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अम्मी का प्यार .......
#9
ऊपर से मुझे प्यार कर क प्यासा चोर देते पहली बरी मेरी फुद्दी से इतनी बार झरि है एपीआई क होंटो को चूमा और यूँही बातें करने लग परे मेरे ज़ेहन में सवाल आय क एपीआई ये नीचे अरूबा और मौलवी साब सब कब से चल रहा है एक लम्बी आह भरते होअय बोली तुझे क्या बताओं अली अब कुछ देखा और सहा है तेरी एपीआई ने इस घर में ...मैं बोलै एपीआई आप क साथ तो नै कभी न में सर हिलाया और बाकी कोशिश बरी की पर मैं घास नै डाली तभी मज़ाक़ में मैं बोल दिया क मुझे तो एपीआई आप ने साड़ी की साड़ी घास दाल दी तो एपीआई बी एक डैम से हंस पारी और मेरे चेहरे को सहलाते होअय बोली तू तो मेरी जान है अली और मुझे माथे में चूमा पे तेरा पूरा हक़्क़ है किसी को पता नै लगे हमारे प्यार का...मैं बी एपीआई की बातें सुन खुश होगया और बोलै एपीआई मैं किसी को बी नै बताऊंगा प्यार बोली मेरा प्यारा भाई...तभी मैं दोबारा से पोछा एपीआई बताये न कब से चल रहा वो सब बोली मेरी सास की मौत क बाद मौलवी साहब बारे अकेले पर थे शायद जब से मैं इस घर आयी हूँ बुहत कुछ देखा है तो तब***में थी जब से मौलवी साब उसे छोड़ रहे बेटो तक्क को खबर नै होने दी ीन्हो ने बरी तेज़ तरार थी उम्र में हे इस क पर निकल आये थे थे इस क लामय मिलते थे क स्कूल में इस लड़के क साथ बातें करती पकरि गयी है वग़ैरा वग़ैरा सब बी बारे तंग थे साब बी बारे तंग थे आखिर उन्हों ने अरूबा की मचलती जवानी को लगाम दाल हे दी और ऐसी डाली क अरूबा बी उन् की देवानी होगयी बोलै पर वो तो बृहत्त छोटी नै अभी हँसते होअय छोटी है तूबह में थी तब से इस क पीरियड्स आना शुरू होगये थे मैं खुद पद वग़ैरा लती उस क लिए और उसे सब सिखाती तक़रीबन ढेर साल से मौलवी साब अरूबा को छोड़ रहे है अरूबा का जिस्म बी वक़्त से पहले भर सा गया है बी छोटी नै है वो तुम ने खुदी तो नीचे देखा कैसे इतना ब्रा लूँ पोरे का पूरा अपनी फूडी में ले रही थी...मैं बोलै एपीआई पर अरूबा तो उन की सही बेटी है बोली आज कल ये सब चलता है अली तू फ़िक्र मत कर चोर इन लोगो को बारे बता कॉलेज कैसा जा रहा मैं बोलै एपीआई ये बी भला टाइम है ये सवाल पोछने का और उन् क ऊपर होगया और फिर से चूमने लग प्र उन्हें लूँ फिर से एपीआई की बातों और नंगे जिस्म की वजह दे झाग चूका था मुझे थोड़ा पीछे करते बोली अली अभी तो किया है कुछ नै सुनी और उन्हें नाहों में लिए चूमने लैह प्र पागलो जैसे बार दूसरी बरी थी तो जल्दी पानी निकलने क चान्सेस नै थे पोरे इत्मीनान से इस बार एपीआई को घोरी बना कर उन की मोती गांड थामे फुद्दी मरी कस कस कर एपीआई को अपने ऊपर चढ़ा कर बी छोड़ा पोसेस में