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अम्मी का प्यार .......
#3
सिर्फ कहाणिओ में सुना था आज पहली बरी एक माँ को अपने सेज बेटे से छुड़वाते देख रहा रहा था...कोई १० मं से ज़्यदा टाइम होचुका था मुझे उस नज़ारे को लाइव अपनी आँखों से देकते एक हाथ गैर िरड़ी तोर पे मेरे खरे लूंण पे था जो अम्मी क सेक्सी बदन को देख कर फुल जोश में आया होआ था और दूसरे हाथ में मेरा २५ मेगापिक्सेल वाला सेल फ़ोन का कैमरा जो क ों था और वीडियो रिकॉर्डिंग बरी क्लेअर्ल्य कर रहा था दोनों क चेहरे वैया नज़र आ रहे थे कुछ देर बाद अम्मी बोली अहमद मेरे घुटने थक रहे यूँ झुके झुके ने अम्मी क बाल चूरे जो वो हाथ में अकथाय किये पकड़े होआ अम्मी को छोड़ी जा रहे थे पाकर क २ ३ करारे ढके मरे और लूंण निकल लिया एक डैम से का लूंण आंकी क फुद्दी क पानी से फुल चमक रहा था और पोरे जोश में खरा था बी एक दम्म से सीढ़ी होइ और भाई क गले में बाहें डेल उन्हें चूमना शुरू होगयी और आईज में देख कर बोली कैसे कर लेता है इतना जादू तो मेरे लाडले माँ का दिल मोह सा लिया है तू ने और एक दम्म से नीचे होइ और मोठे लूँ को हाथों में लिया और एक नज़र बेटे की तरफ ऊपर देखा और मौन खोला एक सेक्सी अंदाज़ में बाल फेस से साइड की और लूंण मौन में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया तो जैसे एक दम्म से हवाओं में ूर्ण शुरू होगया और उस क मौन से इतना हे निकला हैएएइ अम्मी जान नज़ारे को इतने महीने से मिस कर रहा था अम्मी जान...किसी पोर्न फिल्म की तरह अम्मी पूरी महारत साथ लूंण मौन में लेती और निकलती मोटा लूंण लेने क लिउए उन्हें पूरा मौन खोलना परता पूरा हलक़ में नीचे तक्क लूंण लेती अम्मी ३ मं लूंण चूसने बाद अम्मी खुदी उठे और भाई को सेमि लेता कर सीधा उन् क ऊपर लेफ्ट राइट लेग्स कर बैठने लगी तो उफ़ उन् की बरी मोती गांड और फैल गयी और जूनही उन्हें ने खरे लूंण को अपनी फुद्दी की रह दिखाई और एक हे झटके में उस पे बैठी तो अम्मी क मौन से एक सिसकारी निकली और आईज मस्ती में क्लोज सी होगयी एक दम्म से जब आईज खोली तो भाई क फेस पास जा क किश किया होंटो पे और थोड़ा ऊपर नीचे होने लगी हे मस्ती में भाई को देखा और बोली तेरे इस प्यार खातिर तेरी अम्मी पिछले कई महीनो से प्यासी थी हे पता कैसे मैं ने अपने जिगर क टोकरे को अपने से दूर जाने दिया साथ हे उछल कूद शुरू हैवी जिस्म क बावजूद अम्मी बरी सकूं और महारत साथ उछल कूद कर रही थी और लूंण से फुद्दी छुड़वा रही थी पता नै भाईंको क्या सोझी वो सामने अम्मी क झूल रहे बारे बारे मम्मो से दूध पीने लग परे लग परे...ाममिबकी बाहें भाईबक गले में थी और भाई ने अम्मी को झफी दाल ली और अम्मी क भरी वजूद को उठा कर बिस्टेर से नीचे उत्तर क खरा होगया ने लेग्स भाईबकी कमर साथ लपेट ली और चिपक सी गयी भाई साथ इस पोरे अमल क दौरान भाई का लूंण अम्मी की फुद्दी क अंदर हे रहा भाई की आईज में आईज दाल मम्मी भाई की छाती में छूबए होंठ चूमि जा रही ठु और भाई क मौन में ज़ुबान डाले चुसवा रही थी...