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अम्मी का प्यार .......
#6
पल बाद मैं अम्मी की शार्ट कमीज जो लहंगे ऊपर पहने थी वो खोल दी और बारे प्यार से बदन से ालेड़ा कर क साइड पे फ़ेंक दी अम्मी एक लाल ब्रा में थी और नीचे गागरा था गागर को पकड़ा और उसे बी बारे आराम से उतर दिया अब सिर्फ लाल ब्रा और पंतय में थी उन दोनों से बी अम्मी को बेन्याज़ कर दिया अम्मी फुल नंगी बीएड पे बैठी थी काली ज़ुल्फ़ें एक साइड पे की होइ थी में काजल और होंटो पे लिपस्टिक अम्मी क सफ़ेद गौरव बदन को सूट लार रही थी अम्मी बीएड से नीचे टाँगे कर बेथ गयी मैं उन् क सामने खरा होगया अम्मी ने मेरी शेरवानी को खोला और मौन उतरने में हेल्प की फिर नीचे बैठे अम्मी ने छुरी दर पाजामे को बी उतर कर मेरी टांगो से निकल दिया मैं पूरा नंगा अम्मी क सामने था क सामने मेरा लूंण सेमि हार्ड पोजीशन में नीचे को झूल रहा था ने उसे अपने नरम हाथों में लिया तो उस में जान आने लगी का हुस्न देख कर मैं तो टोटल फ़िदा होगया तब अम्मी को कन्धों से पाकर का उन्हें आराम से सीधा लिटाया बीएड पे तो अम्मी एक डैम से उठ गयी और मुझे कहने लगी पुत्र एक सेक् ज़रा और साइड टेबल पे रखे दूध क गिलास को मुझे थमा दिया तो अम्मी की इस ऐडा पे पागल सा हे होगया बोली ये पी लो पुत्र स्पेशल तेरे लिए बनाया था में काफी मेवे नज़र आ रहे थे अम्मी क होंठों पास गिलास लाया और अम्मी को बोलै एक घूँट ले और फिर मैं बी एक घूँट लिया और साइड पे रख दिया गिलास तब सुच में शर्मा रही थी क किसी फर्माबरदार बीवी जैसे उन्हों ने मुझे दूध का गिलास दिया था पीने खातिर अम्मी को सीधे लिटा कर उन् क ऊपर आज्ञा और उन्हें बेतहाशा चूमने लग प्र क मोठे मोठे गोल मम्मारी दोनों हाथ में झाकराय दबायी जा रहा था अम्मी ने एक दम्म से मुझे रोका और एक डैम से मुझे बाहों में ले कर पलट गयी मैं नीचे था और अम्मी ऊपर मुझे पोरे फेस पे चूमि जा रही थी बी अम्मी की इस डोमिनेंट बिहेवियर से मज़े लेने लगा मेरे माथे से शुरू होइ एक मेरे बदन का सामने से कोई हिस्सा नै छोरा जहाँ अम्मी क होंठ न लगे हो पागलो जैसे मुझे चूमि जा रही थी छाती पे आकर मेरे छूटे छूटे निप्पल्स तक को नै छोरा उन्हें बी चूमा पेट से नीचे आयी.. तो मेरे लूँ को दोनों हाथों में थम लिए और मेरी तरफ ऊपर आँखों में देखते होअय एक डैम से मौन खोला और लूँ मौन में ले लिया मौन से सिसकी निकली और मैं तो अम्मी क मौन का एहसास अपने लूँ पे फील कर किसी और हे दुनिआ में चला गया हाथ खुदी अम्मी क बालों तक पोहंच गए और उन क सर को लूँ पे और नीचे को दबाने लग प्र सब ग़ैर िरड़ी तोर पर होआ अब हाफ लूँ पूरा मौन खोली अंदर ले रही थी और बारे पैशनेट तरीके से चूस रही थी तो सिटी पित्ती घूम होगयी अम्मी का ये वाला डोमिनेंट रूप देख क दोनों हाथ से लूँ क जार को पाकर ऊपर से मौन में लिए चूसी जा रही थी लूँ उन क मौन से बाहिर निकलता अम्मी अपने मौन में अकथा होआ थूक लूँ पे थूकती और फिर दोनों हाथों से रैगर रैगर का मालिश करती से मौन में लेती ४ ५ छुपे लगती हुए फिर से थूक लगा कर मालिश अमल कोई ५ मं दोहराया अम्मी ने का नतीजे में मेरा लूंण फुल मानो जोश में आज्ञा से पहले कभी इतना ब्रा नै फील होआ लूँ मुझे अम्मी क चूसने का कमल था अम्मी ने लूँ मौन से निकला तो लूँ फुल चमक रहा था थूक से सीधा लेते अम्मी की हरकतों को देख रहा था अम्मी ने अपना मौन साफ़ किया और बाल साइड कर क किसी मग़रूर हसीना की तरह बोली पुत्र आज तुझे तेरी माँ खुद चोदे गई और मेरी लेग्स क राइट लेफ्ट होकर लूँ क ऊपर बिलकुल अपने हिप्पस ले आयी का चेहरा मेरी और था ने एक हाथ नीचे ले जाते