एपीआई की फुद्दी मरी लूँ नै चूसा और न मैं कहा और गांड मरी बरी पूरा घंटा भर उन्हें जमकर छोड़ा और पानी फुद्दी में जे छोरा क ६ बजने वाले थे तीसरी मर्तबा उन्हें छोड़ लसर हटा की बी बास चुकी थी और मेरी बी इतने दिनों की गर्मी निकल गयी थी रात तक़रीबन ४ घंटे तक्क हर पोज़ में एपीआई की फुद्दी जैम क मरी और तीनो बरी पानी अंदर हे छोरा ६ बजे क क़रीब हम दोनों सोये नंगे हे एक दूसरे की बाहों में...मेरी ज़िन्दगी की एक और हसीं रात थी ये अंदर हे अंदर बुहत खुश था...सुबह ९ बजे जा कर आँख खुली वो बी तन जब एपीआई ने उठाया को जब देखा तो वो नाहा चुकी थी और खिली खिली सी लग रही थी उन् क चेहरे की स्माइल बता रही थी क वो कितनी खुश हैं और इस ख़ुशी खातिर मैं कुछ बी कर सकता था जैसे तैसे कर क वाशरूम भेजा मैं नाश्ता कर तैयार होआ स्कूल चली गयी होइ थी और मौलवी साब बाहिर दिल तो नै किया कॉलेज जाने को पर एपीआई ज़बरदस्ती भेज दिया क स्टडी लाज़मी होते हे उन का माँ वाला रूप सामने आज्ञा था उनकी चाल नोट की तो वो थोड़ा लरखराने क साथ टाँगे खोल कर बी चल रही थी देख मुस्कराया तो वो शर्म से पानी पानी होगयी और मुझे कॉलेज क लिए भगा दिया...मैं कॉलेज लेट पोहंचा... कॉलेज में बी सारा दिन एपीआई क ख्याल से लूँ मचलता रहा तो बास छुट्टी का इंतज़ार कर रहा था क कब हो और मैं एपीआई पास जाओं चुटी होइ और जब बाइक ले वापसी पे बाजार से गुज़रा तो वहां मुझे अम्मी हुंसयो की एक औरत साथ देखि से देख कर रहा नै गया और मैं उन क सामने जा कर बाइक रोक दी मुझे देख खुश होगयी और साथ वाली औरत को बोली मेरा पुत्र आज्ञा अब बाक़ी की चीज़े मैं इस क साथ ले लू गई तुम चली जाना और मेरे तरफ आयी और मेरी आँखों में देख मुस्करायी और बाइक की पिछली सीट पे एक साइड को बेथ गयी और मेरी कमर में हाथ दाल लिया क सख्त मोठे मम्मी मुझे मेरी बैक पे फील होअय अब बी थोड़ा ग़ुस्सा दिखा रहा था और अम्मी इसे बखूबी देख रही थी खुदी बोली अली वो कैंट वाले मॉल ले चलो कुछ चीज़े लेनी है को उस का दोस्त ले गया सुबह सुबह हे तो मुझे उस औरत साथ आना प्र थोड़ा मौन बनाते होअय बोलै अम्मी मुझे नै लेह सकती थी क बाजार जाना है ने बी मेरे ग़ुस्से में बी प्यार की झलक देख और मेरे सर पे हाथ फेरते होअय बोली इतनी फ़िक्र है माँ की तो कल चोर क क्यों चला गया हे तो कॉल्स नै उठा रहा था मैं कैसे बताती तुझे अब ले जा मुझे मॉल बाइक स्टार्ट की और चल प्र धीर धीरे बरी नै था क अम्मी मेरे साथ बाइक पे बैठी थी पर इस बार कुछ अलग था अम्मॉ मेरे साथ जुड़ क बैठी थी उन क मम्मी फुल प्रेस होरहे थे मैं उन्हें फील करते मॉल जा पोहंचा कोई १० १२ मंजली था और शहर का मशहूर मॉल था स्टैंड पार्किंग में