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अम्मी का प्यार .......
#14
और उन क हिलने से गांड क कतार बी हिल रहे थे एक दूसरे साथ रैगर खा कर और मेरा लूँ जोश में आ रहा था धीरे धीरे बड्ड देखि जा रहा था और एक हाथ नीचे ले जा कर लूँ को मसला बी पहली बार था क अम्मी क लिए लूँ खरा हो रहा था को जब एहसास होआ क मैं किचन क दूर पे खरा उनकी मोती गांड को तार रहा हूँ तो उन्हों ने मुस्कराते होअय पीछे गर्दन घुमा कर बोलै अहमद पुत्र आ गए तुम २ मं नाश्ता बास रेडी है और आगे वापिस मुर नाश्ते में बिजी होगयी और मुझे लगा जैसे अम्मी में जान बूझ कर अपनी मोती हांड थोड़ी सी झुका कर पहिला दी थी अब पूरी कोशिश कर रही थी क मैं उनकी मोती गांड को ग भर क देखु और वही मैं कर रहा था मुझ में पता नै कहाँ से इतनी हिम्मत आगयी मैं धीरे धीर आगे को बढ़ा को बी शायद फील होगया क मैं उनकी और आ रहा हूँ तो उन्हें ने बी थोड़ी सी गांड मज़ीद बाहिर को निकाल दी की इस ऐडा से मेरे से रहा नै गया और अम्मी साथ बैक से लग क खरा होगया जूनही अम्मी क मोठे चुतरों साथ मेरा लूँ लगा कपड़ो क ऊपर से हे उस में एक डैम से जैसे जान आगयी हो और इस बात को अम्मी ने बी फील किया पीछे देख बास मुस्करा दी नोली कुछ हौसला मज़ीद बारे मैं थोड़ा और साथ लग गया ये था अम्मी की हाइट काफी बरी थी मेरे से १ फ़ीट ज़्यादा हे थी तक़रीबन लिए पीछे जब मैं अम्मी क मोठे चुतरों में लूँ लगाया तो वो अम्मी की लोअर थिएस पे जा लगा पेरो क पंजो क बल खरा होगया जैसे ऊंचाई से कोई शे उतरनी हो तो ऊपर को उठना परता पेरो क बी हाफ उठा कर वैसे ऊपर होने क बाद कहीं मेरा लूँ अम्मी क चुतरों क बीच रैगर खाने लगा दोनों हाथ आगे बढ़ाये और उनकी फैली होइ गांड को अपनी बाहों में ले लिया मुश्किल से मेरी बाहों में पूरी गांड आयी अपने हाथो से गांड क हिप्पस झाकर लिए हलके से और अपना लूँ थोड़ा पीछे कर फिर से आगे किया जैसे कोई घस्सा लगा रहा हो क मौन से एक हलकी सी सिसकी निकली धीमी सी की सिसकी से मेरा हौसला बारे और एक दो और धीरे घससय लगाए तो अम्मी क हाथ जो पहले प्रथा बैल रहे थे वो बेलने क ऊपर हे रुक से गए बिना पीछे देखे अपनी गांड थोड़ी दये बाये हिलायी और नतीजतन मेरा लूँ काफी जोश में आज्ञा ट्रॉउज़र की वजह से मेरा लू काफी हद्द तक रियल में अम्मी को अपने हिप्पस में फील होरहा था...अम्मी ऐसे रुकी थी जैसे मेरी अगली हरकत का इंतज़ार कर रही हों छोटी होनी की वजह से एक तो बरी मुश्किल से गांड क लेवल तक पोहंच उसे झाकरा होआ था दोसरा मेरी अपनी विड्थ(चोराई) अम्मी की गांड की विड्थ आगे १/३ थी मुझे जैसे ३ विड्थ में मिलाये जाये तब अम्मी की गांड बराबर आये गए बरी फैली होइ गांड थी अम्मी की....