होअय लूँ को फुद्दी क होल पे रखा और जूनही मेरी तरफ देखा तो मैं बेचैनी से आने वाले पल का इंतज़ार कर रहा था और अम्मी ये देख कर मुस्करायी और एक दम्म से नीचे को होगयी जिस की वजह से हाफ से ज़्यादा लूँ फुद्दी में घुस चूका था मौन से बास इतना हे निकला क हाय अम्म्मीईई जाननं थोड़ा सर ऊपर उठाये देख रहा था क कैसे मेरा लूँ फुद्दी में जा रहा था अम्मी ने बाक़ी का वज़न बी दाल दिया लूँ पे और लूँ पूरा फुद्दी में ग़ायब होगया और अम्मी दोनों क मौन से एक साथ सिसकी निकली ने आगे होकर मेरे सीने पे हाथ रख लिए दोनों और सहारा बनाये लूँ पे ऊपर नीचे होना शुरू होगयी लूँ इतनी रैगर से अंदर जाता और फिर बाहिर मैं तो उसे अंदर बाहिर जाते देख कर हे पागल सा होगया क मोठे दूध ऊपर नीचे झूल रहे थे मैं हाथ आगे बढ़ा कर उन्हें हाथों की ग्रिफ्ट में झाकर लिया और दबाना शुरू होगया सिसकियाँ बरती बरी मेह्नत्त से ऊपर नीचे हो रही थी पल लूँ बाहिर होता तो दूसरे पल अंदर ठप्प आवाज़ फिर से गुजने लग पारी बारिश में ओले बरसने की आवाज़ आ रही थी और अंदर अम्मी क मोठे हिप्पस जब मेरी थिएस से टकराते तब आवाज़ आती ने सुछ में मेरा मैं मोह लिया था जिस म्हणत और ईमानदारी से वो अपने हैवी जिस्म क बावजूद लूँ पे उछाल रही थी वो क़ाबल इ दीड अमल था की आँखें कभी बंद होती कभी खुलती मज़े से और बाल लहराते कानों की बालियान बी साथ उछलत चोरियों की बी आवाज़ आती जैदी एज्ड और भरी बदन की खातून क लिए ये पोज़ सुच में बारे मुश्किल था ५ मं गुज़रे होंगे क अम्मी की स्पीड थोड़ी स्लो बी होगयी और उन क माथे पे इतनी ठण्ड में बी पसीने क आसार नज़र आने लगे ने थोड़ा आगे होकर अम्मी को रुकने का इशारा किया और उन्हें अपने साथ इसी पोज़ में गले लगा लिया अम्मी मेरे कंधे पे सर रखे लम्बी लम्बी साँसे लेनी लग पारी ने उन्हें जोरर से बाहों में कस लिए और इस अमल से अम्मी क मोठे दूध मेरी छाती साथ प्रेस होगये पल बाद जब अम्मी की सांसें थोड़ा संभली तो मैं अम्मी का फेस अपना हाथों में लिया और प्यार से पसीना साफ़ करते होअय बोलै अम्मी इतनी म्हणत की क्या ज़रूरत थी थोड़ा शर्मीली मुस्कान साथ बोली मेरे मैं में था क दूसरी सुहागरात है मेरी और वो बी मेरे लादले साथ तो इसे यादगार बनाना छह रही थी तब अम्मी पे ब्रा प्यार आया और मैं अम्मी क होंठों को चूम लिया हे आँखों में आँखें डाले बोलै अम्मी अपने लादले पुत्र साथ अपनी सुहागरात को स्पेशल बनाना हे है तो वो क़ीमती तोफा अपने पुत्र को दे जिस से आज तक किसी को नै नवाज़ा एक डैम से हैरानी से मुझे देखने लग पारी जैसे पॉच रही हो क कोनसा तोफा अम्मी को चूम कर बोलै अम्मी आज से तक़रीबन ३० साल पहले इसी रूम में इसी बिस्टेर में आप ने अब्बू से अपनी फुद्दी की सील खुलवाई थी और साई मैनो में उस रात को सुहागरात बनाया था हे आज अपने इस लादले को अपनी इस मोती हैवी बाहिर को निकली वर्जिन गांड का तोफा दे दें और इस यादगार रात को बी साई मैनो में सुहागरात बना दे जिस में दूल्हा दुल्हन से वो शे लेता है जो उस ने कभी किसी को नै दे होती साथ हे मैं अम्मी क हिप्पस को दबाया एक पल क लिए हैरान होगयी और साथ गांड छुड़वाने क ख्याल से शायद वो थोड़ा शर्मा बी गयी बोली पुत्र मैं तुझ से बुहत प्यार करती हूँ और मेरा बी दिल करता हैं क अपनी इस गांड को तुझे सौंप दू पर दर लगता है ने अपने मसल का साइज देखा है कैसे जायेगा ये मेरे वहां तो गांड पहात जनि...