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Adultery क्या मेरी मम्मी एक रंडी है? - एक कहानी
#5
३. 

मेरी आँखें खुली, और मैं जगाने लगा, और मैंने अपना आँख चारो तरफ दौड़ाया, मैं खुद भूल गया था की, मैं हूँ कहाँ और मुझे याद आया दिन का सारा घटना, लेकिन मुझे अम्मी कहीं नहीं दिखी, जहा अम्मी रो रहीं थी उस जगह पे कोई नहीं था, मैं वहां से ामणि अम्मी को ढूंढने को निकला, पूरा घर में सन्नाटा था, और मुझे अम्मी कहीं नहीं थी, और न ही अम्मी के परिवार वाले लोग, मैं ऐसे ही सरे कमरे छान लिए, और मेरे अंदर फिर डर बैठ गया की मेरी अम्मी कुछ गलत न कर ले, और मैं ढूंढते हुए घर से निकल जाता हूँ, सामने घर के एक औरत घर के बहार पानी पता रही थी, और मैं जाली से उसके पास जाता हूँ,

'आंटी अपने मेरी अम्मी को देखा है, क्या उनका नाम आयशा है, यहीं सामने रहती हैं,' वो मेरी तरफ घूमती है, और उसे देख मेरा सर चकरा जाता है, ये वही खातून थी जिसे मैंने गलती से अम्मी समझ के पीछा किया था, जिसे मैंने कार में किसी का लुंड चूसते हुए देखा था, 

'बाबू आप कौन हो और आयेशा को कैसे जानते हो '

'आंटी मैं उनका बेटा हूँ ' वो मुझे घूर के देखने लगाती है, 

'तुम रेहान हो क्या। है कितना बड़ा हो गए हो,मुझे भूल गए न , मैंने तुम्हे गोस में खिलाया है ' और मेरा सर सहलाने लगाती है, मैं उन्हें हुए के देखता हूँ, लेकिन मुझे उनके बारे में कुछ याद नहीं था और मैं बात बदल देता हूँ,

'आंटी आप मेरी अम्मी के बारे में कुछ जानती हो तो बता दो, मैं काफी जल्दी में हूँ ' वो मुझे चिंतित देख खुद चिंतित हो जाती है,

'बेटा मैं तो सिर्फ इतना जानती हूँ की पूरा परिवार आज कार से निकले थे, बहार से भी कुछ कार आये थे, लेकिन मेरी किसी से बात नहीं हुई '

'अच्छा आंटी ' और मैं वहां से निकल गया, और मुझे ऐसा लग रहा था की बात के सिलसिले में वो वापस मेरे अब्बू से सायद मिलाने गए हैं, और मैं यही सोंचते सोचते मैं घर के फ़ोन से अपने धार का फ़ोन मिलाने लगता हूँ, उधर पठान बाबा फ़ोन उठाते हैं, और फ़ोन के स्पीकर से बहुत तेज झगड़ा का आवाज़ आ रहा था, और मेरी आंखें नाम होने लगी, मेरी जलती हुई संसार को देख कर,

'बाबा अम्मी हैं वहां , आप उन्हें फ़ोन दीजिये '

'नहीं बाबा , आपकी अम्मी तो नहीं आयी है, बस आपके ननिहाल वाले आये हैं,'

'क्या सिर्फ परिवार वाले, तो अम्मी कहाँ है,'

'मुझे नहीं पता बाबा, मैं बाद में बात करूँगा अभी बहुत तना तानी चल रही है ' और पठान काका फ़ोन काट देता है, और मैं दुविधा में पद जाता हूँ, आखिर मेरी अम्मी गयी कहाँ, और वही हॉल में बैठ जाता हूँ, कुछ देर बाद चिंता में बहार अपने अम्मी को खोजने निकल जाता हूँ, लेकिन मैं लोगो को बताना नहीं चाहता था की मेरे घर के हालत कैसे हैं, और इसी वजह से मैं अम्मी के पड़ओसिओ से पूछ टाच नहीं किया, और बाजार घूमने लगा, कुछ ही देर में डर उदासी मेरे ऊपर हावी हो गयी और मैं बाज़ार में एक कुड़सी पे बैठ गया, और मेरी आंखें नाम होने लगी, पिछले  २४ घंटे में मेरा पूरा संसार रख बनाने के कगार पे था, मेरा गम बहुत बढ़ गया था, और मुझे अब ये डर लग रहा थी की कहीं मैं न कुछ कर लूँ, और मैं उस बाजार से अपने अम्मी के घर चला जाता हूँ, और अपने सर झुका के बैठ जाता हूँ, तभी बिजली की तेज करकराहट होती है, और देखते ही देखते बारिश विकराल रूप ले लेती है, और मेरे दिल के साथ आसमान भी रोने लगता है, 