मैं अब खरे लूँ को गांड क नीचे ले जा कर फिर से ऊपर की और घस्सा सा लगता से अम्मी क मोठे चुत्रो में थार थरहट पैदा होती चुप करे इसे एन्जॉय कर रही थी पर बोल कुछ नै थी रही जोश में मैं ने अम्मी की कमीज चुतरों से ऊपर को उठायी तो अम्मी जैसे एक डैम से सीढ़ी हो मेरी पोहंच से निकल गयी खुद को सीधा कर बोली बीटा तू वहां डाइनिंग टेबल पे जा कर बेथ मैं लती हूँ नाश्ता क इस अचानक बेहवे की वजह से मैं थोड़ा डिसअप्पोइंट बी होआ पर ख़ुशी उस से ज़्यादा होइ क आज पहली बार अम्मी क मोती गांड को थोड़ा ऊपर से हे सही पर फील किया था अम्मी जैसी औरत तो खुद को किसी को चुने तक न दे दिमाग़ जहाँ तक तब चला उस का मतलब ये निकला क डॉक्टर की बातों का काफी असर होआ था अम्मी की थिंकिंग पे तभी उन्हों ने मुझे अपनी बैक साथ लगने दिया और ड्रेसिंग बी थोड़ी टाइट सी की थोड़ी शर्म अभी बी बाक़ी थी तब मेरी जल्दी को झेल नै पायी और मुझे खुद से दूर कर यहाँ डाइनिंग टेबल पे बिठा दिया क दूर से हे मुझे देखो...मशरकी खातून की यही ऐडा तो जान लेवा होती क वो जितनी चाहे ओपन होजाये या अकेली हो शर्म का दमन इतनी जल्दी नै चोरटी क सारः बी कुछ ऐसा हे था जैसी खातून क लिए देखा जाये तो ये सुच में बारे टफ टास्क था...खैर मैं डाइनिंग टेबल की चेयर किचन और कर अम्मी क काम करते वक़्त हिलते होअय मोठे चुतरों की लर्ज़िश(थार थरहट) को देख रहा था और अपना लूँ पाजामे क ऊपर से मसल रहा था तक्क बास वीडियोस में हे औरतों को देख फील ली थी पर आज रियल में फील लेने का अपना हे सुरूर था... अम्मी क मोठे चुतरों को हिलते देख मैं मस्ती खुद को कोसा क इतने अरसे से मैं पोर्न वीडियोस में मोती गांड वाली औरतों को देख लूँ हिलता आया था और मेरे पास इर्द गिर्द हे मेरा दहन नै गया तक किसी वीडियो में बी इतने कमल क चुतर नै देखे थे जिन्हे देख ऐसे जैसे प्यास स्व हलक़ खुश्क होरहा हो बार बार लगातार अम्मी को काम करते देखि जा रहा था और अपना लूँ मसली जा रहा था ५ मं गुज़रे होंगे क अम्मी हाथ में नाश्ते की ट्रे पकड़े किचन से मेरी और धीरे से आयी आता देख उन क मोठे मम्मो को हिलते देख मेरे लूँ ने जोश में ट्रॉउज़र क अंदर हे झटका मारा जब टेबल क बिलकुल पास आयी और मेरे आगे नाश्ते की ट्रे रखने क लिए धीरे से झुकी तो उनकी टाइट कमीज क गले क ऊपर वाले २ बटन खोले की वजह उन क मोठे मम्मो का ऊपर वाला सफ़ेद नरम हिस्सा दिखा क़रीब से ये नज़ारा देख मेरी तो आँखे फैल गयी ने बी ये नोटिस किया और नार्मल से कुछ ज़्यादा हे सलौली ट्रे राखी और फिर मेरी और मुस्करा क देखा तो मुझे अपने मम्मो की और घोरता देख मुस्करायी और सीधे खरी होगयी और बोली नाश्ता करो अहमद मैं ज़रा वाशरूम से आयी बोल अम्मी अपने रूम की और मूर्ति और जाने लगी मेरे ढाये हाथ में ब्रेड का निवाला बना होआ था और वो मौन क बिलकुल क़रीब अंदर जाने हे वाला था क तभी मेरी नज़र अम्मी क जाते वक़्त उनकी तेज़ चाल में उन क हिलते चुतरों पर पारी तो मेरे हाथ से निवाला गिर पारा नीचे जब मैं देखा क अम्मी क मोठे हिप्पस क लाइन क बीच अम्मी की कमीज फँसी होइ है और अम्मी तेज़ चलती अपने रूम की और जा रही नीचे होकर ट्रे देते उन क चुतरों में कमीज फँस गयी थी और शायद उन्हें बी एहसास नै होआ...