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अम्मी का प्यार .......
#2
• मेरा नाम अली है से ३०कम क फैसले पे हमारा गाओं हैलमैन १२थ में पढ़ता हूँ ६ महीने पहले की है...मेरे अब्बू एक फौजी है जो साल में एक आध बार १५ दिन की चुटी पे आते है २ बरी बहनों की शादी होचुकी है और मेरा ब्रा भाई सऊदी में होता है ४ बहिन भाई है हौस्विफे है जिन का नाम नसरीन है एक घरेलु ५ मज़हबी खातून है की आगे ४७ साल है गाओं की औरतें जैसे गदराया होआ जिस्म है उन् की मासुरेमेन्ट्स कमल की है कोई यक़ीन नै कर सकता क इतनी बरी गांड की मालिक है लास्ट ईयर की बात है जब दिसंबर क महीना में बारे भाई सऊदी से वापिस आया की आगे २३ साल है ६ महीने की चुटी बाद आया था को ेओ घर पोहंचा क दिन तय और दंड बुहत पारी होइ थी सुबह बिना मिले हे कॉलेज क लिए चला गया बीच रस्ते में हे था क बाइक का टायर स्लिप होआ और मैं गिर गया चांस कोई चोट नै लगी बास बाइक को थोड़ी रगड़े लगी गंदे होगये थे तरह बाइक को मैकेनिक पास घसीट का लाया और थोड़ा चलने लायक ठीक कराया सब में कोई पोन ९ बज गए इस हुलिए में जा नै सकता था तो दोबारा घर लौट आया में नोर्मल्ली इस वक़्त अम्मी हे रहती थी अकेली काफी पारी होइ थी बी काफी थी जब गेट पे पोहंचा तो गेट बंद था लगा क नॉक करूँगा तो अम्मी दांते गई क कहाँ हीर आये हो उन्हें पहले हे मेरी बाइक चलना पस्न्द नै थी जो थी एक्सीडेंट्स वग़ैरा से बाइक साइड खरी की बाहिर हे और गेट आराम से फ्लैग लिया प्लान था क चुपके से अपने रूम में जाऊँगा चेंज कर लूंगा को पता बी नै चले गए क बारे में थोड़ा बता दूँ २ मंजली है ३ रूम्स है अम्मी कस और बाक़ी बंद हे रहते है बी ३ रूम्स है एक मेरा और एक भाई का एक को स्टोररूम बनाया होआ था वाला रूम रास्त को हे खुला था चुपके से अंदर आया वक़्त अम्मी नोर्मल्ली किचन में होती थी बर्तन वग़ैरा संभालती थी फ्लौर पे कोई नज़र नै आया सोचा अम्मी वाशरूम वग़ैरा होगी जल्दी से ऊपर अपने रूम की तरफ गया एंटर होआ चेंज किया और जूनही थोड़ा अपने अटैच्ड वाशरूम में मौन हाथ धोने गया यहाँ ये बताता चालू क मेरा और भाई का रूम एक साथ वाशरूम्स न दोनों रूम्स क अलग है पर बीच की देवर कॉमन है और ऊपर से थोड़ा गाओ रखा होआ है मीन्स देवर पूरी चाट तक्क नै खींची होइ जूनही मैं वाशरूम एंटर होआ मुझे अजीब से आवाज़े सुनाई दी अम्मी काढ़ा रही हो दर्द से कान खरे होगये अपने रूम से आराम से निकला और भाई क रूम पास गया तो दूर लॉक्ड था अंदर देखने की तरय की पर काम होगया मुझे भाई क रूम की विंडो जो बशी बालकनी में खुलती थी उस का ख्याल आया अपने रूम से अपनी बालकनी से भाई की बालकनी ोे आया बुहत ज़्यादा थी तो ठण्ड बी काफी लग रही थी चांस विंडो बंद थी पर लॉक नै थी अंदर से मैं थोड़ा विंडो को खोला और सामने वाले परदे को थोड़ा हटा का देखा तो जो नज़ारा मुझे दिखा एक पल क लिए तो मेरी आईज जैसे जैम से गयी हो उस नज़ारा पे कानो पे अम्मी ग की चीखें सुनाई दे रही थी किंग साइज्ड बीएड पे अम्मी जान फुल नंगी घुटने क बल घोरी बानी होइ थी और उन् का भरी जिस्म उफ़ मैं तो जैसे पागल हे होगया जिस एंगल से देख रहा था और थोड़ा तिरछा एंगल था मेरे सामने बीएड पे अम्मी फुल नंगी घोरी बानी होइ थी और उन् की ५० इनचेस की मोती गांड को बरी मुश्कलों से भाई थामे होअय हाथों में उन्हें पीछे से छोड़ रहे थे बी फुल नंगे तय ुर अम्मी क हिप्पस पाकर फुल तेज़ी से अम्मी की फुद्दी मरी जा रहे थे क बाल खुले होअय लहरा रहे थे और इतने मोठे मम्मी हर झटके साथ झूल रहे थे...