-

उसी जगह पे बैठे बैठे रात के दस बज गए थे, बारिश की वजह से बिजली चली गयी थी और पूरी तरह से अँधेरा तह, और बारिश और तेज़ हो गयी थी और पुरे घर में सन्नाटा फैला हुआ था, और मैं किसी भुत की तरह घर में बैठा हुआ था, और मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी, और मैं बहार जाने लगा और वह पे कोई बाउंडरी के गेट को खोलने की कोसिस कर रहा था, बारिश अभी भी काफी तेज़ हो रही थी, और जैसे ही मैं बारिश में आगे बढ़ा गेट खोलने के लिए मुझे एक आवाज़ आय और मैं इस आवाज़ को पहचानता था, और मैं चौंक गया,

'साला कसिए मर्द है, गेट भी नहीं खुल रहा ' और उसका जवाब आता है, 

'साली तू कितनी बड़ी रंडी है, जो घर के दरवाजे पे भी लुंड नहीं छोड़ रही है ' मैं वही पे किसी लकड़ी की तरह खड़ा हो गया, मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे ऊपर बिजली गिर गयी हो, और उसी वक़्त खर खर करते हुए गेट खुल जाता है, और बारिश के पानी में गिरने की आवाज़ आती है,  रात के अंधेरे मे कुछ दिख तो नहीं रहा था लेकिन मुझे एक चीज़ का साया आ गया था, अम्मी किसी के कंधे पे थी,

[Image: ezgif-4-cc99b30e18fc.gif]

'हय मुझे चोट लगा दिया ' धम से गिरने की आवाज़ आई, और मेरी अम्मी चिक्खी, मैं वही खड़ा अंधेरे मे देखने की कोसिस कर रहा था की वह हो क्या रहा है,

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'कहा लगा है मेरी रंडी '

'यहाँ'

'यहाँ कहाँ मेरी रांड '

'यहाँ मेरे गांड पे '

'हाहाहाहाहा साली गज़ब है तू, साली तुझे पूरा यकीं है न की तेरे घर पे कोई नहीं, कोई लफड़ा न हो जाये ममममममममम  ' और बारिश के आवाज़ में भी मैं चूमने कहते की आवाज़ सुन पा रहा था, और मेरा हालत बिलकुल ख़राब हो गया, मेरे अंदर का जानवर मुझे बोल रहा था की मैं इस  आदमी को मर डालूं, लेकिन मैं चुप चाप वही खड़ा रहा, और मेरे सामने मेरी अम्मी बारिश में किसी गैर मर्द के साथ चुम्मा चाटी कर रही थी, पनि की आवाज़ चालक रही थी, और वो दोनों ज़मीन पे पनि मे एक दूसरे से जैसे कुसती कर रहे हो, 

'खा जा मेरे मम्मे को, आह है अल्लाह और जोड़ से'

[Image: ezgif-4-ab7a95b463c2.gif]

'आह क्या मुँह है तेरा, एकदम किसी जलेबी जैसा मीठा ' और वह पानी के उछलने की आवाज़े आने लगी और मेरे आंखें नम होने लगी, और मैं भी बारिश में आ गया लेकिन बारिश ने मेरे एक कदम के आवाज़ को दबा दिया, मेरे सामने अँधेरे में मेरी अम्मी किसी गैर मर्द के बाँहों में थी, लगभग २० मीटर का फैसला पे मेरी अम्मी अपना मुँह काला करवा रही थी, और थाआआअआप थाआआअआप थाआआअआप छाआआआप छाआआआप का आवाज़ वह बारिश में भी मेरे कानों में आने लगी, 

[Image: ezgif-4-c49e4c15a739.gif]

'और जोड़ से आआआआह, साला उसे क्या लगा की अगर वो कर सकता है तो मैं नहीं कर सकती ' थाआआअआप थाआआअआप 

'तू फिर अपने सौहार को सोचने लगी, अरे मेरी जानू मेरा लुंड खा और भूल जा उस गांडू को' और मेरे आखों में आशु आने लगे, और मुझे मेरे सामने मेरी अम्मी को रोने की आवाज़ आटी है, 

'कैसे भूल जाऊ मादरचोद, कितना प्यार किया मैंने उन्हें कितना उनके लिए उनके वालिदा को झेला ' थाआआअआप थाआआअआप 

'पिछले १९ सालो से उनकी इबादत की, और उन्होंने मुझे किसी माखी की तरह मसल दिया मेरा दिल को चूर कर दिया ' मेरी अम्मी की रोने की आवाज़ मेरे कानों तक आ रही थी, और मैं एक चीज़ समझ गया की ये कदम अम्मी ने गुस्से में लिया है, और मैने अपने आप को मजबूत किया, और अपने अंशु पोछे,

