27-06-2020, 03:27 PM
कपूर साहब और सुमन अभी तक अंदर ही थे...गुप्ता समझ गया की ये इन सभी की चाल है...अपनी बिबियो से वो उनका शिकार कर रहे है...हो ना हो,अंदर कपूर के साथ भी शायद सुमन यही सब कर रही होगी..डिंपल ने अपना हाथ आगे करके गुप्ता जी के लंड को उपर से पकड़ लिया...उन्होने सबा की तरफ देखा और वो भी आगे होकर गुप्ता जी के होंठों पर टूट पड़ी..पहले डिंपल और अब उसके सपनो की रानी,सबसे जवान और सेक्सी,सबा उसे चूस रही थी...अब तो गुप्ता जी से सब्र नही हुआ और उन्होने अपने हाथ उपर करके सबा के मुम्मे पकड़ कर ज़ोर से दबा डाले...
सबा ने कराहते हुए अपने आप को उनके चुंगल से छुड़वाया और दूर हो गयी...गुप्ता जी डिंपल की तरफ पलटे तो वो भी वहां से उठकर अपने पति के पास जा चुकी थी..
उन्हे समझ नही आया की एकदम से इन दोनो को क्या हुआ, उसे अपने होंठों का रस चखा कर अब दूर क्यो हो रही है..
वो सोच ही रहा था की अंदर से कपूर साहब और सुमन बाहर निकल आए..
कपूर के लाल चेहरे और उसकी पेंट मे खड़े हुए लंड को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसके साथ भी वही हुआ है जो बाहर गुप्ता के साथ हो रहा था..
कपूर साहब बाहर आकर गुप्ता के पास बैठ गये...दोनो ने एक दूसरे को देखा...और फिर एकसाथ शशांक की तरफ.
शशांक किसी गैंग लीडर की तरह अपनी जगह से उठा और बीच में आकर खड़ा हो गया...और उसने वो सारी बाते उनके सामने कर दी जो कल से लेकर अब तक हुई थी...और ये भी बताया की वो और सुमन कब से इस बात के लिए ट्राइ कर रहे थे की उन्हे आपस में ऐसा स्वेपिंग क्लब बना लेना चाहिए जिसमे हर किसी को एक दूसरे की बीबी और पति के साथ मज़े लेने की आज़ादी हो...
राहुल और गुरपाल तो अपनी बिबियो के साथ इस ग्रूप का हिस्सा बन ही चुके थे.
सब बाते सुनने के बाद और इस खेल में मिलने वाले अनगिनत मजे में सोचकर , गुप्ता जी और कपूर साहब ने हाँ कर दी..
अब बस उनकी बिबियो की रज़ामंदी लेने की देर थी..
और वो ज़्यादा मुश्किल काम नही था..
शशांक ने सभी को समझा दिया की उसके लिए क्या करना है.
और तभी बाहर की बेल बज गयी..सुमन दरवाजा खोलने चल दी और सभी ने अपनी-2 पोज़िशन ले ली.
सुमन ने जब दरवाजा खोला तो उसे एक झटका सा लगा...जो अभी कुछ देर पहले तक भारतीय लिबास में लिपटकर बैठी थी वही अब भड़कीले कपड़े पहनकर बाजारू औरतों से कम नही लग रही थी...पर जो भी लग रही थी, कमाल की लग रही थी...और आज की रात के लिए तो ऐसे ही कपड़ो की ज़रूरत थी.
काजल ने बहुत ही खूबसूरत पार्टी स्टाइल ईव्निंग गाउन पहना हुआ था...जो फ्रंट से,टांगो वाले हिस्से से ओपन था...इसलिए उसकी मलाईदार टांगे सॉफ दिखाई दे रही थी...वो आकर कुर्सी पर बैठ गयी और उसने अपनी मोटी टांगे एक के उपर एक रख ली..सभी की नज़रें उसकी नंगी टाँगो पर थी..
और मिसेस कपूर यानी नीरू ने तो और भी ज़्यादा कयामत ढाई हुई थी..वो तो ऐसी छोटी सी फ्रॉक टाइप की ड्रेस पहन कर आई थी जैसे वो अभी भी कॉलेज मे जाने वाली बच्ची हो...कपूर साहब उसे देखकर खुद भी चोंक गये थे, क्योंकि ये उसकी नाइट ड्रेस थी जो वो अक्सर रात को ही पहना करती थी...जब उसका खुद का चुदने का मन करता था तब...क्योंकि वो अच्छी तरह से जानती थी की उस ड्रेस को देखकर कपूर साहब का लंड अपने आपे में नही रहता.जब उनका ऐसा हाल होता होगा तो सोचिए दूसरो का क्या होगा..
