू की डेथ हो चुकी थी और अम्मी कॉलेज हेड टीचर थी फैक्ट हमारे हे कॉलेज में हेड टीचर थी एक बरी बहिन की शादी हो चुकी थी और खुद मेरे साथ हे पढ़ता था वो ११थ में प्रमोट होगया था दोनों की काफी बनती थी अकथाय खेलते थे में वो बी मेरी तरह ब्रा नालायक़ होआ करता था तभी तो हमारी दोस्ती हो सकीय फिर १०थ में पता नै क्या करिश्मा होआ क वो पढ़ने वाला बच्चा बन गया और अचे नंबर्स बी ले गया कोई दिन ऐसा नै था जाता जब उस की अम्मी उस को डाँडो साथ उस को न मरती...उस की अम्मी का नाम सेहर बनो था सब उन्हें सेहर टीचर कह कर पुकारते थे हे सख्त टीचर थी क्या लड़के बी उन से बुहत डरते थे उन क हाथ में एक बांस का डंडा रहता ग़ुस्से में देखा हम लोगो ने उन्हें मैं उनकी दर क मरे कभी उन क घर मोहिद से मिलने गया क क्यों क एक आध बार मुझे बी मर चुकी थी उन से लड़के उन्हें हिटलर बी कहते थे...सेहर बनो आंटी पठान बैकग्राउंड से थी छोरा कद्द हैवी जिस्म...खैर ये सब बताने की वजह थी क थोड़ा चरक्टेर्स इंट्रोडक्शन होजाये... मोहिद लोगो का घर कॉलेज क पास हे था और हम लोगो क घर से थोड़ा दूर हे मोहिद बी एपीआई की शादी पे आया था और मेरा काफी हाथ बताया था उस ने सब क बीच में मैं ने उसे एक लड़के साथ गैस सिलिंडर लेने भेज दिया बाइक पे और जल्दी में उस का सेल वही रह गया जिसे मैं ने उठा लिया की अम्मी नै आयी थी शादी पे हालां क अम्मी से उन की अछि खासी जान पहचान थी वाले दिन बास आयी थी...खैर मैं काम में लगा था क तभी मुझे विब्रेशन्स सी फील होइ मैं अपना सेल देखा तो कोई कॉल नै तभी दूसरी जेब में हाथ डाला तो याद आया क मोहिद ला सेल मेरे पास है...अब ज़रा मोहिद क बारे में बताता चालू क वो मेरी तरह दुबला पतला और छोटे कद्द का लड़का था...तो कॉल आयी तो ऊपर होम लिखा होआ था पहले तो थोड़ा द्र क सेहर आंटी है कॉल उठायी तो मेरे से पहले बोलै हे नै गया सेल कान साथ लगाया तो आगे से आवाज़ मोहिद पुत्र आते वक़्त याद से कंडोम्स का पैकेट लेते आना क ख़त्म हो चुके कंडोम्स बाद में फिर मसला बनता है...मैं हम्म्म्म कर जवाब दिया तो आगे से कॉल कट होगयी...आंटी की बातें सुन मेरी तो कान खरे होगये क आंटी मोहिद से कंडोम्स लेन का बोल रही माँ कैसे अपने हे बेटे से ये कह सकती दिमाग़ में कुछ कुछ खिचड़ी समझ आने लग पारी तो मैं जल्दी से मोहिद क सेल की स्क्रीन को ों किया तो सामने पासवर्ड मांग रहा था सेल तो आता नै था तो सोचा चलो तरय कर क देखते है पहले सोचा पक्का मोहिद ने उसी लड़की क नाम से पासवर्ड रखा होगा जो उस का कॉलेज में क्रश है पर रॉंग पासवर्ड लिखा आया मोहिद का अपना नाम टाइप किया तो फिर से रॉंग पासवर्ड थोड़ी देर सोच मैं टाइप किया 'सेहर बनो" तो लॉक खुल गया तो जैसे ख़ुशी मरे जम्प लगा दिया थोड़ा सा क याहूऊओ जैसे बुहत ब्रा कारनामा सर अंजाम दिया हो...