निवाला मेरे मौन से गिर चूका था पर हाथ स्टिल उसी हालत में रुका था मौन क पास और मेरे मौन खोले का खोला हे था और साथ आँखे बी फैल गयी थी बारे चुतरों मर कमीज फँसी पहली बरी देख रहा था देहां से...खैर अम्मी बिना पीछे देख रूम में चली गयी और मैं बी होश में आते होअय नाश्ता करने लगा...तभी मुझे अम्मी का सेल रिंग होने की आवाज़ आयी उन क रूम से का दूर थोड़ा खुला थस तो इसी वजह से ने कॉल पिक कर ली होइ थी वही बैठा दूर से अम्मी क रूम की और देख रहा था क कब अम्मी बाहिर आएं ५ मं मज़ीद गुज़रे होंगे मैं तक़रीबन नाश्ता कर चूका था अभी बास दूध पी रहा था गिलास में तक्क अम्मी नै लोटी थी तो मैं बेचैनी में उठा किचन में रखे और अम्मी क रूम की और धीरे धीरे जाने लगा क देखु तो सही अम्मी क्या कर रही इतनी देर से क पास पोहंचा हे था क अंदर से अम्मी की कॉल पे किसी साथ बात करने की आवाज़ आयी मैं वही रुका रहा और बातें सुन'ने लग प्र से इतना जान गया क कॉल की दूसरी और डॉक्टर सभा है और अम्मी हम्म्म हम्म्म और हाँ में ऐसे जवाब दे रही थी जैसे डॉक्टर कुछ समझा रही हों और अम्मी अचे बचे की तरह समझ रही हो...फिर अम्मी कॉल कट कर वाशरूम गयी और दूर लॉक कर दिया वाशरूम का तो मैं फिर से वापिस मुर आ कर टीवी लाउन्ज में बेथ गया सोफे पे और टीवी ों कर देखने लग प्र पर दहन बार बार अम्मी क रूम की और जाता थोड़ी देर बाद अम्मी अपने रूम से निकल मेरी और आने लगी देख खुश होगया और सीधे होकर बेथ गया अब्बी बी शामे वाइट ड्रेस पहना था बस इस बार उन क ऊपर वाले दोनों बटन्स की बजाए ३ बटन्स खुले थे और अम्मी क मोठे मम्मी ५० परसेंट से बी ज़्यादा दिख रहे थे कोई दोपट्टा नै लिया तह और बरी ऐडा साथ धीरे धीरे चल मेरी और आ रही थी खुद को ब्रा नार्मल शो करने की तरय कर रही थी पर आते वक़्त उन क एक्सप्रेशंस ऐसे जैसे वो थोड़ा शर्म से फील कर रही हो और उन क चेहरे पे थोड़ी जिझाक्क साथ थोड़ी स्माइल बी थी पास आकर सामने खरी होगयी और एक नज़र डाइनिंग टेबल की और देखा एयर बोली वह अहमद बीटा आज पहली बरी खुदी बर्तन उठा लिए बी थोड़ा मुस्कराया और बोलै अम्मी सोचा आप की हेल्प कर दूँ काम में थोड़े कॉन्फिडेंस साथ मुस्कराते बोली तो बीटा उठाने क साथ साथ धो हे देने थे और इसी बात पे हम दोनों साथ मुस्करा दिए की चमकती हंसती आँखों को देख एक पल क लिए खरे खरे हे मैं खो सा गया ने जब मुझे यूँ देखा तो थोड़ी चुप होगयी और फिर अचानक बोली अच्छ मैं ज़रा बर्तन वाश कर लू तू बेथ क टीवी देख ले मैं