राहुल तो काजल को ऐसे घूर रहा था जैसे उसकी टाँगो पर लगा मक्खन चाट जाएगा...और शशांक और सरदारजी अपनी आँखो से नीरू को चोदने में लगे थे...अभी कुछ देर पहले तक जो कयामत डिंपल,सबा और सुमन बरपा रही थी वो अब नीरू और काजल बरपा रही थी..
सुमन ने उन्हे ड्रिंक्स दी...और इस बार वोड्का कुछ ज़्यादा ही डाल दिया सभी के ग्लासस में, क्योंकि वो चाहती थी की अब जो खेल शुरू हो,उसमे किसी को भी सोचने और समझने का मौका ना मिले.
सभी मर्दों ने भी अपनी ड्रिंक्स ले ली...और शशांक ने अपनी ताश की गड्डी निकाल ली.
सभी लेडीज़ अपने-2 हज़्बेंड्स के साथ आकर बैठ गयी...क्योंकि आज वो अलग बैठकर या खेलकर इस फाइनल खेल का मज़ा नही खोना चाहती थी.
सबा, डिंपल और सुमन के चेहरे पर तो रहस्यमयी मुस्कान थी, और नीरू व काजल के चेहरे पर थोड़ी गुरूर वाली स्माइल, क्योंकि वो दोनो जानती थी की इस वक़्त वो दोनो ज़्यादा सैक्सी लग रही है...इस बात से अंजान की दूसरे लोग किस बात की वजह से उनके जिस्मो को देख रहे है..
खेल शुरू हुआ..शशांक ने कहा की ये नॉर्मल गेम है..कोई वेरीएशन नही है...और गेम में चाल नही चली जाएगी, जो पत्ते मिलेंगे, उसी में फेसला कर दिया जाएगा..
काजल और नीरू के अलावा सबी जानते थे की इस खेल में क्या होने वाला है.
शशांक ने सभी को पत्ते बाँटे
सबसे पहले गुरपाल सिंह की बारी थी,इसलिए वो बोला : "मेरी तरफ से डिंपल के होंठों की 2 किस्स दाँव पर...''
उसके ये कहने की देर थी की काजल और नीरू अपनी जगह से लगभग ही उछल पड़ी...उन्हे विश्वास ही नही हुआ की सिंह साहब ने ऐसा कुछ कहा है..वो दोनो हैरानी से कभी सिंह साहब को और कभी अपने-2 पतियों को देखने लगी...जैसे पूछना चाहती हो की ये हो क्या रहा है.
तब तक राहुल का नंबर आ गया, उसने चाल चलते हुए कहा : "मेरी तरफ से भी सबा के होंठों की 2 किस्सेस दाँव पर...''
अब तो जैसे हद हो गयी....मिसेज़ कपूर यानी नीरू अपनी सीट से उठ खड़ी हुई और बोल पड़ी : "ये हो क्या रहा है...ये कैसा खेल है....अभी तक जिस तरह से खेल खेलते आए है, वैसे क्यों नहीं खेल रहे.....''
कपूर ने उसका हाथ पकड़ कर अपने पास बिठाया और धीरे से कहा : "डार्लिंग ,क्यों माहौल खराब कर रही हो...पहले देख तो लो की क्या होने वाला है...''
बेचारी अपने पति की बात सुनकर, कुन्मूनाती हुई सी, चुप होकर बैठ गयी..
दूसरी तरफ काजल के मन में गुदगुदी शुरू हो चुकी थी, शायद ये जानकार की ये कैसा खेल खेला जा रहा है...उसे अपने कॉलेज टाइम की बातें याद आ गयी...कॉलेज के दिनों में उसका एक बाय्फ्रेंड हुआ करता था, जिसके साथ उसके शारीरिक संबंध भी थे...दोनो लगभग रोज चुदाई किया करते थे...एक दिन उसके बाय्फ्रेंड ने उसे अपने रूम पर बुलाया,जहाँ पर उसका एक दोस्त भी अपनी जी एफ को लेकर आया हुआ था, तब दोनो ने इस तरह की ताश का खेल खेला था, जिसमें दोनो ने अपनी-2 जी एफ को दाँव पर लगाया था...और अंत में वो खेल एक ग्रूप सेक्स में बदल गया था...उसे अच्छी तरह से याद है की उस दिन उसके बाय्फ्रेंड और उसके दोस्त ने उसे और दूसरी लड़की को मिलकर बुरी तरहा से चोदा था...वो सीन याद करके एकदम से उसकी चूत गीली हो गयी...और रोमांच मे भरकर वो सोचने लगी की क्या आज भी कुछ ऐसा ही होने वाला है...