अब एक दिलकश मंज़र था रूम में इतने बारे और भारी वजूद की मालिक अम्मी को बाहों में उठे कमरे क बीच ो बीच खरे खरे छोड़ रहा था और अम्मी उछल उछल क छुड़वा रही थी मदहोशी में अम्मी क होंठ चोरता होआ अम्मी आज बी आपकी फुद्दी में कितनी तिघनेसस है सूछहि साल होने को है और आज बी ऐसे लगता जैसे किसी यंग लड़की की फूडी हो और अम्मी थोड़ा सा मुस्करायी और भाई क होंठ चूम लिए तो सुन क हैरान क ७ साल से भाई और अम्मी का रिलेशन चला आ रहा है...आखिर कोई ५ मं बाद हे भाई की हिम्मत ने जवाब दे दिया हैवी बदन वाली औरत को बाहों में उठा कर छोड़ने में ाचो ाचो का डैम निकल जाये भाई तो फिर तो फिर थोड़ी देर संभाल सके ने अम्मी को बीएड कमर क बल लिटाया और और आखरी धक्के अम्मी की फुद्दी में लगाए और फुद्दी क अंदर हे पानी चोर दिया सोचा अब वक़्त है यहाँ से निकल जाने का इस से पहले क कोई देख ले जल्दी से लूंण ट्रॉउज़र में डाला जो अब ढीला हो चूका क नाम का पानी विंडो की देवर पे हे चोर आया था जल्दी से उसी तरह दोसरा यूनिफार्म पहना साफ़ वाला और गेट फलांग क दोबारा बाहिर और कोई ५ मं बाद बेल्ल बजे बेसिन बेल्ल बजाने पे अम्मी आयी है खुद को कवर कर रही होंगी दूर खुला तो अम्मी ने दोपट्टा ओढ़ा होआ था पे परेशानी और थकावट क असरात और पहली बरी मैं अम्मी को बिना ब्रजेर क देख उफ़ उन् क मम्मी इतना बारे और निप्पल्स वैया थे ने मुझे उन्हें घोरते देखा तो एक दम्म से मुर क अंदर को चली गयी होअय उन् क हैवी चूतर की रैगर देख क लूंण एक बरी फिर खरा होगया में आया कैसे बी कर क अम्मी की फुद्दी मैं बी मारनी है और आज हे किसी न किसी तरह...अम्मी शावर लेना शुरू होगयी और मैं भाई से मिला वग़ैरा जल्दी बीत गया को ७ बजे क क़रीब खाना खाया हम तीनों ने नार्मल बेहवे कर रही थी बी अम्मी को देख देख मुस्करा रहे थे खाने क बर्तन उठाये किचन की और चली गयी और मैं हुए भाई हॉल में टीवी देखने लग परे मेरे ज़ेहन में एक प्लान बना आँखों सामने बार बार अम्मी का नंगा जिस्म घूम रहा था सेल निकला और भाई और मेरा एक फ्रेंड कॉमन था तो और क़रीब हे रहता था दूसरे मोहल्ले बताया क है आया होआ है उसे अपने घर बुला कॉल कर क ८ बज्र क क़रीब को कॉल आयी भाई को तब अम्मी किचन की सफाई कर रही थी और फिर हॉल में बने आत्ताच वाशरूम जाने लगी फ़ारिग़ होने शायद भाई बी जाने लगे और मुझे बोल क गए क अम्मी को बता देना और मैं ज़रा लेट होजाऊंगा गेट लॉक किया और अम्मी को वाशरूम गए कोई १० मं होअय होंगे क मैं मैं स्विच ऑफ कर दिया घर की लाइट ऑफ होगयी सीधा वाशरूम तरफ गया और बाहिर हे फुल नंगा होगया अंदर थी क फ्लश करने की आवाज़ आयी मुझे...अब ज़रा मैं अपने बारे में बता दूँ १७ साल का हूँ से छोटा जाने की वजह से बॉडी सही बिल्ड उप है ६ फ़ीट मेरा कुछ ग़ैर मामूली ब्रा है इतनी क अकेले हाथ में पोर नै आता और undefined क़रीब ९ से थोड़ी ज़्यादा है लेहाज़ से भाई क लूंण से मेरा लूंण ब्रा था...