मैं अम्मी की बात सुन कर थोड़ा मुस्कराया और अम्मी क चेहरे को सहलाते होअय बोलै अम्मी आप फ़िक्र क्यों करती है आप का ये लाडला आप को ज़्यादा दर्द नै होने दे गए ी प्रॉमिस मेरी बात सुन कर थोड़ा रिलैक्स होइ तो मैं बोलै अम्मी आप नै जानती आप की इस मोती गांड को देख कर मेरा लूँ कैसे मचलता है और आज इसी मोती गांड को मैं बारे प्यार से छोड़ू गए अम्मी को अपने लूँ क ऊपर से उठने का ईशर किया अपने हैवी बदन को उठाया जुन्जी लूँ पाचक की आवाज़ साथ बाहिर निकल आया साइड को होगयी साइड को होआ और अपनी उतरी होइ शेरवानी की जेब में से देसी आयल की छोटी बोतल निकली उसे देख कर समझ गयी और साथ हे बोल पारी पुत्र तू ब्रा कमीना है पहले से तैयारी कर क आया था बी जवाब में मुस्करा दिया...अम्मी को बोलै आप बीएड पे घोरी वाले पोसर में होजाये किसी ओबेडिएंट दुल्हन की तरह फ़ौरन वैसे होगयी उठा और अम्मी क पीछे आज्ञा और बीएड पे चार गया अम्मी क फैले होअय विशाल चुतरों को देखा तो मेरे तो मौन में पानी आज्ञा में अम्मी क चुतर बुहत बारे और बाहिर को निकले होअय थे आगे बारे और अम्मी क दोनों पेरो में जब मेरी नज़र पारी तो अम्मी ने पायल पहनी होइ थी चंडी की दो दोनों पेरू में उन्हें चूमा और ऊपर को होआ की लेग्स बिलकुल चिकनी थी कोई बालों का नाम ो निशान नै मोती थिएस क ऊपर बारे हिप्पस बाहिर को निकले होअय तो अम्मी क हिलने से उन् में लरज़(विब्रेशन्स) पैदा होती बात से अंदाज़ा लगा क अम्मी की गांड इतनी बाटी थी क मैं दोनों बाज़ुओ में मीन्स कलावे में पूरा नै आती थी पीछे से...मैं अम्मी क हिप्पस को थोड़ा पहिलाये और जूनही मुझे अंदर गहरायी में गांड का ब्राउन सा टाइट होल दिखा मेरे लूँ ने वक झटका मारा अम्मी को बोलै अपने फेस नीचे एक तकिया ले लें और हाथ दोनों पीछे कर क अपने हिप्स और ज़्यादा पहिलाये ने शामे वैसे हे किया जूनही गांड का सूराख थोड़ा वैया होआ मैं ने अपना मौन हिप्स में घुसा दिया और ज़ुबान निकल कर चाटने लग प्र ने एक सिसकी बरी और बोली है अली ये क्या कर रहा उधर मौन मत लगा वो गन्दी जगह है बिना जवाब दिए अम्मी की गांड को चाटने लग प्र कभी नीचे फुद्दी में एक फिंगर घुसा देता जिस से अम्मी जोश में आजाती मने इतने विशाल चोतर थे क एक पल लिए तो मेरा मौन घुसाए सांस लेना बी दुश्वार होगया से गीला कर क गांड क सूराख को मैं पीछे हटा और आयल वाली बोतल खोल कर उस में से थॉर आयल फिंगर पे लगा क गांड क सूराख पे लगाने लगा आयल लगा कर मैं ने अपनी मिडिल फिंगर को बारे आराम से अम्मी क गांड क होल में आहिस्ता आहिस्ता घुसना शुरू कर दिया मेरी थोड़ी सी ऊँगली घुसी गांड में अम्मी क मौन से एक हलकी से चीख बरमादड होइ में अब एहसास हो रहा था क अम्मी का ये वाला होल कितना टाइट जिस में ऊँगली आसानी से नै जा रही तो मेरा मसल कैसे जायेगा देर एक फिंगर को इन आउट करते होअय मैं ने एक साथ २ फिंगर्स पे आयल लगा क गांड में घुसाने लग प्र पर अम्मी थोड़ा चिलायी ज़रूर पर दर्द बर्दाश्त कर गयी ५ मं मज़ीद मैं अम्मी की गांड क सूराख को खुला किया जब मुझे लगा क अब नै रहा जायेगा मेरे से बी तो मैं फिंगर्स निकली सीधा होआ ढेर सारा आयल अपने लूँ पे अचे से लगा कर उसे चिकना कर दिया अभी तक्क उसी पोज़ में तकिये में सर रखे घोरी बानी होइ थी कुछ पल उन्हें फील होआ क मैं कुछ कर रहा हूँ तो पीछे मुर क देखा तो एक डैम से अपने मौन पे हाथ रख क होओओओ किया और बोली अली ये तुम्हारे मसल को क्या होआ है एक डैम से ये इतना मोटा लम्बा कैसे होगया बी घोर किया तो वाकय में आयल क लगाने से एक तो लूँ चमक रहा था दोसरा शायद.. दोसरा शायद अम्मी की गांड मरने क ख्याल से ज़्यादा फूल गया बोलै अम्मी आप फ़िक्र न करे मैं आराम से करूँगा सेहमा होआ फेस लिए दोबारा से आगे को होगयी और मैं पोजीशन सेट कर ली पेरो क पंजो क बल अपनी लेग्स थोड़ी खोली ता क पेरो की ग्रिफ्ट बन सके और