अगला नंबर उसके पति का ही था...गुप्ता जी ने काजल की तरफ देखा,वो मुस्कुरा दी,और ये देखकर उन्हे थोड़ी हिम्मत मिली, उन्होने कहा : "मेरी तरफ से भी 2 किस्सस दाँव पर....क...काजल की...''
गुरपाल मजाकिया लहजे में बोल पड़ा : "ओये पाजी, ये तो बता दो की कौनसे लिप्स की...उपर वाले या नीचे वाले ...हा हा हा...''
उसकी ये बात सुनकर काजल तो शर्म के मारे काँप सी गयी...नीरू का भी यही हाल था...पर दूसरे सभी लोग ठहाका लगा कर हंस रहे थे...
सुमन बोली : "गुरपाल जी, आपने भी तो नही बताया की कौनसे लिप्स की किस्स कारवाओगे आप डिंपल भाभी के...''
गुरपाल : "आए लो जी, जब बोल दिया है तो इसमें बताने वाली क्या बात है...जोनसे लिप्स पसंद हो, उनपर कर लेना...हा हा ..''
नीरू ने देखा की अपने पति की इस बात पर डिंपल भी सिर हिला कर अपनी सहमति जता रही है...और खुलकर हंस भी रही है...और उस हँसी में तो अब काजल भी शामिल हो चुकी थी...यानी उसके अलावा सभी इस खेल का हिस्सा बन चुके थे..वो बीच मे इस तरह का एतराज जताती हुई बुरी नही बनना चाहती थी, इसलिए वो भी अपने चेहरे पर थोड़ी सी स्माइल लाई और उस खेल में उन सभी का साथ देने लगी.
अगला नंबर उसके पति का ही था..
कपूर साहब ने होले से कहा : "जी...मेरी तरफ से भी 2 किस्सेस दाँव पर...नीरू के होंठों की...''
वो कुछ ना बोली, बस चुपचाप बैठी रही....ये देखकर कपूर भी खुश हो गया...
अब शशांक की बारी थी...उसने जो दाँव पर लगाया उसकी कल्पना शायद किसी ने नही की थी...
वो बोला : "मेरी तरफ से सुमन के बूब्स को चूसने का मौका दाँव पर...''
सबा ने कराहते हुए अपने आप को उनके चुंगल से छुड़वाया और दूर हो गयी...गुप्ता जी डिंपल की तरफ पलटे तो वो भी वहां से उठकर अपने पति के पास जा चुकी थी..
उन्हे समझ नही आया की एकदम से इन दोनो को क्या हुआ, उसे अपने होंठों का रस चखा कर अब दूर क्यो हो रही है..
वो सोच ही रहा था की अंदर से कपूर साहब और सुमन बाहर निकल आए..
कपूर के लाल चेहरे और उसकी पेंट मे खड़े हुए लंड को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसके साथ भी वही हुआ है जो बाहर गुप्ता के साथ हो रहा था..
कपूर साहब बाहर आकर गुप्ता के पास बैठ गये...दोनो ने एक दूसरे को देखा...और फिर एकसाथ शशांक की तरफ.
शशांक किसी गैंग लीडर की तरह अपनी जगह से उठा और बीच में आकर खड़ा हो गया...और उसने वो सारी बाते उनके सामने कर दी जो कल से लेकर अब तक हुई थी...और ये भी बताया की वो और सुमन कब से इस बात के लिए ट्राइ कर रहे थे की उन्हे आपस में ऐसा स्वेपिंग क्लब बना लेना चाहिए जिसमे हर किसी को एक दूसरे की बीबी और पति के साथ मज़े लेने की आज़ादी हो...
राहुल और गुरपाल तो अपनी बिबियो के साथ इस ग्रूप का हिस्सा बन ही चुके थे.
सब बाते सुनने के बाद और इस खेल में मिलने वाले अनगिनत मजे में सोचकर , गुप्ता जी और कपूर साहब ने हाँ कर दी..
अब बस उनकी बिबियो की रज़ामंदी लेने की देर थी..