लगा का मैं अम्मी क साथ अंदर को चल प्र बारे जोशीले अंदाज़ से मेरे लेफ्ट हाथ को थामे चसल रही थी तब एंट्री गेट पे अम्मी थोड़ा आगे चली तो उन की मोती गांड देख मेरा सारा ग़ुस्सा ग़ायब सा होगया ज़्यादा घर से बाहिर नै निकलती थी कभार हे आती थी न उन्हों ने फुल कला आबय पेरो तक पहना था और एक मोती चादर बी ओढ़ी होइ थी कवर करने क बावजूद अम्मी क मोठे चुतर एक दूसरे साथ रैगर कहते होअय हिल रहे थे चलते वक़्त को निकली इतनी हैवी गांड को मैं ने सिक्योरिटी गार्ड को बी घोरते देखा हम लोग लिफ्ट क गेट पास खरे होगये ने फिर से मेरा हाथ थाम लिया होआ तह और ब्रा खिल खिला रही थी ने खुद हे ११ का बटन दबाया और लिफ्ट चल पारी में हम दोनों क इलावा कोई नै था का मुस्कराता चेहर देख मैं बी मुस्करा दिया बोली शुक्र है सारा ग़ुस्सा उतरा तेरा मेरे चेहरे पे हाथ फेरते होअय बोली अब तो नै है न नाराज़ अपनी माँ से मैं न में सर हिलाया तभी थोड़ा सीरियस होते बोली पुत्र एक बात समझ ले बी मेरा उतना हे सघा बीटा है जितना तू का बी मेरे पे उतना हे हक़ है तुम दोनों को खुश देखना चाहती हूँ बास और मेरी गाल पे चूम लिया की बात सुन मुझे रीलीज़ होआ क अम्मी सही कह रही थी तो जुम्मा जुम्मा चार दिन होअय थे पर अहमद भाई तो पिछले ७ साल से अम्मी क साथ थे तो मैं कैसे उन क बारे ग़लत सोच सकता था बास इतना हे तब बोलै क अम्मी कल मेरा ब्रा मैं था और आप...इतना बोल मैं चुप होगया और नीचे देखने लग प्र थोड़ा मुस्करायी और बोली मैं थोड़ा कहीं भाग जा रही हूँ सब्र करना सीख थोड़ा पुत्र ११थ फ्लोर आया और गेट खुल गया न्य न्य बना था तो ऊपर की ३ मंज़लों पे अभी काम चल रहा था और ेल आधी शॉप हे थी बोलै अम्मी यहाँ तो ेल हे शॉप है बास नीचे चलते है बोली तुम चुप करो अभी शॉप्स अंडर कंस्ट्रक्शन थी पर उस फ्लोर पे कोई नै बाँदा नै दिख रहा था मैं एक वाहद शॉप का बोर्ड पढ़ा जिस की लाइट्स ों थी उन्देर्गर्मेन्ट्स लिखा होआ था अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी मुस्करा दी और मेरा हाथ पकड़े अंदर ले गयी बरी शानदार थी तरफ लाइट्स ों थी और सिर्फ उन्देर्गर्मेन्ट्स स्टफ हे रखा होआ था क अंदर कोई दिख बी नै था रहा हम दोनों माँ बेटे काउंटर पे खरे होगये तो एक डैम से एक साइड से एक मासूम से सेल्स गर्ल जिस की आगे २० क क़रीब होगी अपने सेल्स यूनिफार्म में उस ने हमें वेलकम किया उसे बोली बेटी कोई अचे से उन्देर्गर्मेन्ट्स दिखाओ मेरे लिए मेरी और देख क थोड़ा हैरान होइ क अम्मी मेरे सामने हे सब बोल रही पोरे कॉन्फिडेंस साथ बोली देखो बी इस से परेशां न हो ये तो मेरा सोना पुत्र है मेरी और देख थोड़ा हैरानी वाली मुस्कराहट दी और मैं बी थोड़ा शर्मिंदगी साथ दांत निकल दिए और अम्मी का पल्लू खींच बोलै अम्मी चुप करे वो लड़की क्या सोच रही होगी हमारे बारे किसी मगरूर हसीना जैसे बरी ऐडा से बोली सोचने दो जो सोचती है मैं अपने सोने पुत्र नल आयी आ किसे ग़ैर नाल थोड़ी...