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अम्मी का प्यार .......
#11
अम्मी की बातों पे और धक्के लगत रहा आखिर मज़ीद ५ मं बाद अम्मी क बार बार कहने पे रुक गया हांफती साँसों साथ हर्ज़नी से अम्मी की और देखा तो उन क बी पसीना आ चूका था बोली मेरा सोना पुत्र अपनी अम्मी को अपने मसल की सवारी नै कराये गए समझ गया अम्मी की चाहती है एक झटके से लूंण फुद्दी से निकला तो पाचकक की आवाज़ आयी जैसे बोतल का दककण खुलता एक दम्म से सीधे होइ और अपनी कमर पाकर थोड़ा कढ़ाई पर बोली कुछ न देर मैं उन की कमर को बेंड किये रखा था सीधे खरे होगयी तो उनका नशीला सेक्सी पसीने से भीगा भरी नादाँ देख मेरे बी मौन में जैसे पानी सा आज्ञा हो मुझे पाकर अपनी जगह सोफे पे बिठाया टाँगे अब सोफे से नीचे पारी थी और अम्मी थोड़ा चल क मेरे पास आयी और मेरे कांधों पे हाथ रख सपोर्ट लिए अपनी भरी लेग्स मेरे इधर उधर कर ऊपर बेथ गयी की मोती हैवी लरज़ रही थी अम्मी क हिलने से और मुझे बी ाचा लग रहा था से अपना वज़न यूँ साई से बैलेंस नै हो प् रहा था तो मैं उन्हें हेल्प क पाकर क तो अम्मी ने दोनों हाथ मेरे गले में दाल लिए और अपने हिप्पस ऊपर को थोड़ा उठा दिए मैं नीचे एक हाथ कर अम्मी की फुद्दी क पानी से चमक रहे रोड की तरह खरे लूँ को जार से पकड़ा और अम्मी क होल की तरफ उसे गाइड किया अम्मी अपने हैवी बदन सलौली नीचे करने लग पारी और जूनही फुद्दी क लिप्संमे थोड़ा लूँ की टोपी फिक्स होइ तो मेरी आँखों में देखना शुरू होगयी बी दोनों हाथों क पंजो साथ अम्मी को मोती चुतरों को पाकर लिए नीचे से जूनही थोड़ा सा नीचे झुकी और अपने भरी चुतरों का वज़न मेरे लूँ पे डाला तो थोड़ा सा लूँ पाचक कर अंदर घुस गया फुद्दी में क तब फेस एक्सप्रेशंस क़ातिलाना थे क मोठे मम्मी मेरे फेस सामने झूल रहे थे और अम्मी अपना निचला होंठ काट'टी आँखे एक पल क लिए क्लोज करती ग़ज़ब की लग रही थी में अम्मी भला को खूबसूरत लग रही थी से रहा नै गया और मैं हिप्पस थामे नीचे से ज़ोर से धक्का ऊपर को दे मारा जिस क नतीजा ये निकला क पूरा लूँ जार तक्क अम्मी की फुद्दी में घुस गया क मौन से एक चीख निकली और वो थोड़ा घुसे से मेरी छाती पे हाथ मरती थोड़ा शर्म वाली मुस्कराहट साथ बोली तेरे से तो ज़रा सब्र नै होता बास चले अपने ये मसल मेरी फुद्दी में दाल मौन से निकले ये सुन थोड़ा हंस दिया तो अम्मी ने मेरे गले में बाहें डाले मेरी और अपना फेस की और मुझे चूमना शुरू होगयी हे सलौली सलौली अपने हैवी चुतरों को ऊपर नीचे करना शुरू होगयी जैसी खातून क लिए अपने हैवी बदन साथ ये पोज़ सही से कर पाना ब्रा डिफिकल्ट होता पर अम्मी बी पूरी जान मरते होअय ऊपर नीचे होरही थी मैं उन्हें कस क बाहों में झाकर लिया और उन क होंटो का रस पीने लग प्र क मोठे मम्मी मेरी छाती में जैसे धंस गए हो हाथ पीछे