और वो ज़्यादा मुश्किल काम नही था..
शशांक ने सभी को समझा दिया की उसके लिए क्या करना है.
और तभी बाहर की बेल बज गयी..सुमन दरवाजा खोलने चल दी और सभी ने अपनी-2 पोज़िशन ले ली.
सुमन ने जब दरवाजा खोला तो उसे एक झटका सा लगा...जो अभी कुछ देर पहले तक भारतीय लिबास में लिपटकर बैठी थी वही अब भड़कीले कपड़े पहनकर बाजारू औरतों से कम नही लग रही थी...पर जो भी लग रही थी, कमाल की लग रही थी...और आज की रात के लिए तो ऐसे ही कपड़ो की ज़रूरत थी.
काजल ने बहुत ही खूबसूरत पार्टी स्टाइल ईव्निंग गाउन पहना हुआ था...जो फ्रंट से,टांगो वाले हिस्से से ओपन था...इसलिए उसकी मलाईदार टांगे सॉफ दिखाई दे रही थी...वो आकर कुर्सी पर बैठ गयी और उसने अपनी मोटी टांगे एक के उपर एक रख ली..सभी की नज़रें उसकी नंगी टाँगो पर थी..
और मिसेस कपूर यानी नीरू ने तो और भी ज़्यादा कयामत ढाई हुई थी..वो तो ऐसी छोटी सी फ्रॉक टाइप की ड्रेस पहन कर आई थी जैसे वो अभी भी कॉलेज मे जाने वाली बच्ची हो...कपूर साहब उसे देखकर खुद भी चोंक गये थे, क्योंकि ये उसकी नाइट ड्रेस थी जो वो अक्सर रात को ही पहना करती थी...जब उसका खुद का चुदने का मन करता था तब...क्योंकि वो अच्छी तरह से जानती थी की उस ड्रेस को देखकर कपूर साहब का लंड अपने आपे में नही रहता.जब उनका ऐसा हाल होता होगा तो सोचिए दूसरो का क्या होगा..
राहुल तो काजल को ऐसे घूर रहा था जैसे उसकी टाँगो पर लगा मक्खन चाट जाएगा...और शशांक और सरदारजी अपनी आँखो से नीरू को चोदने में लगे थे...अभी कुछ देर पहले तक जो कयामत डिंपल,सबा और सुमन बरपा रही थी वो अब नीरू और काजल बरपा रही थी..
सुमन ने उन्हे ड्रिंक्स दी...और इस बार वोड्का कुछ ज़्यादा ही डाल दिया सभी के ग्लासस में, क्योंकि वो चाहती थी की अब जो खेल शुरू हो,उसमे किसी को भी सोचने और समझने का मौका ना मिले.
सभी मर्दों ने भी अपनी ड्रिंक्स ले ली...और शशांक ने अपनी ताश की गड्डी निकाल ली.
सभी लेडीज़ अपने-2 हज़्बेंड्स के साथ आकर बैठ गयी...क्योंकि आज वो अलग बैठकर या खेलकर इस फाइनल खेल का मज़ा नही खोना चाहती थी.
सबा, डिंपल और सुमन के चेहरे पर तो रहस्यमयी मुस्कान थी, और नीरू व काजल के चेहरे पर थोड़ी गुरूर वाली स्माइल, क्योंकि वो दोनो जानती थी की इस वक़्त वो दोनो ज़्यादा सैक्सी लग रही है...इस बात से अंजान की दूसरे लोग किस बात की वजह से उनके जिस्मो को देख रहे है..
खेल शुरू हुआ..शशांक ने कहा की ये नॉर्मल गेम है..कोई वेरीएशन नही है...और गेम में चाल नही चली जाएगी, जो पत्ते मिलेंगे, उसी में फेसला कर दिया जाएगा..
काजल और नीरू के अलावा सबी जानते थे की इस खेल में क्या होने वाला है.
शशांक ने सभी को पत्ते बाँटे
सबसे पहले गुरपाल सिंह की बारी थी,इसलिए वो बोला : "मेरी तरफ से डिंपल के होंठों की 2 किस्स दाँव पर...''
उसके ये कहने की देर थी की काजल और नीरू अपनी जगह से लगभग ही उछल पड़ी...उन्हे विश्वास ही नही हुआ की सिंह साहब ने ऐसा कुछ कहा है..वो दोनो हैरानी से कभी सिंह साहब को और कभी अपने-2 पतियों को देखने लगी...जैसे पूछना चाहती हो की ये हो क्या रहा है.
