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अम्मी का प्यार .......
#10
पूरा साइड किये जाये तब दीखता था तो फुद्दी को खूबसूरती में ऐसा खोया क अम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई पुत्र कहाँ खो गया से यूँ अपनी हैवी टाँगे उठा क पहिलाये रखना ब्रा मुश्किल काम था पर वो फिर बी लगी होइ थी होश में लेन बाद मुस्कराता देख बोली पुत्र क्या देख रहा है ऐसे घर कर अपनी अम्मी की फुद्दी को आगे मौन ले जा कर एक किश की फड्डी क लिप्स पे और फिर से देखते होअय इस अनमोल जगह को अम्मी को बोलै अम्मी सुच में मेरो जनम भूमि है थोड़ा लाल होते बोली हाँ मेरे लाल वो जन्नत का दरवाज़ा है जहाँ से तू इस दुनिआ में आया था इतने सुनते अंदर हे अंदर खुश होते पागलो जैसे फुद्दी चाटने लग प्र साइड करे मैं अपनी ज़ुबान निकले फुद्दी क अंदर क पिंकिश पार्ट को ऐसे चाट रहा था जैसे कोई बिल्ली दूध चाट'टी लैब ज़ुबान मरते काईन छाती जा रहा तह और अम्मी आहें भरी जा रही थी की फुद्दी चाट'ते मेरा नाक ठीक अम्मी की फुद्दी क दूर स्टेप पे लगा होआ था और एक अलग हे क़िस्म की खुशबु मुझे फील होरही थी जिसे सूंघ मुझ पर खुमारी सी चने लगी बेतहाशा चाटने लग प्र ने अब अपनी हैवी लेग्स और झाँगो(थिएस) को चोर दिया था और दोनों टाँगे मेरे कन्धों पे रखे एक कैंची सी मरी होइ थी जैसे टाँगे से बी मुझे फुद्दी की तरफ दबा रही थी और दोनों हाथ मेर सर पर रखे बी दबा रही और ऊपर मौन खोले पागलो जैसे सिसकियाँ भर रही थी जा पुत्र हयईईईई ऐसे हे हाँ चाट अपनी माँ की फुद्दी हाय ोये मेरेया रब्बा पुत्र डंडी न वद्द(दांत मैट लगाओ) मैं थोड़ा जोश में आये फुद्दी क लिप्स पे अब हलके हलके दांतों साथ काट बी रहा था जिस से अम्मी पूरी मस्ती में आजाती और उछल पार्टी मं बी ठीक से नै जॉय होने चाट'ते क अम्मी का जिस्म ाकरने लग पर और सुध बुध खोये झरने लग पारी की फुद्दी से काफी पानी निकला जिस से मेरा पूरा मौन भीग गया छठा गया मैं ने नमकीन सा मस्त पानी पिया पूरी तरह जार चुकी अम्मी तो उन्हों ने आँखे खोल मेरी और देख तो शर्म से लाल होगयी मेरा पूरा मौन भीगा होआ देख मैं बी मुस्करा दिया और मस्ती में फिर से चाटने लग प्र मुझे हाथों से पीछे करते होअय बोली पुत्र बास और मैट चाट मैं मर जाना सूची अम्मी को बोलै इतना मज़ा तो आ रहा था अम्मी चाटने दे न इतनी मज़ेदार फुद्दी हो आप की अपनी यूँ तारीफ सुन लाल होगयी और और मेरे सर पे हाथ मरती बोली चल परे हट कमलिया बी नै हूँ अब मैं वो...अम्मी तब पूरा लाल हो चुकी थी फुद्दी को थोड़ा रब करते पोछा अम्मी ये तो बुहत छोटा सा सूराख है जब मैं यहाँ से निकला था तब दर्द बी बरी होइ होगी न आपको शर्म साथ बोली ऐसे बाते बी कोई करता है कि झालेय तो होती है पर मुझे ये नै था पट क जिस फुद्दी में से तुझे निकल रही हूँ उसी फुद्दी में एक दिन तू अपना घड़े जैसा मसल दाल कर मेरी चीखे निकलवाए गए अम्मी की बातें सुन फूल गर्म होचुका था लूँ बी झटके मर रहा था अम्मी की हैवी लेग्स उठायी और पूरी ऊपर को साइड की तरफ पहिला दी और टांगो बीच आकर खरा होगया और फुद्दी क सूराख पे लूँ की मोती तोपु रख अम्मी की आँखों में देखने लग प्र मुझे पलकें झुकाये शर्म से लाल होअय चेहरे से हामी भरी और मैं एक कस क ढाका दे मारा हे झटके में मेरा पूरा लूँ अम्मी की टाइट गुफा(केव) में हुस चूका था का दर्द से एक दम्म से मौन खुले का खुला रह गया और उन क हलक़ से एक दर्दनाक ऊंची चीख निकली जो पोरे