कुछ नै बोलै और वैसे हे खरा रहा मूर्ति और किचन की हलके क़दमों साथ चल दी जैसे वो कुछ कहना छह रही हो और न कहा हो या शायद मेरे पुकारने का वेट कर रही थी क मैं कुछ बोलूं गए पर मैं तो स्टिल खरा रहा था किचन क दूर पास जा कर अम्मी ने धीरे से पीछे मेरी और अपनी गर्दन घुमा कर बरी स्माइल और शर्म साथ बोली क अहमद चाहे तो वो साइड टेबल पे धोने वाला मग प्र है वो ज़रा लेते आना मैं उसे बी लगे हाथों वाश कर दूँ तो जैसे ये सुन उछाल हे प्र अंदर से क अम्मी आखिर इंदिरेक्ट्ली मुझे किचन में उन क पास आने का मौक़ा दिया...मैं कप उठा कर किचन में फता फैट पोहंचा गया और सामने अम्मी वाश बेसिन की और मौन करे पहले वाले पोज़ में खरी थी और उनकी मोती गांड छुरी दर पाजामे में पीछे को निकल केहर ध रही थी से बी अब रहा नै गया और मैं आगे बार पहले की तरह थोड़ा कम्फर्टेबली अम्मी की बैक साथ लग गया दोनों हाथ अम्मी क बाज़ुओ क नीचे स्व सामने ले गया जैसे मैं बाहों में ले लिया हो अम्मी को वाश बेसिन में गिरत पानी क नीचे रख दिय जहाँ अम्मी अपने नरम हाथों साथ वाश कर रही थी डैम से यूँ साथ लगने से अम्मी एक पल की लिए अपनी बैक आगे को की पर फिर थोड़ा रिलैक्स होकर पीछे की और मज़ीद कर दी जिस से मेरा लूँ साफ़ साफ़ उन्हें गांड पे फील होने लग प्र मेरे दोनों आगे हे थे कमर क साथ लगे होअय कुछ न बोली तो मैं वैसे हे थोड़ा और साथ लग बोलै अम्मी लाये मैं बी वाश करता हूँ और अपने हाथ आग्जे बढ़ा कर उन क हाथो से मग लिया और उसे वाश कर लगा फिर से मेरे स्व मग ले कर बोली तुम वाश करना नै आता तुम सही से नै कर रहे मस्ती में थोड़ा मज़ीद साथ लग अम्मी क मोती गांड में लूँ को हिस्सा तो अम्मी क मौन से एक हलकी सिसकी निकली पहले जैसे और बोलै अब सही कर रहा न तो अम्मी कुछ न बोली आगे ले जा कर दोबारा से अब अम्मी क नरम हाथों को अपने हाथों में लिए सहलाने लगा नरम फिंगर्स में अपनी फिंगर्स दाल रैगर रहा था और अम्मी क हाथो में मग और उसे अब वाश नै थी कर रही अम्मी बास पानी गिर रहा था बेसिन में अब कॉन्फिडेंस काफी बार चूका था और मैं सही मैनो में अम्मी क बाहिर को निकली गांड साथ जुड़ घासए लगा रहा था जिसे अम्मी बी एन्जॉय कर रही थी अब जान बूझ कर अम्मी क हाथों में लिए होअय मग क प्रेशर से गिरते पानी नीचे ऐसे किया क पानी मग पे बाउंस होकर अम्मी की छाती पे गिरने लग प्र से सामने से अम्मी की कमीज गीली होना शुरू होहाई...अम्मी चुप चाल खरी थी और उन क हाथ बी मग क ऊपर रुक गए होअय थे जैसे वो मेरे कुछ आगे बर्न का वेट कर रही थी लूँ अब काफी खर होगया होआ था और मुझ में अब पहले वाली मस्ती और पागल पैन आ रहा रहा जैसे वीडियोस देख आता था
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:53 PM



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