वो लड़की हमारी और हे देख रही थी उस ने अम्मी से साइज पोछा बोली पिछले मंथ तो ४४'' का ब्रा और ५०'' की पंतय थी अब शायद बार न गया हो ऐसा करो इस साइज क और इस से एक बारे साइज का अछि क्वालिटी वाले ब्रा और पैंतीस दिखाओ और हाँ एक फीता(मासुरिंग टेप) बी लाओ ज़रा हैरानी साथ पीछे मूर्ति और स्टफ निकलने लैह पारी अम्मी को बार बार कह रहा था क अम्मी वो क्या सोचे गई बोली मैं सब सोच समझ कर यहाँ आयी हूँ मेरे लादले वो लड़की कीच ब्रा और पैंतीस ले आयी अम्मी उन्हें खोल खोल देखने लग पारी और बोली अचे है पर तरय कर क सही से पता चले गए बोली वहां उधर तरय रूम है वहां जा कर ले सारा स्टफ उठाये उधर को चल दी और मैं वही खरा रहा नज़रे झुकाये तरय रूम क दूर पे खरे होकर बोली पुत्र वो फीता बी ज़रा ले आना मैं ज़रा एक्सएक्ट नाप लेना है और साथ हे मुस्कराते होअय लड़की की तरफ इशारे करते बोली इसे बी ज़रा खुश कर दे मैं हैरानी से देखा क क्या हाथ क इशारे से बोली पैसे जैन से १००० क नोट निकल उसे दिया और बोलै ये रख लो मैं आता हु फीता पाकर बैग वही काउंटर पे रख तरय रूम की जानिब भगा हे लड़की को बोलै क कोई आये तो बता देना वो बेचारी हैरानी से हाँ में सर हिला दिया रूम क अंदर घुसा तो देख क अम्मी एक साइड सरे उन्देर्गर्मेन्ट्स वाला स्टफ रख रही थी काफी खुला था फुल क्लोज्ड था ऊपर से बी हर तरफ शीशे लगे होअय थय और लाइट कुछ ज़्यादा हे ों थी साइड एक छोटा सा नरम सोफे रखा होआ थस सामान रखने क लिए ी गेस मेरी और मूर्ति और मुस्कराते होअय बोली मैं सोचा अपने पुत्र की साडी नाराज़गी यही दूर कर दूँ जा कर पता नै मौक़ा मिले या नै बी थोड़ा मुस्करा दिया से एपीआई का सोच जो लूँ मचल रहा था अब अम्मी का सोच और ज़्यादा उछलने लग प्र पंत क अंदर बोली ये शॉप बिलकुल नयी नयी है यहाँ िका दुक्का हे कोई आता गर्ल बी एक हे है तो कोई परेशानी नै होंगी फिर बी बोलै क अम्मी घर जा करते है न यहाँ इतनी दूर इस मॉल में पकड़े जाने का दर बोली इसी में तो मज़ा है पुत्र मेरी बरी फंतासी रही है क चेंजिंग रूम में कोई मुझे प्यार करे साथ एक दो बरी आयी पर वो बी डरपोक निकला तू न कुछ बोलना अम्मी खातिर इतना बी रिस्क नै ले सकता बी कोई नै आने वाला मुझे यक़ीन है तो अम्मी की बातों से हैरान होगया क ये मेरी वही अम्मी हैं जो इतनी मज़हबी और परहेज़गार खातून थी और अब देखो...