'अरे तू तो सेंटी कर दी, साली मेरा लण्ड झुका दी, साली मैं जा रहा हूँ, '

'शाले मादरचोद अगर तू मुझे मेरे सौहार की तरह छोड़ के गया तो जान ले लुंगी, छोड़ तू मुझे'

'पागल है तू , वैसे भी साली तू खुद छलके आई है हमारे पास, साली रांड' मैंने जब ये सुना की वो हमारे बोला मैं और गुस्सा हो गया, मेरी अम्मी के कमजोरी का फायदा उठाया जा रहा था और मेरा दिमाग खराब हो रहा था,

'खाजा मेरे छूट को पूरा, मदरचोद अपना लौरा दे, मदरचोद मेरा सौहर मेरे सामने महजब का ढोग करता है, और अपने ही चाचा की बेटी को पेट से कर देता है, साले तू ला अपना लौरा'

'हाई मेरी रांड, क्या गजब चीज़ है तू '

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'पागल मुझे बना दिया है किसी ने, तू अपना लण्ड मेरे कोख़ में दुबारा डाल' मैंने अपने आप को संभल लिया था, और मैं दरवाजे के लटके एक दंडा उठा लिया था, और मैं वापस वही जाने लगा जहा मेरे अम्मी का बलात्कार हो रहा था, और उसी वक़्त बिजली कड़की और अम्मी का पूरा सरीर वो आदमी और वो दृस्य मेरे सामने था, और उस आदमी का नजर भी मेरे ऊपर पड़ा,

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'अरे बाप रे भूत' और मुझे उस आदमी के वह से भागने की आवाज़ आयी, मेरी अम्मी वही पानी में पड़ी हुई थी, और मैं चारि लेके अम्मी के पास आया, अँधेरे की वजह से कुछ दिख नहीं पा रहा था, लेकिन मैं जब आगे दरवाजा बंद करने गया तो मेरी अम्मी का बुरका वही फसा हुआ था, 

'साला कोई बहुत नहीं हा ' मैं वही दरवाजे से अपने अम्मी को देखने लगा, कुछ दिख नहीं रहा था, लेकिन मुझे एक बात पता चल गयी की उन्होंने बहुत पि रखी थी, और वो बहुत मुश्किल से अपना सर जमीं से थोड़ा ऊपर की हुई थी, और जब मैं करीब गया तो मुझे अहसास हुआ वो पूरी तरह से नग्न अवस्था में थी, मैंने अपना सर दूसरी तरफ कर उन्हें उठा लिया, और उन्होंने अपने हाँथ मेरे गले में दाल दिया, 

'क्या कर रहा है, थक गया क्या, ला अभी लंड  खड़ा कर देती हूँ,' ये सनते ही मेरे अंदर हवस आ गया जिसे मैंने बहुत मुश्किल से दबा अपने अम्मी को उनके कमरे में पहुंचा दिया, वो नशे में बिस्तर पे आते ही सो जाती हैं, और मैं अल्लाह का नाम लेते हुए वहां से भाग के अपने मामाँ के कमरे में चला जाता हूँ, 

मुझे रात भर नीं नहीं आती हैं, और मैं सबेरे अपने ननिहाल से निकल जाता हूँ, और सीधे अपने सहर का बस पकड़ लेता हूँ, क्युकी मुझमे हिम्मत नहीं थी होने अम्मी का चेहरा देखने की,

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मैं अपने करीबी मित्र आकाश के घर चला जाता हूँ, आकाश मेरा अच्छा दोस्त तो था ही, वो मेरे जैसे ही अपने काम में काम रखने वाला था, लेकिन वो मुझसे पढ़ने में काफी ज्यादा तेज था, और हमारी दोस्ती कॉलेज में हुई थी, लेकिन आकाश में लोगो को पढ़ लेने की खास ताकत थी, और जब मैं उसके घर गया तो वो मुझे देख समझ गया की कोई दिक्कत है, और मुझसे बात निकलवाने के लिए तरह तरह के उपाए लगाने लगा, लेकिन मैं अपने अम्मी और अब्बू की बातें उसे नहीं बताना चाहता था, और किसी दोस्त का गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड का परेशानी बना के बताने लगा, 

'साले ये दोनों चूतिए हैं, दूर रहा करो इनसे ' आकाश ये बोल अपने काम में लग गया, और मैं भी उसी के कमरे में लेट के सोचने लगा ,

'मेरे अम्मी अब्बू चूतिए हैं'

'अब्बू के चाचा की बेटी, उज़्मा, ' और अब मुझे एक बात समझ में आ गया की अम्मी क्यों बोली थी, निकाह होकर रहेगा।
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RE: क्या मेरी मम्मी एक रंडी है? - एक कहानी - by Mastramkabeta - 28-06-2020, 06:03 AM



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