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अम्मी का प्यार .......
#4
पूरा हलक़ में नीचे तक्क लूंण लेती अम्मी ३ मं लूंण चूसने बाद अम्मी खुदी उठे और भाई को सेमि लेता कर सीधा उन् क ऊपर लेफ्ट राइट लेग्स कर बैठने लगी तो उफ़ उन् की बरी मोती गांड और फैल गयी और जूनही उन्हें ने खरे लूंण को अपनी फुद्दी की रह दिखाई और एक हे झटके में उस पे बैठी तो अम्मी क मौन से एक सिसकारी निकली और आईज मस्ती में क्लोज सी होगयी एक दम्म से जब आईज खोली तो भाई क फेस पास जा क किश किया होंटो पे और थोड़ा ऊपर नीचे होने लगी हे मस्ती में भाई को देखा और बोली तेरे इस प्यार खातिर तेरी अम्मी पिछले कई महीनो से प्यासी थी हे पता कैसे मैं ने अपने जिगर क टोकरे को अपने से दूर जाने दिया साथ हे उछल कूद शुरू हैवी जिस्म क बावजूद अम्मी बरी सकूं और महारत साथ उछल कूद कर रही थी और लूंण से फुद्दी छुड़वा रही थी पता नै भाईंको क्या सोझी वो सामने अम्मी क झूल रहे बारे बारे मम्मो से दूध पीने लग परे लग परे...ाममिबकी बाहें भाईबक गले में थी और भाई ने अम्मी को झफी दाल ली और अम्मी क भरी वजूद को उठा कर बिस्टेर से नीचे उत्तर क खरा होगया ने लेग्स भाईबकी कमर साथ लपेट ली और चिपक सी गयी भाई साथ इस पोरे अमल क दौरान भाई का लूंण अम्मी की फुद्दी क अंदर हे रहा भाई की आईज में आईज दाल मम्मी भाई की छाती में छूबए होंठ चूमि जा रही ठु और भाई क मौन में ज़ुबान डाले चुसवा रही थी...अब एक दिलकश मंज़र था रूम में इतने बारे और भारी वजूद की मालिक अम्मी को बाहों में उठे कमरे क बीच ो बीच खरे खरे छोड़ रहा था और अम्मी उछल उछल क छुड़वा रही थी मदहोशी में अम्मी क होंठ चोरता होआ अम्मी आज बी आपकी फुद्दी में कितनी तिघनेसस है सूछहि साल होने को है और आज बी ऐसे लगता जैसे किसी यंग लड़की की फूडी हो और अम्मी थोड़ा सा मुस्करायी और भाई क होंठ चूम लिए तो सुन क हैरान क ७ साल से भाई और अम्मी का रिलेशन चला आ रहा है...आखिर कोई ५ मं बाद हे भाई की हिम्मत ने जवाब दे दिया हैवी बदन वाली औरत को बाहों में उठा कर छोड़ने में ाचो ाचो का डैम निकल जाये भाई तो फिर तो फिर थोड़ी देर संभाल सके ने अम्मी को बीएड कमर क बल लिटाया और और आखरी धक्के अम्मी की फुद्दी में लगाए और फुद्दी क अंदर हे पानी चोर दिया सोचा अब वक़्त है यहाँ से निकल जाने का इस से पहले क कोई देख ले जल्दी से लूंण ट्रॉउज़र में डाला जो अब ढीला हो चूका क नाम का पानी विंडो की देवर पे हे चोर आया था जल्दी से उसी तरह दोसरा यूनिफार्म पहना साफ़ वाला और गेट फलांग क दोबारा बाहिर और कोई ५ मं बाद बेल्ल बजे बेसिन बेल्ल बजाने पे अम्मी आयी है खुद को कवर कर रही होंगी दूर खुला तो अम्मी ने दोपट्टा ओढ़ा होआ था पे परेशानी और थकावट क असरात और पहली बरी मैं अम्मी को बिना ब्रजेर क देख उफ़ उन् क मम्मी इतना बारे और निप्पल्स वैया थे ने मुझे उन्हें घोरते देखा तो एक दम्म से मुर क अंदर को चली गयी होअय उन् क हैवी चूतर की रैगर देख क लूंण एक बरी फिर खरा होगया में आया कैसे बी कर क अम्मी की फुद्दी मैं बी मारनी है और आज हे किसी न किसी तरह...अम्मी शावर लेना शुरू होगयी और मैं भाई से मिला वग़ैरा जल्दी बीत गया को ७ बजे क क़रीब खाना खाया हम तीनों ने नार्मल बेहवे कर रही थी बी अम्मी को देख देख मुस्करा रहे थे खाने क बर्तन उठाये किचन की और चली गयी और मैं हुए भाई हॉल में टीवी देखने लग परे मेरे ज़ेहन में एक प्लान बना आँखों सामने बार बार अम्मी का नंगा जिस्म घूम रहा था सेल निकला और भाई और मेरा एक फ्रेंड कॉमन था तो और क़रीब हे रहता था दूसरे मोहल्ले बताया क है आया होआ है उसे अपने घर बुला कॉल कर क ८ बज्र क क़रीब को कॉल आयी भाई को तब अम्मी किचन की सफाई कर रही थी और फिर हॉल में बने आत्ताच वाशरूम जाने लगी फ़ारिग़ होने शायद भाई बी जाने लगे और मुझे बोल क गए क अम्मी को बता देना और मैं ज़रा लेट होजाऊंगा गेट लॉक किया और अम्मी को वाशरूम गए कोई १० मं होअय होंगे क मैं मैं स्विच ऑफ कर दिया घर की लाइट ऑफ होगयी सीधा वाशरूम तरफ गया और बाहिर हे फुल नंगा होगया अंदर थी क फ्लश करने की आवाज़ आयी मुझे...