अम्मी बिना कुछ मज़ीद बोले अपनी चादर साइड तंग कर अपना आबय उतरने लग पारी मैं बी उनकी हेलो की उतरने में क नीचे एक पीली कमीज और शलवार पहनी थी थोड़ी खुली थी पर फिर बी अम्मी क मोठे मम्मी साफ़ दिख रहे थे ने बालों का गुच्छा बनाया होआ था पीछे की और अम्मी ने कमीज बी बारे आराम से उतरी क पहात न जाये उतरी तो उन क मोठे तरबूज़ जैसे मम्मी पीले ब्रा में क़ैद नज़र आये उनका सुडोल पेट और गहरी नाभि नज़र आयी ने मुझे अपनी और देखते हंस क बोली तू बी उतर अपना यूनिफार्म पुत्र देख क्या रहा है बी अम्मी को देखते देखते अपना सब कुछ उतर एक डैम नन्हा होगया जल्दी से लूँ तो जैसे झकय खा रहा हो अम्मी का हुस्न देख ने शलवार बी उतर कर टांग दी और अब अम्मी येलो ब्रा और अपनत्य में पूरा माल लग रही थी क़िस्म का सेक्सी माल ने ब्रा की हुक खोल उसे बी उतर दिया और फिर दूसरी और मुर कर थोड़ा झुक कर अपनी मोती गांड पहिलाये पंतय धीरे से मुझे ललचाते होअय उतरने लग पारी तो देख पागल होगया अम्मी ने पंतय पूरी उतर अपने पेरो से निकल साइड की तो उन् क मोठे हैवी चुतर देख मेरा लूँ उतावला होगया घुसने खातिर थोड़ा गांड क हिप्पस को मुझे दिखते हिलाया और मेरे खरे लूँ पे बिजलियाँ गिरने लग पारी ये जान लेवा मंज़र देख आगे बढ़ने लगा तो अम्मी सीधा खरे होगयी और उनकी फुद्दी बी बिलकुल साफ़ थी जैसे आज हे क्लीनिंग की हो मम्मी अम्मी की छाती पे ऐसे लग रहे थे जैसे दो बारे बारे फूटबॉल्स हों मुझे देखते होअय यूँ बोली पुत्र वो फीता तो उठा ज़रा नाप तो ले अपनी माँ का जल्दी से फीता उठाया और अम्मी क क़रीब होगया क जिस्म की खुसबू मेरे नाथनु में दाखिल होइ तो मैं मदहोश होगया दोनों हाथ थोड़ा ऊपर किये बोली ले अब नाप और हाँ निप्पल्स फीते में आये फीता अम्मी की कमर से पीछे से दाल आगे को निकल और मोठे मम्मो क ऊपर से फीता घुमाये जब एक सिरे को दूसरे सिरे साथ ज़ुरा तो अम्मी थोड़ा छाती पहिला क बोली पुत्र कितना है नाप जब फीते पे नंबरिंग देखि तो वो ४६ इनचेस से कुछ ज़्यादा थी को बताया तो बोली मुझे लग रहा था क बारे होगये हैं मैं कमर का नाप लिया ३५ इनचेस क क़रीब उनका पेट था जब फीता लाया तो मुझे पूरी बाहें पहिलानी पारी अम्मी क बाहिर को निकले मोठे चुतरों तक्क पोहॉंछने क लिए मैसूर किया तो अम्मी की गांड ५२ क क़रीब थी को बताया तो बास बोली जानती थी मैं मुस्कराने लग पारी फीता साइड पे रखा तो अम्मी उससे पाकर नीचे मेरे सामने बेथ गयी सुर मेरी आँखों में देखते बोली अब ज़रा अपनी माँ को बी नाप लेने दे समझा नै तो उन्हें ने अपने नरम हाथों में मेरा खरा लूँ ले लिया और बिना कोई देर किये मौन खोला और गल्प कर क मौन में ले लिया लूँ तो मज़े से एक आह निकली और मैं मौन ऊपर को कर लिया क्लोज्ड मज़े से एक पल क लिए क होंठों क कमल से