27-02-2019, 06:54 PM
देर मज़ीद इसी पोज़ में रह कर मैं थोड़े ज़्यादा रैगर रैगर कर घससय लगाए से जब मज़ीद यूँ नै रहा गया तो पता नै तब कहाँ से इतनी हिम्मत आगयी में यही था क अम्मी की और से कुछ पहल होगी अब पर अम्मी शायद शर्मा रही थी में आंकी क चुतरों से पीछे हटा एक डैम तो अम्मी बी एक डैम से पीछे मुर देखा तो उनकी कमीज सामने से काफी गीली होगयी होइ थी और नीचे से पहने वाइट ब्रा की शेप साफ़ नज़र आ रही थी जिस नज़र से मुझे मुर क देखा मैं बास देखता रह गया यूँ देखा जैसे हैरान होअय पॉच रही हों क पीछे क्यों हैट गए...अम्मी क खूबसूरत चेहरे को उस वक़्त हैरानगी में देख मेरे से रहा नै गया और मैं अम्मी का लेफ्ट हाथ पाकर उन्हें किचन से बाहिर ले जाने लगा ज़रा रेसिस्ट नै किया और बास मेरी और देखती मेरे साथ चलने लग पारी उन्हें उन क बैडरूम में ले आया और सामने बीएड पे बिठा दिया टाँगे नीचे लर्काए तब बी मुझे हे देख रही थी क मैं क्या करने वाला हूँ पे फिर से पहले वाली मस्ती चारि होइ थी मैं आगे बार अम्मी की आँखों में देख प्यार से रिक्वेस्ट की क अम्मी बुहत कण्ट्रोल किये उस दिन से पर अब सुच में नै होआ रहा कण्ट्रोल प्ल्ज़ कुछ करे और साथ हे अपने खरे लूँ क बने तम्बू पे हाथ रख दिए और हल्का सा मसला चेहरे पे बी साफ़ प्यास झलक रही थी जैसे मैं नशे का आधी अपने नशे का दोसे मांग रहा हों...अम्मी मेरे रोटलु चेहरे को देखा और थोड़ा सीरियस होइ फिर एक डैम से मुस्करा दी बिना कुछ बोले अपने दोनों हाथों आगे कर मेरे लूँ क ऊपर परे मेरे हाथ को अपने नरम हाथों में लिया और उसे प्यार से चूम कर बोली बीटा मेरे होते अब तुझे तड़पने की ज़रूरत नै और एक डैम से मेरे ट्रॉउज़र की सिदो में हाथ दाल उसे उतरने लगी नीचे को तो मैं बी उन की हेल्प उतरने में खरा लूँ देख वो थोड़ा शर्मायी ज़रूर पर फिर मुस्करा दी और घोर से लूँ को देख अपने एक हाथ में ले लिया क नरम हाथ का लूम्स लूँ पर महसूस कर मैं तो जैसे सातवे आसमान पे पोहंच गया कुछ देर अचे से हर एंगल से इधर उधर कर देखा और फिर मेरी और ऊपर आँखों में देख बोली देख क्या हल कर दिया होआ तू ने कमज़ोर हो चूका तेरे ये तेरे ग़लत कामो का नतीजा है बी तब थोड़ा मस्ती से हैट अपने खरे लूँ को देखा तो फील होआ क सुच में काफी कमज़ोर लग रहा था...अम्मी मेरे लूँ को सहलाते बोली देख बीटा ये सब मैं सिर्फ तेरी खातिर कर रही कर ये बात हमारे बीच रहे गई तेरी बहनो या अब्बू को पता चल गया तो मैं तो जीते जी मर जाओं गई हाथ आगे बढ़ा कर अम्मी क चेहरे को थम बोलै अम्मी आप फ़िक्र न करे मैं छोटा बचा थोड़ी हूँ थोड़ा मुस्कराते बोली बचा नै पर बच्चो वाला हाल कर दिया होआ अपना और इस का और साथ हे मेरा लूँ थोड़ा मसल दिया मौन से एक आअह्ह्ह्हह निकली मैं सामने का नज़ारा देखा तो अम्मी क मोठे मम्मो का क्लीवेज इतने पास से फिर से देख मुझे जैसे कुछ कुछ होने लगा और लूँ को मसलने का मैं किया जिसे अम्मी बी समझ चुकी थी...अम्मी बोली देख अहमद बेटस डॉक्टर साहिबा ने यही बोलै क तुम्हे पहले खुद पे कण्ट्रोल करना सीखना होगा तुम्हारी सेहत क साथ साथ इस की सेहत का बी सख्त ख्याल रखना होगा सब क लिए लाज़मी है क तुम पानी मैट निकालो...