अम्मी क मोठे चुतरों को दोनों हाथों में झाकर लिया और अम्मी को बोलै पहले जैसे अपने हिप्पस को पहिलाये ता क होल नज़र आये शामे वैसा किया का होल नज़र आने लगा जो आयल से थोड़ा चमक रहा था पर अभी बी बंद था काफी ने क्या किया क बचे होअय बोतल क आयल को साइड टेबल पे परे गिलास में दाल दिया सारा का सारा सिरे तक्क बार गया देसी आयल से क हिप्पस क ऊपर बिलकुल पोजीशन लेकर मैं ने एक हाथ से लूँ को पकड़ा और एक से आयल से भरे गिलास को थोड़ी घबराई होइ पीछे मुर क देख रही थी क उन् का लाडला क्या कर रहा है ने अम्मी की तरफ स्माइल करते होअय अपने रोड को तरह खरे लूँ को पकड़े होअय गिलास में डुबो दिया लूँ आराम से डूब गया आयल में और फिर मैं ने लूँ जूनही बाहिर निकला तो लूँ पूरा आयल से भीग गया होआ था जल्दी से गिलास साइड रखा और लूँ को हाथ में थामे अम्मी की गांड क होल पे रख दिया इतना ऑयली होआ प्र था क उस क सिरे से आयल की बूँदें टपक रही थी जो अम्मी क होल पे पर रही थी वो यादगार पल आज्ञा था जिस का शिद्दत से मुज्जे इंतज़ार था अपने भरी मोठे हिप्पस को पहिलाये होइ थी और मैं ने लूँ की कैप होल पे राखी और अम्मी क हिप्पस को हाथों में मज़बूती से झाकरा मने लूँ की कैप का साइज अम्मी की गांड क साइज से ३ गुना ज़्यादा लग रहा था फिर बी अम्मी को हौसला देते होअय आखरी अल्फ़ाज़ बोले क अम्मी आप क लाडला आपकी गांड की सील तोरने वाला है लूँ पे थोड़ा सा ज़ोर लगाया और अंदर undefined किया पर लूँ फिसल गया आयल होने की वजह से और इत्तेफ़ाक़ से फिसला बी नीचे को इतने ज़ोर से किया था क जब लूँ फिसला तो नीचे को जाते होअय सीधा फुद्दी में घुस गया सिसक पारी क पुत्र वहां क्यों दाल रहा है ने लूँ फुद्दी से एक झटके में निकला पाचक की आवाज़ से और अब आयल क साथ साथ फूडी ला चिपचिपा पानी बी लूँ पे लगा होआ था ने फिर से लूँ की कैप को गांड क होल पे रखा और इस बरी लूँ को हाथ से पकड़े रख क फिसले न सा undefined किया तो लूँ क दबाओ की वजह से गांड का सूराख थोड़ा सा खुला थोड़ा और undefined किया पर लूँ आहे बार हे नै था रहा अम्मी से इल्तेजा की अम्मी गांड को थोड़ा ढीले चोरे बिना बोले कुछ मौन में बरबरायी और गांड का सूराख थोड़ा ढीला फील होआ मुझे सोचा यही टाइम है मैं थोड़ा ज़ोर से undefined किया तो लूँ की कैप फुल सख्त क़िस्म की रैगर क साथ गांड में घुस गयी और साथ हे गांड का सूराख बंद जैसे होगया हो बी लूँ पे थोड़ी रैगर की वजह से चीख निकालनी पारी ाआईई अम्मी साथ हे अम्मी क मौन से एक ज़ोरदार चीख निकली मैं मर गयी पुत्र अम्मी की बैक को सहलाते होअय उन्हें थोड़ा रिलैक्स करने लगा देर बाद जब अम्मी थोड़ा रिलैक्स होइ तो मैं ने फिर से अपनी पोजीशन पक्की की और दोनों हाथ से अम्मी की चुतरों को झाकर लिया क हाथ अब हिप्स से हैट चुके थे और अम्मी ने तकिये को दोनों हाथों से झाकरे मौन उस में दिया होआ था और दर्द सेह रही थी लगा क अब थोड़ी मज़ीद प्रोग्रेस करनी चाहिए लूँ को फूल इरादा था क आराम से डालूं गए ने एक बरी फिर से इल्तेमास की क होली पायी पुत्र थोड़ा undefined करने हे वाला था क बाहिर होरही तूफानी बारिश में एक डैम से बदल इतनी ज़ोर से गरजा जैदी बदल पहात गया हो और एक धमाके की आवाज़ गुंजी डैम से चौंक जाने से बे इख़्तेयारी में मैं ने फुल ज़ोरो से ढाका दे मारा और उस का नतीजा ये निकला क अम्मी ने एक डैम से अपना डेस तकिये से ऊपर को किया जैसे कोई वुल्फ करता है एक दर्दनाक चीख पोरे घर में गूंजी नै कई साडी रो रही थी चला रही थी निकल रही थी और इतना सब कुछ करती बी क्यों न ज़ोरदार धक्के की वजह से मेरा मोटा लूँ अम्मी की गांड की सब साले तोरते