अब ज़रा मैं अपने बारे में बता दूँ १७ साल का हूँ से छोटा जाने की वजह से बॉडी सही बिल्ड उप है ६ फ़ीट मेरा कुछ ग़ैर मामूली ब्रा है इतनी क अकेले हाथ में पोर नै आता और undefined क़रीब ९ से थोड़ी ज़्यादा है लेहाज़ से भाई क लूंण से मेरा लूंण ब्रा था...खैर मैं वाशरूम क बाहिर कपड़े उतरे रख दिया फुल था की लम्बी रात थी व८ कर रहा था क कब अम्मी वाशरूम का गेट खोले सेकण्ड्स बाद अम्मी ने दूर खोला और सब अंदर रहा तो मुझे देख नै पायी बस फील होआ क कोई है अम्मी दूर क्लोज कएने लगी मैं उन्हें हल्का सा धक्का दिया और वाशरूम दोबार घुसा लिया कुण्डी लगा दी अंदर से नै पता लग रहा था क क्या होरहा है एक दम्म से मुझे पीसी हटती बोली अहमद बाज़ आओ अली बाहिर है ये कोई वक़्त है इस काम का मुझे अहमद समझ रही थी बी मौके का फायदा उठाना लाज़मी समझा और अम्मी का मौन दूसरी और कर दिया कोड़े थिए और देवर थी अम्मी गिरते गिरते बची और कोड़े ऊपर ले हिस्से का सहारा ले लिया अम्मी खुद को चुरवा सी रही थी पर मैं नै छोरा अपनी पाकर से और जल्दी से अम्मी की शलवार एक हे झटके साथ उतर दी पंतय साथ हे तिलमलाई पर मैं मज़बूती से उन्हें झुकाये रखा कह रही थी क अहमद बाज़ आई कुछ तो शर्म के लो बेटे लूंण अम्मी क फूडी क ख्याल से हे जोश पकड़े होअय था मैं ने अँधेरे में हे ट्वेर चलने का इरादा कर लिया क मज़बूत और चूरे चूतरो को पहिला दिया और अपने लूंण को किसी त्र अँधेरे में अम्मी की फुद्दी पे होल पे रखा और आओ देखा न ताओ एक ज़ोरदार झटका दे मारा इतना शदीद था क लूंण पूरी गहरायी में एक हे झटके साथ अम्मी की बचदाणी को टच करने लग प्र जो चिलायी उफ्फ्फ अगर कोई घर पे होता तो पक्का सुन लेता की चीख पोरे घर में गूंजी की फुद्दी इतनी गर्म थी अंदर से तूबह मेरा लूंण ऐसे जैसे फीगल रहा हो अंदर और टाइट मेरी सोच से बी ज़्यादा थी उम्र में बी फुद्दी में इतनी तिघटनेस थी क छिलने की वजह से मैं बी पूरा लूंण डाले कुछ पालो क लिए रुक गया छीलते होअय बोली कूटे क बचे निकल दे लूंण मैं मर गयी एक हे झटके में पूरा दाल दिया ऊपर से आज तेरा लूंण पहले से मोटा और लम्बा बी फील होरहा रब्बा कद दे वे खासमा अपनी न मार सत्य तू बाहिर हे होगा कुछ तो शर्म कर ले भागी थोड़ी जा रही हूँ अम्मी की बातों का मज़ा लेते होअय आराम से लूंण आहिस्ता आहिस्ता बाहिर निकलने लगा को बी थोड़ी रहत मिली क शायद मान गया है जो निकलने लगा है लूंण कैप तक्क लूंण बाहिर निकला और फिर फुल ज़ोर से धक्का दे मारा अम्मी की फुद्दी में फिर से चिलए ज़ोर से मैं मर गयी रब्बा नै ांडा तो रेहम क तेरी माँ वां को बाज़ारू रंडी नै अम्मी की बातों और चीखु से और एक्ससिटेड होकर फुल स्पीड से लूँ इन आउट करने लग प्र बारी फुद्दी मर रहा था वो बी अपनी सगी अम्मी की तो मेरे तो जैसे मैं की मुराद पूरी होगयी हो में अँधेरे में अम्मी को कमोड पे झुकाये मैं फुल ज़ोरो से फुद्दी मरी जा रहा सिसकियाँ बरी जा रही थी और चिलयो जा रहा थी देर बाद उन्हें बी ाचा लगने लग प्र और उनकी सिसकियाँ मज़े में बदल गयी और वो अपने मोठे हिप्पस को हर ढके साथ पीछे को देखेलने लगी और साथ कहने बी लग पर क और ज़ोर नाल पुत्र है मर सूत अपनी माँ हूँ हाय और जोरर नाल... अम्मी क हाथों का लूम्स अपने खरे लूंण पे मेहसूद कर क मैं तो ख़ुशी से झूम उठा क दोनों हाथों में बरी मुश्किल से पूरा आरहा था लूँ उसे