ऐसा नज़ारा आज तक्क नै तदेखा था पहली बरी अम्मी क हुस्न पे फ़िदा सा होगया क मुझे तो पता बी नै था क मेरी अम्मी इतनी खूबसूरत है...अम्मी क बारे में बता दूँ शुरू से बरी सख्त मिज़ाज और परहेज़गार रही खातून थी इतनी हेअल्थी नै होआ करती थी मैं ८ में था तब से अम्मी में चंगेस आना शुरू होअय साल साल बाद आते और कभी कभी तो २ साल बाद छुट्टी मिलती उन्हें जब बी आते अम्मी बुहत खुश होआ करती २ हफ्ते अम्मी हर पाल अचे मूड में नज़र आती अब्बू क जाने बाद वही पुराणी रूटीन पे आजाती मुझे बी लगा क अम्मी अकेलापन फील करती है की शादी बाद तो और ज़्यादा पूरा दिन घर में अकेले रहना ब्रा मुश्किल समय काटा था अम्मी ने वाली खातून थी कभी बिना बुर्क़े क बाहिर नै निकलती इतना बाहिर जाती हे नै बी बुहत डरता था की हाइट ५'८ इनचेस थी कोई ९० कग क लगभग था रंग मोठे रसीले होंठ नक्स बी चाय थे कमर तक्क आते काळा बल में कोई एक आधा हे सफ़ेद बल होगा अम्मी का पे कोई जुड़ी नै बृहत्त बरी और हैवी थी पर उन् में आगे क लेहाज़ से इतना झुकाया नै आया था बी नार्मल था ज़्यदा निकला होआ बी नै था और न लटका होआ क नीचे बैक पे एक वैया चउरवे थी और उन् क चूतर ग़ैर मामूली अंदाज़ में बाहिर को निकले ठोकय थे मज़बूत राणे अम्मी का जिस्म पूरा गदराया होआ था शलवार कमीज हे पहनती है वक़्त उन् क चूतर पूरा एक दूसरे साथ रैगर कहते तय ुर सूची कोई बूढ़ा बी देखता तो उस पे बी एक पल क लिए केहर दाते थे बाहिर को बी निकले थे और अचे भले हैवी बी थे काफी खुले कपड़े पहनती थी उन क बारे मम्मी ब्रजेर में क़ैद रहते कभी गले से हटा होआ नै देखा अभी जो मेरी आँखों सामने नज़ारा था उसे देख कर तो जैसे मेरी दुनिआ हे चेंज होगयी की काली खुली होइ ज़ुल्फ़े लहरा रही थी ने बाल एक साइड किये होअय और मस्ती से आहें भर रही क माथे पे पसीने की बूंदे साफ़ रोमा थी जो इस बात की वैया दलील थी क भाई पूरी लगन क साथ अम्मी की फुद्दी मर रहे थे ढके क साथ आंकी काढ़ा उठी और आँखे मोड़ लेती और होंठ अपने कटती शार्ट अम्मी पूरा एन्जॉय कर रही थी लिए ये शॉकिंग बी था और अजीब बी पल क लिए बी ख्याल नै आया क हैट जाओं मैं अपनी सगी मान को नंगी देख रहा हूँ...थोड़ा भाई क बारे में बता दूँ ने मेट्रिक बाद स्टडी चोर दी गर्दी बुहत की वाले बी बुहत तंग थे जब बी आते मरते बी थे आखिर ६ साल आवारा गर्दी में ख़राब करने बाद आखिर भाई ६ महीने पहले सऊदी भेजा वर्क वीसा पे और काम सेटल बी होगया वहां एक शॉप इलेक्ट्रॉनिक्स की महीने बाद २ हफ़्तों की चुटी पे आया थे को बॉडी बिल्डिंग का शोक शुरू से था और मुझे बी ये शोक उन्ही से पारा की हाइट ५'११ इनचेस थी और वेल बिल्ट बी थे का लूंण जब अम्मी की फुद्दी से बाहिर निकलता तो उसे देख कर ये अंदाज़ा ज़रूर लगा लिया क ात लीस्ट भाई का लूँ ८ इनचेस से काम नैनहोगा और मोटा बी काफी था और बरी तेज़ी साथ अम्मी की फुद्दी में इन आउट होरहा था एक क़िस्म का अभी बी शॉक की हालत में था क मेरी आँखों सामने मेरी अपनी सगी माँ मेरे सेज बारे भाई यानि अपने हे सेज बेटे से छुड़वा रही थी...
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RE: अम्मी का प्यार ....... - by Boob420 - 27-02-2019, 06:36 PM



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