अम्मी की बातें सुन मैं बोलै अम्मी मेरे से नै होगा प्ल्ज़ एक बरी अपने हाथ से हे मसल कर पानी निकल दे तो अम्मी मेरी बात सुन पहले वाले सख्त रूप में आते बोलै अहमददददद और मुझे आँखे दिखाई तो मैं चुप होगया बोली चल इधर बीएड पर बेथ मैं ज़रा आयल लेकर आती हूँ खुद की क़िस्मत को एक पल क कोसते दिल में सोचा क मैं तो अम्मी को रूम में लेकर आया था क मेरे लूँ का कैसे बी पानी निकले ही पर इधर तो और हे शर्त्त रख दी अम्मी ने...अम्मी पता नै कोनसी आयल की शीशी(बोतल) ले आयी जो पहली कभी नै देखि थी मेरे पास बेथ बोली सीधे होकर आराम से लेत जाओ अपने एक हाथ की हथेली पे तेल लिए थोड़ा सा लूँ पे जूनही लगाया तो मेरी मौन से एक हलकी से चीख निकली क्यों क आयल से थोड़ी जलन सी होइ लूँ पे पोछा बी क अम्मी ये कोनसा आयल है कुछ न बोली और लूँ को अछि तरह आयल से मालिश सी करने लग पारी मं बी नै गुज़रे होंगे क मुझे लगा मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं मस्ती में अम्म्मम्म्म्मीईई कहा तो अम्मी बी समझ गयी और मुझे ऊँगली दिखते ग़ुस्से से बोली देखो अहमद अगर आज तुम्हारा पानी निकला तो मैं तुम्हे कभी खुद को हाथ तक लगाने नै दूंगी तो ये सुन हक्का बक्का रह गया...मरता क्या न करता मैं कण्ट्रोल करने लग प्र लगता क निकलने वाला है पानी तो मैं अम्मी को कुछ पल रोक लेता फिर से मालिश करना शुरू होजाती से एक तो बरी जलन होरही थी उस को बर्दाश्त कर रहा था और साथ पानी न निकले उस को कण्ट्रोल कर रहा था मुश्किल काम था सूची...अम्मी थोड़ी देर नाद फिर से और आयल लेकर लूँ पे डाला मालिश करने लग पारी सब में जो एक शे मेरा हौसला और हिम्मत बढ़ा रही रही वो थे अम्मी क मोठे मम्मी जो क मेरी नज़रो सामने थोड़े थोड़े हिल रहे थे और हाफ तक़रीबन ऊपर से दिख बी रहे थे ललचाती नज़रों से उन्हें देखि जा रहा था में भूखों प्याज़ की तरह मैं एक हाथ आगे बढ़ा कर जब मम्मो को टच करना चाहा तो अम्मी बरी सख्ती से मेरे उस हाथ पर थापर मर मुझे मना कर दिया किसी सहमे होअय बच्चे जैसे रोने वाला मौन बनाया सब बर्दाश्त कर रहा था...कोई १० मं की मालिश बाद ामंक उठी और बोली अभी क लिए इतना हे काफी है और फिर से सख्ती से बोलो देखो अहमद अगर तू ने मेरे जाने बाद अपने लूँ का पंक निकला तो मर मर कर तुम्हारी चमड़ी ुधैर दूंगी सहमे होअय नीचे सर किये हाँ में सर हिलाया तो अम्मी को थोड़ा फील जो शायद तो वो मेरे पास बेथ दोबारा फिर मेरे सर को सेहला कर प्यार से बोली बीटा ये सब तेरे भले क लिए कर रही मेरा सोना पुत्र है न तो अपनी अपनी अम्मी की बात नै मने गए अगर तो मेरी बातें मने गए तो बाद में जो कहे गए वो करूँगा पक्का ने जूनही ये बात बोली मैं एक डैम से ऊपर सर उठाये अम्मी क मम्मो को तरसती आँखों सत्ज देख बोलै कुछ बी करने दे गई न मेरा मैं करे गए वो करूँगा और आप मना बी नै करेगी तो अम्मॉ मुस्कराते मुझे अपने मम्मो को घोरते देख बोली हाँ बेटे जो तो कहे गए पर अभी क लिए प्रॉमिस