27-02-2019, 06:44 PM
और जुन्हे लूँ अंदर ठोकर मरता वहां तो अम्मी की बे सख्त चीक और सिसकी दोनों निकल पार्टी की खोली ज़ुल्फ़ें बी हवा मेंलेहरा रही थी हर झटके साथ बोली आज तक किसी ने यूँ नै छोड़ा पुत्र मैं वरि जवान अपने शेर पुत्र तय लाए ज़ोर और हैइए ऐसे हे होर ज़ोर नल हाय ो मेरेया रब्बा...अम्मी की चीखें मेरा जोश और बढ़ा रही थी मुझे बी अब अम्मी का भरी वजूद हैवी फील होने लग प्र बी क्यों न जैसी भरी वज़न की खातून को उठा कर खरे खरे छोड़ना कोई आम बात थोड़ी थी बरो क पसीने छूट जाते ने बी ये बात फील कर ली और मेरे पसीने से भरे चेहरे को अपने हाथ से साफ़ करते होअय और साथ ऊपर नीचे लूँ पे झूलते जॉय बोली मेरा शररर पुत्र ा कर मेरे लादले कितना प्यार करेगा अपनी माँ को साथ हे अम्मी ने मुझे आँखों से किचन क बाहिर टीवी लाउन्ज में परे सोफस की तरफ इशारा किया समझ गया और दिल हे दिल में अम्मी पे और प्यार आया क अम्मी मेरी हालत समझ चुकी थी झटके लगाने बंद किये और अम्मी को चूमते होये उन्हें यूँ बाहों में उठाये टीवी लाउन्ज में परे बारे वाले नरम सोफे क पास ले आया और आराम से अम्मी को को नीचे करते होअय उस पर अम्मी को लेता दिया और मेरी लम्बी लम्बी सांसें बी संभालने लगी अम्मी क दोनों मम्मो क दरमियान सर रखा होआ था कोई १० सेकण्ड्स बाद मैं फिर से अम्मी की लेग्स उठायी और लूँ को फिर से तेज़ धक्को साथ अंदर बाहिर करने लगा और नीचे झुक कर अम्मी क दूध बी पीने लग प्र और निप्पल्स को काट'ता बी और तभी अम्मी सिसक पार्टी क पुत्र न कर निशान पर जाये गए बाज़ नै आया और अम्मी की गर्दन समेत पूरी छाती और मम्मो का सफ़ेद पार्ट बी चूमने काटने लग प्र और हलकी हलकी डंडियां सी लगाने लग प्र इस पोरे अमल क दौरान नीचे से अम्मी की फुद्दी में मेरे ढको की स्पीड ज़रा काम न होती आज खुद पे रश्क सा फील होरहा था क मेरा दूसरी हे बरी था क मैं फुद्दी मर रहा था और इतना कण्ट्रोल अभी तक किया था कोई २६ मिनट्स हो चुके थे अम्मी को छोड़ते लगातार कोई ५ मं मज़ीद गुज़रे होंगे क मुझे फील होना शुरू होगया क मैं छूटने वाला हूँ अधूरा काम किचन की रैंक पे नै होरहा था वो सोफे पे आराम से होरहा था की लेग्स उठाये अपने कन्धों पे रख कर उन्हें अम्मी क फावे जानिब बेंड किये फुल स्पीड से छोड़ रहा था नै कितनी बार अम्मी ने पानी छोरा इस लिए फील होआ क्यों क फुद्दी मरते होअय पाचकक पाचकक की आवाज़ आती और साथ हे ठप्प ठप्प की की फुद्दी अंदर से फुल गीली थी और पानी रिस रिस कर बाहिर को न नेह रहा था का मौन खुला होआ था और अपने सर को कभी दाएं तो कभी बाये जानिब करती मज़े से और चिलाती जा रही रही क पुत्र होर तेज़ हाय रब्बबा ऐना मज़ाआ पुत्र कीड़ा मोटा है ा तेरा की बातें बदहवासी में बोली जा रही थी बी चरम पर था आखिर कोई लास्ट क ८ १० करारे धक्के लगा कर फुल ज़ोरो से मैं बी लूँ फुद्दी में फुल गहरायी तक्क रख क फ़ारिग़ होने लग प्र पिचकारियां निकली पानी की क उफ्फ्फ रात से बी ज़्यादा पानी निकला था अब मैं अम्मी क सीने पे गिर प्र लूंण अभी बी अंदर था फुद्दी में को पूरा भर दिया था मैं किसी सैंड की तरह हांफने लग प्र बी हांफ रही थी हम दोनों की धरकन तेज़ भाग रही थी घंटे की महा चुदाई क नाद हम दोनों माँ बेटे पसीनो पसीनी होअय थकावट से हांफ रहे थे... ५ मं हांफने क बाद जब हम दोनों माँ बेटे की साँसे संभली तो अम्मी ने मेरे सर पे हाथ फेरा प्यार से क उठ जा पुत्र अब मेरे ऊपर से बी अम्मी क खिलखिलाते चेहरे की और देख कर खुश होगया और थोड़ा ऊपर को उठ गया पीछे हटा तो लूँ पाचक की आवाज़ क साथ अम्मी की फुद्दी से बाहिर आज्ञा सीध खरा अम्मी की नंगे बदन की और देख रहा था जिस पे जगह जगह मेरे प्यार क निशान थी जूनही उठ क बैठी तो उन् की फुद्दी से पानी रिसने लगा जो मेरे लूँ ने छोरा था क बाल बिखरे होअय थे पे जगह जगह निशान थे काटने की बी लाल होइ पारी थी ने अपना हाल देखा और और थोड़ा शर्मा सी गयी ये देख कर क उस का बीटा अभी बी सामने खरा उस क घर रहा है बी दिल नै भरा क्या देख क्या क्या हाल किया है तू ने जगह तेरे दांतों क निशान हैं जंगली है सूची ऐसे बी कोई करता है अपनी माँ साथ और साथ हे अम्मी नीचे देख थोड़ा स्माइल करने लग पारी अम्मी को पाकर क खरा किया हम दोनों माँ बेटे सीधे एक दूसरे क सामने नंगे खरे थे हाथ आगे बढ़ा कर अम्मी क बिखरे बालों में उँगलियाँ फेरने लगा और साथ हे अम्मी क चेहरे को ऊपर कर क उन की आईज में देखते होअय बारे धीमे लहजे में पोछा अम्मी आपको ाचा नै लगा क्या...अम्मी मुस्कराते होअय बरी ऐडा से मैं तुझे क्या बताओं जो सकूं आज तू ने मुझे दिया है ऐसा सकूं कभी नै मिला मेरी ज़िन्दगी का बेस्ट सेक्स था मुझे खुद बी नै पता लगा क कितनी बरी आज मैं झरि हूँ नीचे मेरे हाफ सोये होअय लूँ को अपने नरम हाथों में थमते होअय बोली तू ने सुछ में अपनी माँ को तारों की सेर करा दी अपने इस राकेट पे बिठा क बी अम्मी क मौन से ये अलफ़ाज़ सुन क थोड़ा शरमाया और स्माइल करने लग प्र अम्मी की तरफ एक तक देखते होअय बोलै अम्मी आप बुहत खूबसूरत हो ये सुन कर हसने लग पारी कमला है तू पुत्र प्यारी लगती हूँ क्या तुझे...मैं अम्मी की आँखों में देखते होअय बोलै हाँ अम्मी लाखों में एक जैसे और अम्मी क माथे पे किश कर दिया को बी मेरी आँखों में सुचै नज़र आ रही थी वो बी एक डैम क लिए खो गयी मैं अम्मी को हिलाया और बोलै अम्मी कहाँ खो गयी एक डैम से मुस्कराते होअय बोली कहीं नै पुत्र ज़रा साइड हैट मेनू वाशरूम जान दे बोलै अम्मी मैं बी चलता हूँ न आप साथ और अम्मी बोली न बाबा न सुबह से क्या तेरा मैं नै भरा अब ज़रा अपनी माँ को थोड़ी चैन की सांस लेने दे ऊपर ऊपर से नखरा करते होअय बोली अम्मी क एक डैम से क़रीब आ कर उन क फेस को अपने दोनों हाथों में थमते होअय अपने होंठों को उन क रसीले होंटो से जोर दिया और चूमने लग प्र बी सत्य देने लग पारी ने अपनी ज़ुबान मेरी मौन में दाल दी और मैं अपने होंठों से अम्मी की ज़ुबान को चूसने लग प्र २ मं हम दोनों माँ बेटे की पैशनेट किसिंग जारी रही फिर जूनही अम्मी अलग होअय अम्मी की आईज चमक सी रही थी और होंठों पे स्माइल से रहा नै गया और मैं एक दम्म से नीचे होते एक हाथ कमर क ऊपर वाले हिसाय पे रखा और एक दोनों लेग्स को जोर कर और उन्हें फिर से बाहों में उठा लिया बार फरक ये था क उन्हें गॉड में नै था लिया होआ बल क हॉरिज़ॉन्टली लेटने वाले पोज़ में उठाया होआ था फिर से एक पल क लिए हरबरायी क पुत्र न कर मैं दिग जवान गई बारे प्यार से उन्हें