सेल ज़रा ाचा क्वालिटी का था दिनों टच मोबाइल्स नए नए मशहूर होअय थे का लॉक खोलते हे मैं सीधा पिक्स में गया तो कुछ नै मिला काईन थोड़ा डिसअप्पोइंट होआ फिर एक डैम से वीडियोस का ख्याल आया तो वीडियोस में जब गया तो उफ्फ्फ ९ वीडियोस थी खुद से बनाई गयी सेल से मिनट्स की एक एक वीडियो थी वो...मैं बजाए इस क उस वक़्त उन्हें देखता मैं अपना सेल निकल सब वीडियोस को अपने सेल में ट्रांसफर कर दिया २५ मिनट्स लगे सेंड होने में साडी वीडियोस पर शुक्र है तब तक मोहिद आया था न वापिस वैसे हे दोबारा सब सेंडिंग हिस्ट्री डिलीट कर सेल लॉक कर अपने जेब में दाल दिया और जब मोहिद आया उसे दे दिया ज़रा शक नै होआ..उन्ही वीडियोस में से एक वीडियो अब मई बीएड पे बैठी अपने साथ अपनी अम्मी को दिखने लगा था...वीडियो शुरू होइ जब मोहिद ने अपनी अम्मी क रूम क अंदर बीएड क बिलकुल साइड पे ड्रेसिंग पे अपना सेल रख दिया जिस से पूरा बीएड कैमरा में आ रहा था कॉलेज यूनिफार्म में था जैसे अभी अभी कॉलेज से आया हो बी कंधे पे हे था बाहिर वाले दूर की जैसे बेल्ल की आवाज़ आयी हो जैसे कोई आया हो रूम से बाहिर चला गया तो वीडियो में कोई नज़र नै आया...तभी मोहिद की अम्मी उसी बैडरूम में एंटर होइ ने एक खुली सी शलवार कमीज पहनी थी अचे से ढांप रखा था हाथ में एक हैंड बैग से सीधे आयी लगती थी...तभी उन क पीछे से मोहिद बी रूम में एंटी होआ और अंदर से रूम लॉक करने की आवाज़ आयी और तभी जो होआ उसे देख अम्मॉ थोड़ा हैरान होइ का कद्द छोटा था अपनी अम्मी से काफी तो पीछे अपनी अम्मी को बाहों में ले लेता है सेहर आंटी की बैक पे थोड़ा लूँ रगड़ने लग प्र कुछ न बोली और न हे हिली दुली एक दम्म से मोहिद आंटी क पीछे से हट सीधा खरा होआ और ाउण्ट उस क आगे क़दमों में बेथ गयी और खुदी उस क कॉलेज यूनिफार्म की पंत उतर दी उस का खरा मोटा लूँ एक दम्म से बाहिर आज्ञा तक़रीबन मेरे हे साइज का था पर मोटा थोड़ा ज़्यादा लग रहा था...मोहिद क लूँ को पाकर उस की माँ ने एक डैम से उसे अपने मौन में ले लिया और मोहिद की मौन से एक सिसकारी निकली hayeeeeeeeeeeee अम्म्मम्मीी....ये सन जब अम्मी ने देखा तो उन क तो होश हे ुर गए मेरिये खुदाया ये तो सेहर बनो है न और ये लड़का तेरा दोस्त मोहिद है न कैसे अपने हे बेटे क लूँ को चूस सी रही ये सब सुच है क्या बोलै हाँ अम्मी मुझे बी आज हे पता चला...अम्मी बोली कोई सोच बी नै सकता इन् क बारे में क ये सब कर सकते ये लोग छोटा सा है मोहिद और काम देखो वाला इन् को हदयेत दे...