कर क तू पानी नै निकसले गए हम में सर हिलाया तो अम्मी बी खुश होगयी और मुझे माथे पे चूम रूम से बाहिर जाने लग पारी वक़्त उन क मोठे चुतरों को देख ग तो ब्रा मचला पर फिर सोचा अगर अम्मी अपनी सब शर्म साइड रख मेरे लिए इतना कुछ कर सकती तो क्या मैं खुद अपने लिए इतना कण्ट्रोल बी नै कर सकता पल मैं खुद से बी प्रॉमिस कर लिया क फुल कण्ट्रोल करूँगा चाहे कुछ बी हो और उठ कर अपना पजामा पहना और मौन हाथ धो कर बाहिर टीवी देखने लग प्र तक्क कुछ नै होआ हम दोनों माँ बेटे ने साथ किया और नार्मल बातें की फिर अम्मी घर क कामो में लग गयी और मैं बाहिर खेलने निकल प्र...शम्म को घर वापिस आया तो अम्मी मेरा इंतज़ार हे कर रही थी बोली जाओ जा कर नाहा लो मैं खाना गर्म करती हूँ लेकर मैं ने डिनर किया और यहाँ ये बात बताता चालू क लंच और डिनर नार्मल रूटीन से हैट लार ज़्यादा हेअल्थी था बर्तन वग़ैरा साफ़ कर मेरे रूम में मेरे पास आगयी आयल की बोतल लिए मुस्करा क अम्मी की और देखा तो अम्मी क कहे बिना हे अपना पजामा उतर सीधा लेत गया फिर से कोई १० मं अचे तरीके से मालिश की फिर अपने रूम में जा कर सगाई उठा तो नाश्ते नाद फिर से मालिश में ६ अंडे दूध साथ मिला कर मुझे पिलाये अम्मी ने तो अब तक़रीबन रोज़ की रूटीन होगयी थी क हर एक दो घंटे बाद अम्मी मेरे लिए कुछ खाने को ले आती फ्रूट्स वग़ैरा बी शुरू में ग नै था करता खाने को फिर आहिस्ता आहिस्ता खाने लग प्र...एपीआई और अली बी आ चुके थे एपीआई रज़िया क हाँ से दिन में ज़्यादा देर घर पे रहता तो अम्मी ब्रा कुछ खिलाती पिलाती और मालिश बी रोज़ २ बरी करती एपीआई से चुप कर...पूरा एक महीना यही रूटीन चली और मुझे खुद पे यक़ीन नै था हो रहा क मैं खुद पे इतना कण्ट्रोल कर लिया था क एक महीन में से पानी नै निकला था और साथ अब जब अम्मी मालिश करती तो उन क नरम हाथो क एहसास से पानी बी देर से निकलने का मैं करता स्टैमिना काफी बिल्ड उप होरहा था पता नै कोण कोनसे सीक्रेट देसी टोटके मेरी पे आज़माती जा रही थी जिस का नतीजा ये निकला क एक महीने में हे मैं काफी वेट बी गेन किया साथ लूँ का साइज बी की शादी नेक्स्ट महीने थी तो अब्बू को छुट्टी नै मिल रही थी तो शादी २ महीने मज़ीद आगे कर दी ४५ महीनो में मेरी सेहत में काफी सुधर आज्ञा तह जो दीखता बी था कग से मैं ६२ कग पे आया था और एक माह से मैं गयम जाना बी स्टार्ट कर दिया था बी थोड़ी सी बरही थी पर अम्मी से अभी बी काफी थोड़ी थी इनचेस का फरक था तक़रीबन...मेरे चेहरे पे बी काफी मास्स आज्ञा था तो पहले हे था अम्मी पे जो गया था कलर शार्ट इस अरसे में मेरी ज़िन्दगी टोटली चेंज्ड होगयी थी वर्ण मैं तो ग़लत डायरेक्शन में खुद को लीड कर रहा था और ये सब सिर्फ और सिर्फ अम्मी क प्यार की बदौलत था...कहाँ पहले जहाँ मेरा लूँ पूरी तरह से खरा नै था होपाता अब उस का साइज साढ़े ७िंचेस क क़रीब था और मोटा बी काफी होगया था सब से बरी बात क मैं इस अरसे में कोई पोर्न वीडियोस नै देखि जब कभी ज़्यादा जी करता तो अम्मी क हुस्न का जाम पी कर नज़रों से हे जी भर जाता बीच मैं १०थ पास बी कर ली जैसे तैसे कर क...