बाहों में लिए उन् की आईज में देखते होअय बोलै अम्मी आपको क्या अपने बेटे की बाहों पे भरोसा नै तो अम्मी मुस्करा दी आशिक़ की तरह अपनी मेहबूब माँ को बाहों में लिए उन्हें वाशरूम में की और लेजाना लगा बी मुझे देख देख रश्क कर रही थी क एक कल का लड़का कैसे उस क वज़नी बदन को इतने आराम से उठाये ले जा रहा है अम्मी को उन् क रूम क साथ बने आत्ताच वाशरूम में लेग्या और जूनही अंदर पोहंचे मैं ने अम्मी को बारे प्यार से अपनी तरफ घूरते पाया क्या देख रही हैं बोली देख रही मेरा पुत्र कितना बारे होगया है मर्द बन गया और साथ हे मुस्कराने लग पारी आराम से उन्हें अपनी बाहों से नीचे उतरा अब बिना कुछ बोले दूसरी तरफ को मुर गयी और शावर ों कर क गर्म पानी का उस क नीचे खरी होगयी...मैं पीछे खरा था का गर्म पानी सर से बेहटा होआ की कमर से बल खता होअय अम्मी की मोती हैवी गांड क ऊपर से बेहटा नीचे को गिर रहा था हसीं मंज़र देख कर मेरे से रहा नै गया और मैं बी अम्मी क पीछे जा लगा और अम्मी की बल कहती कमर को दोनों हाथों से थामे उन् की गांड क साथ लग गया ने जूनही मेरा लूँ जो क हाफ खरा था अपने चुतरों क दरमियान फील किया उन पे बी खुमारी सी च गयी और उन्हों ने अपने चुतर थोड़े पीछे को कर दिए मैं पीछे से लूँ अम्मी क चुतरों पे रगरते होअय साइड से शैम्पू पाकर और अपने हाथ पे दाल क अम्मी क लम्बी घनी ज़ुल्फ़ें में लगाने लग प्र बी दूसरी और मौन करे खरी थी और अपने बेटे की तरफ से अपने बालों को शैम्पू करते फील कर रही थी सही से शैम्पू कर दिया तो बॉडी वाश से मैं अम्मी क बदन को मलने लग प्र किसी मोरनी की तरह बल खाये सिसकियाँ भर रही हलकी हलकी सुर अपने बेटे से नेहला रही थी पीछे से हाथ डाले अम्मी क दोनों मम्मो पे बी बॉडीवॉश मॉल रहा था मेरा रब्बा हाथां छे सूची जादू आय पुत्र में मैं तुझे अपने हाथों से नहलाती थी और आज देख ले तू अपनी माँ को कितने मज़े से नेहला रहा है उप्पेर बॉडी को साफ़ करने बाद नीचे बैठा पीछे और अम्मी क मोठे चुतरों को साफ़ करने लग प्र का पूरा बदन झाग से भरा प्र था अम्मी क हिप्पस अंदर वाली लाइन पे बी मलने लग प्र मेरा हाथ अम्मी की गांड क छोटे से होल पे टच होआ मैं थोड़ा फिंगर्स से उसे रब किया तो अम्मी की सिसकी निकल गयी की गांड का सूराख बिलकुल टाइट सा लग रहा था था भाई ने या अब्बू ने कभी अम्मी की गांड नै मरी सब ख्याल मेरे ज़ेहन में चल रहे थे तब ज़्यादा नै सोचा और अम्मी को सीधा किया और सामने से उन् क पोरे बदन को साफ़ करने लग प्र बेथ अम्मी की फुद्दी को बी बारे अचे तरीके से रैगर रैगर कर साफ़ किया और फिर एक दम्म से अम्मी ने मुझे थोड़ा पीछे किया और सीधा खरा कर क मेरी आँखों में देखती होइ बोली अब तेरी माँ तुझे अचे से साफ़ करेगी और बॉडीवॉश से मेरा पोरे बदन को साफ़ किया और जूनही लूँ की तरफ उन क हाथ बारे नीचे बेथ गयी और बरी ऐडा से फिर से ढेर सारा बॉडीवॉश अपनी हथेली पे दाल क दोनों हाथों से रगड़ने लग पारी तो पहले से अम्मी क हुस्न देख क खरा होचुका था पर अब अम्मी क नरम हाथों क जादू से वो और ज़्यादा ाकरने लग प्र और लूँ की नसाय साफ़ नज़र आना शुरू होगयी दोनों हाथों से लूंण की बरी अछि तरह से मालिश कर रही थी और एक तक लूँ पे नज़र जमाये होइ थी पुत्र