ऊपर नीचे कर क हर तरफ से बारे दहन से देख रही थी जैसे कोई खज़ाना मिल गया हो की आईज की चमक तब देखने लायक थी मेरे लूँ को मुठी में लिए सहलाते होअय मेरी तरफ ऊपर देखते होअय बोली अली ये तो तेरे भाई से बी ब्रा है सी आगे में इतना ब्रा कैसे कर लिया मेरे लाल से अब रहा नै तह जा रहा अम्मी क रसीले मोठे होंठ मेरे लूँ क बिलकुल सामने थे अम्मी का सर लूँ की तरफ करते होअय बोलै अम्मी चूसें न मेरी तरफ देख क ऊपर मुस्करायी और बरी ऐडा से बाल सारे एक साइड को कर मौन खोला और लूँ की कैप को मौन में लेने लगी पर कैप का साइज ग़ैर मामूली तोर पर ब्रा था को पूरा मौन खोलना प्र और फिर अम्मी ने लूँ की कैप क जूनही अपने नरम होंठों में लिए मेरे मौन से खुदी एक सिसकारी निकी है अम्मीी आईज एक पल क लिए क्लोज होगयी और मौन मेरे ऊपर को होगया में कमल का एहसास था वो क मोठे लिप्स मेरे मोठे लूँ क ऊपर नीचे थे और लूंण को तिघ्टलय झाकरा होआ था अम्मी क लिप्स ने की आईज बी थोड़ी बहार को निकली होइ थी क्यों क उन्हें बी अपना मौन रूटीन से ज़्यादा खोलना प्र लूँ क बारे में ज़रा बता दूँ ता क कुछ आईडिया होजाये मैं ७थ में था तो तब से मेरे लूँ की ग्रोथ नार्मल से ज़्यादा होने लगी और वक़्त क साथ साथ मुझे लूँ का वेट ज़्यादा हे फील होने लगा और undefined वाइज लूँ तक़रीबन सारे ८ इनचेस से ज़्यादा हे था और थिकनेस ग़ैर मजमूई तोर पर ज़्यादा इवन मेरे दोनों हाथों में बरी मुश्किल से आता था तभी तो अम्मी क मौन में लेने में अभी प्रॉब्लम होरही थी अम्मी बी पूरी महारत दिखा रही थी और आहिस्ता कैप से आगे बार रहित थी ज़्यादा मौन में ले रही थी...मैं मज़े से खरा इस दिलकश नज़ारे से लुत्फ़ ाजदूज होरहा था की गीली ज़ुबान का लूम्स मेरे लूँ को और जोश दिला रहा था और अब अम्मी बारे अचे तरीके से लूँ चूस रही झलक रहा था क उन्हें भाई क लूँ चूसने का ाचा खासा एक्सपीरियंस है हालत ये थी क अम्मी २/३ लूँ मौन में पूरा ले पति और फिर बाहिर निकलती तो लूँ चमक रहा होता उन क थूक से से पहले मैं ने कभी अपने लूँ को इतना मोटा होता नई देखा था रोड की तरह सीधा खरा और मोटाई बी कमल की ५ मं हिए थे अम्मी को लूंण चूसते क मेरे पेअर जैसे लरखराने को तैयार थे खरे खरे इतनी ज़बरदस्त अंदाज़ से जो लूंण चूस रही थी वो पल आया जब मैं एक पल क लिए किसी और हे दुनिआ में चला गया जब ोँ को जार से दोनों हाथों में मज़बूती से थामे अम्मी ने मौन में इन आउट करते ऊपर मेरी आईज में देखा अम्मी की आँखें तब सही मनो में नशीली थी और मुझ से २ सेक् बी सही से नै देखा गया और मैं आँखें बंद कर की क ये मंज़र ऐसा जान लेवा था क उफ़ एक माँ अपने बेटे क क़दमों में बैठी किसी महार खिलाड़ी की बेटे का मोटा लूँ चूस रही थी और बेटे क साथ ऑय कांटेक्ट कर रही थी सेक् बी मजेएस देखता तो पक्का मैं फ़ारिग़ होजाना था ी'म सूरे १० मं होने आये होंगे बी हैरान था क आज मैं सुच में इमोशंस को कण्ट्रोल थोड़ा किया था और फ़ारिग़ नै होआ था मैं अम्मी क खोले बालों को सहलाते होअय उन् क सर की बैक साइड से उन क सर को लूँ पे दबा रहा था क पूरा मौन में जाये पर ये मुमकिन नै था होरहा पारा लूँ उन क हलक़ से जा टकराता और उन की साँस रुकने लगती मैं ज़रा थोड़ा ज़ोर से उन् का सर दबाया तो लूँ थोड़ा सा बेंड होकर उन क मौन में हलक़ से नीचे को उत्तर गया और तभी अम्मी की आँखें बाहिर को निकला आयी और उन्हों ने दोनों हाथों को मेरी राणो पे रखे ज़ोर लगाया मुझ से अलग होने क लिए ३ सेक् क लिए हे लूँ क हलक़ क नीचे उतरा होगा और पूरा लूँ अम्मी क मौन में ग़ायब सा होगया था और तभी मुझे उन का कांपता चेहरा देख कर रेहम सा आज्ञा और मैं उन क सर से हाथ हटा दिया डैम से वो पीछे हटी और लूँ उन क मौन से एक झटके से बाहिर