अक्टूबर का एन्ड था और सर्दियाँ आ चुकी थी बी आ चुके थे ३ दिन बाद एपीआई रमीज़ा की शादी थी घर सजाया जा रहा था गाओं में हमारा घर शानदार लग रहा था रज़िया बी आ चुकी थी घर क कामो में हाथ बताने फॅमिली अकथहि थी का समै था मेहँदी थी और मैं शाम को गयम से लोटा था तो पता चला अब्बू आ चुके है दोपहर क तो मैं उन से मिल कर ब्रा खुश होआ बी मेरी सेहत देख ब्रा खुश होअय और अम्मी की तारीफ की क नसरीन तुम ने तो सुछ में ब्रा ख्याल रखा है अहमद का लास्ट टाइम तो इतना दुबला पतला था बास मुस्करा दी...मेहमानो से घर ब्रा प्र था रूम्स तरीकबन undefined हो चुके थे और अभी कुछ मज़ीद मेहमानो ने कल आना था ड्यूटी सौंपी गयी क सब क बिस्टेर लगाने की थी तो रज़ाइयां वग़ैरा पेटियों से निकल चुकी थी क बिस्टेर लगा दिए थे और खुद मैं अब्बू साथ सोया मर्दो में सोया ऊपर वाले फ्लोर में थी ज़्यादा...रात गुज़री दिन का सूरज निकला एक नै सुबह ले कर मेहँदी थी एपीआई की दिन ढोलकी गीत संगीत चलता रहा कामो में बिजी रहा सब में मैं २ बरी अम्मी को मुझे प्यार भरी नज़रो से देखते पकड़ा जैसे वो खुश होरही हो हर बार देख कर क मैं अब कितना बदल गया हूँ और कितनी छह से सब काम कर रहा हूँ मर्दों जैसे खैर शाम को सब गाओं की औरतें बी आयी मेहँदी पे और फंक्शन देर रात तक चलता रहा...सुबह देर से आँख खुली और सब बरात की मेज़बानी में लग परे वग़ैरा में ब्रा सा तम्बू लगा कर बारात को बिठाने की अरेंजमेंट की होइ थी दिन ३ बजे आणि थी सब कामो को मॉनिटर कर रहा था...१२ बज चुके थे और तक़रीबन सब काम पूरे हो चुके थे सुबह का नाश्ता तक नै था किया होआ की एक वजह ये थी क अम्मी सुबह १० बजे की शहर हाई थी एपीआई रज़िया साथ एपीआई रमीज़ा का कोई गोल्ड का सेर सेट रहता था वो लेने १२ बज चूका था पर अम्मी लोग नै आये थे की तो पता चला मार्किट देर से खुली है तो टाइम लग्न है एक आध घंटा मेहमानो को पहले से तैयार होने का बोल दिया होआ था लिए मेहमान अरेंजमेंट वाली जगह अकथा होना शुरू होगये थे किसी पे इतना दहन नै दिया ख़ास बच्चे मर्द सब चेयर्स पे क़ब्ज़ा कर बेथ चुके थे और म्यूजिक चल रहा था मुझे याद आया क एपीआई रमीज़ा को पारलर से वापिस घर लाना था और १ बजे का टाइम दिया होआ था पारलर वालो ने घर गया पर अंदर नै गया बाहिर खरी एक दोसर क घरी ली तब काफी सीख चूका था क घरी घर हे होती थी तो मैं काफी सीख ली थी ड्राइविंग खुदी पंगे ले लेकर घर नज़र नै थी आ रही सोचा अब्बू कहीं लेकर गए होंगे तो मैं दोस्त की घरी लेकर चला गया एपीआई को लेने पोहंचा तो पता चला एपीआई को तो अब्बू ले गए १५ मं पहले मैं वापिस घर की और आज्ञा बजे का टाइम था तक़रीबन मेहमान घर से तक़रीबन जा चुके थे और अरेंजमेंट वाली जगह थे सोचस घर जा कुछ खा पी लेता हूँ सुबह से कुछ नै खाया और थोड़ा रेडी बी होजाऊंगा लोगो ने बी २ बजे तक्क आने का था घर गया घरी बाहिर हे खरी कर अंदर गया तो चारो और गंड़द हे प्र था जैसे शादी वाले घरो में प्र होता आध मेहमान था वो बी मेरे सामने हे चला गया टोटली वीरान सा लग रहा था.