सूची तेरा लूँ की घड़े घोड़े से काम नै है छुपा रखा था ये क़ीमती रतन बी मदहोश होअय अम्मी से पॉच बैठा क अम्मी भाई से बारे है क्या मेरा लूँ तो अम्मी एक डैम से ऊपर मेरी आईज में देखि और फिर मुस्कराते होअय बोली हाँ अहमद से बी बारे है और तेरे अब्बू से बी ब्रा है लूँ ने बी जूनही अपनी तारीफ सुनी तो वो और ज़्यादा फूलने लग प्र ने बी ये बात फील की और मेरी तरफ देख क बोली देख कैसे अपनी तारीफ सुन क फूल रहा है तेरा मसल और फिर सीधे खरे होगयी और मुझे साथ लगते होअय शावर दोबारा से ों के दिया मैं और अम्मी आमने सामने थे और एक दूसरे पे गिरते शावर क गर्म पानी से खुद को साफ़ कर रहे थे सारा बॉडीवॉश अचे से हम दोनों क बदन से उत्तर गया तो मैं आगे बार अम्मी को फिर से चूमने लग प्र क रसीले गीले होंठों को चूमने का अपना हे मज़ा है बी मेरा साथ देने लग पारी और कुछ पल बाद जब किश टूटा तो हम दोनों माँ बेटे एक दूसरे सामने फुल नंगे खरे थे बोली पुत्र अब जा जाकर कपड़े पहन ले एपीआई लोग किसी बी वक़्त आते होंगे लूँ पोरे ताओ में था मैं कैसे जाता आगे भर अम्मी को बोलै अभी १ ढेर घंटा हे तो होआ है उन्हें गए होअय अम्मी अभी काफी देर लगे गई उन्हें आप फ़िक्र न करे साथ हे मैं फिर से अम्मी को जैसे लेकर आया था वाशरूम वैसे हे बाहों में उठा लिया और अम्मी को उन् वाशरूम क बाहिर उन क किंग साइज बीएड क पास ले आया मेरी आँखों में देखते होअय बोली तो तू बैंनै आएगा पुत्र मैं मुस्कराते होअय ना में सर हिलाया और उन्हें बीएड पे लिटा दिया बाहों से उतर कर ज़रा मैं अम्मी क रूम क बारे में बता दूँ क रूम निचले फ्लोर पर था खुला और ब्रा रूम था में एक किंग साइज बीएड लगा होआ था और ये वही बीएड था जो अम्मी अपने जहेज़ में साथ लायी थी बास फरक इतना था क अब्बू ने थोड़े पैसे मज़ीद लगा कर इसे पहले से बेहतर बना दिया होआ था... जैसे क बीएड क चारो पाऊँ पहले लम्बे थे उन्हें छोटा और मज़बूत किया बीएड का मैट्रेस्स कमल का था सब मुझे इस लिए यद् है क ७ साल पहले जब अम्मी वाशरूम में गिर गयी थी तो उन क बैक में प्रॉब्लम आयी थी तो डॉक्टर में ये मैट्रेस्स रेकमेंड किया था क दोस्त का फर्नीचर का शोरूम था गुजरात में तो उन्हें ने स्पेशलय बाहिर से इम्पोर्ट लिया था थिकनेस में ढेर फ़ीट क क़रीब था ऐसा सिस्टम था क मज़ा ाजत जब बी ऊपर बैठते शुरू में मैं इस पे खेलता था जब मैं जम्प लगता तो हर बरी ऑटोमेटिकली मैं ऊपर नीचे होते शार्ट सब से बेस्ट और रेयर मैट्रेस्स था और पोरे घर में सिर्फ एक था अब्बू अम्मी क रूम में... जब अम्मी को बीएड पे लिटाया तो अम्मी बरी ऐडा से सीधे लेत गयी का बदन सुछ में कमल का था वाले होते हैं जिन्हे अपनी ऐसी अप्सराय मायें छोड़ने को नसीब होती है खुद बी रश्क कर रहा था अपने नसीब पे का गीला बदन मुझे तरफ जैसे खींच रहा हो बाहिर अचानक से बिजली गरजी ाचा भला मौसम था पर अब अचानक से काले बदल चने लग परे थे क मिड चल रहा था तो सर्दी बी इन्तहा की थी दोनों माँ बेटे फुल नंगे रूम में थे मैं बीएड पे साइड को अम्मी क नंगे बदन पास बैठा और अम्मी क पेरो साइड होकर उन क नरम पेरो को सहलाने लगा अम्मी क रूम की खिरकी से जो पहले थोड़ी बुहत दिन की रौशनी आ रही थी वो आना बंद होगयी क्यों