तरय रूम में गूंजी किसी जैसे आवाज़ एक होती बार सुनाई देती वैसे की आँखों से दर्द साफ़ झलक रहा था होअय रब्बा सोनिया मर सत्य मेनू आय खासमा न खाने ने एहसास नै करदा क माँ व एड़ी झकय नल पूरा पा दित्ता ेंज जीवय मेरे गले राह काढ़ना होअय अपना आय मसल बेंड किये पोज़ में मेरा लूँ थोड़ा सा बी बाहिर नै था और मुझे साफ़ साफ़ फील होरहा था क मेरे लूँ की टोपी अंदर गहराईयों में बच्चेदानी पे ठोकर मर रही का चिलाना थोड़ी देर बाद काम होआ तो मैं ऊपर झूल अम्मी क मोठे मम्मो को किसी छोटे बच्चे जैदी चुँगना(चूसना) शुरू होगया क मोठे करक निप्पल्स मेरे मौन में थे जिन्हे मैं हलके दांतों साथ काट बी रहा था और चूस बी रहा था मैं दोनों हाथों में राइट वाला दूध झाकरा और उसे चूसने लग प्र इतना ब्रा था क दोनों हाथो क सिकंजे में नै था आ रहा अचे से चूसने बाद लेफ्ट वाला देर में अम्मी की हालत कुछ थील होइ तो मैं ऊपर होकर अम्मी क रसीले मोठे होंठों को चूमा और आँखों में देख बोलै अम्मी पहली बरी थोड़ी घुसा रहा जो इतना चिलायी मुझे ग़ुस्से से देखते होअय बोली कामिनेया एक तो इतना ब्रा मसल किया होआ ऊपर से एक हे ढके में घुसा डाला और अब चिलए बी न बाँदा दर्द से थोड़ा मुस्कराया और अपने लूँ पे अम्मी की गर्म फुद्दी की तिघ्नेस्स फील कर अम्मी क होंटो को चूम क बोलै अम्मी सुछ में आपकी फुद्दी कमल की है बचे पैदा करने क बाद बी इतनी तिघटनेस सुछ में दिल खुश होजाता है जब बी लूँ अंदर जाता है अब थोड़ा लाल होइ अपनी तारीफ सुन और मेरी छाती पे हल्का सा मुक्का मर बोली कंजर नस होवय कितय नै आदि अपनी माँ नल ेहो जिया गल्ला लार दिया अम्मी क लाल गालो को चूमा और न में सर हिलाया क नै सटी शर्म तो अम्मी किसी खालिस मशरकी औरत जैसे अपनी पलकें झूला साइड को अपना प्यार सा कोमल चेहरस कर लिया की इस ऐडा से मेरे लूँ में एक मज़े की लहर डोरी और मुझे तब अम्मी पे बेशुमार प्यार आया और मैं ऊपर झुक पूरी तरह टाँगे चोर अम्मी क फेस दोनों हाथों में थमा और पोरे फेस पे चूम्मीओं की बुचर कर दी पागलो जैसे मुझे इटंस गर्म देख और गर्म होगयी और पैशनेट तरीके से मेरे होंठ अपने होंटो में लिए चूमने लग पारी प्रेमियों जैसे हम माँ बीटा दुनिआ से बे खबर होअय पागलो जैसे एक दूसरे को चूम रहे थे और ये बी नै सोच रहे थे क हम घर से कोसो दूर एक मॉल क तरय रूम में है तरह क रिस्क में बी अपना हे मज़ा है देर जब हम दोनों की सांसें फूलने लग पारी तो हम दोनों क होंठ ालेड़ा होअय और ेल दूसरी की आँखों में देख साँसे बहाल कर रहे थे अभी बी पूरी लाल होइ पारी थी और मेरे फेस पे हाथ फेरते बोली पुत्र तू सुछ में मेरी जान है क बाद कभी अपनी अम्मी से नाराज़ न होना नै पता पूरी रात रह रह कर तेरा ख्याल आ रहा था भाई को बी बाद में पास नै आने दिया क मेरा मूड नै था तेरी खातिर अम्मी की आँखों में सुचै और अपने लिए इतना प्यार देख अंदर हे अंदर बुहत खुश बी होआ और थोड़ी नादमत्त बी होइ क अम्मी से नाराज़ रहा बेफज़ूल अम्मी क होंटो को हलके से चूम बोलै अम्मी मुझे मुआफ कर दो मैं आपका दिल दुखाया बी अब थोड़ा मुस्कराते होअय बोली कमला जिया न होवय हूँ बताए इमोशनल न हो ते ज़रा चंगी तरह खिदमत कर अपनी जनम भूमि दी दी प्यासी ा तेरे ले आय अम्मी क मौन से इतना सुना था क एक डैम से सीधा हो अम्मी की भरी लाग्स दोबारा से झाकरे उन्हें अम्मी क फेस की और बेंड करे अपनी टांग पीछे को ले जाते होअय undefined उप वाले पोज़ में टोपी तक बाहिर