खैर मैं वाशरूम क बाहिर कपड़े उतरे रख दिया फुल था की लम्बी रात थी व८ कर रहा था क कब अम्मी वाशरूम का गेट खोले सेकण्ड्स बाद अम्मी ने दूर खोला और सब अंदर रहा तो मुझे देख नै पायी बस फील होआ क कोई है अम्मी दूर क्लोज कएने लगी मैं उन्हें हल्का सा धक्का दिया और वाशरूम दोबार घुसा लिया कुण्डी लगा दी अंदर से नै पता लग रहा था क क्या होरहा है एक दम्म से मुझे पीसी हटती बोली अहमद बाज़ आओ अली बाहिर है ये कोई वक़्त है इस काम का मुझे अहमद समझ रही थी बी मौके का फायदा उठाना लाज़मी समझा और अम्मी का मौन दूसरी और कर दिया कोड़े थिए और देवर थी अम्मी गिरते गिरते बची और कोड़े ऊपर ले हिस्से का सहारा ले लिया अम्मी खुद को चुरवा सी रही थी पर मैं नै छोरा अपनी पाकर से और जल्दी से अम्मी की शलवार एक हे झटके साथ उतर दी पंतय साथ हे तिलमलाई पर मैं मज़बूती से उन्हें झुकाये रखा कह रही थी क अहमद बाज़ आई कुछ तो शर्म के लो बेटे लूंण अम्मी क फूडी क ख्याल से हे जोश पकड़े होअय था मैं ने अँधेरे में हे ट्वेर चलने का इरादा कर लिया क मज़बूत और चूरे चूतरो को पहिला दिया और अपने लूंण को किसी त्र अँधेरे में अम्मी की फुद्दी पे होल पे रखा और आओ देखा न ताओ एक ज़ोरदार झटका दे मारा इतना शदीद था क लूंण पूरी गहरायी में एक हे झटके साथ अम्मी की बचदाणी को टच करने लग प्र जो चिलायी उफ्फ्फ अगर कोई घर पे होता तो पक्का सुन लेता की चीख पोरे घर में गूंजी की फुद्दी इतनी गर्म थी अंदर से तूबह मेरा लूंण ऐसे जैसे फीगल रहा हो अंदर और टाइट मेरी सोच से बी ज़्यादा थी उम्र में बी फुद्दी में इतनी तिघटनेस थी क छिलने की वजह से मैं बी पूरा लूंण डाले कुछ पालो क लिए रुक गया छीलते होअय बोली कूटे क बचे निकल दे लूंण मैं मर गयी एक हे झटके में पूरा दाल दिया ऊपर से आज तेरा लूंण पहले से मोटा और लम्बा बी फील होरहा रब्बा कद दे वे खासमा अपनी न मार सत्य तू बाहिर हे होगा कुछ तो शर्म कर ले भागी थोड़ी जा रही हूँ अम्मी की बातों का मज़ा लेते होअय आराम से लूंण आहिस्ता आहिस्ता बाहिर निकलने लगा को बी थोड़ी रहत मिली क शायद मान गया है जो निकलने लगा है लूंण कैप तक्क लूंण बाहिर निकला और फिर फुल ज़ोर से धक्का दे मारा अम्मी की फुद्दी में फिर से चिलए ज़ोर से मैं मर गयी रब्बा नै ांडा तो रेहम क तेरी माँ वां को बाज़ारू रंडी नै अम्मी की बातों और चीखु से और एक्ससिटेड होकर फुल स्पीड से लूँ इन आउट करने लग प्र बारी फुद्दी मर रहा था वो बी अपनी सगी अम्मी की तो मेरे तो जैसे मैं की मुराद पूरी होगयी हो में अँधेरे में अम्मी को कमोड पे झुकाये मैं फुल ज़ोरो से फुद्दी मरी जा रहा सिसकियाँ बरी जा रही थी और चिलयो जा रहा थी देर बाद उन्हें बी ाचा लगने लग प्र और उनकी सिसकियाँ मज़े में बदल गयी और वो अपने मोठे हिप्पस को हर ढके साथ पीछे को देखेलने लगी और साथ कहने बी लग पर क और ज़ोर नाल पुत्र है मर सूत अपनी माँ हूँ हाय और जोरर naal...
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:41 PM



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