इन्तहा क काले बदल एक दम्म से च गए थे ११ बजे का वक़्त था और एक डैम से ऐसे लगने प्र जैसे रात होगयी हो बोली बाहिर गेट पास जो सेहन था हमारा उस में कपड़े कुछ सूखने रखे थे उन्हें ले आते है बदल बरी ज़ोरो से गरज रहे है पक्का तूफानी बारिश होने वाली दिल तो न था पर फिर अम्मी की बात मणि और उन्हें हाथ देकर उठाया और जूनही मेरे साथ वो खरी होइ वो अलमारी की तरफ जाने लगी क कुछ पहन लू उन् का हाथ थमा और बोलै अम्मी क्या ज़रूरत है बोली हूँ हाय अब क्या मैं नंगी हे बाहिर सेहन में जाओं न बाबा न मैं नै यूँ जाने वाली बोलै अम्मी बाहिर काली घटाए चाय होइ रात का समै जैसे हो और वैसे बी सेहन में कोण देखे गए आपको हमारा इस तरह था क पास किसी हंसाये का घर इतना ऊंचा था नै क उन्हें हमारा सेहन नज़र आये तो इसी लिए मैं रिलैक्स था अम्मी का हाथ थामे उन्हें बाहिर ले आया हम माँ बेटे नंगे सेहन में एंटर होअय एक डैम से एक ठंडी हवा का झोंका हमारे बदन को छू कर गुज़रा एक डैम से ठाठर सी गयी क उफ्फ्फ्फ़ पुत्र बाहिर तो सुछ में बरी ठण्ड है और देख कितना अँधेरा होआ प्र है मैं आज तक्क ऐसे अँधेरा दिन में नै देखा बी सही थी मैं बी अपनी होश में ऐसे बदल नै देखे थे स्य बदल थे चारो और और अँधेरा गहरा होता चला जा रहा था और बिजली चमकने क साथ बदल बी गरज रहे थे जल्दी से आगे बरी और जब वो थोड़ा तेज़ी से चली तो उफ़ उन क मोठे चोतर एक दूसरे साथ रैगर खाने लगे और मेरे खरे लूँ पे छुरियां चलने लग पारी का गदराया जिस्म होने की वजह से चलते वक़्त कमल की लग रही थी घने गीले बाल कमर और सामने की तरफ दो बारे तरबूज़ों जैसे मम्मी जो चलते वक़्त ऊपर नीचे झूल रहे थे और सादुल पेट और नीचे टाँगे में चुप अम्मी की खूबसूरत फ़ुदद्दी उफ्फ्फ अम्मी चलता फिरता बम लग रही थी तब बी ऊपर वाले की क़ुदरत पे नाज़ कर रहा था जो उस ने ऐसी मूरत तराशी और उसे मेरी माँ बनाया जब मुझे देखा अपनी तरफ बिना पलके जपकाय घूरते तो वो बी अंदर से मुस्करा पारी और खुद पे फख्र करने लग पारी क इस उम्र में बी उस क हुस्न का क़दरदान उस का अपना सघा पुत्र है जो उससे खा जाने वाली नज़रो से घर रहा था जल्दी से सरे कपड़े तार से उतरे और मेरे पास आ क मेरी लूँ पे हल्का सा हाथ मारा और मैं होश में वापिस आया और मेरी तरफ देखते होअय बोली चल पुत्र अंदर चलिए बार तय रात कूप होगयी ा जब देखा बाहिर तो सुछ में रात जैसा समै होगया था और साथ हे बारिश बी शुरू होगयी अँधेरा होगया क हमे अंदर आकर सब लाइट्स ों करनी पारी क्यों क यूँ तो एक दूसरे का फेस तक्क सही से नज़र आना मुश्किल था ने जल्दी से से कपड़े रखे साइड पे और अपने रूम की और जाने लगी मैं बी पीछे पीछे अम्मी की मोती गांड को हिलते जाने लगा जा कर अम्मी ने जल्दी से टॉवल से होने जो थोड़े गीली बल थे उन सूखने लग पारी अम्मी का सेल बजा अम्मी उसी नंगी हालत में सेल उठाया रज़िया एपीआई की थी ने कुछ सेकण्ड्स बात की फिर सेल रख दिया पोछा अम्मी क्या कह रही थी एपीआई बोली वो लोग एपीआई क सुसराल में रुके होअय है रहे हैं क मौसम ठीक होता है तो शाम तक्क आजाये गए और रमीज़ा (मेरी दूसरी एपीआई) वो बी उन् क साथ है सब शाम को हे अब आएंगे ये सुन कर खुश होगया क शाम तक हम दोनों माँ बेटे अकेले है बी मेरी