होअय जार तक्क घुस गया था बी एक चीख बरामद होइ पर उस में इतना डैम नै था की रैगर इतनी ज़्यादा थी क मुझे मेरा लूँ जैसे चिलता होआ फील होआ बेचारी ज़ोर ज़ोर से चीला रही थी दिया पुत्र मर सत्य इ न अपनी माँ न दित्ती ा मेरी बूंदड़ हाय ोये मेरेया रब्बा मेनू बचा ला की आँखों से लहतर ाँसों बह रहे थे और तकिया गीला कर रहे थे बार बार तकिये क कपड़े को दांतों में लेते होअय पीसती जैसे दर्द बर्दाश्त कर रही हों सुच में तब ब्रा दुःख होआ क अनजाने में मैं ने अम्मी को इतना दर्द दिया क गांड का होल पूरा फैल चूका था और एक साइड से मुझे थोड़ा सा ब्लड बी दिखा लाल सा की जो सिलवटें होती उन में से एक शायद रैगर से पहात हाई थी पास से बेडशीट उठायी उसे साफ़ किया थोड़ा चीला रही थी क निकल दे लूँ माँ दिया खसस्मा की जान लेनी ा अपनी माँ दी पता था एक बरी लूँ निकल लिया तो दोबारा कभी नै मौक़ा मिलना पूरा लूँ घुसाए वैसे हे आगे को अम्मी की बैक पे झुका और उन् क गर्दन पास चूमने लग प्र और उन् क कान क पास होकर बोलै अम्मी मेनू मुआफ कर दो बदल की गरज की वजह से पता नै चला हाथ आग्जे बढ़ा क अम्मॉ क ाँसों साफ़ किये को बी मेरी आवाज़ में दर्द और फ़िक्र महसूस होइ उन क लिए तो थोड़ा रिलैक्स होइ पर बोली कुछ न मज़ीद उन को चूमा बैक से क उन का दहन थोड़ा दूसरी तरफ जाये और दर्द काम हो ४ मं बाद अम्मी थोड़ा हिली और पीछे मुर क मेरे फेस को देखा मैं समझ गया थोड़ा और सीधा होते होअय लूँ को आराम से बाहिर की जानिब खींचने लगा की गांड की पाकर इतनी मज़बूत थी क मुझे खींचने का वर्ड उसे करना प्र लूँ सिरे तक बाहिर आज्ञा तो मैं फिर से सलौली अंदर को undefined करता गया बीच अम्मी हल्का चिलाती पर इतना नै आहिस्ता मैं स्पीड थोड़ी बढ़ाने लगा को अब बी दर्द ज़्यादा होरहा था ५ मं अपने पे ब्रा काबू पते होअय बिलकुल सलौली इन आउट करते होअय मैं लगा रहा फिर जा क मुझे अम्मी की एक मज़े की सिसकी सुनाई दी लिए ये ग्रीन सिग्नल था स्पीड और बढ़ाई और अम्मी क मोठे चुतरों को पकड़ते होअय धक्के थोड़े तेज़ और गहरे लगाने लगा बी अब मज़े सी सिसकियाँ भर रही थी काफी हौसला मिला और मैं अब एन्ड तक लूँ बाहिर लता और फिर से एक गहरा ढाका लगता और लूँ गांड की गहराईयों में चला जाता की गांड सुच में हद से ज़्यादा टाइट थी थोड़ा लाइटर मूड में अम्मी से मुखातिब होआ ने जवाब नै दिया फिर से पुकारा अम्मी जान बार अम्मी ने पीछे मुर क देखा और थोड़ा सिसकते होअय बोलो क्या है पुत्र बोलै अम्मी कैसा लग रहा है क फेस पे एक डैम से रेयर स्माइल आगयी और पीछे मुर क मेरी और देखते होअय बोली थोड़ा आहिस्ता कर वेखि कितय पर इ न देवी मेरी बून्द बी मुस्कराया और बजाए स्लो होने क मैं थोड़ा और तेज़ होगया ने जब ये महसूस किया तो सिसकते होअय फिर से बोली सुधरी न तू मेरे लादले पास में पारी फूल की पतियों को अम्मी क फेस पे डाला तो अम्मी थोड़ा मुस्करायी फिर से बोलै अम्मी आपकी कुंवारी गंद अब कुंवारी नै रही लग रहा है आपको एक डैम से थोड़ा शर्मायी और बोली चुप्प कर जा और दहन से कर बोलै अम्मी अब ज़ोर से करूँ बोली वेखि कितय मेरी पर इ न देवी अपने ज़ोर नल मुस्कराया और ज़रा अपने हाथों की ग्रिफ्ट चुतरों पे सख्त की और लूँ एन्ड तक्क बाहिर लाया इतना क लूँ की टोपी अंदर रही और एक ज़ोरदार झटका दे मारा पूरा घुस गया ज़ोर से चिलायी पर इस बरी चीख में दर्द साथ मज़ा बी था अब अम्मी की किसी बात को सुने बिना फुल ज़ोरो से अम्मी की गांड चुदाई करने लगा देर बाद अम्मी का चिलाना थोड़ा तेज़ होगया हाय रब्बा दे अपनी माँ दी बून्द मेरे सोनिया शेर पुत्र ज़ोर नल ऐना मज़ा उफ्फ्फ पुत्र होर तेज़ हैं