अम्मी शुरू शुर में ब्रा बुरा बला कहा उन्हें फिर कोई ५ मं गुज़रे होंगे क वीडियो में मोहिद ने अपनी माँ को लूँ चुसवाना चोर उन्हें खरा किया और बीएड की और मौन करा क आंटी को झुका दिया और एक दम्म से उन की शलवार और पंतय समेत उतर उन कुंकमीज़ ऊपर कमर तक्क कर दी ये सब कुछ सेकण्ड्स क अंदर होआ का कद्द बी मेरी तरह छोटा था अपनी माँ से तो उस ने एक स्टूल साइड से पाकर अपनी अम्मी की बैक साइड पे टांगो पास रखा और उस पर चार गया लेवल बराबर करने क लिए बनो आंटी की गांड बी काफी फैली होइ और हैवी थी काफी एक्सपेरिएंस्ड लग रहा था उस ने अपनी माँ क चुतर पीछे से पहिलाये और पोजीशन सेट कर अपने लूँ को पीछे स्व फुद्दी पे रख एक ज़ोर दर झांकता दे मारा और उस की माँ की एक दर्द भरी चीख साथ चीला उठी "होलीई कजरा..." और साथ हे मोहिद पागलो जैसे स्टूल पे खरे खरे बरी तेज़ी से अपनी अम्मी की फुद्दी मरना शुरू होगया...ये मंज़र देख तो अम्मी ने बाये हाथ से अपने मौन पे रख हूऊऊ वाला पोज़ किया हैरानी से और दये हाथ से मेरे लूंण को थोड़ा झाकर सा लिया मेरे मौन से आआह निकली दर्द भरी...अम्मी थोड़ा होश में आयी तो उन्हें अपनी ग़लती रीलीज़ होइ तो मेरे लूँ को चोरे बोली सॉरी बीटा वो बास वीडियो में ऐसी खो गयी...तूबह अह्मद्द ये सब बी होता है इस दुनिआ में एक माँ अपनों कूख से जाने बेटे का साथ की की...अम्मी की बातें सुन मैं बोलै हम लोग अपनी नज़रो से उन्हें देख जज कर रहे कभी सोचा आंटी सेहर बनो बी एक औरतट है उन की बी कुछ ज़रूरतें हैं क अब्बू को मरे १० साल होगये है तब से आंटी ने एक एक रात अकेले गुज़री होगी खुदी इमेजिन करे कैसे बर्दाश्त किया होगा उन्हों ने...अब जब पाल पास क मोहिद को इतना ब्रा किया है तो क्या उन का अपने बेटे पे कोई हक़्क़ नै वो बाहिर अपनी इज़्ज़त लुटा रही तो अपनी चार दीवारी क अंदर सब की नज़रों से परे होकर कर रहे...खुदी देखे कितने मज़े से आंटी चीख रही और बीटा पूरी मेह्नत्त साथ लगा हैं को इन सब में प्यार नज़र नै आ रहा... मेरे मौन से इतनी साडी बातें खुदी निकल गयी मुझे पता बी नै चला फ्लो में क्या कुछ बोलता क्या हैरानी से आँखें पहरे मुझे देख रही थी.... अम्मी का राइट हैंड ाभ्ही बी मेरे लूँ को दबोचे होअय था और अब अम्मी क जिस्म में थोड़ी तब्दीली आना शुरू होगयी थी की आँखों में मदहोशी थोड़ी छह रही थी का असर होरहा रहा था और साथ मेरी बातों का बी कुछ नै बोली बास धीरे धीरे वैसे हे मेरे खरे लूँ को हिलने लग पारी सूखा हे...कुछ पल बीते क मैं देखा अम्मी का पूरा दहन अब वीडियो में था और साथ एक हाथ से मेरे लूँ को मसल बी रही थी सूखा था तो आखिर मैं अम्मी को अपनी और मुतवज्जह करवाए क अम्मी थूक लगाए न यूँ सूखी रैगर से उलझन सी होरही मेरे बच्चों जैसे लहजे में कहे सवाल को सुन एक पल क मेरी और बरी सीरियसनेस स देखा फिर उन्हें पता नै क्या सूझी क अपना दया हाथ लूँ से हटा अपने फेस पास ले गयी और थूक कर वही गीला हाथ थूक वाला लूँ क ऊपर मॉल दिया चेहरे पे एक डैम से स्माइल आगयी क जिसे अम्मी गन्दा गन्दा समझ रही थी
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:55 PM



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