स्माइल देख मुस्कराने लग पारी अम्मी को हँसता देख अम्मी क बाहों में ले लिया और उन् क माथे पे प्यार से किश कर क बोलै अम्मी ी लव यू फिर से थोड़ा शर्मायी और बोली कितनी बरी बोलेगा ी लव मुझे पता है मेरा पुत्र मुझे बुहत प्यार करता है और मैं बी तुझ पे अपनी जान वर्ती हूँ मेरे सोने लाल क बाहों में लियर मेरे हाथ अम्मी क मोठे हिप्स पे थे और उन्हें मैं दबा रहा था मेरे ज़ेहन में सवाल आया मैं बोलै अम्मी एक बात पोचू बुरा तो नै मानेगी मुस्करा क बोली पुत्र तुझ पे मेर जान क़ुर्बान बोक मेरे लादले जो चाहे पॉच ले कहसह होते होअय अम्मी की आईज में देखते होअय बोलै अम्मी आप ने कभी गांड मरवाई है मेरा सवाल सुन एक पल क लिए तो खामोश होगयी और फिर मुस्कराते होअय बोली मुझे पता था तेरे दिल में ये सवाल आएगा जब तू वाशरूम में मेरी गांड क सूरकः पर अपनी ऊँगली फेर रहा था तभी समझ गयी थी तो सुन से हे मेरे चोतर नार्मल से कुछ ज़्यदा मोठे और बाहिर को निकले होअय होते थे से पहले बी काफी बारे थे नार्मल लड़कियों से तेर अब्बू साथ शादी होइ तो शुरू क दिनों में तेरे अब्बू ने एक आध ार ज़िद्द की क नसरीन मुझे तेरी गांड मारनी है उन्हें ये कह कर ये मना कर दिया क नै ये जाएज़ काम नै मैं आपकी बीवी हूँ उन्हों ने बी ये ज़िद चोर दी एपीआई क साहड़ी क दिनों में पता नै कहाँ से तेरे अब्बू को गांड का शोक फिर से चार गया ब्रा मजबूर करते पर मैं हमेशा उन् का दिल तोर देती क यूँ निकाह टूट जाता है तेरे भाई का बी तेरी तरह मेरे चोतर देख कर दिल करना शुरू होआ पर मैं उसे बी मना कर दिया और अपनी फुद्दी तक हे महदूद रखा उसे बात सुनने क बाद मैं एक डैम से बोल प्र क तो क्या अम्मी आप पीछे से अभी तक वर्जिन है...अम्मी खिलखिला क हंस पारी और बोली हाँ मेरे लाल तेरी माँ वहां से अभी तक्क वर्जिन है...मैं तो खुही से झूम उठा और अम्मी को चूमने लग प्र बी मेरे मैं को समझ गयी थी होंठ चोरते होअय बोली पुत्र तेरे प्यार में पता नै क्या बात है जो मैं न कभी तेरे अब्बू क प्यार में फील की और न तेरे भाई क प्यार में लिए मैं तो जैसे तेरी देवानी होगयी हूँ पुत्र पता अब मैं करता क पूरी ज़िन्दगी जिस तूफे को किसी को खोलने नै दिया उसे तुझ पे निछावर कर दूँ अम्मी की बात समझ क ख़ुशी से उछाल हे प्र और अम्मी क पोरे फेस को बेतहाशा चूमने लग प्र बी मुझे इतना खुश देख कर मुस्कराने लग पारी...तभी मेरे मैं में एक फंतासी आने लगी हिम्मत कर क अम्मी को बोलै एक बात मने गई प्लसःह्ह्हह्ह और बच्चों जैसे उन् से कहने लगा अम्मी मेरे फेस को देख क हसने लग पारी और बोली क बोल पुत्र अम्मी को अलमारी पास लेग्या जो क वार्डरॉब थी से बोलै आप ने अपनी शादी पे जो जोड़ा पहना था वो संभाल क रखा होस है न वो निकले मेरी तरफ हैरानी से देखने लग पारी बोलै अम्मी निकले तो सही न ने कपड़ों क ढेर में पीछे साइड पे रखे एक बॉक्स को निकला उस में अम्मी का शादी का जोड़ा वग़ैरा पारी थी और साथ हे अब्बू की शेरवानी बी पारी थी जो उन्हों ने अपनी शादी पे पहनी थी क सूट बारे मुझे इस लिए याद क एपीआई की शादी पे एपीआई लोगो की ज़िद पे अम्मी ने अपना शादी का जोड़ा दर्ज़ी से खुला कराया था पर ऐन मौके पे अब्बू क कहने पे मना कर दिया क शादी का ज़ुरा एक बार हे नसरीन पहना करते (पता नै क्या लॉजिक था इस पीछे) तब से अम्मी ने अपना जोड़ा संभाल क रखा था बॉक्स उठाये बीएड पे रखा और उस में लाल सुराख़ जोड़ा निकला क एक लेहंगा और गरारा था रंग था और उस पे मोती जारी होअय थे हुए साथ लाल दोपटा बी था की शेरवानी बी निकली साथ वो बी लाल रख की थी साथ खुस्सा और पजामा बोली ये सब क्यों निकलवाया पुत्र...