ऐसे तरह इ अब मज़े की शिद्दत से बेहाल होकर सब दर्द भूल कर छिलने क साथ साथ सिसकियाँ बी भरी जा रही थी कमरे में अम्मी की चीखों साथ थप ठप्प की आवाज़ गूंझ रही थी मज़े की नात ये थी क बीएड क मैट्रेस्स स्व काफी हेल्प मिल रही थी ढाका लगता तो मैट्रेस्स थोड़ा प्रेस होता और फिर उसी ज़ोर से वापिस ऊपर को आता शार्ट मेरे ढके बी तेज़ होगये तय और आसानी बी होरही थी ढके लगाने में बिना स्पीड काम किये धक्को की लगा होआ था अपनी क़िस्मत पर फिर से रश्क कस्र रहा था बोलै मैं सूची बारे लकी हूँ और मुझे अभी बी यक़ीन नै आ रहा क जिस कुंवारी गांड को आप ने पिछले ३० साल से संभाल क रखा था आज मैं उसी गांड की सील टोरी है... अम्मी मेरी बातें सुनती मुस्कराये बी जा रही थी और चिलए बी आगे होकर अम्मी क बाल अकथाय कर क अपने एक हाथ में लिए और अम्मी का चेहरा तकिये से ऊपर किया किसी गुर सवार की तरह मैं अम्मी क बाल पकड़े उन् की गांड की सवारी कर रहा था बी अब मज़े में और ज़्यादा सिसकियाँ भए रही थी अली मेरेया खसस्म जोर ज़ोर नल मसर अपनी अम्मी दी बुण्ड दे सारा ज़ोर अज्ज पता नै मज़े में क्या कुछ बरबराये जा रही थी बारिश क ज़ोर तेज़ होगया था और अंदर मैं बी अब दांत पीसते होअय पोरे दिल ो जान से अपना सारा ज़ोर लगा रहा था क भरी हिप्पस हर ढके साथ लरज़ जाते और कमल की विब्रेशन्स पैदा होती उन में अब बाल थोड़े खींचते होअय अपनी और अम्मी की गांड मरी जा रहा था से अम्मी का मौन और ऊपर को होगया और वो सिसकियाँ भर्ती जा रही थी बाल चोर आगे को झुक कर दोनों हाथ आगे ले जा कर नीचे से अम्मी क दोनों मोठे मम्मो को पाकर लिया और दबाने लग प्र अम्मी क कान की लो को दांतों में लेकर हलके से काट बी रहा था जिस से अम्मी और ज़्यादा सिसकती की पीठ बार जगह जगह डंडियों क निशान डाली जा रहा था सब ऐसे मदहोशी क आलम में खुदी होरहा हो तक आधे घंटे से बी ज़्यादा वक़्त होचुका था अम्मी की टाइट गांड मरते और मैं सुच में ब्रा कण्ट्रोल किया था अपने ऊपर अम्मी की बास होगयी और वो पीछे मुर क बोली पुत्र अब बास कर मेरी कस्मर टूटने को आ पोहंची है उफ़ मेरे खुडया पुत्र कर दे मेरे लाल आगे पूरा बेंड होकर अम्मी क लरज़ते होंटो को चूमा और बोलै अम्मी बास थोड़ी देर और मेर बी निकलने वाला फिर से सिसकते होअय मेरव ढके सहने लगी बी अब लगा क अब फ़ारिग़ होना चाहिए अम्मी की बास होचुकी थी पूरी फ़ारिग़ होने की निय्यत साथ कस कस क ढके लगाना शुरू होगया आखरी क मिनट्स अम्मी पे किसी पहर बन क गुज़रे पुत्र होली मेरी कमर टूट जनि है देर पहले अम्मी ज़ोर से करने का कह रही थी और अब जब मेर आगे घुटने तक दिए और बास होगयी तो स्लो करने का कहने लगी फुल ज़ोरो से किसी पिस्टन जैसे लगा होआ था लूँ पूरा रैगर रैगर कर इन आउट होरहा था अम्मी की गांड में ३५ मं होचुके थे सुर वो वक़्त आ गया था कस कस कोई ५ आखरी क ढके अम्मी की मोती गांड में लगाए होअय और फ़ारिग़ होने लग प्र से पानी का सैलाब जैसे निकला जो पिचकारियों की शक्ल में और अम्मी की गांड को भर दिया था इस सैलाब ने मैं अम्मी क ऊपर ढेर होगया युनि मेरे वज़न की वजह से घोरी से सीढ़ी उलटी लेट गयी और मैं उन् क ऊपर उसी हालत में और मैं अब लम्बी लम्बी सांसें ले रहे थे ५ मं बाद मैं जूनही उठने लगा तो लूँ बरी मुश्किल से गांड से बाहिर निका और जूनही निकला तो अम्मी का गांड का सूराख पूरा रिंग शेप में खुला होआ नज़र आया में से मेरा पानी निकल रहा रहा बाहिर को थोड़ी हिम्मत कर क बीएड से नीचे उतरा और साफ़ कपड़े से अम्मी की गांड को साफ़ किया अब पहले की निस्बत काफी बंद होचुका था वैसे हे औंधे मौन लेती होइ थी और उन् की मोती गांड बाहिर