निकला और ऊपर नीचे झूजने लग प्र एक डैम से खस्ना शुरू होगयी और लम्बे लम्बे सांस लेना शुरू होगयी और मेरी तरफ ग़ुस्से से देखने लग पारी क मौन से राल टपक रही रही थी थूक गई और मेरा लूँ बी फुल चमक रहा था सांसें संभालने क बाद उन्हों ने मेरी तरफ ग़ुस्से से देखते हो .. सांसें संभालने क बाद उन्हों ने मेरी तरफ ग़ुस्से से देखते होअय बोली अली ये बी कोई तरीक़ा है मेरी सांस रुक गयी थी प्यार से स्माइल दी और बोलै सॉरी अम्मी मदहोशी में पता हे नै चला और उन् की तरफ देख कर रोड की तरह तनय होअय लूँ पर हाथ फेरा कह रहा हों क अम्मी ये है आप की क़ीमती शे देखे कैसे चमक रही है लें इसे...अम्मी बी एक दमन से मेरी हरकत पे मुस्करा उठी और आगे बढ़ने हे लगी थी क नीचे से किचन में से बर्तनो की आवाज़ आयी एक डैम से नीचे से उठी और दोपट्टे से अपना मौन साफ़ कर क बिखरे बालों को सीधा कर क गुछू बना कर बांध कर जल्दी से बोली अली लगता तेरी एपीआई झाग गयी है मुझे जाना होगा सरा सा मौन बनाया और लूंण की तरफ इशारा करते होअय क अम्मी इस का क्या एक दम्म से मेरे पास आयी मेरे बालो को सेहला कर बोली मेरा सोना पुत्र ा न मेरी मज़बूरी ा में पक्का और मुस्कराती खिलखिलाती होइ बाहिर चली गयी आसमान से जैसे एक हे पल में ज़मीन पे उत्तर गया था लूँ को पाजामे क अंदर कर क वाशरूम फ्रेश होने चला गया क कोई नै फिर सही...फ्रेश होकर नीचे खाने क टेबल पे सब क साथ बैठा होआ था और सब बातें कर रहे थे अहमद भाई से पॉच रही थी मेरे लिए क्या क्या लाये हो बोले खाने क बाद दिखता हूँ और मैं बार बार अम्मी को हे देख रहा था हर निवाले क साथ अब मुझे किसी अप्सरा जैसे खूबसूरत लगने लग पारी थी और थी बी एक्चुअल में बास मैं हे कभी उस नज़र से दहन नै दिया बी बीच में बीच मेरी तरफ देख क मुस्कराती और आँखों से इशारा करती क नीचे खाने पे दहन दो तब आया जब बीच में भाई को बी शामे इशारा दिया जो किसी प्यासे की तरह अम्मी की तरफ देख रहा था और इंदिरेक्ट्ली कहना छह रहा हो क अम्मी कोई मौक़ा निकालो किसी मग़रूर हसीना की तरह दोनों बेटो क दिल पे छुरी चला रही थी इस टाइम... सुबह का नाश्ता करने क बाद अम्मी किचन में चली गयी बर्तन वग़ैरा उठा कर क भाई क साथ उस क रूम में चली गयी चीज़ों जो भाई लेकर आये थे उसे देखने बी बोलै क अली आजाओ बोलै मैं आता हूँ ज़रा वो दोनों ऊपर भाई क रूम में चले गए तो मैं जल्दी से उठा और किचन में चला गया जहाँ अम्मी सिंक में बर्तन धो रही थी की मोती गांड बैक से देख कर मेरा दिल फिर मचलने लगा जल्दी से अम्मी क पीछे गया और उन् क मोती गांड पे हाथ फेरते होअय बैक से उन्हें गले लगा लिया एक डैम से हार्बर गयी और पीछे मुर क मेरी तरफ देख क बोली अली हटो पीछे से ये कोई वक़्त है इन कामो को दोनों अभी बाहिर हे है बोलै अम्मी भाई एपीआई की चीज़ें दिखने ऊपर रूम में ले गए है १० १५ मन एटलीस्ट तो लगे गए हे उन्हें से मेरे इस खरे लूँ का कुछ कर दे सुबह बी आप बीच में चोर आयी थी मना करने लग पारी क नै नै अभी ये रिस्क लेना ठीक नै उन् में से कोई बी आ सकता है नीचे अपना खरा लूँ अम्मी क मोती गांड में घुस रहा था और साथ हे अम्मी को मना रहा थस क अम्मी जल्दी करे टाइम बिलकुल नै है मेरे से रहा नै गया और मैं नीचे बैठा और पीछे से अम्मी की शलवार जो क इलास्टिक वाली थी उसे नीचे अम्मी क पेरो तक्क एक हे झटके में कर दिया ने पंतय नै पहनी थी और पीछे से उन् की फैली होइ गांड कमल की लग रही थी फिर थोड़ा नखरा कर रही थी पर मैं नै मन और प्यार से अम्मी की आईज में नीचे बैठे हे देख क बोलै अम्मी प्ल्ज़ और अम्मी बोली अच्छ जल्दी करो जो बी करना है और आगे को सिंक वाली रैंक को पाकर क थोड़ा झुक सी गयी और मैं उन्हें लेग्स थोड़ी खोलने का बोलै और जूनही