तब तक राहुल का नंबर आ गया, उसने चाल चलते हुए कहा : "मेरी तरफ से भी सबा के होंठों की 2 किस्सेस दाँव पर...''
अब तो जैसे हद हो गयी....मिसेज़ कपूर यानी नीरू अपनी सीट से उठ खड़ी हुई और बोल पड़ी : "ये हो क्या रहा है...ये कैसा खेल है....अभी तक जिस तरह से खेल खेलते आए है, वैसे क्यों नहीं खेल रहे.....''
कपूर ने उसका हाथ पकड़ कर अपने पास बिठाया और धीरे से कहा : "डार्लिंग ,क्यों माहौल खराब कर रही हो...पहले देख तो लो की क्या होने वाला है...''
बेचारी अपने पति की बात सुनकर, कुन्मूनाती हुई सी, चुप होकर बैठ गयी..
दूसरी तरफ काजल के मन में गुदगुदी शुरू हो चुकी थी, शायद ये जानकार की ये कैसा खेल खेला जा रहा है...उसे अपने कॉलेज टाइम की बातें याद आ गयी...कॉलेज के दिनों में उसका एक बाय्फ्रेंड हुआ करता था, जिसके साथ उसके शारीरिक संबंध भी थे...दोनो लगभग रोज चुदाई किया करते थे...एक दिन उसके बाय्फ्रेंड ने उसे अपने रूम पर बुलाया,जहाँ पर उसका एक दोस्त भी अपनी जी एफ को लेकर आया हुआ था, तब दोनो ने इस तरह की ताश का खेल खेला था, जिसमें दोनो ने अपनी-2 जी एफ को दाँव पर लगाया था...और अंत में वो खेल एक ग्रूप सेक्स में बदल गया था...उसे अच्छी तरह से याद है की उस दिन उसके बाय्फ्रेंड और उसके दोस्त ने उसे और दूसरी लड़की को मिलकर बुरी तरहा से चोदा था...वो सीन याद करके एकदम से उसकी चूत गीली हो गयी...और रोमांच मे भरकर वो सोचने लगी की क्या आज भी कुछ ऐसा ही होने वाला है...
अगला नंबर उसके पति का ही था...गुप्ता जी ने काजल की तरफ देखा,वो मुस्कुरा दी,और ये देखकर उन्हे थोड़ी हिम्मत मिली, उन्होने कहा : "मेरी तरफ से भी 2 किस्सस दाँव पर....क...काजल की...''
गुरपाल मजाकिया लहजे में बोल पड़ा : "ओये पाजी, ये तो बता दो की कौनसे लिप्स की...उपर वाले या नीचे वाले ...हा हा हा...''
उसकी ये बात सुनकर काजल तो शर्म के मारे काँप सी गयी...नीरू का भी यही हाल था...पर दूसरे सभी लोग ठहाका लगा कर हंस रहे थे...
सुमन बोली : "गुरपाल जी, आपने भी तो नही बताया की कौनसे लिप्स की किस्स कारवाओगे आप डिंपल भाभी के...''
गुरपाल : "आए लो जी, जब बोल दिया है तो इसमें बताने वाली क्या बात है...जोनसे लिप्स पसंद हो, उनपर कर लेना...हा हा ..''
नीरू ने देखा की अपने पति की इस बात पर डिंपल भी सिर हिला कर अपनी सहमति जता रही है...और खुलकर हंस भी रही है...और उस हँसी में तो अब काजल भी शामिल हो चुकी थी...यानी उसके अलावा सभी इस खेल का हिस्सा बन चुके थे..वो बीच मे इस तरह का एतराज जताती हुई बुरी नही बनना चाहती थी, इसलिए वो भी अपने चेहरे पर थोड़ी सी स्माइल लाई और उस खेल में उन सभी का साथ देने लगी.
अगला नंबर उसके पति का ही था..
कपूर साहब ने होले से कहा : "जी...मेरी तरफ से भी 2 किस्सेस दाँव पर...नीरू के होंठों की...''
वो कुछ ना बोली, बस चुपचाप बैठी रही....ये देखकर कपूर भी खुश हो गया...
अब शशांक की बारी थी...उसने जो दाँव पर लगाया उसकी कल्पना शायद किसी ने नही की थी...
वो बोला : "मेरी तरफ से सुमन के बूब्स को चूसने का मौका दाँव पर...''