को निकली होइ थी अम्मी को थोड़ा हिलाया तो अम्मी थोड़ा होश में आयी और बोली पुत्र पानी ठण्ड में बी हम दोनों माँ बेटे क बदन पसीने से भीग चुके थे और अब पसीने की स्मेल बी आ रही थी जल्दी से साइड टेबल से जग पकड़ा और गिलास को देखा तो उस में आयल था भगा और किचन से गिलास लेकर आया और अम्मी को सहर दे कर सीधे जूनही बैठने लगा तो उन् की चीख निकल पारी मैं पोछा क्या होआ अम्मी पुत्र जलन होरही है वहां पानी थोड़ा अपने हाथों से पिलाया और बीएड साथ दो तकिये लगा कर उन्हें बैठा दिया का जिस्म सुच में अब काफी भरी फील होरहा था क्यों क वो खुद से हिम्मत करने की पोजीशन में नै थी उन्हों ने पूरी आँखें सही से खोली और बीएड का हश्र देखा तो उन् की आँखें और ज़्यादा खुल गयी बेडशीट पे बेशुमार सिलवटें(वुत्तत) पर चुके थे और गुलाब की पतियों से बना दिल बी ख़राब होचुका था जगह बेडशीट पे थोड़ा खून बी लगा होआ था शार्ट पोरे बीएड और मसहरी का सत्य नास कर दिया होआ था ने मेरी और देखा लगा दन्ताय गई तो मैं अपने कानो को पकड़ते होअय बचो जैसा मौन बना कर प्यार से बोलै सॉरी अम्मी तो अम्मी क फेस पे बी हलकी मुस्कान आगयी और उन्हों ने एक हलकी सी प्यार से चमाट मेरी गाल पे दे मरी और बोली ऐसे करता है क्या कोई प्यार पुत्र....मैं उन्हें चूम लिया और बोलै अम्मी रुके मैं आता हूँ भाग क किचन में गया और दूध में हल्दी दाल गर्म कर क १० मिनट्स में वापिस बैडरूम में ले आया और अम्मी को पिलाने लग प्र बास मुझे प्यार से स्माइल करते होअय देखि जा रही थी... दूध पी लेने क बाद अम्मी क होंठों पे थोड़ी मलाई लगी होइ रह गयी थी आगे भर क उसे चूम कस्र साफ़ कर दिया ने मुझे थोड़ा पीछे किया और बोली अभी बी ग नै भरा क्या तेरा पुत्र क्या हश्र किया है तू ने तो तेरा अब्बू ने मेरी पहली सुहागरात पे बी नै था किया मुस्कराने लग प्र बोली मुझे वाशरूम जाना है और जब उठने लगी तो उनसे सही से उठा बी नै था जा रहा क मौन से एक आह निकली रब्बा मेरा तय अंग अंग दर्द करदा पेय ा ज़रा शर्म नै आयी मेरा आय हाल कर दिया कुछ नै बोलै और अम्मी की उठने में हेल्प करने लगा तरह अम्मी उठी और मुझे बोली चोर अब मुझे मैं खुद चली जाओं गई अम्मी क ग़ुस्से पे बी प्यार आ रहा था मुस्कराने लग प्र लरखरा क धीरे धीरे चलते होअय वाशरूम जाने लगी वक़्त उन् की मोती गांड क फिर से हिचकोले खाने लगी देख मेरे सोये लूँ में फिर से जान आने लगी अम्मी थोड़ी देर बाद वाशरूम से वापिस आयी और आकर बीएड पर लेत गयी साइड पे वैसे हे नंगा बैठा होआ था जब लेती तो मैं उन का सर प्यार से सहलाया मेरी आँखों में घोरते होअय ब्रा प्यार आ रहा है तब ज़रा रेहम नै था कर रहा कमर ऐसे जैसे टूट गयी हो पुत्र बोलै बी क बास कर दो पर तुझे कहाँ मेरी फ़िक्र बास अपने मज़े की पारी होइ थी अब शिकवे कर रही थी थोड़ा ग़ुस्से में पर मैं कुछ नै बोका और सर सहलाना जारी रखा घरी पे नज़र पारी तो दोपहर क २ बजने वाले थे पर बाहिर अभी बी गुप् अँधेरा चाय होआ था और बारिश अब ज़रा हलकी होगयी थी ने बोलै टाइम काफी होगया है और खाना बी बनाना है उन सब क आने से पहले चल ज़रा साइड हैट मुझे ज़रा उठने दे अम्मी को लिटाये रखे होअय बोलै अम्मी जांणण अभी बुहत टाइम है शाम होने में लेती रहे अभी मेरी तरफ देखा और जूनही मेरी टैंगो क बीच उन की नज़र पर वो होऊ कर क मौन पे हाथ रख क बोली उफ़ खासमा न खाना आय तेरा मसल हजाय व् खरा ा हो या घड़े अभी तक्क थके नै बास मुस्कराया और अम्मी क माथे पे किश करते होअय बोलै अम्मी इस में मेरा थोड़ा क़सूर जब एक इतनी खूबसूरत माँ अपने बेटे क सामने नंगी पारी होगी तो बेटे का लूँ खता तो होगा न थोड़ा चीरते