अम्मी ने अपनी हैवी थिएस को थोड़ा साइड किया उन् क फुद्दी मुझे दिखने लग पारी बरी दिन क उजाले में अम्मी की फुद्दी देख रहा था की फुद्दी पे हलके हलके ब्राउन से बाल थे और फुद्दी क लिप्स साइज में ढेर इंच क होंगे जो क थोड़े से बाहिर को निकले होअय थे और फुद्दी का ओवरआल कलर वाइट सा था ग़ैर मामूली तोर पर फुद्दी का साइज इतना ब्रा नै था जो क अम्मी की आगे की औरतों का होता है की फुद्दी को देख कर मेरे मौन में पानी सा आज्ञा और मैं अम्मी क भरी हिप्स को पहिला कर साइड कर क अपना फेस घुसा लिया हिप्स में और अम्मी क फुद्दी क लिप्स को चूम लिया का टास्ते था एक दम्म से उछाल पारी हुए सिसकी भर क हईये अली ये सब मैट करो टाइम नै है हमारे पास मैं न मौके की नज़ाकत को समझते होअय एक दाम से जोरर से अम्मी की फुद्दी को चूमते होअय सीधा खरा होगया नज़ारा ये था क अम्मी अपने मेरे सामने हाफ झुकी होइ अपने भरी हिप्स को पहिलाये इंतज़ार कर रही थी क अगले हसीं पल का और मैं बी बिना देर किये मज़ीद अपना पजामा नीचे किया और मेरा लूँ किसी लोहे की रोड की तरह तना होआ था और सीधे अम्मी की गांड की तरफ कैप थी उस की जैसी मंज़िल की डायरेक्शन मिल गयी हो मैं आगे ब्रा और अम्मी की कमीज को ऊपर को कर क कमर तक्क अम्मी की लेग्स को थोड़ा मज़ीद खोल कर लूँ फूडी क होल पे रखा हे था क ऊपर से आपि लोगो क नीचे आने की आवाज़ आयी वक़्त मुझे बेइंतेहा ग़ुस्सा आया ने जूनही आवाज़ सुनी वो एक दम्म से सीढ़ी होइ और जल्दी से नीचे पाऊँ में गिरी शलवार को ऊपर कर लिए और मुझे बी पीछे धेकेल दिया और बोली पजामा ऊपर करो और फ्रिज की साइड पे होजाओ ता क खरा लूँ न दिख जाये फ्रिज की साइड पे दूसरी तरफ मौन कर क खरा होगया और पानी पीने की एक्टिंग करने लगा और मेरे चेहरे पे साफ़ ग़ुस्सा निकल रहा था एपीआई किचन में दाखिल होइ और बोली अम्मी देखो अहमद मेरे लिए सूट लेकर आया है और मेकअप का सामान बी जो मैं कहा था इसे और साथ हे बोली क अम्मी अरूबा (एपीआई की नन्द) की कॉल आयी थी वो लोग बाजार जा रहे है तो मुझे बी बुला रहे क मिल क शॉपिंग करनी है क सुसराल में किसी की शादी थी तो उस क लिए) जा रही हूँ शाम तक्क ाजाओं गई और रमीज़ा (एपीआई से छोटी सिस्टर) वो बी तो आ रही न तो उस से बी मिल लगी एक डैम से बोली क अकेले क्यों जा रही हो अहमद को साथ लेजाओ सुसराल वालो से बी मिल लेगा और बाहिर बी घूम आएगा भाई क तब एक्सप्रेशंस देखने वाले थे जैसे उन्हें बाहिर नै जाना हो और अम्मी क पास हे रहना हो बी बोली क ये ठीक रहेगा और बोली चलो अहमद चलते है है और दोनों बाहिर की तरफ जाने लगे और अम्मी उन्हें बाहिर तक चोर कर गेट लॉक कर क दोबारा किचन में आगयी जहाँ मैं खरा था और मेरे चेहरे पे स्माइल साफ़ झलक रही थी क अम्मी ने कैसे अहमद भाई को बी साथ बेझ दिया अब हम दोनों माँ बेटे पोरे घर में अकेले थे बी जूनही किचन में दाखिल होइ तो उन क होंठों पे बी मुस्कराहट थी शलवार और रेड कमीज में केहर तो पहले से ध रही थी इतना उतावला होआ फिरा था क जल्दी से आगे होकर अम्मी को गले से लगा लिया और उन्हें चूमने लग प्र क लिप्स को ऐसे चूस रहा था जैसे उन से अमृत टपक रहा हो बी मेरे उतावले पैन से थोड़ा हैरान रवह गयी मैं जल्दी से अम्मी क गले से दोपट्टा उतर फेंका और लाल कमीज को सिरों से पाकर कर ऊपर को उतरने लग प्र थोड़ी टाइट थी और मैं जल्दी में थोड़े ज़ोर से जूनही ऊपर की तो सिदो से चिररररर की आवाज़ आयी और अम्मी की कमीज पहात गयी मैं उसे पूरा फर का साइड ोे फ़ेंक दिया अब थोड़ा मुस्करा रही थी क पुत्र आराम नल मैं थोड़ा किथे नस चली आ सर पे जैसे भूत स्वर था में खरा लूँ रह रह कर उछाल उछाल कर बाहिर आने क फ़िराक में था क़मीज़ी उत्तर गयी तो अम्मी क सीने पे बाक़ी बचा होआ लाल