27-02-2019, 06:53 PM
और उन्हें बोल दिया क अम्मी प्ल्ज़ फ़ोन दे दें मेरे से नै रहा जा रहा मुझे प्यार से मना किया और बोली बीटा और चीज़ो बारे सोचो सब ठीक होजाये गए तक्क मेरी हालत किसो चरसी की तरह होगयी थी जिसे चरस न मिल रही हो सब नोट कर रही थी और फ़िक्र में दुखी बी नज़र आ रही थी क क्या करे को बी अपने साथ हे सुलाया क कहीं मैं फिर से कण्ट्रोल न खो दूँ जैसे तैसे कर वो रात बी गुज़री अम्मी १० बजे क क़रीब मुझे शहर ले गयी अपने साथ बस में पोछा बी क अम्मी कहाँ जा रहे हम वो बोली चुप रहो पूरी कवर उप थी बुर्का पहना था जैसे नोर्मल्ली बाहिर जाती दोनों माँ बेटे एक क्लिनिक क पास जा पोहंचे पे किसी फीमेल का नाम लिखा था लॉक था ने अपने फ़ोन से किसी को कॉल की तो एक औरत ने कुछ देर बाद अंदर से दूर खोला हम दोनों अंदर चले गए क ऑफिस में बैठे चेयर्स पे तो कुछ देर बाद एक अम्मी की आगे की एक पतली सी डॉक्टर आयी और हम से मिली ने उन्हें कुछ इशारा किया तो डॉ बोली बीटा तुम उस वाले रूम में जा कर बीएड पर लेटो मैं आती हूँ चेक उप करने चुप कर क वहां चला गया लोगो की बातें कान लगा कर सुन' ने लग प्र बोली डॉ सभा मैं कॉल पे बताया था न मसला ये मेरा बीटा है आप हे कुछ करे ने अम्मी को तसल्ली दी और उठ कर मेरे पास रूम में आगयी उधर हे बैठी रही मुस्कराते बोली सीधे लेत जाओ लेत गया क बीटा जो बी पोछूँगी सुच सुच बताना तभी तुम्हारी हेल्प कर पाऊँगी हाँ में सर हिलाया डॉ बोली कब से तुम अपना पानी निकल रहे थॉर घबराते जवाब दिया क तक़रीबन एक साल से बोली लास्ट टाइम लैब निकला मैं बताये ३ दिन पहले बोली जब पानी निकलता तब तुम्हारा पार्ट फुल खरा होता बोलै पहले फूल खरा होता था अब नै इतना होता और बरी जल्दी निकल बी जाता बारे अचे तरीके से मुझ से पॉच रही थी बोली पानी अब पतला निकलता होगा माँ पहले से हाँ में सर हिलाया डॉ बोली अपनी पंत उतरो ज़रा थोड़ा घबराते पंतय उतर दी अंडरवियर मैं नै पहनता था तब पंत नीचे होइ तो डॉ मेरे सोये लूँ को देखा और ग्लव्स पहन उसे ऊपर नीचे कर देखने लग पारी करने से मुझे फीलिंग्स आने लगी और लूँ थोड़ा खरा होने लगा मेरी बॉल्स बी देखि फिर मुझे पंतय ऊपर करने का बोल बाहिर चली गयी अम्मी पास...मैं वैसे हे लेता हलकी हलकी अम्मी और डॉ की आवाज़ें सुन'ने लग प्र परेशानी से डॉ से पोछा सब ठीक है न थोड़ा पॉज लेती होइ बोली देखो नसरीन तुम जान'ने वाली हो इस लिए बहनो की तरह साफ़ साफ़ बताती हूँ बेटे की हालत ठीक नै है की लत्त(आदत) ने उसे बाहिर से तो वीक किया हे है अंदर से बी खोखला होअय जा रहा बोली मैं समझी नै डॉ सभा बोली देखो अगर यही हल रहा न तो तुम्हारा बीटा फ्यूचर में न मरद्द बी बन सकता क हद्द से ज़्यादा हाथ चलने से उस का वो पार्ट बुहत इफ़ेक्ट होआ है और अब ठीक से खरा बी नै