ले जाते होअय अम्मी क मोठे चुतरों को थामे उन की लूँ क ऊपर नीचे होने में हेल्प करने लग प्र चेहरे को मैं फिर चूम्मीओं से भर गीला कर दिया पागलो जैसे अब थोड़ा तेज़ी से ऊपर नीचे होरही थी और मुझे चूमि जा रही थी ५ मं हे गुज़रे होंगे क अम्मी की साँसे भरी होने लग पारी मुझे फील होने लग प्र क अम्मी से यूँ अपना हेवी बदन उठे ऊपर नीचे उछलते फुद्दी मरवाना आसान काम नै बी लगी रेस्ट हो चुकी थी तो मैं प्यार से कूदती अम्मी क प्यारे से फेस पे हाथ फेरा फिर उन क ऊपर नीचे होने साथ फुटबॉल की तेह ुचलत्व मम्मो को बी ग्रिफ्ट में लिया और दबाते होअय बोलै अम्मी थक गयी न बास उछलती रही जैसे अपना डैम खम्म दिखा रही हो मैं अम्मी क होंठों पे हल्का किश करते होअय उन् की आँखों में देख क बोलै बास करे अम्मी तो अम्मी बी थोड़ा मुस्कराते धीरे धीरे रुक गयी क साँसे नार्मल होते देख मैं उन क फेस को अपने हाथ से साफ़ किया और प्यार से सहलाते होअय बोलै अम्मी मुझे ज़ोर से पाकर ले समझ गयी क मैं क्या करने जा रहा हूँ अम्मी को बाहों में ज़ोर से झाकरे उन क मोठे हिप्पस उठाये हाथो में एक डैम से सोफे से उठ खरा होआ और सीधा खरा होगया थोड़ा नखरा किया पहले जैसे क मैं गिर जाना और मेरे साथ चिपक सी गयी टाँगे मेरी कमर क गिर्द लपेट मेरे गले में बाहें दाल ली पोरे अमल क दौरान मेरा लूँ फुद्दी क अंदर हे रहा सन ये था क उस तरय रूम क बीच ो बीच मैं अपनी प्यारी अम्मी क भरी जिस्म को बाहों में उठाये खरा था और लूँ उनकी फुद्दी में पनाह लिए होअय था जैसे से पाकर कर उन्हें उठाये रखना ब्रा मुश्किल था क्यों उनकी लोअर बॉडी ला वज़न काफी था तो मैं उन क मोठे चुतरों को दोनों हाथो से थामे होअय था और उन्हों ने अपनी बाहें मेरे गले में डाली होइ थी और मिर्रोर्स हे मिर्रोर्स थे इवन क दूर की बैक साइड बी अंदर की तरफ मिरर था जिस की वजह से लाइट पोरे तरय रूम में रिफ्लेक्ट होने की वजह से बुहत रौशनी थी और शीस में जब अम्मी की नज़र पारी और उन्हों ने खुद क भरी जिस्म को यूँ अपने बेटे क जवान बाज़ुओ में झाकराय और झूलते देखा तो एक तरफ जहाँ उन् क चेहरे पे शर्म से स्माइल आगयी वही दूसरी और अंदर हे अंदर उन् की आँखों में मुझे देख प्यार बी उभरा और मेरे चेहरे पे अपना नरम हाथ एक फेरती होइ मेरे आँखों में देखते होअय बोली पुत्र सुछ मुछ तुझे खुद को यूँ सौंप कर अंदर से ख़ुशी होती जान है तुज में चल अब जल्दी झूला झूला अपनी इस माँ को अपने इस मसल पे चढ़ाये जो रखा है अम्मी की बातों से और गर्म होगया और आगे चेहरा कर उन्हें चूमने लग प्र क मोटे मम्मी मेरी चाहती पे किसी बैलून जैसे प्रेस होरहे थे और मुझे में एक न्य वलवला सा जगह रहे थे अपने पैर ज़मीन पे सही से जमाये और अम्मी क चुतरों को पाकर थोड़ा ऊपर को किया इतना क लूँ की टोपी नस अंदर रहे और अपने हिप्पस जुड़ फुल