मैं उन् की आँखों में देख क मुस्कराया तो वो कुछ हद तक समझ गयी हे बोली नै पुत्र मेरे से ये सब नै होगा इस उम्र में उन् क दोनों हाथों को अपने हाथों में लिया और प्यार से बोलै मेरी प्यारी अम्मी नै लाडले क लिए इतना बी नै कर सकती मेर तरफ देखते होअय आखिर बोली क ठीक है पुत्र तेरे लिए कुछ बी खुश होगया...सब से ख़ास चीज़ जो बॉक्स से मिली वो थी अम्मी अब्बू की आर्टिफीसियल फूलों से बानी मसहरी उसे दहन से बाहिर निकला किसी टेंट की तरह थी बीचे में ब्रा सा हिस्सा था और उस हिस्से से जुड़ी सिदो को निकली लम्बी लारियाँ थी उसे दहन से उठाया और बीएड पे खरा होगया बोली पुत्र ये क्या कर रहा मैं कुछ नै बोलै और बीएड क ठीक बीचु बीच सीलिंग फैन क साथ उसे बांध दिया और उस की लम्बी लरियो को बीएड क चारो तरफ पहिला दिया इस तरह क पूरा बीएड कवर उप होगया हैरानी से मुझे देखि जा रही थी सही से मसहरी सजा दी और अम्मी क हाथों से अब्बू की शेरवानी पजामा वग़ैरा पकड़ा और बोलै अम्मी मैं आधे पोन घंटे तक्क आता हूँ तैयार होकर आप बी तैयार होजाये अम्मी फिर से कुछ बोलने लगी तो मैं उन क होंठों पे ऊँगली रख दी और प्यार से बोलै प्ल्ज़ मेरे लिए बी मुस्करा थी फिर और मैं अपने रूम में चला गया बरसों की फंतासी थी जो क मेरे दिल में छुपी होइ थी क ऐसे हे अपनी दुल्हन को अम्मी का जोड़ा पहना कर और खुद अब्बू की शेरवानी पहन सुहागरात मनाऊँगा ये नै था जनता क सुहागरात तो मानूंगा शामे वैसे हे पर अपनी हे अप्सरा सही माँ साथ मैं बरी छह से तैयार होआ से शावर लिया जल्दी से और पूरी बॉडी पे बॉडी स्प्रे लगाया और बिना अंडरवियर क हे चोरी पजामा पहन लिया और ऊपर शेरवानी बी खुस्सा शार्ट पूरा दूल्हा लग रहा था बास एक शे की कमी थी और वो थी सेहरे की जो क मैं वो बी पहन लिया अब्बू का हे देखा तो एक घंटा गुज़रा चूका था सब तैयारी में में टाइम ज़्यादा लग गया घुप अँधेरा होआ प्र था बारिश तेज़ी से होरही थी इवन ओले पर रहे थे अपनी कप्बोर्ड से एक ख़ास शे निकल जेब में डाली और नीचे अम्मी क रूम की तरफ जाने लगा का दूर बंद था मैं जूनही दूर खोला तो मेरे नाक में एक प्यारी से फ्रेग्रेन्स(खुसबू) फील होइ जो पहले नै थी में फुल अँधेरा था मैं साइड पे हाथ कर क जूनही लाइट का स्विच ों किया कमरा पूरा रोशन होगया और मेरे मौन शॉक से खुल सा गया पेरो नीचे गुलाब की पत्तियां थी जिन से एक छोटा सा रास्ता बना होआ था जो अम्मी की बीएड तक्क जा रहा था की तरफ देखा तो वाइट बेडशीट पे एक साइड पे गुलाब की पतियों से दिल बनना होआ था और एक तरफ अम्मी लाल शादी क जोड़े में दुल्हन बानी घूंघट ोराय बैठी थी मसहरी क अंदर तो सुछ में पागल सा होगया क उफ़ ये मेरी लाइफ का सब से हसीं पल था अब तक्क का देखने वाले क्या सुनने वाले बी रश्क करेंगे जब इमेजिन करे गए वो मंज़र क दूल्हे क रूप में मैं और दुल्हन क रूप में अम्मी उफ़ अब बी सोचता हूँ उस पल बारे तो लूँ खरा होजाता है मैं हलके क़दमों साथ बीएड की और ब्रा और मसहरी की लारियाँ साइड कर क अम्मी क सामने साइड को बेथ गया का घूंघट ोराय यूँ मेरे सामने बैठना मुझे पागल सा कर रहा था हैरान था क एक घंटे क अंदर अम्मी ने इतना सब कुछ कर लिया कलाइयों में रंग बृंगी पहले ज़माने की चूड़ियां और कँघन बी पहने होअय थे...