निकला और एक कस क ढाका ऊपर से नीचे की और दे मारा जिस पर अम्मी फिर से चील उठी पर इस बरी मैं चीखों की परवस न किये undefined उप पे undefined उप मरता गया ढके ऊपर से नीचे लगता गया ढके साथ मेरा लूँ अम्मी की फुद्दी में एन्ड तक जाता और साथ हे मेरी फ्रंट झाँगो(थिएस) अम्मी की मोती थिएस से टकराती तो एक मज़ेदार थप्प्प्प की आवाज़ आती ढके सारः ठप्प्प ठप्प्प की आवाज़ गूंजना शुरू होगयी दर्द और मज़े साथ काढ़ा रही थी और मौन खोले चीखे मरी जा रही थी ज़ेहन में जूनही अम्मी की बात आयी क मुझे क्या पता था क एक दिन तू इसी फुद्दी में मसल घुसा देगा इतना जोश चारा क मैं दांत पीसते अपने किसी जानवर जैसे ढके लगाना शुरू होगया क मोठे हैवी जिस्म को दोहरा(फोल्ड) किये मई उनकी फुद्दी की अचे से धजिया ोराये जा रहा था लगातार स्लो करने का कह रही पुतरररररर होली हाय मेरव खासमा जोली मार मैं माँ व तेरी पुत्र होली जाये बाबा ग हाय रब्बा मई मर जाना देर बाद उन की चीखों में दर्द काम और मज़ा ज़्यादा फील होने लगा और अब होली होली कहने की बजाए तेज़ ते करने का कह रही थी इतने पुश-यूपीएस गयम में कभिन्नै मरे थे जितने तब अम्मी को बेंड किये उन् की फुद्दी में मरी जा रहा था और पसीना मेरे माथे से टपक रहा था और अम्मी क जिस्म पे गिर रहा था आह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह पुत्र ेंज इ तरह हईये और तेज़ फॉर दाल अपनी माँ दी फुद्दी बना क छोड़ अपनी माँ न मैं ता तेरी मुरदनी होगयी पुत्र मसूर तेज़ आह्ह्ह्हह तेरा मोटा लूँ सीधा मेरी कोख दे जा ठोकर मर डा ा तक्क उधर कोई नै पोहंच स्का मेरेया रब्बा मैं नै आज बचना की फुद्दी अब पानी चूर्ण शुरू होगयी थी जिस की वजह से ठप्प्प थप्प्प्प क साथ पाचक पचक्क्क की अव्वाज़ें बी आना शुरू होगयी जैसे पानी में कोई पत्र मार रहा हो या हाथ जैसे मरते पानी में तो वैसी आवाज़...मैं नंगे पाऊँ थस और पुश-उप वाले पोज़ में नीचे फर्श पे मेरे पेरो की उँगलियों की ग्रिफ्ट बी ढीली पर्ने लग पारी फिर बी मैं बरी मुश्किल से बैलेंस की ामंक की करारी गर्म फुद्दी मरी जा रहा था झुके अब जोश में वेह्शियना तरीके से अम्मी क दूध दबाने साथ साथ उन क होंठ काट रहा रहा जिस से अम्मी बी सिसक रही थी अम्मी की लम्बी सफ़ेद गर्दन पे काटने लग प्र फिर सब ग़ैर िरड़ी तोर पर होरहा था जोश में बी इसे एन्जॉय लार रही थी अम्मी क मोठे मम्मों क निप्पल्स मौन में लिए काटी करता रहा और दूध क सफ़ेद नरम हिस्से पे बी काटा शार्ट पोरे वाइल्ड तरीके से अम्मी की ख़िदमतत में लगा होआ था मीन्स फुद्दी मरी जा रहा था ठण्ड में बी मैं पसीने से नाहा चूका था पेरो की उँगलियों में बी पसीना आ चूका थस जिस की वजह से मुझे फर्श पे गृप बनाने में प्रॉब्लम होरही थी बी मैं अम्मी क जिस्म को फोल्ड किया फुद्दी मरने में लगा हो था की हेअल्थी कमर बी थोड़ा बेंड होचुकी थी और वो इस दर्द को बी सही जा रही थी २५ मं हो चुके थे मुझे इस पोज़ में अम्मी की फुद्दी मरते डिफिकल्ट पोज़ था फिर बी मैं जोश में आये लगा होआ था चेहरे पे पसीने की बूँदें टपकते देख अम्मी ने अपना एक हाथ मेरे चेहरे पे फेरा और इतने तेज़ धक्को में बी लरखरति आवाज़ में उन्हों ने एक हाथ से मेरी भला उतरे बोली मैं सड़के वरि जाओं अपने शेर पुत्र पे जो इतनी म्हणत और जोश में लगा है कुछ दहन न दिया
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:52 PM



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