ब्रा बी मैं उतरने लग प्र पर हुक नै खुल रही थी और अम्मी ने मुझे प्यार से थोड़ा पीछे करते होअय बोलै रुको मैं खोलती हूँ और पीछे हाथ लेजा कर हुक खोल दी और ब्रा उतर दी अम्मी क मोठे मम्मी एक डैम से मेरे सामने आगये क दूध किसी बारे २ तरबूज़ु की तरह रहे वाइट और ब्राउन रंग क निप्पल्स जो क हाफ इनचेस undefined में होंगे और खरे थे आगे में बी अम्मी क मम्मो में थोड़ा सा हे झुकाया था तो अम्मी क इतने बारे दूध देख कर होश हे खो बैठा में अम्मी किसी अप्सरा से कम् नै थी ज़ुल्फ़ें बरी आँखें रसीले होंठ नैन नक़्श सुराई दर गर्दन पे दो बारे बारे दूध जो ४४िंचेस क ब्रा में बी बरी मुश्किल से आते थे पेट नैवेल नीचे कमल क बरी और हैवी हिप्प्सजो चलते वक़्त एक दूसरे से रैगर कहते थे तो देखता हे रह गया अम्मी को पर लूँ था पाजामे में आउट ऑफ़ कण्ट्रोल होअय जा रहा था न्य न्य मेवा खाने को पहली बरी मिले और मेवा हो बी लाजवाब में एक तो रहा नै जाता तब कुछ वैसी हे फीलिंग्स थी आगे बारे और अम्मी क राइट वाले दूध को दोनों हाथों में पाकर क निप्पल मौन में लेकर खरे खरे हे चूसने लग प्र अंदाज़ा लगा सकते क इतने बारे एक दूध था क दोनों हाथों की ग्रिफ्ट में नै था आ रहा मेरे सर पे हाथ फेरती मुझे दूध चूसने डियर जा रही थी बरी होआ था सुबह से आज क मेरे खरे लूँ को धोका मिला था तो मैं बी देर करना गवारा न किया और एक हे दूध चोर अपनी शर्ट और ट्रॉउज़र उतरने लग प्र और तभी अम्मी ने बी शलवार उतर दी अब अम्मी मेरे सामने फुल नंगी थी और उन् का ऑवर गिलास शेप वाला गदराया बदन मुझे पागल बना रहा था मैं आगे और अम्मी क होंठ चूम लिए बास इतना हे बोल सकीय क अली बैडरूम...मैं ने उन्हें बाहों में लिया और किचन की रैंक से लगाए पैशनेट तरीके से चूमि जा रहा था मेरा खरा लूँ अपनी मंज़िल की रह ढून्ढ रहा था हाथ पीछे रैंक पे ले जाते होअय उस पे पारी चीज़ो को साइड किये अम्मी को थिएस से उठा कर रैंक पे चढ़ा दिया ज़रा रैंक क बारे में बता हमारे किचन में तक़रीबन सारे ३ फ़ीट लम्बाई में थे को उस पे चढ़ा कर मैं ने किसिंग रोकी और अम्मी की हैवी लेग्स को पहिलाया अम्मी पीछे देवर क साथ टैक लगे हाफ बैठी होइ पोजीशन में थी उन की भरी लेग्स को ज़ोर से ऊपर की तरफ अपने कन्धों क सहारे कर क पहिला दिया पोजीशन सेट कर क बिलकुल रैंक क सिरे पे उन् क हिप्स किये और फुद्दी को देखा हो थोड़ी गीली होचुकी थी तो पहले हे जोश में था एक हाथ से लूँ पाकर क फुद्दी क होल ोे रखा और एक करारा ढाका फुल ज़ोरो से mara,aaiiiiiiiiiiiiii हाय मैं मर गयी... मर सत्य इ न अपनी माँ न...अम्मी की एक दर्दनाक चीख पोरे घर में गुंजहि रगरता होआ पूरा एन्ड तक्क अम्मी क फुद्दी में चला गया और इस पोज़ में ज़रा बी लूँ बाहिर नै था इवन मेरी बॉल्स फुद्दी क निचले हिसाय पे जा लगी थी की चीख सुन कर एक पल क लिए मैं रुका और अम्मी की बंद दर्द से बरी आईज को देखने लग प्र.. अम्मी की लेफ्ट ऑय से ाँसों बी निकला दर्द से में मैं उतावलेपन में अम्मी क दर्द की परवा नै की रात वाशरूम में बैक से फुद्दी मरी थी पर अब जिस तरह क मशीनरी पोज़ में अम्मी को किया होआ था इस पोज़ में लूँ अम्मी की फुद्दी में सब देवरे धताय होअय एन्ड तक जा पोहंचा था ५ सेकण्ड्स बाद अम्मी की आईज तब खुली जब मैं फ़िक्र में अम्मी पे झुक कर उन् क मुलायम फेस पे हाथ फेरा और बोलै अम्मीय ग की आँखें खुली तो वो थोड़ी नुम थी और उन में दर्द साफ़ झलक रहा था मेरा सारा उतावलापन एक हे झटके में झाग जैसे बेथ गया बी था सुबह का लूँ को धोका मिलना या ग़ुस्सा वग़ैरा पर ात थे एन्ड जो औरत इस वक़्त मेरे नीचे थी वो माँ थी मेरी क्यों न होती बी मुझे परेशां देख कर थोड़ा सा मुस्करायी कैसे बी कर क और मेरे झुके होअय फेस को