होपाता स्पीड से गया तो अपनी बीवी को कभी खुश नै रख पाए गए और न बाप बन पाए गए बी उस क पतले हो चुके पहले से साल से वो इस नशे में प्र है और तुम्हे खबर तक नै होइ माँ हो रट होअय बोली डॉ सभा ऐसा मत कहे मेरी जान है उस में ग़लती थी जो सख्त पैन में उस क क्लोज नै हो पायी और न उसे समझ पायी क इतने क़रीब आयी क अपनी औलाद को हे दहन न दे पायी को रोटा परेशां देख डॉ बोली चुप करो अब होगया सो होगया अब आगे की सोचो... अम्मी आँखें साफ़ करते होअय बोली डॉ सभा जो आप बोले गई वही करू गई जितनी चाहे फीस ले लें आप बस मेरे बेटे को ठीक कर दे धीरे लहजे से बोली पैसे की बात नै है थोड़ा सीरियस है वग़ैरा वाला काम नै है अगर ऐसा होता तो तुम्हे मेडिसिन्स लिख देती मसले का हल है तो पर मुझे नै लगता तुम कर पाओगी... अम्मी बोली मैं सब कुछ करू गई आप बताये तो बोली नै नसरीन तुम ठहरी मज़हबी खातून क चक्र में ऐसे ये नै कर पर पाओगी बोली क्या नै कर पाऊँगी...डॉ एक लम्बी सांस लेते बोली तो सुनो हल साल पहले मेरी एक दोस्त डॉ क पास बी ऐसा हे केस आया था लोगो ने बी बरी मेडिसिन्स खायी पर कोई असर नै होआ फिर उस लड़के की माँ ने सारा ज़िमा उठाया और आज देखो उस लड़के न सिर्फ शादी हो चुकी बल क बचे बी हैं...अम्मी बोली डॉ सभा पहेलियाँ न भुजवायें साफ़ साफ़ बताये मुझे क्या करना होगा नसरीन अहमद अभी छोटा है तो इस की शादी तो कर नै सकते और कोई ग़ैर औरत ये काम करेगी बी नै तो औरत हो सब समझती और एक्सपेरिएंस्ड हो हे हो क आदमी क उस पार्ट का तालुक दिमाग़ से होता तुम्हे धीर धीरे अपने बेटे को ठीक करना होगा तो उस क दिल में जगह बनाओ माँ की तरह नै एक औरत की तरह उसे सब समझाओ क औरत का एहसास क्या होता जब उस की फीलिंग्स जहाज तो उन्हें कण्ट्रोल करना सिखाओ...अम्मी ये सब सुन हैरान होगयी और एक डैम से बोली डॉ सभा ये आप क्या बोल रही मैं माँ हूँ उस की अपनी कोक से जना है उसे मेरा बीटा है वो मैं कैसे वो सब की मुझे तो सोचते होअय बी घिन आ रही आप कैसे कह सकती ये सब मेरे से नै हो पायेगी ये सब तो गुना इ कबीरा है ने काफी खरी खरी डॉ को सुनाई...डॉ आखिर तंग आ कर बोली देखो नसरीन एक वाहद हल मैं बता दिया अब चाहे तुम न करो उस पर अमल और लगे रहने दो अपने बेटे को इस नशे में को जब यही नशा उस की पूरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दे गए और शादी बी नै होपाये गई सब नामर्दद बोले गए तब अपने इन् असूलों और मज़हब को हे अपने क़रीब रखना काम आये गए तुम्हारे और फिर रोटी रहना और अपने बेटे को बी रट देखती रहना में नशे में लोग ख़ुदकुशी कर बेतहतर फिर करती रहना अपनी इबादतें...अम्मी सब बातें सुन जैसे शर्मिंदा होगयी और परेशां बी और चुप्प कर क उठी और मुझे साथ लेकर घर चल दी रस्ते खामोश रही बी समझ में कुछ कुछ बातें आयी थी पर पूरी नै...