मेरा लूँ पहले से ज़्यादा फूलने लग प्र बसरी तेज़ी साथ लूँ क जार से पकड़े दोनों हाथों से मौन में लिए चूस रही थी क मौन की गर्मी से मेरा लूँ अंदर हे अंदर जैसे पिघल रहा हो २/३ लूँ हे बरी मुश्किल से ले पति मौन क अंदर और फिर बाहिर निकल लेती लूँ मौन क अंदर घुसता अम्मी क गाल फूल जाते और आँखे थोड़ी बरी होजाती जैसे सांस रुक सी जाती फिर से जब वो लूँ बाहिर निकलती मौन से तो थूक से लबा लैब भरा हॉट लूँ और चमक रहा होता तो मनो दूसरी हे दुनिआ में पोहंच चुकी था फील होरहा था जैसे यही जन्नत हो आँखे मज़े से बंद किये छत्त की और मौन खोले सिसकियाँ भर रहा था और एक हाथ नीचे ले जा कर अम्मी क बालों को सहलाने लग पर जो क अभी बी बंधे होअय थे सुच में मुझे मज़े की दुनिआ की सेर क्र रही थी अपने मौन क ज़रिये ५ मं बरी मुश्किल से जॉय होंगे क अम्मी ने एक डैम से लूँ मौन से निकल दिया ऊपर लगे थूक को अपने दोनों हाथों से लूँ पे मलने लग पारी जैसे मालिश कस्र रही हों लूँ पहले से बी ज़्यादा करक नज़र आ रहा तह मैं नीचे जब देखा तो अम्मी पेरू बल बैठी थी और उन क मोठे नंगे मम्मी कह ध रहे थे अम्मी ने अपना मौ साफ़ किया और साइड में नीचे राल्हे फीते को लिया और मेरे लूँ की मेज़रमेंट करने लगी ने लूँ क जार पे एक सिरा रखा फीते का और दूसरे सिरे को टोपी की साइड ले आने लगी हे मुस्कराते होअय आँखों में चमक लिए ऊपर मेरी और देखती होइ बोली बाप रे पुत्र ये तो ९ इनचेस से थोड़ा सा हे काम है सारा खाना यही पे लगता है सुर हांसे लग पारी जब नपी तो ४ इंहेस क क़रीब थी तो अम्मी क एक हाथ में बी पोर नै तह आता नाप लेकर फिर साइड फेंका और मेरी और मस्ती भरी आँखों से देख बोली अपनी अम्मी की फुद्दी कहते गए ख़ुशी से हाँ में सर हिलाया तो अम्मी बी उठी नीचे से और साइड परे सोफे पे बेथ अपनी मोती हेअल्थी तान्हो को खोल दिया ऊपर को कर क और बोलो तू आजा पुत्र देर किस बात की खा जा अपनी जनम भूमि को अम्मी क मौन से जनम भूमि का वर्ड सुन एक तक फुद्दी को देखने लग गया साफ़ सफफ थी कोई दाग या बाल का निशान नै थी फूलो होइ उभरी होइ सी थी थोड़े से बाहिर को निकले होअय थे का कलर बी डार्क नै था की लम्बाई यानि फुद्दी की लाइन बी ज़्यादा लम्बी नै थी और फुद्दी क लिप्स को फिंगर्स साथ थोड़ा पहिलाया तो अंदर का नरम पिंकिश सा हिस्सा नज़र आया जो क थोड़ा गीले होने की वजह से चमक रहा था बी जैसे बता चूका क अम्मी की फुद्दी ला साइज नार्मल से काम तह थोड़ा और होल बी खुला होआ नै था काफी हद्द तक टाइट था और पहली बरी देखने में बी दीखता नै था
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:52 PM



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