अपने राइट हैंड से सहलाते होअय बोली अरे कुछ नै होआ तेरी अम्मी को ये तो ख़ुशी क ाँसों है इस दर्द को सहने क लिए तो हर औरत जीती क्यों परेशां होरहा आदत नै है न इतने बारे की तो बास ऊपर से तू बी आओ देखा न ताओ और एक हे झटके में दाल दिया अपना गधे जैसा मसल और साथ हे थोड़ा और मुस्करा उठी अपने हाथ से अम्मी क ाँसों साफ़ किये और उन् की आँखों में देखने लग प्र अजीब सा हे अपना पैन था बिना पलके झपकाय देखि जा रहा था अम्मी बी शामे दो लवर्स हो जैसे ने थोड़ा ऊपर उठ क मेरे होंठों पे किश किया और मुझे होश में वापिस लायी अम्मी की तरफ देख तब थोड़ा शर्मा सा गया और साथ हे अम्मी की आईज में देख क बोलै अम्मी ी लव ु बी जवाब में बोली पुत्र तेरी माँ बी तुझ से बुहत प्यार करती है हे अम्मी बोली अब क्या मुस्कराता हे रहे गए या कुछ करेगा बी तेरा मसल अभी बी कैसे मेरी फुद्दी में पनाह लिए बैठा है कुछ देर क लिए भूल हे गया था बी दोबारा जोश में आते होअय नीचे झुका ा अम्मी क दोनों मोठे मम्मो को बरी बरी चूसने लग प्र और थोड़ा सीधा होकर अम्मी की हैवी लेग्स को सही से ऊपर को कर क अम्मी क दोनों दूध पे गृप बना क लूँ को बाहिर सिरे तक्क निकला और अम्मी की आईज में देखते होअय फिर से एक ज़ोर का झटका दे मारा फिर से चिलायी हाय मैं मर गयी और एक दर्द भरी सिसकी बरी क मुझे घोरते होअय बोली "सुधरी न तू" मैं थोड़ा मुस्कराते होअय फिर से एक ढाका लगाया और २ और बिना रुके किसी इंजन क पिस्टन की तरह तेज़ ढके लगाने लग प्र हर ढके क साथ सिसकी बरती और अपना निचला होंठ डेंटन से काट'टी उन् का दर्द बी काफी हद तक मज़े में चेंज हो चूका था वो बी मज़े सिसकियाँ बार रही थी लूँ अम्मी की फुद्दी की अंदरूनी स्किन को रगरते होअय इन आउट होरहा था और मैं उस पल को बयान नै कर सकता क कितने मज़े से मेरा लूँ अम्मी क फुद्दी की सरहदों को बार बार पर कर रहा था की अंदर से लूँ पे जो झाकर सी होती तिघटनेस से फील होती और साथ गर्माहट से जैसे मेरा लूँ पिघल रहा हो अंदर ऐसे तो फुल होश खोये ढके पे ढाका लगाई जा रहा था में अम्मी की फुद्दी में जन्नत सा मज़ा था मेरी हाथों की सख्त ग्रिफ्ट की वजह से अम्मी क मम्मो पर निशान से पर रहे थे और दोनों दूध लाल होगये थे मम्मो को चोरे अम्मी की लेग्स को अम्मी क फेस की तरफ और ज़्यादा बेंड कर दिया का जिस्म भरी और फैला होआ था जिस की वजह से अम्मी को बी थोड़ी प्रॉब्लम होइ यूँ पर अम्मी में काफी फ्लेक्सिबिलिटी थी ये मुझे तब पता चला हाल ये था क किचन क रैंक पे अम्मी को हाफ बेंड किये मैं ऊपर से अपने लूँ क तगड़े झटके फुद्दी में लगाई जा रहा था पोज़ में अम्मी को थोड़ी देर बाद हे मसला होने लग प्र क्यों क रैंक की मार्बल की स्लैब थी और उस पे यूँ बेंड होना अपनी लेग्स अपने फेस तक बेंड किये होअय और इस हालत में एक तो मैं बी अम्मी की थिएस को पक्राउ होआ था और अम्मी बी दोनों हाथो से अपनी थिएस को पहिलाये होइ थी ५ मं मज़ीद गुज़रे होंगे यूँ अम्मी की फुद्दी को ठोकते क मुझे अम्मी की हालत देख कस्र थोड़ा रेहम आज्ञा वो इस लिए क हर ढके क साथ उन् की कमर रैंक की स्लैब पे घिसती और उन्हें मसला होता तो मैं समझ गया और अम्मी की लेग्स चोर दी और रुक गया अम्मी की जैसे सांसें थोड़ी संभली तो मैं तो वो किया जिस का अम्मी ने कभी खुवाब में बी सोचा न हो...अब ज़रा थोड़ा हेल्थ वाइज बताना ज़रूरी समझू गए क्यों क मौके की नज़ाकत है क मैं पहले हे बता चूका क भाई क तरफ देख क मुझे बी गयम लगाने का शोक है सुर ३ साल से गयम लगा रहा उस वजह से मैं स्मार्ट तो हूँ बूत वेल बिल्ट बी हूँ कोई ६५ क क़रीब लिफ्टिंग का ब्रा शोक में अक्सर वेइट्स बरी से बरी उठाने की तरय करता शार्ट स्मार्ट एंड टालल हूँ फ़ीट क क़रीब हाइट है...