ज़ोर से ऊपर को एक धक्का दे मर और साथ हे अम्मी की एक मज़ेदार चीख निकल पारी मैं मसर गयी putr,holiiiiiiiiiiiiii,ab तो जैसे मैं पागल सा होगया थस किसी दीवाने जैसे अम्मी क मोठे चुतरों को पकड़े खुद्द धक्के लगाई जा रहा था पूरी जान से और अम्मी का पूरा बदन क्या हर अंग मज़े से हिल रहा था साथ उन क मोठे मम्मी मेरी छाती साथ रैगर कहते जब तो उन् क निप्पल्स का करक एहसास प् कर मैं किसी और हे दुनिआ में पोहंच चूका था और ऊपर से सोहने पे सुहागे जैसे काम उन क रसीले मोठे होंठ कर रहे थे जो क मेरे होंठों की ग्रिफ्ट में थे और हम दोनों माँ बेटे एक दूसरे को मज़े से चूमि जा रहे थे और जहाँ बी हम्म बेटे की नज़र पार्टी तो शीशे में हम दोनों क नंगे जिस्मो का संगम देख हम दोनों में हे मस्ती की धुन स्वर होजाती धक्के क साथ अम्मी क मोठे फैले होअय चुतरों में जो लरज़ से पैदा होती उफ्फ्फ उन् क हिलते चुतर ठप्प्प ठप्प की आवाज़ गूंजती हसीं मंज़र सिदो की मिर्रोर्स से देख मेरा जोश दुगना होजाता और मैं पूरी मेह्नत्त और ज़ोर से लगा था अम्मी की फुद्दी की ठुकाई करने मं बी नै गुज़रे होंगे क मुझे लगने लग प्र क अब टाइम क़रीब आज्ञा है और मैं अम्मी को बाहों में उठाये आराम से नीचे सोफे पे लिटाया एयर टाँगे उठा कर उनकी कस कस कर छोड़ने लग प्र क करारे धक्के लगाए हे थे क मेरे ज़ेहन में एक एयर फंतासी आगयी और मैं अम्मी की फुद्दी से एक डैम से लूँ निकल सीधा खरा होगया और अम्मी को ऊपर उठा कर उन्हें लूँ मौन में लेने का इशारा किया एक डैम क लिए थोड़ा जिजकी पर फिर मेरी ज़िद्द पे अपने मोठे राईले होंठ खोल मेरे लूँ की कैप क गिर्द रख लिए और इस एहसास से मेरी टाँगे जैसे कंपनी लग पारी मने अम्मी ने ३ बरी हे लूँ मौन में इन आउट कर लूँ को जार से अपने हाथो से पकड़े चूसा होगा क मेरे मौन से एक लम्बी ाः निकली और अम्म्मम्म्म्मीईई कह क मेरे लूँ ने पिचकारियां मरना शुरू कर दी जो सीधे अम्मी की हलक़ में जा टकराई में मैं अम्मी का सर पाकर लूँ की और दबाये दिया जिस से मेरा लूँ तक़रीबन सारा हे अम्मी क मौन में चला गया और अम्मी मुझे आंखें पहरे देख रही थी और पीछे करने की नाकाम कोशिश कर रही थी पर बे सूद पोरे ४० सेकण्ड्स तक पानी चोर्ने क बाद मेरे हाथो की ग्रिफ्ट थोड़ी ढीली पारी ने बी मुझे धकेला पर तब तक्क अम्मी काफी ज़्यादा पानी निगल चुकी थी शायद फर्स्ट एक्सपीरियंस था इतने पनो साथ इसी लिए ऐसे कर रही थी थोड़ा खांसी और अपनी सांसें बहाल करते होअय मेरी और देखने लग पारी और मुझे आँखे बंद की हफ्ते देख वो बी थोड़ा शांत होगयी मौन पे लगे कुछ आखरी ड्रॉप्स को साफ़ कर वो बी पीछे सोफे पे बेथ गयी वही साइड पे देवर क साथ पीठ लगाए
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:52 PM



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