होअय बोली पुत्र अब मेरे में नै हिम्मत जा तू जाकर कपड़े पहन ले नै मन और अम्मी क मोठे मम्मो से खेलना शुरू होगया इतना सा हे बोलै क अम्मी अभी ३ घंटे परे है थोड़ा ग़ुस्से में देख मेरी कमर पहले से हे टूट चुकी है अब मेरे से कुछ नै होगा बोलै अम्मी आज तो सुहागरात है और इस रात दुल्हन अपने दूल्हा को मन नै करती बास लेती रहे यूँही और टाँगे खोल दे मौन बास फुद्दी मरूंगा क़सम से गांड को टच बी नै करूँगा क लाख मन करने क बावजूद बी मैं ने अपनी बात मनवा ली और आखिर अम्मी ने बी एन्ड पे मुस्करा क हलके मैं से हामी भर दी तो पहले से ताओ में था मैं ने अम्मी की टाँगे खोली और बिना कुछ देर किये अम्मी की फुद्दी में लूँ एक झटके से घुसा दिया चिलायी और चिलाती रही ५० मं तक्क इसी पोज़ में अम्मी की फुद्दी जैम कर मरने बाद और अंदर हे फ़ारिग़ होजाने क बाद मैं आखिर अम्मी क सेक्सी बदन क ऊपर ढेर होगया इस सुहागरात को यादगार बनते होअय उस दिन मैं ने २ बरी अम्मी की फुद्दी मरी और एक बरी गांड ज़िन्दगी का बेस्ट दिन यूँ तो कल था जब अम्मी को वाशरूम में छोड़ा था पर आज का दिन बेस्ट से बी ऊपर का होगया क्यों क आज मैं ने अपनी सही अम्मी साथ न सिर्फ सुहागरात मनाई बल क उन की गांड की सील बी खोली...खैर शाम तक कैसे बी कर क मैं ने अम्मी को वाशरूम में शावर में थोड़ी हेल्प की क्यों क उन में अब हिम्मत इतनी नै थी अम्मी क बैडरूम का हाल ठीक किया और शादी क जोरो को जेवेलरी समेत संभाल क वैसे हे रख दिया किचन में सुबह जो अम्मी की लाल कमीज फर दी थी उसे बी उठाया साफ़ सुथराई में और शावर लेकर तैयार होने में शाम क ६ बज चुके थे किसी तरह हिम्मत कर क अब किचन में खाना बना रही थी पर मुझे पता था उन से सही से चला तो दूर खरा बी नै था होअय जा रहा बी थम चुकी थी बी फूल थक चूका था तो कभी गयम में बी नै थका मैं टीवी लाउन्ज में बैठा टीवी देख रहा था यूँही और भूक बी बरी लगी थी पर मेरे में अब हिम्मत नै थी क अम्मी को कुछ बोलूं थोड़े दुःख क साथ शर्मिंदगी बी होरही थी क अम्मी की बात बी सही से मणि और तीसरी बरी बी उन्हें छोड़ डाला और साथ इतना दर्द आज उन्हें दिया उन् की हालत बिहार दी थी अब नदामत की फीलिंग्स आ रही थी अम्मी को किचन से धीरे धीरे लंगड़ाते होअय अपनी तरफ आते देखा उन क हाथ में दूध का गिलास था अब नहाने क बाफ काली शलवार कमीज और दोपट्टे में थी और खुद को अचे से कवर उप किया होआ था में इतनी हिम्मत नै होइ क अम्मी की आँखों में देख सकू बी शायद थोड़ा समझ गयी दूध का गिलास चुप का क थमते होअय वो दोबारा किचन में काम में लग गयी...ठीक सारे ६ बजे दूर बेल्ल बजी मैं ने जा कर दूर खोला तो सामने अहमद भाई एपीआई और उन क साथ रमीज़ा एपीआई बी थी देख मेरे चेहरे पे स्माइल आगयी...अब ज़रा एपीआई रज़िया से छोटी एपीआई रमीज़ा क बारे में बता दूँ की आगे २८ क क़रीब थी रज़िया से एक साल हे छोटी थी और इन की शादी को ७ साल होचुके थे क हस्बैंड पुलिस में एक आला उहदे पर फ़ाएज़ थे मुर्री में वाले रावलपिंडी क थे पर जीजू की पोस्टिंग की वजह से एपीआई मुर्री हे रहती थी रमीज़ा क २ बचे थे एक ६ साल का बीटा और हुए एक २ साल की बेटी अपने घर बुहत खुश थी बी बुहत अचे थे बी रज़िया एपीआई की तरह बुहत प्यारी थी कद्द और बचो क बाद उन का जिस्म बी गदराया होगया था औरत लगती थी जिस्म से पर फेस अभी बी बुहत प्यारा था बात थी क एपीआई रमीज़ा अब्बू की बरी लाड़ली थी...एपीआई रज़िया की शादी क़रीब क जे एक गाओं में होइ थी तो वो अक्सर अजय करती थी
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:44 PM



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