अम्मी क बारे में बी जानते है क वो एक भरी बदन की मालिक है अराउंड ५'७ क क़रीब होगी टालल हसि काफी बी मैं खुद मैसूर किया था ९३कग था...तो ये सब डिटेल बताने की वजह ये थी क जो अमल मैं अब किया वो अम्मी क वेहम ो गमन में बी नै था की मुश्किल को समझते होअय मैं उन् की लेग्स छोरी पर लूँ अभी बी फुद्दी क अंदर हे घुसा प्र था और अम्मी को सीधा किया थोड़ा और उन् को बाहों में लिया और उन्हें बोलै अम्मी मेरे गले में बाहें डालें उन्हें समझ नै आ रही थी मैं दोबारा बोलै तो उन्हों ने अपनी बाहें मेरे गले में दाल ली अम्मी क मोठे चुतरों को नीचे पकड़ा मज़बूती से और एक दम्म से उन्हें रैंक से थोड़ा ऊपर की और बाहों में झाकर कर ऊपर की तरफ उठाया अम्मी बोली ये क्या कर रहे हो पुत्र मेनू थल्ले ला दे बुआहट वज़नी हूँ हीर जाऊँगी और इसी हरबराहट में अम्मी ने अपनी लेग्स मेरी कमर क गिर्द लपेट ली और बाहें पहले से गले में थी अम्मी किसी बन्दर जैसे मेरे से चिपक गयी थी...मैं बी सीधा होआ और अपने दोनों हाथों से अम्मी क भरी और बाहिर को निकले छात्रों को पाकर और उन्हें सही से ऊपर को उठाया पोरे अमल क दौरान मजाल थी जो मेरा लूँ अम्मी की फुद्दी से बाहिर निकला हो तिघ्टलय अम्मी की फूडी में झाकरा होआ था अपने अंदर...अम्मी क नंगे दूध मेरी छाती साथ दबे होअय थे और अम्मी क चेहरा ठीक मेरे फेस क सामने था प्यार से बोलै क अम्मी घबराये न मैं आपको कभी गिरने नै दूंगा तो अम्मी थोड़ा रिलैक्स होइ हम दोनों की आँखें चार होइ तो अम्मी थोड़ा शर्मा सी गयी और मेरे राइट कंधे पे अपना से छुपा लिया की इस ऐडा से मेरे में जोश और बार गया और मैं अम्मॉ क भरी वजूद को उठे होअय अपने पाऊँ ज़मीन पे अछि तरह से ज़माने क बाद अम्मी क हिप्पस को हाथों में झाकराय थॉर ऊपर को उठाया लूँ जब सिरे तक बाहिर आया मैं एक डैम से नीचे से ऊपर को ढाका लगाया और साथ हे अम्मी क भरी जिस्म को नीचे को किया लूँ फिर से एक हे झटके में अम्मी की चिपचिपी और गर्म फुद्दी की गेहरिया नापने लग प्र न एक डैम से चिलायी और अपना फेस कंधे से उठा का मेरे फेस क बिलकुल सामने दोबारा ले आयी और मेरी आईज में देखने लैह पारी और मैं फिर स्व वक झटका लगाया और क़सम से उस ढके क साथ अम्मी क फेस क जो एक्सप्रेशंस थे उफ़ जान लेवा थे लगते हे अम्मी का मौन खोला और एक चीख बरामद होइ और साथ हे सिसकी और अम्मी ने अपनी आँखें क्लोज कर की एक पल क लिए और साथ हे निचला होता कटा होना थोड़ा तो पागल सा होगया फिर से और बिना रुके दे डीएनए दानं शुरू होगया अम्मी की फुद्दी को छोड़ने ढके साथ अम्मी क मोठे मम्मी मेरी छाती साथ रैगर कहते और अम्मी की हिप्पस का मेरी थिएस पे लगने की वजह से एक थप्प्प्प्प की आवाज़ आती जून ढके तेज़ होगये ठप्प की अयाज़ पोरे रूम में गूंजने लग पारी ान अम्मी क लिप्स को चूमने क साथ साथ अपनी वालिदा मजदा को अपनी बाहों में उठाये किचन क फर्श पे खरे होकर ज़ोर ज़ोर से अम्मी की फुद्दी को छोड़ बी रहा था...मंज़र इतना दिल नशीन था क कोई बूढ़ा बी देखत रो उस क मौन से बी रेल टपकती भरी वजूद की मालिक माँ अपने पतले से बेटे की बाँहों में किसी माँ की गुड़िया जैसे छुड़वा रही थी...मुझे बी यक़ीन नै आ रहा था क पहली हे बरी में मैं अम्मी क भरी जिस्म को बारे अचे तरीके से संभाल रहा था ५ मिनट्स हे होअय जोंगे मुझे यूँ बाहों में लिए अम्मी को छोड़ते क अम्मी मेरी आईज में देखती होइ अब चीला रही थी पुत्र होर ज़ोर नाल मेरा शेर पुत्र होरी तेज़ी नल ऐसे तरह हे...अम्मी बी अब मज़े से पूरा पागल होरही थी बार मेरा लूँ फुल रैगर खता होआ अम्मी की बचे दानी तक जा रहा था
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:43 PM



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