घर आते हे अम्मी नार्मल क कामो में बिजी होगयी...मैं अपने रूम में फिर से बेचैन होअय चला गया को बरी एपीआई अपने साथ ले गयी अपने घर और छोटे भाई को बी कसल कॉलेज से छुट्टी थी तो वो बी साथ चला गया घूमने...मैं खाना खा कर चुप कर क सोग्य मेरे साथ कोई बात नै की... सुबह जब अम्मी क नरम हाथो क एहसास से आँख खुली तो उठा तो उठ कर बीएड पे बेथ गया और जब सामने देखा तो मेरा तो जैसे हलक़ खुश्क होगया देख कर...आज तक्क अम्मी को कभी घर में बी बिना दोपट्टे क नै दिखा था की आदत थी हमेशा थोड़े खुले कपड़े पहनती थी की एक हे वजह थी क उन का हेअल्थी जिस्म शर्म का दमन पकड़े रखने वाली अम्मी आज मेरे सामने जिस अंदाज़ में खरी थी कोई बी घायल हो सकता था खुले घने बाल जो क थोड़े गीले थे जिस से पता चल रहा था क अभी अभी नाहा कर निकली है अम्मी बरी आँखें और नीचे रसीले मोठे होंठ सुराई दर गर्दन और सफ़ेद रंग की कमीज जिस क गले पे ४ बटन्स लगे थे और उन में से २ बटन्स खुले थे जिस की वजह से अम्मी क मोठे मम्मो का क्लीवेज साफ़ दिख रहा था गले में बी कोई दोपट्टा नै था मोठे मम्मो को कवर करने क लिए और पहली बरी अम्मी क मोठे मम्मो की शेप सही से नज़र आ रही थी थोड़ी टाइट थी और नीचे चोरी धार तंग पजामा पहना था जो क शायद एपीआई का था तंग पजामा में अम्मी की टांगो की शेप साफ़ दिख रही थी तो एक टिक लगाए ऊपर से नीचे अम्मी को देखता रह गया में अम्मी बला की खूबसूरत थी पहली बरी रीलीज़ होआ था मुझे चिट्टी हुस्न की पारी लग रही थी मुझे एक तक खुद को मौन खोले देखते पाया तो थोड़ा शर्मा गयी और बोली अहमद उठो चलो फ्रेश होजाओ जल्दी से में हिम्मत नै होइ कुछ बोलने की ग़ज़ब होगया जब अम्मी इतना कह कर वापिस मूर्ति तो उफ्फ्फ उनकी क़यामत ख़ेज़ हैवी बाहिर को निकली गांड को हिचकोले खता देखा तो बिजलिये गिरने लगी की चल में बी आज वैया फ़र्क़ था थोड़ी ऐडा साथ चुतर हिलाये धीरे धीरे वापिस रूम क दूर जानिब जा रही थी ऐसे लगा जैसे अम्मी मुझे जान बूझ कर अपने मोठे चुतर दिखा रही हैं मुझे पास पोहंच कर एक साइड हाथ रख दूर क एक डैम से पीछे मूर्ति और मुझे लालची नज़रो से अपनी गांड को घूरते देखा तो मुस्करा दी और नीचे चल दी तो होश ुर चुके थे हे रात में मेरा मनो सब कुछ चेंज होगया हो की तरफ देखने का नज़रिया बदल चूका था हे दिल में खुश बी होआ क डॉक्टर की बातों का गहरा असर होआ है अम्मी पे वर्ण अम्मी जैसी मज़हबी खातून कैसे अपने हे बेटे को ठीक करने क लिए अपना सब कुछ वॉर रही थी...िनी सब ख्यालों में खोये मैं फ्रेश होआ और एक पतला कॉटन का पजामा पहना बास और ऊपर टी शर्ट और नीचे चल दिया क दूर पे खरा होआ तो देख सामने अम्मी नाश्ता बना रही थी छुरी दार पाजामे में अम्मी की मोती कस्सी होइ गांड बाहिर को निकली जोई थी