मैं आराम से थोड़ा आगे को होआ और घूंघट को दोनों सिरों से पाकर क जूनही ऊपर को किया तो अम्मी का नूरानी चेहरा मुझे दिखा ने हल्का मेकअप किया होआ था मोठे रसीले होंठों पे रेड लिपस्टिक लगाई होइ थी झुमके और नाक छिदवाया होआ था तो उस पे रक बलि पहनी थी और उस बलि साथ एक चैन ऊपर को जाती माथे पे लगे झूमर से कनेक्ट होती खुले एक साइड को किये जो थे में सोने का हैञ नेकलेस पहना होआ था मर काजल बी साई मैनो में दुल्हन क रूप लिए होअय थी और हुस्न की देवी लग रही थी ने उन् की चीन पाकर क ऊपर की और उन् की आईज में देखा तो वो थोड़ा शर्मा गयी राइट हैंड से जेब में से वो स्पेशल शे निकालो जो अम्मी को देनी थी स्पेशल शे एक डायमंड की रिंग थी जो लास्ट ईयर हे मैं अपने एक दोस्त क थ्रू ली थी अपनी फ्यूचर की ड्रीम गर्ल क लिए और अब जब क अम्मी हे मेरा सब कुछ बन चुकी थी तो वो रिंग मैं अम्मी का हाथ पाकर क उन् की आँखों में देखते होअय ये बोल क पहनाई की अम्मी ये आपकी मौन दिखाई है तो जैसे शर्म से लाल होगयी और रिंग अम्मी की सब से छोटी वाली फिंगर में पूरी आयी उसे देख कर खुश होगयी और बोली ये तो काफी क़ीमती लग रही तू ने कहाँ से ली अम्मी क होंठों पे ऊँगली राखी और उन् क क़रीब आ कर बोलै आप क सामने इस की क़ीमत कुछ बी नै फिर से शर्म से नीचे देखने लग पारी बोलै अम्मी कैसा लग रहा है दोबारा से दुल्हन बन कर मुस्करायी और बोली थोड़ा अजीब बी लग रहा पुत्र पर ाचा बी लग रहा क इतने सालो बाद फिर से मैं सुहाग क बिस्टेर पर हूँ दुल्हन बानी बोलै अम्मी यही पे आपकी पहली सुहागरात होइ थी न अब्बू साथ शर्मा गयी और बोली अली बाज़ आओ न मुझे शर्म आती है बोलै अम्मी मेरे से क्या शर्माना बताये न खुल कर बोली हाँ यही वो रूम है यही बीएड था तब बी जब मैं पहली बरी दुल्हन बन इस घर में आयी थी तेरे अब्बू ने मेरी फुद्दी की सील टोरी थी बोलते होअय अम्मी फिर से शर्मा गयी मशरकी औरत होने नाते शर्म उन् का सब से हसीं गहना था अम्मी क बिलकुल क़रीब आकर अम्मी की गर्म साँसों को फील कर क बोलै अम्मी आज आपकी दूसरी सुहागरात है और वो बी अपने सघे बेटे साथ तो कैसा लग रहा गर्म होना शुरू होचुकी थी मेरी बातों से बोली आज दोबारा से दुल्हन बने एक अलग से फीलिंग आ रही बी अपने अब्बू की शेरवानी में दुल्हन बने जांच रहे हो पुत्र अब बास अपने हाथों से दुल्हन बानी अपनी माँ को नंगा कस्र दाल मेरे लाल आगे बार क अम्मी का दोपटा साइड किया आराम से फिर नाक की बलि उतरी उतरा उतरा और अम्मी की तरफ आगे बार कर उन् क रसीले लाल होंठों को चूम लिया पर धीरे से से बिजली बारे ज़ोर से गरजी तो अम्मी दर क मरे मेरे गले लग गयी मुस्करा दिया और बोलै अम्मी कुछ नै होआ थोड़ा रिलैक्स होइ उन का फेस ऊपर किया और लम्बी सुराई दर गर्दन को चूमना शुरू होगया बी मदहोश होअय जा रही थी